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गुरुवार, 11 जून 2020

विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाओं के साथ नए रंग रूप में शुरू होगा इवान हॉस्पिटल

टीआर ब्यूरों l


मुजफ्फरनगर l भोपा रोड स्थित इवान हॉस्पिटल के बहुत जल्द अत्याधुनिक चिकित्सा सुविधाओं के साथ खुलने का मार्ग प्रशस्त हो गया है भरोसेमंद सूत्रों के अनुसार इवान हॉस्पिटल का संचालन और स्वामित्व अब मुजफ्फरनगर के प्रसिद्ध उद्यमी *जय प्रकाश जैन नावला वाले* के एन आर आई सुपुत्र *विजय कुमार जैन* के पास आ गया है जो अपनी व्यवहार कुशलता, सकारात्मक सोच एवं प्रबंधन कुशलता के लिए जाने जाते हैं श्री जैन अमेरिका में निवास करते हैं लेकिन मुजफ्फरनगर के प्रति प्रेम आज भी उनकी रग रग में रचा बसा है इसी कारण उन्होंने इवान हॉस्पिटल में अपनी रुचि प्रदर्शित की है वह चाहते हैं कि मुजफ्फरनगर एवं आसपास के जनपद वासियों को मुजफ्फरनगर में विश्व स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मिले इसीलिए उन्होंने चिकित्सा प्रबंधन क्षेत्र में प्रवेश किया है उम्मीद है कि बहुत जल्द देश के जाने माने विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवाएं इवान हॉस्पिटल के माध्यम से मुजफ्फरनगर वासियों को मिलनी प्रारंभ हो जाएंगी l कुल मिलाकर मुजफ्फरनगर वासियों लिए इवान हॉस्पिटल का संचालन बहुत जल्द शुरू होने का समाचार खुशियां लाने वाला है जिसके लिए नावला जैन परिवार बधाई का पात्र है


सोमवार, 8 जून 2020

गिलोय का सेवन करने से होते हैं ये लाभ, आइए जानिए


 



कोविड-19 महामारी ने पूरी संसार के सामने एक बड़ी कठिनाई खड़ी कर दी है. इस संक्रमण से लड़ने के लिए सबसे ज्यादा जोर इम्यूनिटी बढ़ाने पर दिया जा रहा है.


 इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता किसी भी प्रकार के रोग पैदा करने वाले सूक्ष्मजीवों से शरीर को लड़ने की क्षमता देती है. यही शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति प्रदान करती है.


भारत सरकार ने भी इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आयुर्वेद पर जोर दिया है. आयुर्वेदिक विभाग ने 'हर हर पहल' की मुहीम चलाई है, जहां लोग अपने घर में गिलोय का पौधा लगाने के लिए नगर निगम से सम्पर्क कर सकते हैं. दिल के आकार की यह जड़ी-बूटी गुडूची के नाम से भी पहचानी जाती है. अपने औषधीय गुणों के कारण यह कई बीमारियों के इलाज में कार्य आती है.


ऐसे बढ़ाती है रोगों से लड़ने की क्षमता


गिलोय का पहला व सबसे जरूरी फायदा है रोगों से लड़ने की क्षमता देना. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो स्वास्थ्य में सुधार लाते हैं व खतरनाक रोगों से लड़ते हैं. गिलोय किडनी व लिवर से विषाक्त पदार्थों को दूर करता है व मुक्त कणों को भी बाहर निकालता है.


इसके अतिरिक्त गिलोय बैक्टीरिया, मूत्र मार्ग में संक्रमण व लिवर की बीमारियों से भी लड़ता है जो कई रोगों की वजह बनते हैं. गिलोय का जूस नियमित रूप से पीने से रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है.


घर पर उगाएं


स्टेम कटिंग विधि द्वारा गिलोय को घर के गार्डन में भी उगा सकते हैं. यह जड़ी बूटी बहुत तेजी से फैलती है व यहां तक कि एक छोटा-सा तना एक दो वर्ष में पूरी तरह से विकसित हो जाती है. इसके लिए या तो तने का उपयोग कर सकते हैं या आयुर्वेदिक स्टोर से बीज खरीद सकते हैं. 24 घंटे के लिए ठंडे पानी में भिगोएं व मिट्टी में लगाएं. इसे नियमित रूप से पानी दें.


इन उपायों से करें सेवन


गिलोय की पत्तियों को कई तरह से प्रयोग कर सकते हैं. जूस बनाने के लिए एलोवेरा व गिलोय का रस निकाल लें. उसमें थोड़ा शहद मिला सकते हैं. प्रातः काल खाली पेट इसे पी सकते हैं. वैकल्पिक रूप से गिलोय के रस को पानी में घोलकर भी प्रातः काल ले सकते हैं. गिलोय व नीम के पत्तों का काढ़ा भी बुखार से लड़ने में मदद कर सकता है. हल्दी व गिलोय का मिलावट भी खांसी से राहत देने में मदद कर सकता है.


गिलोय के ये भी हैं फायदे


इम्यूनिटी बढ़ाने के अतिरिक्त गिलोज का सेवन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है.


डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए यह निश्चित रूप से प्रभावी होता है. यह हाइपोग्लाइसीमिक एजेंट के रूप में कार्य करता है. लेकिन डायबिटीज की दवाई ले रहे हैं तो बिना चिकित्सक की सलाह के इसे न लें.


इसका सेवन मस्तिष्क के टॉनिक के रूप में भी कर सकते हैं. यह मानसिक तनाव व चिंता को कम करता है.


दमा के उपचार में भी प्रभावी है.


गिलोय में गठिया विरोधी गुण होते हैं जो गठिया व जोड़ों के दर्द के लक्षणों को कम करते हैं.


आंखों के लिए गिलोय का जूस अच्छा साबित होने कि सम्भावना है.


त्वचा में निखार लाने के लिए भी नियमित रूप से इसका सेवन करें.


ये न करें गिलोय का सेवन


गिलोय की खुराक पांच वर्ष की आयु या इससे ऊपर के बच्चों के लिए ही सुरक्षित है. हालांकि, इसे देने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए. डायबिटीज के मरीज, गर्भवती व स्तनपान कराने वाली स्त्रियों को इसके प्रयोग से पहले चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए.


रविवार, 31 मई 2020

पैरों में रहता है दर्द तो करें ये

*अगर आपके भी रहता है पैरों में दर्द तो जरूर करें यह घरेलू उपाय*


 


कभी-कभी शारीरिक कमजोरी, उठने बैठने का गलत तरीका और खानपान में लापरवाही करने के कारण भी पैरों में दर्द होने लगता है। कई लोग पैरों के दर्द से आराम पाने के लिए पेनकिलर्स का सेवन करते हैं। जिससे उनकी सेहत को बहुत सारे साइड इफेक्ट हो सकते हैं।


 


*अपनाएं ये तरीके:*


 


# पैरों के दर्द का कारण हड्डियों की कमजोरी भी हो सकती है। इसलिए अपने खाने में कैल्शियम से भरपूर आहारों को शामिल करें। रोज कैल्शियम युक्त आहारों का सेवन करने से पैरों का दर्द ठीक हो जाता है।


 


# नियमित रूप से रात में सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध का सेवन करें। दूध का सेवन करने से मांसपेशियां मजबूत हो जाते हैं और पैरों का दर्द ठीक हो जाता है।


 


# गर्म पानी से नहाने से भी पैरों के दर्द से आराम मिलता है। इसके अलावा पैरों के दर्द से आराम पाने के लिए आप हॉट पैड का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।


 


# केले में कैल्शियम की भरपूर मात्रा पाई जाती है। रोजाना एक केले का सेवन करने से शारीरिक कमजोरी दूर हो जाती है और पैरों के दर्द से छुटकारा मिलता है।


 


# सरसों के तेल में भरपूर मात्रा में एसिटिक एसिड मौजूद होता है जो किसी भी प्रकार के दर्द को दूर करने में मदद करता है।


शनिवार, 30 मई 2020

कमजोर है प्रतिरोधक क्षमता तो घेर लेते हैं रोग

*शरीर की इम्युनिटी पावर बढ़ाने के लिए करें घरेलू उपाय*


अगर किसी व्यक्ति की इम्युनिटी पावर कमजोर हो तो उसे कोई भी बीमारी बहुत जल्दी घेर लेती हैं। इम्युनिटी पावर को मजबूत बनाए रखने के लिए बैलेंस डाइट का सेवन बहुत ही जरूरी होता है। इससे विटामिन, मिनरल्स, कैल्शियम, खनिज पदार्थ आदि सभी प्रकार के पोषक तत्वों की कमी पूरी हो जाती है। आज हम आपको कुछ ऐसे आहारों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनका सेवन करने से इम्युनिटी पावर स्ट्रांग हो जाती है।


*कैसे बढ़ाएं शरीर की इम्युनिटी पावर:*


# रात में सोने से पहले 8- 10 बादाम को भिगोकर रख दें। सुबह उठने पर इनका सेवन करें. ऐसा करने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत हो जाएगी।


# ब्रोकली में विटामिन ए विटामिन सी प्रोटीन के अलावा अन्य पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है। पेट के लिए ब्रोकली का सेवन बहुत फायदेमंद होता है।


# लहसुन में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं जो किसी भी प्रकार के इंफेक्शन और बैक्टीरिया से लड़ने में सहायक होते हैं। रोजाना लहसुन का सेवन करने से इम्युनिटी पावर मजबूत हो जाती है।


# ग्रीन टी सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होती है। अगर आप अपनी इम्यूनिटी पावर को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं जो दिन में एक या दो कप ग्रीन टी का सेवन करें।


बॉडी दे रही है ये चेतावनी तो हो जाएं अलर्ट

*शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने पर मिलती हैं 8 चेतावनी, उसी समय से खाना-पीना बंद कर दें ये 10 चीजें*


शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने से आपको गठिया रोग, जोड़ों में दर्द, गाउट और सूजन जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।


यूरिक एसिड शरीर में खून के जरिए किडनी तक पहुंचता है। ज्यादातर समय पेशाब के माध्यम से यूरिक एसिड शरीर के बाहर निकल जाता है। लेकिन कुछ मामलों में जब यूरिक एसिड शरीर से नहीं निकल पाता है तो इसकी अधिकता हो जाने पर कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जैसे- गठिया रोग, जोड़ों में दर्द, गाउट और सूजन जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है।


*यूरिक एसिड क्या होता है?*


यूरिक एसिड कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन जैसे तत्वों से मिलकर बना एक तत्व होता है, जो शरीर को प्रोटीन से एमिनो एसिड के रूप में प्राप्त होता है। जब किडनी सही तरह फिल्टर नहीं कर पाती है, तो यूरिया यूरिक एसिड में परिवर्तित होकर हड्डियों के बीच में जमा हो जाता है। हड्डियों के बीच यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने से गाउट हो जाता है, जो एक प्रकार का गठिया रोग ही होता है जिसमें शरीर के जोड़ों में बहुत दर्द रहने लगता है।


*यूरिक एसिड बढ़ने के लक्षण*


यूरिक एसिड बढ़ने पर किडनी भी सुचारू रूप से फिल्टर करने में सक्षम नहीं रह जाती है। ऐसे में यह जानना बहुत जरूरी है कि शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने पर क्या लक्षण होते हैं। शरीर में यूरिक एसिड बढ़ने के अधिकतर मामलों में सामान्य लक्षण है। इसलिए जल्दी समझ में नहीं आता है। 


लेकिन एक बार इन लक्षणों को पता चलने के बाद यूरिक एसिड को काबू में रखना आसान हो जाता है। जिन लोगों को पैरों में हर समय दर्द रहता हो या फिर जोड़ों और एड़ियों में दर्द बना रहता हो,जोड़ों में जलन रहती हो यूरिक एसिड की अधिकता की ओर संकेत करता है। इसके अलावा शरीर में सूजन होना या फिर गांठ महसूस करने पर भी डॉक्टर को जरूर दिखाना चाहिए।


उठने- बैठने में परेशानी और हर समय थकान महसूस होना भी यूरिक एसिड बढ़ने के संकेत हो सकते हैं। कई बार इस बीमारी के मरीजों को हाथ और पैरों की अंगुलियों में चुभने वाला दर्द होता है जो कभी- कभी अधिक हो जाता है। मोटापा और डायबिटीज से ग्रसित लोगों को यूरिक एसिड से पीड़ित होने की संभावना अधिक होता है।


यूरिक एसिड की समस्या पर इन चीजों से करें परहेज


- यूरिक एसिड की समस्या से बचने के लिए दही, चावल, ड्राई फ्रूट्स, दाल और पालक का सेवन करने से बचें इन सभी चीजों में प्रोटीन ज्यादा मात्रा में मौजूद होती है जो इस समस्या को बढ़ा देती है। 


 


- रात को सोने से पहले दूध या दाल का सेवन न करें ऐसा करने से शरीर में यूरिक एसिड जमा होने लगता है। इसके अलावा छिलके वाली दाल से भी पूरी तरह परहेज रखें।


- अगर आपको नॉनवेज खाना काफी पसंद है तो मीट, अंडा, मछली का सेवन तुरंत बंद कर दें क्योंकि इन चीजों के सेवन से शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा में बढ़ोतरी होती है।


-पानी पीने के नियमों का पालन जरूर करें। खाना खाते समय पानी का सेवन न करें। खाना खाने के एक घंटे बाद या डेढ़ घंटे पहले पानी पिए। खाना के साथ बहुत हल्की मात्रा में ही पानी पियें।


क्यों बढ़ता है यूरिक एसिड


आज की अनहेल्दी लाइफस्टाइल में लोग कई तरह की बीमारियों से परेशान रह रहे हैं। यूरिक एसिड को बढ़ाने में प्यूरीन नाम प्रोटीन का सबसे बड़ा हाथ होता है। बता दें कि यूरिक एसिड शरीर में तब बनता है जब शरीर प्यूरीन का संसाधन करता है यानी उसको छोटे-छोटे चीजों में तोड़ता है। 


यह प्रोटीन हमारे शरीर में खुद व खुद तो बनते ही हैं साथ ही कुछ खानपान की चीजों में भी पनीर, रेडमीट, राजमा और चावल जैसे खाद पदार्थों में प्यूरीन की मात्रा अधिक होती है जिसकी वजह से लोगों को यूरिक एसिड की समस्या हो सकती है। 


इसके अलावा ज्यादा देर तक खाली पेट रहना या फिर उपवास रखना भी हाई यूरिक एसिड को बढ़ावा देती है। कई बार ब्लड प्रेशर की दवाइयों के अधिक सेवन से भी यूरिक एसिड बढ़ने की समस्या हो जाती है।


क्यों बढ़ता है यूरिक एसिड : कैसे करें कंट्रोल

 


यूरिक एसिड से है परेशान तो देसी नुस्खों से करें कंट्रोल


जहां पहले 35-40 के बाद लोगों में यूरिक एसिड की समस्या देखने को मिलती थी वहीं गलत लाइफस्टाइल के कारण युवा भी इसकी चपेट में हैं। तनाव, शराब-सिरगेट, फिजिकल एक्टीविटी की कमी, डिहाइड्रेशन और गलत खान-पान यूरिक एसिड का कारण बनते हैं।


यूरिक एसिड क्या है?


कार्बन, हाइड्रोजन, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन को मिलाकर एक कम्पाउंड बनता है, जो शरीर को प्रोटीन से एमिनो अम्लों के रूप में प्राप्त होता है। इसे यूरिक ही एसिड कहा जाता है।


अगर समय रहते यूरिक एसिड को कंट्रोल ना किया जाए तो यह गठिया व आर्थराइटिस का कारण भी बन सकता है। ऐसे में आज हम आपको कुछ घरेलू टिप्स देंगे, जिससे आप इसे कंट्रोल कर सकते हैं।


भरपूर लें लिक्विड डाइट


यूरिक एसिड को कंट्रोल में रखने के लिए सबसे जरूरी है कि आप भरपूर पानी पीएं। साथ ही डाइट में फलों का जूस, नारियल पानी व ग्रीन टी जैसी लिक्विड चीजें भी लेते रहें।


हर रंग की सब्जियां


हर रंग की सब्जी को अपनी डाइट का हिस्सा बनाएं। हरी, लाल, संतरी रंग की सब्जियों से आपको सभी पोषक तत्व मिलेंगे, जिससे ना सिर्फ एसिड कंट्रोल होगा बल्कि आप अन्य समस्याओं से भी बचे रहेंगे।


सिट्रस फ्रूट


सिट्रस फ्रूट्स क्रिस्टल्स को डिसॉल्व कर देता है, जिससे यूरिक एसिड का स्तर कम हो जाता है। ऐसे में डाइट में खट्टे फल जरूर लें लेकिन सीमित मात्रा में।


छोटी इलायची


छोटी इलायची को पानी के साथ मिलाकर खाने से यूरिक एसिड की मात्रा कम होने के साथ ही कोलेस्ट्रॉल लेवल भी कम होगा।


बेकिंग सोडा


1 गिलास पानी में 1/2 चम्मच बेकिंग सोड़ा मिलाकर पिने से भी यूरिक एसिड कंट्रोल होता है।


अजवाइन खाएं


यह यूरिक एसिड के साथ शरीर में सूजन को भी कम करता है। यूरिक एसिड को कंट्रोल करने के लिए दिन में 1/2 टीस्पून अजवाइन पानी के साथ लें।


रोजाना सेब खाएं


सेब में मौजूद मैलिक एसिड यूरिक एसिड को न्यूट्रिलाइज कर देता है जिससे ब्लड में इसका लेवल कम हो जाता है।


नींबू का रस


नींबू अल्कलाइन स्तर को बढ़ाकर यूरिक एसिड को कंट्रोल करता है। सुबह खाली पेट नींबू पानी पीने से फायदा मिलेगा।


चेरी


चेरी और डार्क चेरी में ऐसे फ्लवोनोइड्स नामक तत्व होते हैं, जो यूरिक एसिड को कम करने में मदद करते हैं। साथ ही यह सूजन और अकड़न को भी दूर रखता है।


योग भी है फायदेमंद


रोजाना व्यायाम करें और स्वस्थ वजन बनाये रखें। यह कहा जाता है कि फैटी उत्तकों की वजह से भी यूरिक एसिड का उत्पादन बढ़ता है।


इन चीजों से करें परहेज


शराब, बीयर में यीस्‍ट भरपूर होता है इसलिए इसके सेवन से दूर रहना चाहिए। दही, राजमा, छोले, अरबी, चावल, मैदा, अचार, ड्राई फ्रूट्स, दाल, पालक, फास्ट फूड, कोल्ड ड्रिंक्स, पैकड फूड, अंडा, मांस, मछली, मीट, पेस्ट्री, केक, पैनकेक, क्रीम बिस्कुट, तले-भुने और चिकनाई युक्त भोजन से दूर रहें।


 


रात में ना खाएं ये चीजें


रात को सोते समय दूध या दाल ना लें। अगर फिर भी दाल खाने का मन करता है तो छिलके वाली दाल खाएं। इसके अलावा खाना खाते समय पानी न पीएं। खाना खाने से डेढ़ घंटे पहले या बाद में ही पीनी पीना चाहिए। 


यूरिक एसिड को कंट्रोल में रखने के लिए सबसे जरूरी है परहेज। अगर आप भी यूरिक एसिड की समस्या से जूझ रहे हैं तो अपनी डाइट में कुछ बदलाव करके आप इसके साथ-साथ कई और समस्याओं से भी बचे रह सकते हैं।


गुरुवार, 28 मई 2020

गर्म लू के प्रकोप से पशुओं को बचाये - सीवीओ

टीआर ब्यूरों l


मुज़फ्फरनगर l मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी डा0 एम. पी. सिंह ने सभी पशुपालकों को अवगत कराया है कि इस समय प्रदेश मे गर्म हवाएं/लू का प्रकोप व्याप्त है, जिससे तापमान काफी बढ गया है। इस अवस्था मे उचित प्रबंधन से पशुओं को लू से बचाना अति आवश्यक है। गर्म हवाएं/लू के प्रभाव से पशु की उत्पादन क्षमता कम हो जाती है, इसके साथ ही उचित देख-रेख एवं प्रबंधन न होने से पशु की बीमारी होने से मृत्यु भी हो सकती है। पशुपालन जीविका का साधन है। अतएव यह आवश्यक है कि गर्म हवाए/लू से बचाव हेतु पशुपालको को चाहिये कि पशुओ को सीधे धूप वाले स्थान मे न रखें। बाहर चरने हेतु प्रातः एवं सायं काल ही भेजें। विशेष तौर पर पूर्वान्ह 10.00 से अपरान्ह 04.00 के बीच सूर्य के ताप से पशुओ को बचाएं, उन्हे खुले स्थान/धूप मे न रखें। पशुओ को ऊपर से ढके हुए छप्पर, टीन शेड वाले स्थानो मे रखें तथा रोशनदान, दरवाजो एवं खिडकियो को टाट/बोरे से ढक दें जिससे सीधे हवा का झोंकें पशुओ तक न पहुच सकें तथा टाट/बोरे पर पानी का छिडकाव करते रहें। पशुओ को छाया मे बांधे और उन्हे पर्याप्त मात्रा मे पानी/तरल पदार्थ पिलाए। पशुओ को खली, दाना, चोकर, नमक एवं गुड के साथ संतुलित आहार दें। धूप मे ज्यादा देर तक रखा पानी पशओं को न पिलाये बल्कि ताजा व स्वच्छ पानी पिलाएं। लू से प्रभावित पशु मे बुखार के लक्षण होते हैं, उसे तत्काल निकटवर्ती पशु चिकित्सक को दिखाकर सलाह ले और परामर्श का पूर्ण रूप से पालन करे। पशुओ को दिन मे एक बार अवश्य नहलाये। घर के बाहर छायादर स्थानो पर कटोरे मे पानी भरकर रख दे, जिससे अन्य पक्षी भी पानी पी सके। तापमान बढने से सिंचाई के अभाव मे चरी के सूखने एवं जहरीली होने की प्रबल सम्भावना रहती है। जहरीली चरी खाने से पशुओ की मृत्यु हो सकती है। अतः सिंचाई के अभाव मे सूखी चरी पशुओ को कदापि न खिलाए। परंतु यदि विषाक्तता की स्थिति दिखाई पडे तो तत्काल पानी पिलाकर जीवन रक्षा का प्रयास करे तत्पश्चात निकटतम पशुचिकित्सक से सम्पर्क करे। पशु चिकित्सालयो पर जीवन रक्षक औषधिया उपलब्ध हैं। 


          उन्होंने बताया कि गला घोंटू एक जीवाणुजनित रोग है, और इसका प्रभाव जून से अगस्त तक पशुओ को ज्यादा प्रभावित करता है। बीमार पशु के प्रमुख लक्षण हैं- पशु को अचानक तेज बुखार आता है, पशु चारा-पानी छोंड देता है, मुहँ से लार गिरने लगती है, गले मे सूजन आ जाती है, पशु को सांस लेने मे भयंकर तकलीफ होती है, मुह से घर्र-घर्र की आवाज आने लगती है, जीभ बाहर निकल आती है। यदि समय पर इलाज न हुआ तो पशु की मृत्यु भी हो जाती है। अतः टीकाकरण मानसून आने से पूर्व अवश्य करवा लेना चाहिए। वर्तमान मे इसका टीका प्रत्येक पशु चिककिसालय/पशु सेवा केंद्र पर उपलब्ध है।"गला घोंटू"बीमारी का निःशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। सभी पशुपालको से अपील है कि टीकाकरण मे सहयोग करें एवं अपने पशुओं को टीका अवश्य लगवाएं। टीकाकरण से कोई भी पशु वंचित न रहने पाये। मानसून आने से पूर्व गलाघोंटू बीमारी से बचाव का निशुल्क टीका अपने पशु को अवश्य लगवाएं। किसी भी आपातकालीन स्थिति में नजदीकी पशु चिकित्सालय/पशु सेवा केंद्र पर सम्पर्क करें। -मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी,मुज़फ्फरनगर


बुधवार, 27 मई 2020

कोविड-19 के साथ भीषण गर्मी से भी अपना बचाव करे  - डा0 प्रवीण चोपड़ा

टीआर ब्यूरों l


 


मुजफ्फरनगर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा0 प्रवीण चोपड़ा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से जानकारी देते हुए बताया कि इस समय भीषण गर्मी पड रही है, जो कि आने वाले समय में और भी बढ सकती है, जिसके लिए नागरिक भीषण गर्मी और कोविड-19 से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां अपनाकर अपने को सुरक्षित करें।


       


  ÷क्या करें÷


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नागरिक घर पर रहे तथा स्थानीय मौसम और कोविड-19 के संबंध में सही जानकारी के लिए रेडियों, टी0वी0 और समाचार पत्रों के माध्यम से शासन द्वारा समय समय पर जारी की गई जानकारियां लेते रहें।


पर्याप्त मात्रा में पानी पीयें यदि प्यास भी नही लग रही हो तो भी पानी पीते रहे, ऐसे मरीज जो ह्रदय रोग, किडनी या लिवर आदि से संबंधित बीमारियों से ग्रसित हो तथा उन्हे तरल पदार्थो की अधिक सेवन करना मना हो तो वे चिकित्सकीय परामर्श लेकर ही तरल पदार्थोे का अधिक सेवन करें।


अपने शरीर की नमी को बनायें रखने के लिए ओ0आर0एस0 और घर पर बने तरल पदार्थो जैसे-लस्सी, चावल का पानी, नीबू पानी एवं छाछ आदि का प्रयोग करते रहे।


हल्के रंग के, ढीले और सूती कपडो को पहनने में प्रयोग करें।


बाहर जाने से बचें, यदि बाहर जाना आवश्यक हो तो सिर और चेहरे को सूती कपडे, टोपी, छाता आदि से ढककर निकलें, और जितना भी हो सकें घर से बाहर किसी वस्तु या सतह को न छुयें।


कम से कम 1 मीटर की सामाजिक दूरी बनाकर रहें।


हाथों को लगातार थोडे-थोडे समय पर साबुन और पानी से धोते रहे और सेनीटाईजर का प्रयोग करें।


घर के सभी सदस्य अलग अलग तौलिये का प्रयोग करें और उन्हे समय से धोते भी रहे।


 


÷अन्य सावधानियां÷


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जितना हो सके छायादार स्थानों पर रहे।


अपने घरों को ठण्डा बनाये रखे तथा धूप से बचाव के लिए पर्दे एवं सनसेड का प्रयोग करें, तथा निचली मंजिलों पर रहे जिससे तपिश से बचा जा सकें।


गर्मी से बचने के लिए पंखों का इस्तेमाल करें और ठण्डे पानी से नहाते रहें।


अगर आप अपने को बीमार महसूस कर रहे हो या आपको तेज बुखार, धडकन तेज होना, तेज सिर दर्द, चक्कर आना, जी मिचलाना, लगातार खांसी होना, स्थिति भ्रान्ति होना, सांस लेने में दिक्कत होना आदि लक्षण हो तो शीघ्र ही चिकित्सकीय परामर्श लें।


जानवरों को छाया मे रखें और उन्हे पीने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी देते रहें।


 


÷क्या ना करें÷


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लाॅकडाउन की अवधि में घर से बाहर ना निकले, अगर जाना आवश्यक हो तो सुबह या शाम को घर से निकले, दोपहर 12 बजे से 3 बजे के बीच घर से नही निकले।


नंगे पैर, चेहरे और सिर को ढके बिना घर से नही निकले।


दोपहर में अधिक रसोई में काम ना करें, रसोई में काम करते समय खिडकियां और दरवाजे खोलकर रहें।


शराब, चाय, काॅॅॅफी, कोल्ड ड्रिक्स के सेवन से बचे, क्योकि ये हमारे शरीर की नमी को कम करते है।


मसालेदार, तैलीय और बासी भोजन का सेवन ना करें।


अपने हाथों को बिना धोयें अपनी आंख नाक और मुंह को ना छुयें।


जो लोग बीमार है, उनके सीधे सम्पर्क में आने से बचे।


अगर आप बीमार है तो घर से बाहर ना निकले, घर पर ही रहें।


 


 


बुधवार, 13 मई 2020

स. बलजीत सिंह ने किया समर्पित युवा के रक्त वीरों का  उत्साहवर्धन


टीआर ब्यूरो।


 मुज़फ्फरनगर।एक 6 साल की थैलेसीमिया पीड़ित बच्ची के लिए समर्पित युवा अजय अनेजा एवं एक 74 साल के बुजुर्ग के लिए उदित शर्मा ने रक्तदान कर प्राण रक्षा की ज्ञात हो कि पूरे लोगों के दौरान समर्पित युवा समिति एकमात्र ऐसी संस्था है जो रक्तदान के क्षेत्र में निरंतर कार्यरत है 
        जिला कार्यक्रम अधिकारी सरदार  बलजीत सिंह ने ब्लड बैंक पहुच कर समर्पित युवा रक्त वीरों की मुक्त कंठ से प्रशंसा की और रक्तदान जैसे नेक कार्य को निरंतर करने के लिए समिति को शुभकामनाएं बधाई दी
         समर्पित युवा समिति के ब्लड कोऑर्डिनेटर हितेश आनंद ने बताया की समर्पित युवा रक्त वीर इन विषम परिस्थितियों में भी निरंतर बिना समय  बिना धर्म जात देखे रक्तदान कर रहे हैं उन्होंने सभी रक्त वीरों का आह्वान किया की किसी की जान जाने से बड़ा कार्य कोई और नहीं हो सकता अतः आवश्यकता पड़ने पर रक्तदान करते रहें


शनिवार, 9 मई 2020

धर्म को भूलकर रक्त देकर बचाई मुस्लिम महिला की जान।

टीआर ब्यूरो


मुज़फ्फरनगर। समर्पित युवा समिति के सदस्य दिनेश पुंडीर ने रमजान के महीने में अप्लास्टिक एनीमिया से ग्रसित एक मुस्लिम महिला को रक्तदान कर जीवनदान दिया।
ज्ञात हो कि समर्पित युवा समिति के सदस्य करोना महामारी के समय भी पूरी शिद्दत से रक्तदान के क्षेत्र में कार्य कर रहे हैं संगठन से जुड़े दर्जनों युवक पिछले 1 महीने में रक्तदान से कई मरीजों की जान बचा चुके हैं रक्तवीर दिनेश पुंडीर ने बताया कि उन्हें समर्पित युवा रक्त वीर व्हाट्सएप ग्रुप में मैसेज मिला और उन्होंने जाकर जिला अस्पताल में रक्तदान किया ।
 समर्पित युवा समिति के अमित पटपटिया ने बताया कि दिनेश जी के अलावा आज समर्पित युवा समिति के पांच सदस्यों अर्पित जग्गा,राजीव मलिक,आशीष गौतम व हेमंत शर्मा ने रक्तदान कर 3 मरीजों की प्राण रक्षा की।
साथ ही साथ मरीजों के परिजनों को भी रक्तदान की प्रेरणा देकर उनसे भी रक्तदान करवाया गया हम इस विषम परिस्थिति में भी रक्तदान कर लोगों की जान बचाने के लिए कटिबद्ध है।


बुधवार, 6 मई 2020

रोटरी क्लब खतौली ने भेंट की पीपीई किट


टीआर ब्यूरो।


मुजफ्फरनगर। शहर में अब चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों को पी.पी.ई. किट की कमी नहीं होगी। चिकित्सालय में इन किट की कमी को दूर करने के लिए रोटरी क्लब खतौली भी आगे आया है। रोटरी क्लब खतौली यूनिट द्वारा आज तहसील परिसर में उपजिलाधिकारी इन्द्रकांत द्विवेदी को 20 पी.पी.ई. किट ,100 सेनेटाइजर व 100 फेस मास्क जरूरमंद चिकित्सकों व चिकित्साकर्मियों के लिए सौपे है। यह किट रोटरी क्लब खतौली के अध्यक्ष गौरव जैन व सचिव अनिमेश जैन ने नगर के अस्पताल के लिए जरूरतमंद चिकित्सको के लिए उपजिलाधिकारी को सौंपे। इस अवसर पर क्लब कोषाध्यक्ष मनोज जैन व रोट० अलित कुमार,रॉट० ओमप्रकाश गुप्ता ,सुदेश जैन,आशीष तायल ,आशीष मटरोज़ा, अंकित जैन,रचित मेहता,मनोज जैन व जगदीश लाल जुनेजा ,मनोज जैन सर्राफ आदि भी उपस्थित थे। रोटरी क्लब अध्यक्ष ने बताया कि इस विपदा की घड़ी में रोटरी खतौली प्रशासन और आम आदमी के साथ है।


शुक्रवार, 1 मई 2020

ऐसे खायें खाना जो ना पड़े पछताना


*||🌹भोजन विधि 🌹||*
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🌹अधिकांश लोग भोजन की सही विधि नहीं जानते। गलत विधि से गलत मात्रा में अर्थात् आवश्यकता से अधिक या बहुत कम भोजन करने से या अहितकर भोजन करने से जठराग्नि मंद पड़ जाती है, जिससे कब्ज रहने लगता है। तब आँतों में रूका हुआ मल सड़कर दूषित रस बनाने लगता है। यह दूषित रस ही सारे शरीर में फैलकर विविध प्रकार के रोग उत्पन्न करता है। उपनिषदों में भी कहा गया हैः आहारशुद्धौ सत्त्वशुद्धिः। शुद्ध आहार से मन शुद्ध रहता है। साधारणतः सभी व्यक्तियों के लिए आहार के कुछ नियमों को जानना अत्यंत आवश्यक है। जैसे-


🌹आलस तथा बेचैनी न रहें, मल, मूत्र तथा वायु का निकास य़ोग्य ढंग से होता रहे, शरीर में उत्साह उत्पन्न हो एवं हलकापन महसूस हो, भोजन के प्रति रूचि हो तब समझना चाहिए की भोजन पच गया है। बिना भूख के खाना रोगों को आमंत्रित करता है। कोई कितना भी आग्रह करे या आतिथ्यवश खिलाना चाहे पर आप सावधान रहें।


🌹सही भूख को पहचानने वाले मानव बहुत कम हैं। इससे भूख न लगी हो फिर भी भोजन करने से रोगों की संख्या बढ़ती जाती है। एक बार किया हुआ भोजन जब तक पूरी तरह पच न जाय एवं खुलकर भूख न लगे तब तक दुबारा भोजन नहीं करना चाहिए। अतः एक बार आहार ग्रहण करने के बाद दूसरी बार आहार ग्रहण करने के बीच कम-से-कम छः घंटों का अंतर अवश्य रखना चाहिए क्योंकि इस छः घंटों की अवधि में आहार की पाचन-क्रिया सम्पन्न होती है। यदि दूसरा आहार इसी बीच ग्रहण करें तो पूर्वकृत आहार का कच्चा रस(आम) इसके साथ मिलकर दोष उत्पन्न कर देगा। दोनों समय के भोजनों के बीच में बार-बार चाय पीने, नाश्ता, तामस पदार्थों का सेवन आदि करने से पाचनशक्ति कमजोर हो जाती है, ऐसा व्यवहार में मालूम पड़ता है।


🌹रात्रि में आहार के पाचन के समय अधिक लगता है इसीलिए रात्रि के समय प्रथम पहर में ही भोजन कर लेना चाहिए। शीत ऋतु में रातें लम्बी होने के कारण सुबह जल्दी भोजन कर लेना चाहिए और गर्मियों में दिन लम्बे होने के कारण सायंकाल का भोजन जल्दी कर लेना उचित है।


🌹अपनी प्रकृति के अनुसार उचित मात्रा में भोजन करना चाहिए। आहार की मात्रा व्यक्ति की पाचकाग्नि और शारीरिक बल के अनुसार निर्धारित होती है। स्वभाव से हलके पदार्थ जैसे कि चचावल, मूँग, दूध अधिक मात्रा में ग्रहण करने सम्भव हैं परन्तु उड़द, चना तथा पिट्ठी से बने पदार्थ स्वभावतः भारी होते हैं, जिन्हें कम मात्रा में लेना ही उपयुक्त रहता है।


🌹भोजन के पहले अदरक और सेंधा नमक का सेवन सदा हितकारी होता है। यह जठराग्नि को प्रदीप्त करता है, भोजन के प्रति रूचि पैदा करता है तथा जीभ एवं कण्ठ की शुद्धि भी करता है।


🌹भोजन गरम और स्निग्ध होना चाहिए। गरम भोजन स्वादिष्ट लगता है, पाचकाग्नि को तेज करता है और शीघ्र पच जाता है। ऐसा भोजन अतिरिक्त वायु और कफ को निकाल देता है। ठंडा या सूखा भोजन देर से पचता है। अत्यंत गरम अन्न बल का ह्रास करता है। स्निग्ध भोजन शरीर को मजबूत बनाता है, उसका बल बढ़ाता है और वर्ण में भी निखार लाता है।


🌹चलते हुए, बोलते हुए अथवा हँसते हुए भोजन नहीं करना चाहिए।


🌹दूध के झाग बहुत लाभदायक होते हैं। इसलिए दूध खूब उलट-पुलटकर, बिलोकर, झाग पैदा करके ही पियें। झागों का स्वाद लेकर चूसें। दूध में जितने ज्यादा झाग होंगे, उतना ही वह लाभदायक होगा।


🌹चाय या कॉफी प्रातः खाली पेट कभी न पियें, दुश्मन को भी न पिलायें।


🌹एक सप्ताह से अधिक पुराने आटे का उपयोग स्वास्थ्य के लिए लाभदायक नहीं है।


🌹भोजन कम से कम 20-25 मिनट तक खूब चबा-चबाकर एवं उत्तर या पूर्व की ओर मुख करके करें। अच्छी तरह चबाये बिना जल्दी-जल्दी भोजन करने वाले चिड़चिड़े व क्रोधी स्वभाव के हो जाते हैं। भोजन अत्यन्त धीमी गति से भी नहीं करना चाहिए।


🌹भोजन सात्त्विक हो और पकने के बाद 3-4 घंटे के अंदर ही कर लेना चाहिए।


🌹स्वादिष्ट अन्न मन को प्रसन्न करता है, बल व उत्साह बढ़ाता है तथा आयुष्य की वृद्धि करता है, जबकि स्वादहीन अन्न इसके विपरीत असर करता है।


🌹सुबह-सुबह भरपेट भोजन न करके हलका-फुलका नाश्ता ही करें।


🌹भोजन करते समय भोजन पर माता, पिता, मित्र, वैद्य, रसोइये, हंस, मोर, सारस या चकोर पक्षी की दृष्टि पड़ना उत्तम माना जाता है। किंतु भूखे, पापी, पाखंडी या रोगी मनुष्य, मुर्गे और कुत्ते की नज़र पड़ना अच्छा नहीं माना जाता।


🌹भोजन करते समय चित्त को एकाग्र रखकर सबसे पहले मधुर, बीच में खट्टे और नमकीन तथा अंत में तीखे, कड़वे और कसैले पदार्थ खाने चाहिए। अनार आदि फल तथा गन्ना भी पहले लेना चाहिए। भोजन के बाद आटे के भारी पदार्थ, नये चावल या चिवड़ा नहीं खाना चाहिए।


🌹पहले घी के साथ कठिन पदार्थ, फिर कोमल व्यंजन और अंत में प्रवाही पदार्थ खाने चाहिए।


🌹माप से अधिक खाने से पेट फूलता है और पेट में से आवाज आती है। आलस आता है, शरीर भारी होता है। माप से कम अन्न खाने से शरीर दुबला होता है और शक्ति का क्षय होता है।


🌹बिना के भोजन करने से शक्ति का क्षय होता है, शरीर अशक्त बनता है। सिरदर्द और अजीर्ण के भिन्न-भिन्न रोग होते हैं। समय बीत जाने पर भोजन करने से वायु से अग्नि कमजोर हो जाती है। जिससे खाया हुआ अन्न शायद ही पचता है और दुबारा भोजन करने की इच्छा नहीं होती।


🌹जितनी भूख हो उससे आधा भाग अन्न से, पाव भाग जल से भरना चाहिए और पाव भाग वायु के आने जाने के लिए खाली रखना चाहिए। भोजन से पूर्व पानी पीने से पाचनशक्ति कमजोर होती है, शरीर दुर्बल होता है। भोजन के बाद तुरंत पानी पीने से आलस्य बढ़ता है और भोजन नहीं पचता। बीच में थोड़ा-थोड़ा पानी पीना हितकर है। भोजन के बाद छाछ पीना आरोग्यदायी है। इससे मनुष्य कभी बलहीन और रोगी नहीं होता।


🌹प्यासे व्यक्ति को भोजन नहीं करना चाहिए। प्यासा व्यक्ति अगर भोजन करता है तो उसे आँतों के भिन्न-भिन्न रोग होते हैं। भूखे व्यक्ति को पानी नहीं पीना चाहिए। अन्नसेवन से ही भूख को शांत करना चाहिए।


🌹भोजन के बाद गीले हाथों से आँखों का स्पर्श करना चाहिए। हथेली में पानी भरकर बारी-बारी से दोनों आँखों को उसमें डुबोने से आँखों की शक्ति बढ़ती है।


🌹भोजन के बाद पेशाब करने से आयुष्य की वृद्धि होती है। खाया हुआ पचाने के लिए भोजन के बाद पद्धतिपूर्वक वज्रासन करना तथा 10-15 मिनट बायीं करवट लेटना चाहिए(सोयें नहीं), क्योंकि जीवों की नाभि के ऊपर बायीं ओर अग्नितत्त्व रहता है।


🌹भोजन के बाद बैठे रहने वाले के शरीर में आलस्य भर जाता है। बायीं करवट लेकर लेटने से शरीर पुष्ट होता है। सौ कदम चलने वाले की उम्र बढ़ती है तथा दौड़ने वाले की मृत्यु उसके पीछे ही दौड़ती है।


🌹रात्रि को भोजन के तुरंत बाद शयन न करें, 2 घंटे के बाद ही शयन करें।


🌹किसी भी प्रकार के रोग में मौन रहना लाभदायक है। इससे स्वास्थ्य के सुधार में मदद मिलती है। औषधि सेवन के साथ मौन का अवलम्बन हितकारी है।
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बुधवार, 29 अप्रैल 2020

हॉस्पिटल से छुट्टी के बाद होम क्वारंटाइन किया।

 


टीआर ब्यूरो।


मुजफ्फरनगर। मेडिकल कॉलेज में भर्ती कोरोना संक्रमित पांच मरीजों की द्वितीय रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी देकर होम क्वारंटाइन करा दिया गया है।
इसके अलावा कवाल के दो लोगों समेत तीन की कोरोना सैंपल रिपोर्ट प्रिस्मटिव पॉजिटिव आने पर उनके द्वितीय सैंपल लेकर भेजे गए थे जिसकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर इन्हें भी कोविड अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। अब केवल 14 कोरोना संक्रमित ही यहां भर्ती रह गए हैं। मुजफ्फरनगर के खतौली थाना क्षेत्र के गांव बाजिदपुर निवासी पूर्व फौजी बिजेंद्र सिंह की द्वितीय रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। जबकि दिल्ली के महरौली निवासी दिलशाद की रिपोर्ट भी निगेटिव मिली है। इसके अलावा राजस्थान के औजर निवासी उमर फारूक की प्रथम और दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन तीनों को कोविड अस्पताल मुजफ्फरनगर मेडिकल कॉलेज से होम क्वारंटाइन रखने को डिस्चार्ज कर दिया गया है। खतौली निवासी दो वर्ष के बच्चे रहमान और चार वर्ष की बच्ची शामिया ने भी कोरोना पर विजय प्राप्त की और उनकी भी दो कोरोना सैंपल रिपोर्ट निगेटिव आई है। इन्हें भी अस्पताल से डिस्चार्ज कर परिवार के लोगों के साथ भेज दिया गया है। इस तरह से कोरोना संक्रमण के नौ मरीज जिले में ठीक हो चुके हैं और अब 23 पॉजिटिव मामलों में से कोविड अस्पताल में केवल 14 मरीज भर्ती रह गए हैं। एडीएम प्रशासन अमित सिंह ने बताया कि जिन लोगों को कोविड अस्पताल से छुट्टी दी गई है वह अपने घरों में क्वारंटाइन रहेंगे। यदि वह जमाती हैं और उनकी मस्जिद हॉट स्पॉट में हैं तो उन्हें क्वारंटाइन सैंटर में रखा जाएगा।


बुख़ार के सभी मरीजों का नाम पता दर्ज करें मेडिकल स्टोर संचालक

 


टीआर ब्यूरो
मुजफ्फरनगर । समस्त फुटकर दवा व्यापारियों को शासन के पत्र संख्या ड्रग /5846/1070 लखनऊ जोकि वर्तमान मुजफ्फरनगर औषधि निरीक्षक लव-कुश प्रसाद जी के माध्यम से मुजफ्फरनगर केमिस्ट एवं ड्रगस्ट वेलफेयर एसोसिएशन रजिस्टर्ड को प्राप्त हुआ है के माध्यम से सभी व्यापारियों को आग्रह किया जा रहा है की वह बुखार, जुखाम एवं खांसी के मरीजों को दी गई दवाई के कारण उन सभी मरीजों का नाम संपर्क सूत्र एवं पता का पूर्ण विवरण अपने रजिस्टर में मेंटेन करें जोकि आवश्यकता पड़ने पर विभाग को उपलब्ध कराया जा सकेl
 सुभाष चौहान 
जिला अध्यक्ष ने सभी दवा व्यापारियों से अनुरोध किया है की वह शासन की गाइड लाइन का पूर्ण रूप से पालन करें कोरोना महामारी से निपटने में यह हम सभी के लिए आवश्यक है l


मंगलवार, 28 अप्रैल 2020

साइलेंट वार: कोरोना सहारनपुर में 145 मरीजों में काेई लक्षण ही नहीं।

 


टीआर ब्यूरो।



सहारनपुर। कोरोना वायरस के खतरे के बीच यह खबर आपको हैरान कर देगी। सहारनपुर में 145 ऐसे मरीज हैं जिनमें कोरोना जैसे काेई भी लक्षण नहीं। यानी साफ है कि अगर आपकाे खांसी-जुकाम-बुखार नहीं और सांस लेने में भी काेई परेशानी नहीं हाे रही, ताे यह इस बात का प्रमाण नहीं है कि आप कोरोना से बचे हुए हैं।इससे साफ है कि अब लॉक डाउन का पालन करना ही कोरोना से बचने का एक मात्र तरीका है। सहारनपुर मुख्य चिकित्साधिकारी बीएस साेढी से जब इस बाबत बात की गई ताे उन्होंने भी स्वीकारा है कि कुल मरीजों में महज 21 ही ऐसे मरीज हैं जिनमें कोरोना जैसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं, जबकि 145 मरीजों में ऐसे काेई लक्षण नहीं हैं।सहारनपुर में अब तक 166 कोरोना मरीज सामने आ चुके हैं। इनमें से 4 मरीजों काे मेडिकल कॉलेज में बनाए गए लेवल-1 के काेविड अस्पताल (Covid Hospital ) में रखा गाय है। इन सभी में कोरोना के लक्षण साफ दिखााई दे रहे हैं। इनके अलावा 17 मरीजों काे फतेहपुर स्थित काेविड-19 (COVID -19) अस्पताल में रखा गया है। सीएमओ के अनुसार इन 17 में भी लक्षण दिखाई दे रहे हैं। यह अलग बात है कि यहां के स्टाफ के अनुसार इनमें से भी महज एक में ही कोरोना के जैसे लक्षण हैं।इनके अलावा 145 मरीजों काे ग्लाेकल यूनिवर्सिटी में बनाए गए अस्पताल में रखा गया है। इन सभी की रिपाेर्ट पॉजिटिवि हैं लेकिन इनमें कोरोना जैसे काेई लक्षण नहीं दिखाई दे रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्टेज और भी खतरनाक हैं जब कोरोना पॉजिटिव राेगियाें के अंदर काेई लक्षण ही सामने नहीं आ रहे हैं। ऐसे में साफ है कि अब घरों में रहकर लॉक डाउन का पालन करना ही कोरोना से बचने का एक मात्र तरीका बचा है।


सोमवार, 27 अप्रैल 2020

जिलाधिकारी से लेकर कई लोगों  ने स्वीकार किया एसएसपी का पुश अप चेलेंज 

टीआर ब्यूरो
मुज़फ्फरनगर। जिले के पुलिस मुखिया अभिषेक यादव ने शनिवार रात्रि में पुश अप चेलेंज का एक वीडियो अपने ट्विटर एकाउंट पर शेयर किया था। जिसको लेकर जिलें में एक प्रतिस्पर्धा की कड़ी जुड़ गई।
जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे का पुश उप करते एक वीडियो होने के बाद लोगो ने इसमें रुचि लेना शुरू कर दिया है।रविवार को रालोद के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक चौधरी, न्यूज़ इंडिया 18 के जिला प्रभारी विनेश पंवार , ग्रामीण फ़िल्म एक्टर विकास बालियान की वीडियो सोशल मीडिया पर छाई रही । उसी क्रम में आज दैनिक जागरण के जिला प्रभारी मनीष शर्मा ,हिंदुस्तान क्राइम रिपोर्टर अमितपाल सहित कई व्यक्तियों की वीडियो वायरल हुई है। 
इस कड़ी में बच्चो ने भी अपनी  भूमिका दर्ज कराई।


शनिवार, 25 अप्रैल 2020

फिट रहें, पुश अप्स चैलेंज की वीडियो भेजें


टीआर ब्यूरो।


मुजफ्फरनगर । कोरोना की जंग में मुजफ्फरनगर पुलिस ने जनपदवासियों के लिए पुश अप प्रतियोगिता का आयोजन किया है। एसएसपी ने कहा कि लोग अपने घरों में रहकर कसरत पुश अप करते हुए वीडियो 9690112112 भेजे। एसएसपी ने जनपदवासियों को फिट रहने के लिए मुहिम चलायी है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय अन्य प्रतियोगिता आयोजित की जाएगी। एसएसपी अभिषेक यादव ने कोरोना वायरस महामारी के समय लोगों को घरों में ही रहकर फिट रहने की अपील की है। एसएसपी ने कहा है कि अपने व अपने परिवार की सुरक्षा के लिए इस जंग को घरों में रहकर जीतना होगा। जरुरी काम होने पर लोग अपने घरों से बाहर निकले, अन्यथा घरों में रहकर समय व्यतीत करे। एसएसपी ने जनपदवासियों को फिट रहने के लिए एक मुहिम छेडी है। उन्होंने कहा है कि मुजफ्फरनगर पुलिस आपकों चुनौती है कि आप अपनी फिटनेस दिखाए। अपने को फिट रखते हुए अपनी पुश अप्स करते हुए वीडियो 9690112112 नम्बर पर भेजे। एसएसपी ने अपील की है कि लॉकडाउन के दौरान घर में रहे और एक साथ सभी फिट रहे।


शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

इस बार लाॅक डाउन मेें रोजेदार रखें ऐहतियात


मुजफ्फरनगर। कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए देश के हर व्यक्ति ने खुद को घर में सीमित कर लिया है। इस दौरान रमजान के पवित्र माह की भी शुरुआत होने वाली है। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान रोजेदारों को सेहत और सामाजिक दूरी के प्रति सतर्कता बरतनी होगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वास्थ्य संबंधी विशेष निर्देश जारी किए हैं। आइए जानते हैं कि आप शरीर की इम्युनिटी किस तरह बढ़ाएं।
हाई कार्ब फूडः ब्रेड, चावल, आलू आदि में कार्बोहाइड्रेड की मात्रा अधिक होती है, जिससे ये काफी देर में पचते हैं। इससे शरीर ज्यादा ऊर्जावान होता है। भोजन में मिर्च ज्यादा न डालें वरना अपच व जलन हो सकती है। डायटरी फूडः प्रचुर मात्रा में प्रोटीन लेने के लिए सहरी में दूध, अंडा, दही, पनीर आदि डेयरी उत्पाद के अलावा दालें व मांस जैसे चिकन, मटन, मछली आदि शामिल करें। यह शरीर की प्रतिरक्षा को मजबूत करने में मदद करेगा। विशेषज्ञ बताते हैं कि आहार में 60-80 ग्राम प्रोटीन शामिल होना चाहिए।
फाइबर फूडःसहरी के मेन्यू में ज्यादा फाइबर रखें। सेब, केला, खुबानी जैसे फलों में ज्यादा फाइबर होता है। साथ ही साबुत अनाज जैसे जौ, छोला, जई जरूर खाएं, इससे पेट भरा रहेगा। यह कब्ज रोकने में भी मदद करता है। इसके अलावा स्मूदीज भी अच्घ्छा विकल्घ्प बन सकता हैं। 
हाइड्रेटेड ड्रिंकः सहरी व इफ्तारी में चाय, काफी आदि पीने से बचें क्योंकि कैफीन से शरीर में पानी घटता है और प्यास लगने लगती है। शरीर में तरावट लाने वाले पेय जैसे रुह अफजा जैसे शरबत आदि पियें। विशेषज्ञ बताते हैं कि जरुरत से ज्यादा पानी भी नुकसान पहुंचा सकता है।
इन बातों का रखें ध्यान  
- रोजा रखा है तो दिनभर में ज्यादा मेहनत वाले काम करने से बचे, ताकि शरीर में पसीना न आए और पानी की कमी न हो जाए।
- गर्भवती और बच्चों को स्तनपान कराने वाली महिलाएं सहरी- इफ्तार में दुध व दही जैसे पदार्थों का सेवन करें ताकि शरीर में कैल्शियम की मात्रा पहुंचे।
- सहरी में ज्यादा नमक वाले भोजन से परहेज करें ताकि दिन में ज्यादा प्यास न लगे।
रमजान को लेकर डब्लूएचओ ने जारी किए दिशा निर्देश
डब्लूएचओ के अनुसार, रमजान में बड़े समूह में इबादत करने की जगह आभासी मंचों व तकनीकी माध्यमों का इस्तेमाल करें।
उन्होंने सरकारों को सलाह दी है कि इसके लिए धार्मिक नेताओं के साथ मिलकर पहले से योजना बना ली जाए।
साथ ही लोग गले लगने की जगह सीने में हाथ रखकर, दूर से झुककर दुआ करने के तरीकों को अपनाएं।
साथ ही डायबिटीज और दिल के मरीज भीड़ में जाने से बचें। सिगरेट छोड़े की सलाह दी गई है।
रमजान हेल्पलाइन के पैनल में डॉक्टर भी होंगे शामिल
हर साल रमजान माह में मुसलमानों के रोजे और नमाज से संबंधित विभिन्न आशंकाएं दूर करने के लिए शुरू की जाने वाली मशहूर रमजान हेल्पलाइन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़ी हुई जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए अपने पैनल में चिकित्सकों को भी शामिल करेगी।  इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया  द्वारा संचालित की जाने वाली इस हेल्पलाइन में आमतौर पर रोजे की विभिन्न स्थितियों और नमाज से जुड़े मसलों पर लोगों के सवालों के जवाब दिए जाते हैं। यह हेल्पलाइन शरीयत के आधार पर धार्मिक परामर्श भी जारी करती है।


गुरुवार, 23 अप्रैल 2020

ड्रग एसोसियेशन के जिलाध्यक्ष सुभाष चौहान ने की अपील।


टीआर ब्यूरो।


मुज़फ्फरनगर। मेरे सभी दवा व्यापारियों जैसा कि आज के समय में इसको रोना महामारी से निबटने के लिए देश के प्रधानमंत्री और प्रदेश के मुख्यमंत्री एवं सभी जिलों के प्रशासनिक अधिकारी जी जान से लगे हुए हैं कि जल्द से जल्द इस देश को कोरोना महामारी से मुक्त किया जायेl इसके लिए प्रशासनिक स्तर पर कुछ गाइडलाइंस व्यापारियों के लिए एवं सभी आम जनमानस के लिए जारी की गई हैंl
हम सबको इन गाड़ी लाइनों का पालन करना चाहिए जिससे कि सभी लोगों की सहभागिता इस महामारी से निपटने में हो सकेl
हम सभी दवा व्यापारियों को यह समझना चाहिए कि यह समय फोटो खिंचवाने का नहीं है हमें नहीं पता की हमारी दुकान पर जिला परिषद बाजार में कौन व्यक्ति कोरोना के रूप में घूम रहा हैl एक छोटी सी गलती बहुत भारी पड़ सकती है सभी परl
जैसा कि लखनऊ में हो चुका है वहां पर एक दवा व्यापारी कोरोना से ग्रसित मिला lअब यह नहीं पता कि वह व्यापारी कोरोना से किस प्रकार ग्रसित हुआ वह मार्केट में आए किसी आदमी की वजह से हुआ या बाहर कहीं हुआ लेकिन उस व्यापारी के कोरोना ग्रसित होने की वजह से वहां का दवा व्यापार कुछ दिन के लिए बंद किया गयाl इसलिए मेरा सभी व्यापारियों से आग्रह है कि वह सीरियस हो और समझदारी से काम लेl
साथ ही मैं अपने सभी दवा व्यापारियों से आग्रह करूंगा की जैसा कि औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर  के द्वारा जो गाइडलाइन दवा व्यापारियों को दी गई है उसका सभी दवा व्यापारी पूर्ण रूप से पालन करें।


शुक्रवार, 17 अप्रैल 2020

08 अल्ट्रासाउंड सैन्टर पर अपरान्ह 12 बजे से 03 बजे तक करा सकेगें एमरजैंसी मरीज अपना अल्ट्रासाउंड: नगर मजिस्टट्रे

 


टीआर ब्यूरो।



मुजफ्फरनगर । नगर मजिस्ट्रेट अतुल कुमार ने बताया कि कोरोना/लोकडाउन के दृष्टिगत जनपदवासियेां के हितों का ध्यान रखते हुए जनपद में अल्ट्रासाउंड सैन्टर खोलने व आपात मरीजों के अल्ट्रासांउड करने के लिए जनपद के 08 चिकित्सकोें/रेडियोलोजिस्ट के द्वारा सहमति प्रदान कर दी गई है।
नगर मजिस्ट्रेट अतुल कुमार ने बताया कि अपरान्ह 12 बजे से 03 बजे तक एमरजैंसी मरीज अपना अल्ट्रासाउंड जनपद में डा0 सुभाष बालियान, सदर बाजार, डा0 रेनू गोयल, सदर बाजार, डा0 दीपशिखा जैन सदर बाजार, डा0 उबैदउर रहमान सदर बाजार, डा0 प्रदीप शर्मा अंसारी रोड, डा0 सुभाष जैन महावीर चैक, डा0 प्रीति गर्ग नई मण्डी तथा डा0 विनय गर्ग सदर बाजार में अपना अल्ट्रासाउंड करा सकते है। उन्होने कहा कि यह ध्यान रखा जाये कि अल्ट्रांसाउड के लिए आनेे वाले मरीजों व उनके साथ आने वाले परिजनो के साथ सोशल डिस्टंेसिंग का पालन किया जाये। सैन्टर पर अनावश्यक भीड इक्कठी न होने पाये।


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