गुरुवार, 4 फ़रवरी 2021

17 साल की लड़की ने खोली भारत को बदनाम करने की अंतर्राष्ट्रीय साजिश


 नई दिल्ली। भारत को बदनाम करने की साजिश को लेकर ग्रेटा थनबर्ग लगातार ट्रोल हो रही हैं. भारत को बदनाम करने के लिए चलाए गए अंतरराष्ट्रीय अभियान की पोल खुलने के बाद इन लोगों की काफी आलोचना की जा रही है। 

यूरोपीय देश स्वीडन की रहने वाली पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. ग्रेटा ने हाल ही में ट्वीट कर भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर काफी आलोचना की थी. अब खबर है कि उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक सीक्रेट डॉक्यूमेंट शेयर किया था. जिसे बाद में डिलीट भी कर दिया.

इस डॉक्यूमेंट में बताया गया था कि कैसे किसान आंदोलन के समर्थन में सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाना है. ग्रेटा ने डॉक्यूमेंट को शेयर करते हुए इसे टूलकिट बताया. उन्होंने लिखा, ‘अगर आपको मदद चाहिए, तो ये रही टूलकिट.’ तीन फरवरी को ये ट्वीट किया गया था, जिसका स्क्रीनशॉट काफी वायरल हो रहा है. ट्वीट के स्क्रीनशॉट के साथ ही इसमें अटैच डॉक्यूमेंट के स्क्रीनशॉट भी सोशल मीडिया पर काफी शेयर किए जा रहे हैं. ग्रेटा भी जमकर ट्रोल हो रही हैं.

ग्रेटा थनबर्ग ने भारत की सत्ताधारी पार्टी भाजपा को फासीवादी पार्टी तक कहा था. जिसके बाद से इस बात के कयास लगाए जाने लगे कि कहीं ये भी तो किसी तरह के प्रोपेगेंडा का हिस्सा नहीं है. ‘सीक्रेट डॉक्यूमेंट’ में पांच बातें लिखी गईं हैं. जिनमें कहा गया है कि ऑन ग्राउंड प्रदर्शन में हिस्सा लेने पहुंचें. किसानों के विरोध प्रदर्शन के साथ एकजुटता दिखाने वाली तस्वीरों को ईमेल करें और इन्हें 25 जनवरी तक भेजें. 

भारत के लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए इस कैंपेन में केवल इतना ही नहीं लिखा. बल्कि इसमें आगे लिखा है कि किसान आंदोलन को लेकर डिजिटल स्ट्राइक करनी है. इसके लिए #AskIndiaWhy के साथ तस्वीर और वीडियो 26 जनवरी या फिर इससे पहले ट्विटर पर पोस्ट करनी होंगी. 4 से 5 फरवरी को ट्विटर पर तूफान लेकर लाना है, यानी किसान आंदोलन से जुड़ी सभी चीजों को ट्रेंड करवाना है. 6 फरवरी को कैंपेन का आखिरी दिन बताया गया है. इसमें भारत सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ाने के तरीके भी बताए गए हैं.

भारतीय उद्योगपतियों के खिलाफ बोलने और ऑनलाइन पिटिशन साइन कराने की बात भी इसमें कही गई है. इस फाइल की भाषा को लेकर कई सवाल उठाए जा रहे हैं और हर कोई इसे भारत के खिलाफ चले अंतरराष्ट्रीय कैंपेन का एक्सपोज होना बता रहा है. इससे पहले विदेश मंत्रालय ने भी एक बयान जारी कर कहा था कि विदेशी हस्तियों को इस तरह के कैंपेन का हिस्सा नहीं बनना चाहिए. ग्रेटा थनबर्ग के अलावा रिहाना और मिया खलीफा जैसे विदेशी सेलिब्रिटीज ने किसान आंदोलन पर ट्वीट किए थे. 

भारत को बदनाम करने के लिए चलाए गए अंतरराष्ट्रीय अभियान की पोल खुलने के बाद इन लोगों की भी काफी आलोचना की जा रही है. हैरानी इस बात की है कि इससे भारत में दंगे जैसी स्थिति लाने की कोशिश की गई. सीक्रेट डॉक्यूमेंट में ये तक लिखा है कि विदेशों में भारतीय दूतावासों के पास कब और कहां प्रदर्शन करना है. मीडिया हाउसिस, सरकारी इमारतों और अडानी-अंबानी के दफ्तर के बाहर प्रदर्शन करने की बात भी इसमें कही गई है.

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

बीए की छात्रा से ट्यूबवेल पर गैंगरेप

मुजफ्फरनगर। तमंचे की नोक पर बीए की छात्रा से गैंगरेप के मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई है।  बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में कॉफी पिलाने ...