गुरुवार, 4 फ़रवरी 2021

लाल किले के आरोपी गिरफ्तार हों: राकेश टिकैत


नई दिल्ली। 26 जनवरी को किसान ट्रैक्टर परेड़ में जो हिंसा हुयी वह निंदनीय है हालंकि इस हिंसा को लेकर किसान संगठनो भी निंदा किया है और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भी मन की बात में निंदा की है। वहीं किसान आंदोलन से राकेश टिकैत ने भी कहा कि ऐसे अपराधियों को पकड़ा जाए जिन्होंने लाल किले पर झंडा फहरया है।

गौरतब है इस हिंसा के बाद दीप सिद्धू का नाम सामने आया है जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर आ रहे है लेकिन पुलिस डीप सिद्धू तक नहीं पहुंच पा रही है। हालाँकि दीप सिद्धू की जानकारी करने वाले को सरकार 1 लाख का इनाम देने की घोषणा किया है।

इन सब घटना के बाद एक अब एक नया मोड़ सामने है जहाँ कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर हिंसा के वायरल हो रहे है वंही कुछ वीडियो ऐसे भी वायरल हो रहे है जिसमे दिल्ली पुलिस कर पैरामेलिटरी खड़ी नजर आ रही है जबकि किसानों पर कुछ लोग पत्थरबाजी कर रहे है। जिसके बाद दिल्ली पुलिस पर सवाल खड़े हो रहे है कि हिंसा का बदला लेने के लिए किराये के गुंडों से किसान को कथित रूप से पिटवाना था।

राकेश टिकैत ने यह बात एक टीवी चैनल पर डिबेटके दौरान कही। उनसे सवाल किया गया था कि जब 26 जनवरी की हिंसा के बाद वह आंदोलन खत्म करने पर सहमत हो गए थे तो फिर वापस क्यों आ गए। एंकर का कहना था कि उनके एक पत्रकार मित्र ने संसद भवन में बताया कि राकेश टिकैत की सरकार से आंदोलन खत्म करने को लेकर डील हो गई थी। वह सहमत थे कि दिल्ली हिंसा के बाद आंदोलन को समाप्त कर दिया जाएगा। लेकिन जब पुलिस प्रशासन के लोग गाजीपुर में आंदोलन खत्म कराने आए तो हमने केवल इतना कहा कि खाली करवाना है तो कागज दिखाओ। हम खाली नहीं करेंगे, आप गिरफ्तार करो। अगर आप चाहते हो तो लाठी चला के किसानों को गिराओ तो किसान को यह मंजूर नहीं है।

किसानों का कहना है तब प्रशासन किसान पर लाठी नहीं चला रहा था। वहां किराए के गुंडे थे। वो किसानों को गुंडों से पिटवाना चाहते थे, लेकिन इसे किसान बर्दश्त नहीं करेगा। जो किसानो को धमकी दे रहे थे और गलियां दिया।

टिकैत ने कहा कि हम प्रदर्शन करने किसी के घर पर नहीं जा रहे हैं। उनकी हिम्मत कैसे हो गई कि वो किसानों पर गुंडों से हमला कराएंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि लाल किले पर जो हुआ, वह गलत था, लेकिन ऐसा होने किसने दिया। लाल किले तक किसानों को जाने किसने दिया।

वह 35 साल से आंदोलन कर रहे हैं। जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने वाला हर आंदोलनकारी कहता है कि वो संसद का घेराव करेगा पर वहां तक कोई नहीं जा पाता। क्या सुरक्षा व्यवस्था इतनी कमजोर हो गई है कि कोई संसद तक पहुंच जाए।

जो लाल किले पर पहुंचे है उनकी फोटो किसके साथ है सब जानते है !

आगे उन्होंने कहा जो लाल किले तक पहुंचे है उनको अब तक क्यों नहीं पकड़ा गया एक व्यक्ति सोशल मीडिया पर सरकार के खिलाफ ट्वीट करता है तो पुलिस उसे उठा लाती है जबकि जिनपर इनाम है वो सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करके अपने बयान जारी कर रहा है अब तक पुलिस उस तक क्यों नहीं पहुंच रही है।

राकेश टिकैत ने कहा किसान आंदोलन करता है तो पुलिस की लाठियां खाता है तो मंज़ूर है लेकिन पुलिस के साथ अब किराए गुंडे पीटे किसानो को यह मंज़ूर नहीं है। यह तो पुलिस की साजिश है या फिर पुलिस को सरकार मज़बूर कर रही है ऐसा करने पर। क्यूंकि इतनी सुरक्षा के बाद आंदोलन तक शरारततत्व कैसे पहुंचे जो पत्थर बाजी किया ?

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