रविवार, 18 जून 2023

जगबीर सिंह हत्याकांड : पुलिस के जांच अधिकारी को तलब करने की मांग कोर्ट ने स्वीकार की


मुज़फ़्फ़रनगर । ग्राम अलावलपुर माजरा निवासी चौधरी जगबीर सिंह हत्या कांड से जुड़े एक मामले में जांच अधिकारी को तलब करने की मांग कोर्ट ने मान ली है। इसमें नरेश टिकैत अभियुक्त है ,यह मुक़दमा अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नम्बर 5 मुज़फ़्फ़रनगर में विचाराधीन है। उक्त सत्र प्रशिक्षण में राष्ट्रीय लोकदल नेता वादी योगराज सिहं पूर्व मन्त्री व शासकीय अधिवक्ता अमित कुमार त्यागी द्वारा माननीय न्यायालय में एक प्रार्थना पत्र इस आशय का दिया गया था कि  वर्ष 2002 में राष्ट्रीय किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी जगबीर सिंह सिसौली में पंचायत करने जा रहे थे तब अभियुक्त ने वह पंचायत नहीं होने दी थी व400_500 लोगों को लेकर पंचायत में आये लोगो व पुलिस कर्मियों सहित तत्कालीन थानाध्यक्ष एस एस चौधरी के साथ मारपीटा की थी जिसका मुक़दमा तत्कालीन थानाध्यक्ष ने थाना भौराकला में अभियुक्त नरेश टिकैत व 400_500लोगों पर थानाध्यक्ष व पुलिस के साथ मारपीट का मुक़दमा दर्ज किया था जिनकी गवाही आवश्यक है व स्व चौधरी जगबीर सिंह ने अपनी पर्शनल डायरी में लिखा था *क्योंकि महेंद्र सिंह टिकैत व उसके पुत्रों ने किसी बदमाश को 25लाख में मुझे मारने का ठेका दे रखा है अगर वह अपने मक़सद में कामयाब हो जाते हैं*……………. उक्त डायरी वादी योगराज सिंह पूर्व मंत्री ने जाँच अधिकारी गुलाब चंद्र आर्य को देकर फर्द प्राप्त कर ली थी जिसे साबित करने के लिए गुलाब चन्द्र आर्य को अदालत में बुलाने की लिए धारा 311 दायर की थी जिसे विचारण अधिकारी श्री अशोक कुमार ने ख़ारिज कर दिया था । जिसे सरकार की ओर से शासकीय अधिवक्ता श्री मनुराज सिंह ने सरकार बनाम नरेश टिकैत A482 No 20182 माननीय हाईकोर्ट इलाहाबाद दाखिल की जिसमें व सीनियर एडवोकेट अनुप त्रिवेदी व विवेक महेश्वरी ने वाद No 16725 में हाईकोर्ट में दायर की जिस पर 26 मई कोMP MLA कोर्ट में माननीय न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा जी ने दोनों पक्षो को सुनकर वादी योगराज सिंह की बातो को सही मानते हुए दायर 311 को दिनांक 14 जून को आदेश पारित किया है कि उक्त वाद में जो भी गवाही नही हो पायी है या छूट गयी है वह होनी चाहिए सुनवाई हुई  न्यायाधीश विचारण न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिया गया था, सत्र न्यायालय द्वारा पारित आदेश के विरूद्ध वादी योगराज सिह द्वारा याचिका अंतर्गत धारा 482 सी आर पी सी नम्बर 16725/2023 (योगराज सिंह बनाम उत्तर प्रदेश सरकार व अन्य) दायर कि गई थी ,जिसमें नरेश टिकैत को विपक्षी संख्या 2 बनाया गया था ।उपरोक्त याचिका में माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद में वादी कि और से शासकीय अधिवक्ता मनुराज सिंह विद्वान अधिवक्ता अनुप त्रिवेदी वविवेक कुमार महेश्वरी द्वारा बहस की गई तथा विपक्षी नरेश टिकैत कि और से  अधिवक्ता मनीष तिवारी व निपुण सिंह द्वारा बहस कि गई ।दोनों पक्षों कि बहस सुनने के बाद माननीय उच्च न्यायालय इलाहाबाद के न्यायमूर्ति राजीव मिश्रा जी द्वारा वादी योगराज सिहं कि याचिका स्वीकार करते  में वादी के अधिवक्ता द्वारा पेश किए गए तर्क को सही मानते हुए वादी योगराज सिंह कि याचिका स्वीकार करते हुए विचारण न्यायालय को आदेश पारित किए । उक्त आदेश से वादी योगराज सिंह को राहत मिली है ।

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

लाइनमैन पर हमला करने वाले आरोपी जेल भेजे

मुजफ्फरनगर। लाइनमैन पर हमला करने वाले आरोपी  जेल भेज दिये गए हैं।  थाना न‌‌ई मंडी क्षेत्र के जानसठ रोड बिजली घर पर तैनात संविदाकर्मी लाइनमैन...