गुरुवार, 4 फ़रवरी 2021

बोले भाजपा विधायक : राकेश टिकैत से बड़ा किसान हूं


नई दिल्ली। भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर का कहना है कि राकेश टिकैत उनसे बड़े किसान नहीं हैं और वे 2000 रुपये के लिए कहीं भी चले जाते हैं। बीजेपी नेता ने कहा, मैं खुद एक किसान हूं। राकेश टिकैत मुझसे बड़े किसान नहीं हैं। मेरे पास किसानी के लिए जितनी जमीन है, राकेश टिकैत के पास उसकी आधी जमीन भी नहीं होगी। राकेश टिकैत को माफी मांगनी चाहिए। आप देश में वो किसानों को नहीं बांट सकते। इतिहास उन्हें याद रखेगा। नंद किशोर गुर्जर कहा कि ये कोई किसान आंदोलन नहीं है यह एक राजनीतिक एजेंडा है।

नंद किशोर गुर्जर ने आगे कहा, मैं टिकैत के परिवार का सम्मान करता हूं, लेकिन लोग राकेश टिकैत के बारे में कहते थे कि वह 2,000 के लिए कहीं भी जाएगा। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उसे ऐसा नहीं करना चाहिए। आप आंदोलन कहां ले जा रहे हैं? कल आप कहेंगे कि आतंकवादी आपके पास आए हैं? उन्होंने कहा कि हिंसा को बढ़ावा देना अच्छी बात नहीं है। बीजेपी विधायक कहा, कौन कहता है कि यह किसानों का विरोध है। आप लोग वहां जाकर देखिए, एक राजनीतिक दल के चार लोग वहां बैठे हैं। क्या यह किसानों का विरोध है? आज, केवल राजनीतिक कार्यकर्ता वहां बैठे हैं। वे किसान हो सकते हैं, वे मजदूर हो सकते हैं।

होली चाइल्ड पब्लिक स्कूल में मना विश्व कैंसर दिवस





मुजफ्फरनगर । होली चाइल्ड पब्लिक इण्टर काॅलेज, जडौदा, मुजफ्फरनगर के सभागार में विश्व कैंसर दिवस के अवसर पर छात्र-छात्राओं व अध्यापकों के साथ जानलेवा बीमारी कैंसर के प्रति जागरूकता एवं उससे बचने के विषय पर कैंसर जागरूक कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें विडियों, समभाषण और पोस्टरों के माध्यम से छात्र व छात्राओं को कैंसर रूपी जानलेवा बीमारी के प्रति जागरूक किया गया। 

प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया ने बताया कि कोशिकाओं के असाधारण रूप से बढने के विकार को कैंसर कहा जाता है। डब्लू0एच0ओ0 के अनुसार कैंसर दुनियाभर में मृत्युदर का दूसरा सबसे बडा कारण है। अतः हमें कैंसर के प्रति जागरूक होना अतिआवश्यक है, हमें अपने खान-पान पर विशेष ध्यान रखना होगा तथा शरीर में होने वाले कुछ बदलाव जैसे- शरीर का वजन अचानक कम या ज्यादा होना, कमजोरी  महसूस होना, त्वचा के नीचे गांठ महसूस होना, लगातार खांसी या सांस लेने में कठिनाई होना, त्वचा में जल्दी निशान पड जाना, भूख कम लगना, बार-बार बुखार आना, मांसपेशियों व जोडों में दर्द रहना, बार-बार संक्रमण होना आदि होने पर डाॅक्टर से सलाह लेनी चाहिए। खेती में लगातार हो रहे अत्यधिक मात्रा में पेस्टी साइड भी कैंसर का बहुत बडा कारण है, अतः हमें जैविक खेती अपनाने पर जोर देना चाहिए। 

तम्बाकू तथा उससे बने उत्पाद, अल्कोहल, अस्वास्थ्य आहार, रिफाइंड खाद्य पदार्थ, भोजन को बार-बार गर्म करके खाना भी कैंसर का कारक बन सकते है, अतः हमें इनके सेवन से बचना चाहिए। तनाव भी कैंसर का एक मुख्य जोखिम कारक माना जाता है, अतः हमें तनावमुक्त एवं स्वस्थ जीवन शैली अपनानी चाहिए। कोर्डिनेटर आजाद सिंह ने बच्चों को कुछ सुझाव दिये जैसे- नियमित रूप से व्यायाम करें, शरीर का सामान्य वजन बनाये रखें, मैडिटेशन करें, खूलकूद में भाग लें, मस्तिष्क को शांत करने वाली गतिविधियां करें, अपने भोजन में फाइबरयुक्त सब्जियों का इस्तेमाल करें, बाहर तैयार किया या डब्बा बन्द खाना न खाये, वसायुक्त और रेड मीट भोजन से बचे तथा उन्होंने बच्चों को जागरूक करते हुए, ये सब जानकारी अपने सगे-सम्बन्धियों तथा मित्रों से साझा करने की भी सलाह दी। सभी अध्यापकों ने भी अपने-अपने विचार प्रस्तुत किये। धीरज बालियान ने बच्चों को बताया कि योग भगाये रोग का सख्ती से पालन करें अर्थात नियमित रूप से योग तथा प्राणायाम को अपनी जीवनशैली में अनिवार्य रूप से स्थान दें। दिव्या, देवांशी, तनु, खुशी, अनम, मानशी, हिमांशी, गुलिश्ता, वाणी, सोनू, सिमरन, आरती, मुस्कान, आयशा, विशाखा, सानिया, वर्तिका और साजिया ने कैंसर जागरूकता पोस्टर बनायें।   

छात्रा रूकसार ने कविता के माध्यम से बच्चों को कैंसर के प्रति जागरूक किया तथा खुशनिगा ने अपने विचार रखते हुए बताया कि जो-जो भी जानकारी हमें हर बार दी जाती है हम उसका अनुसरण नहीं करते यही हमारी बीमारियों का कारण भी बनता है।

 नितिन बालियान, जितेन्द्र कुमार, अमित धीमान, विरेन्द्र राजवंशी, मनोज कुमार तथा मंजूला ने भी संक्षिप्त रूप में कैंसर पर अपने विचार प्रस्तुत किये। विचारगोष्ठी के समापन पर प्रधानाचार्य प्रवेन्द्र दहिया ने सभी छात्रों के उज्जवल स्वास्थ्य की कामना की तथा बच्चों ने कैंसर प्रतीक चिह्न बनाकर समाज को कैंसर के प्रति जागरूक किया। 

चीनी मिलों ने किया 82 करोड़ का भुगतान


मुजफ्फरनगर। जिले की पांच चीनी मिलों ने एक दिन में 81 करोड़ 85 लाख 84 हजार का भुगतान किया है। भैंसाना को छोड़ सभी चीनी मिलों ने भुगतान में तेजी लाई है। जनपद की चीनी मिल इस सत्र का अब तक 55 प्रतिशत भुगतान कर चुकी हैं।

जनपद की पांच चीनी मिलों ने एक ही दिन में 81 करोड़ 85 लाख 84 हजार का भुगतान किया है। इनमें चीनी मिल खतौली ने 27 करोड़ 79 लाख का, तितावी ने 12 करोड़ एक लाख का, मंसूरपुर ने 19 करोड़ 13 लाख का, टिकौला ने 18 करोड़ 41 लाख का और रोहाना ने चार करोड़ 50 लाख का भुगतान किया है। जिले की चीनी मिलों में किसानों ने 14 दिन पहले तक 13 अरब 64 करोड़ 11 लाख 83 हजार का गन्ना डाला है।ये चीनी मिलें अब तक 756 करोड़ 67 लाख 30 हजार का भुगतान कर चुकी हैं। चीनी मिलों पर किसानों का 607 करोड़ 44 लाख बकाया है। चीनी मिलों ने इस सत्र का 55.47 प्रतिशत भुगतान कर दिया है। भैसाना चीनी मिल को छोड़ बाकी मिले तेजी से भुगतान कर रही है। टिकौला चीनी मिल इस सत्र का 86 प्रतिशत भुगतान कर चुकी है।

चीनी मिल भुगतान बकाया

खतौली 249.04 करोड़ 67.46 करोड़

तितावी 69.10 करोड़ 147.31 करोड़

भैसाना 5.92 करोड़ 202.23 करोड़

मंसूरपुर 134.07 करोड़ 56.92 करोड़

टिकौला 208.32 करोड़ 33.45 करोड़

खाईखेडी 54.81 करोड़ 31.59 करोड़

रोहाना 20.79 करोड़ 20.83 करोड़

मोरना 20.45 करोड़ 47.52 करोड़

चीनी मिलों पर भुगतान का दबाव

मुजफ्फरनगर। जिला गन्ना अधिकारी आरडी द्विवेदी ने बताया कि चीनी मिलों पर गन्ना भुगतान को लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा है। इसी का परिणाम है कि एक ही दिन में 81 करोड़ 85 लाख का भुगतान हुआ है। चीनी मिलों के भुगतान की गति को बढ़ाने के लिए मिल प्रबंधन से लगातार बात की जा रही है।

जिले में आज मिले छह पॉजिटिव मामले

 मुजफ्फरनगर। जिले में आज 6 पॉजिटिव केस पाए गए हैं और 13 ठीक होकर डिस्चार्ज किए गए हैं, अब जनपद में कुल 80 एक्टिव पॉजिटिव केस हैं। 


राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने शहीदों को दी दीपांजलि

 मुजफ्फरनगर । चौरी चौरा शताब्दी महोत्सव में शहीदों को दीपांजलि हेतु  नुमाइश मैदान में राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल जिला अध्यक्ष विजय शुक्ला, जिलाधिकारी , भीमसेन कंसल व अचिंतमित्तल आदि मौजूद रहे।जनप्रतिनिधियों द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित स्वतंत्रता संग्राम सेनानियो के परिजनो श्रीमती धन्नो पत्नी स्व0 श्री बारू, ग्राम बिटावदा, श्रीमती हुकमोवती पत्नी स्व0 श्री श्रद्वानन्द, ग्राम छपार, श्रीमती धर्मकौर पत्नी स्व0 श्री अभय राम, ग्राम पट्टी चैधरान सिसौली, श्रीमती कमला पत्नी स्व0 श्री विष्णुदत्त, साकेत, श्रीमती शीला पत्नी स्व0 श्री दिलेराम, ग्राम सिकन्दरपुर को शाॅल उढाकर व मिष्ठान देकर सम्मानित किया गया। इसी प्रकार आपरेशन विजय कारगिल युद्ध-1999 के शहीदो जिनमें शहीद अमरेश पाल, ग्राम बेलडा, शहीद रिजवान, ग्राम विज्ञाना, शहीद सतीश कुमार ग्राम फुलत, शहीद सुभाष चन्द्र ग्राम तुलसीपुर, शहीद सुरेन्द्र पाल ग्राम सोरम, शहीद राजीव कुमार ग्राम बामनहेडी, शहीद मनोज कुमार ग्राम कुटबी, शहीद वरूण सिंह ग्राम बुढीना कलां, शहीद नसीम अली ग्राम कल्याणपुर, शहीद प्रशान्त शर्मा ग्राम खान्जापुर, भारत-पाक युद्ध-1971 में शहीद हुए धर्मपाल सिंह ग्राम कूकडा, शहीद राधेश्याम ग्राम बरला, शहीद खचेडू सिंह ग्राम बामनहेडी, भारत चीन युद्ध के शहीद रामदास सिंह ग्राम दुधाहेडी के परिवारजनो को शाॅल उढाकर व मिष्ठान देकर सम्मानित किया गया।

उसके पश्चात सभा स्थल पर सूचना विभाग की एलईडी वैन के माध्यम से प्रधानमंत्री जी द्वारा चौरी चौरा शताब्दी समारोह का आॅनलाइन शुभारम्भ/उद्वबोधन का सजीव प्रसारण किया गया। इस अवसर पर शहीदो की याद में प्रधानमंत्री जी द्वारा डाक टिकट भी जारी किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित जनप्रतिनिधियो, अधिकारियों, जनपदवासियों, शहीदो के परिवारजनो एवं बच्चों द्वारा सजीव प्रसारण को देखा गया।

इस अवसर पर विधायक खतौली विक्रम सैनी, अध्यक्ष नगर पालिका मुज़फ्फरनगर श्रीमती अंजु अग्रवाल, जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे, एसएसपी अभिषेक यादव, जिलाध्यक्ष भाजपा विजय शुक्ला, मुख्य विकास अधिकारी आलोक यादव, अपर जिलाधिकारी प्रशासन व वित्त सहित सभी जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।




17 साल की लड़की ने खोली भारत को बदनाम करने की अंतर्राष्ट्रीय साजिश


 नई दिल्ली। भारत को बदनाम करने की साजिश को लेकर ग्रेटा थनबर्ग लगातार ट्रोल हो रही हैं. भारत को बदनाम करने के लिए चलाए गए अंतरराष्ट्रीय अभियान की पोल खुलने के बाद इन लोगों की काफी आलोचना की जा रही है। 

यूरोपीय देश स्वीडन की रहने वाली पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. ग्रेटा ने हाल ही में ट्वीट कर भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर काफी आलोचना की थी. अब खबर है कि उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक सीक्रेट डॉक्यूमेंट शेयर किया था. जिसे बाद में डिलीट भी कर दिया.

इस डॉक्यूमेंट में बताया गया था कि कैसे किसान आंदोलन के समर्थन में सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाना है. ग्रेटा ने डॉक्यूमेंट को शेयर करते हुए इसे टूलकिट बताया. उन्होंने लिखा, ‘अगर आपको मदद चाहिए, तो ये रही टूलकिट.’ तीन फरवरी को ये ट्वीट किया गया था, जिसका स्क्रीनशॉट काफी वायरल हो रहा है. ट्वीट के स्क्रीनशॉट के साथ ही इसमें अटैच डॉक्यूमेंट के स्क्रीनशॉट भी सोशल मीडिया पर काफी शेयर किए जा रहे हैं. ग्रेटा भी जमकर ट्रोल हो रही हैं.

ग्रेटा थनबर्ग ने भारत की सत्ताधारी पार्टी भाजपा को फासीवादी पार्टी तक कहा था. जिसके बाद से इस बात के कयास लगाए जाने लगे कि कहीं ये भी तो किसी तरह के प्रोपेगेंडा का हिस्सा नहीं है. ‘सीक्रेट डॉक्यूमेंट’ में पांच बातें लिखी गईं हैं. जिनमें कहा गया है कि ऑन ग्राउंड प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंचें. किसानों के विरोध प्रदर्शन के साथ एकजुटता दिखाने वाली तस्वीरों को ईमेल करें और इन्हें 25 जनवरी तक भेजें. 

भारत के लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए इस कैंपेन में केवल इतना ही नहीं लिखा. बल्कि इसमें आगे लिखा है कि किसान आंदोलन को लेकर डिजिटल स्ट्राइक करनी है. इसके लिए #AskIndiaWhy के साथ तस्वीर और वीडियो 26 जनवरी या फिर इससे पहले ट्विटर पर पोस्ट करनी होंगी. 4 से 5 फरवरी को ट्विटर पर तूफान लेकर लाना है, यानी किसान आंदोलन से जुड़ी सभी चीजों को ट्रेंड करवाना है. 6 फरवरी को कैंपेन का आखिरी दिन बताया गया है. इसमें भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने के तरीके भी बताए गए हैं.

भारतीय उद्योगपतियों के खिलाफ बोलने और ऑनलाइन पिटिशन साइन कराने की बात भी इसमें कही गई है. इस फाइल की भाषा को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं और हर कोई इसे भारत के खिलाफ चले अंतरराष्ट्रीय कैंपेन का एक्सपोज होना बता रहा है. इससे पहले विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान जारी कर कहा था कि विदेशी हस्तियों को इस तरह के कैंपेन का हिस्सा नहीं बनना चाहिए. ग्रेटा थनबर्ग के अलावा रिहाना और मिया खलीफा जैसे विदेशी सेलिब्रिटीज ने किसान आंदोलन पर ट्वीट किए थे. 

भारत को बदनाम करने के लिए चलाए गए अंतरराष्ट्रीय अभियान की पोल खुलने के बाद इन लोगों की भी काफी आलोचना की जा रही है. हैरानी इस बात की है कि इससे भारत में दंगे जैसी स्थिति लाने की कोशिश की गई. सीक्रेट डॉक्यूमेंट में ये तक लिखा है कि विदेशों में भारतीय दूतावासों के पास कब और कहां प्रदर्शन करना है. मीडिया हाउसिस, सरकारी इमारतों और अडानी-अंबानी के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने की बात भी इसमें कही गई है.

लाल किले के आरोपी गिरफ्तार हों: राकेश टिकैत


नई दिल्ली। 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड़ में जो हिंसा हुयी वह निंदनीय है हालंकि इस हिंसा को लेकर किसान संगठनो भी निंदा किया है और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात में निंदा की है। वहीं किसान आंदोलन से राकेश टिकैत ने भी कहा कि ऐसे अपराधियों को पकड़ा जाए जिन्होंने लाल किले पर झंडा फहरया है।

गौरतब है इस हिंसा के बाद दीप सिद्धू का नाम सामने आया है जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर आ रहे है लेकिन पुलिस डीप सिद्धू तक नहीं पहुंच पा रही है। हालाँकि दीप सिद्धू की जानकारी करने वाले को सरकार 1 लाख का इनाम देने की घोषणा किया है।

इन सब घटना के बाद एक अब एक नया मोड़ सामने है जहाँ कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर हिंसा के वायरल हो रहे है वंही कुछ वीडियो ऐसे भी वायरल हो रहे है जिसमे दिल्ली पुलिस कर पैरामेलिटरी खड़ी नजर आ रही है जबकि किसानों पर कुछ लोग पत्थरबाजी कर रहे है। जिसके बाद दिल्ली पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे है कि हिंसा का बदला लेने के लिए किराये के गुंडों से किसान को कथित रूप से पिटवाना था।

राकेश टिकैत ने यह बात एक टीवी चैनल पर डिबेटके दौरान कही। उनसे सवाल किया गया था कि जब 26 जनवरी की हिंसा के बाद वह आंदोलन खत्म करने पर सहमत हो गए थे तो फिर वापस क्यों आ गए। एंकर का कहना था कि उनके एक पत्रकार मित्र ने संसद भवन में बताया कि राकेश टिकैत की सरकार से आंदोलन खत्म करने को लेकर डील हो गई थी। वह सहमत थे कि दिल्ली हिंसा के बाद आंदोलन को समाप्त कर दिया जाएगा। लेकिन जब पुलिस प्रशासन के लोग गाजीपुर में आंदोलन खत्म कराने आए तो हमने केवल इतना कहा कि खाली करवाना है तो कागज दिखाओ। हम खाली नहीं करेंगे, आप गिरफ्तार करो। अगर आप चाहते हो तो लाठी चला के किसानों को गिराओ तो किसान को यह मंजूर नहीं है।

किसानों का कहना है तब प्रशासन किसान पर लाठी नहीं चला रहा था। वहां किराए के गुंडे थे। वो किसानों को गुंडों से पिटवाना चाहते थे, लेकिन इसे किसान बर्दश्त नहीं करेगा। जो किसानो को धमकी दे रहे थे और गलियां दिया।

टिकैत ने कहा कि हम प्रदर्शन करने किसी के घर पर नहीं जा रहे हैं। उनकी हिम्मत कैसे हो गई कि वो किसानों पर गुंडों से हमला कराएंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि लाल किले पर जो हुआ, वह गलत था, लेकिन ऐसा होने किसने दिया। लाल किले तक किसानों को जाने किसने दिया।

वह 35 साल से आंदोलन कर रहे हैं। जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने वाला हर आंदोलनकारी कहता है कि वो संसद का घेराव करेगा पर वहां तक कोई नहीं जा पाता। क्या सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर हो गई है कि कोई संसद तक पहुंच जाए।

जो लाल किले पर पहुंचे है उनकी फोटो किसके साथ है सब जानते है !

आगे उन्होंने कहा जो लाल किले तक पहुंचे है उनको अब तक क्यों नहीं पकड़ा गया एक व्यक्ति सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ ट्वीट करता है तो पुलिस उसे उठा लाती है जबकि जिनपर इनाम है वो सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करके अपने बयान जारी कर रहा है अब तक पुलिस उस तक क्यों नहीं पहुंच रही है।

राकेश टिकैत ने कहा किसान आंदोलन करता है तो पुलिस की लाठियां खाता है तो मंज़ूर है लेकिन पुलिस के साथ अब किराए गुंडे पीटे किसानो को यह मंज़ूर नहीं है। यह तो पुलिस की साजिश है या फिर पुलिस को सरकार मज़बूर कर रही है ऐसा करने पर। क्यूंकि इतनी सुरक्षा के बाद आंदोलन तक शरारततत्व कैसे पहुंचे जो पत्थर बाजी किया ?

ऐसे होगा पंचायत चुनाव में आरक्षण

 लखनऊ। इस बार पंचायत चुनाव लड़ने के इच्छुक लोग, उनके समर्थक-कार्यकर्ता व राजनीतिक दल सभी प्रदेश सरकार द्वारा आरक्षण के संबंध में जारी होने वाले शासनादेश का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार शासनादेश के जारी होने के बाद पंचायतीराज निदेशालय सभी जिलों को विकास खण्डवार प्रधानों के आरक्षण का चार्ट तैयार कर उपलब्ध करवाएगा। उसके बाद जिला पंचायत राज अधिकारियों और अपर मुख्य अधिकारियों का निदेशालय स्तर पर प्रशिक्षण होगा। जिला स्तर पर विकास खण्ड स्तर के अधिकारियों का प्रशिक्षण होगा। जिला स्तर पर ग्राम पंचायत सदस्यों व ग्राम प्रधानों के आरक्षण का प्रस्ताव डीएम तैयार करवाएंगे। क्षेत्र व जिला पंचायत सदस्यों व ब्लाक प्रमुख व जिला पंचायत अध्यक्ष के आरक्षण का प्रस्ताव शासन स्तर पर तैयार किया जाएगा। इसके बाद इसे प्रकाशित किया जाएगा फिर उस पर दावे और आपत्तियां ली जाएंगी, उनका निस्तारण करके ही आरक्षण की व्यवस्था को अंतिम रूप से लागू किया जाएगा।


त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों पर हाईकोर्ट ने दिया सरकार को बड़ा आदेश

 प्रयागराज। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनावों को लेकर बडी खबर आई है। लम्बे समय से चुनावों का इंतजार कर रहे प्रधान पद के प्रत्याशियों के इंतजार की घडियां अब समाप्त होने वाली हैं। आज इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी में पंचायत चुनाव कराए जाने को लेकर बड़ा फैसला दिया है। हाईकोर्ट ने 17 मार्च तक पंचायत चुनाव में आरक्षित सीटों का निर्धारण करने का आदेश देने के साथ ही पंचायत चुनाव सम्पन्न कराने की आखिरी तारीख भी तय कर दी है। हाईकोर्ट ने विनोद उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया।हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि उत्तर प्रदेश में पंचायतों की आरक्षण प्रक्रिया 17 मार्च तक हो जानी चाहिए. इसके अलावा पंचायत चुनाव 30 अप्रैल तक सम्पन्न हो जाने चाहिए। 15 मई तक सभी पंचायतों के गठन का आदेश दिया है. दरअसल, याची विनोद उपाध्याय ने 13 जनवरी तक पंचायत चुनाव न होने को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. याचिका में पांच साल के अंदर पंचायत चुनाव न कराए जाने को आर्टिकल 243(ई) का उल्लंघन माना था.जबकि उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड के चलते पंचायत चुनाव समय से पूरा नहीं करा पाने को वजह बताया था।

एडवोकेट जनरल राघवेंद्र सिंह और एडिशनल एडवोकेट जनरल मनीष गोयल ने सरकार का पक्ष रखा. वहीं, याची की तरफ से अधिवक्ता पंकज कुमार शुक्ला ने पक्ष रखा. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद जस्टिस एम एन भंडारी और जस्टिस आर.आर आग्रवाल की डिवीजन बेंच ने यह आदेश दिया है। इससे पहले चुनाव आयोग ने कोविड के चलते परिसीमन में हुई देरी का हवाला देते हुए बताया कि 22 जनवरी को वोटर लिस्ट तैयार हो गई थी. इसके बाद 28 जनवरी तक परिसीमन भी कर लिया गया था. सीटों का आरक्षण स्टेट गवर्नमेंट को करना है, इसलिए चुनाव निर्धारित समय के अनुसार नहीं हो सके. बताया जा रहा है कि सीटों का रिजर्वेशन पूरा होने के बाद अभी 45 दिन का समय और लगेगा. इसलिए राज्य सरकार की ओर से हाईकोर्ट से समय मांगा गया है। उत्तर प्रदेश पंचायत चुनाव को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मई में पंचायत चुनाव कराने के प्रथम प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि नियमों के अनुसार ये चुनाव 13 जनवरी 2021 तक हो जाने चाहिए थे



शामली में रालोद की महापंचायत की इजाजत रद्द, टकराव के हालात

 शामली l रालोद की महापंचायत की इजाजत के रद्द होने के बाद जिले में लगातार टकराव के हालात बने हुए हैं l

रालोद द्वारा आयोजित शामली जिले के भैंसवाल गांव में होने वाली रालोद की महापंचायत की इजाजत को जिला अधिकारी जसजीत कौर ने रद्द कर दिया है l इसके साथ जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है बताया जा रहा है कि रालोद कार्यकर्ता कल की महापंचायत को सफल बनाने के लिए कार्य कर रहे हैंl साथ ही इस रैली को आयोजित करने की जिद पर अड़े हुए हैं l जिस कारण शामली जिले में टकराव के हालात बनते दिखाई दे रहे हैं l


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