गुरुवार, 14 अक्तूबर 2021

ये घरेलू नुस्खे जानते हैं तो नहीं दौडना पडेगा डॉक्टर के पास


 नींबू एवं लहसुन के आयुर्वेदिक नुस्खे

1-शुद्ध नींबू की शिकंजी पीने से मोटापा दूर होता है।

2-नींबू के सेवन से सूखा रोग दूर होता है।

3-नींबू का रस एवं शहद एक-एक तोला लेने से दमा में आराम मिलता है।

4-नींबू का छिलका पीसकर उसका लेप माथे पर लगाने से माइग्रेन ठीक होता है।

5- नींबू में पिसी काली मिर्च छिड़क कर जरा सा गर्म करके चूसने से मलेरिया ज्वर में आराम मिलता है।

6-नींबू के रस में नमक मिलाकर नहाने से त्वचा का रंग निखरता है और सौंदर्य बढ़ता है।

7- नौसादर को नींबू के रस में पीसकर लगाने से दाद ठीक होता है।

8- नींबू के बीज को पीसकर लगाने से गंजापन दूर होता है।

9-बहरापन हो तो नींबू के रस में दालचीनी का तेल मिलाकर डालें।

10-आधा कप गाजर के रस में नींबू निचोड़कर पिएं, रक्त की कमी दूर होगी।

11- दो चम्मच बादाम के तेल में नींबू की दो बूंद मिलाएं और रूई की सहायता से दिन में कई बार घाव पर लगाएं, घाव बहुत जल्द ठीक हो जाएगा।

12- प्रतिदिन नाश्ते से पहले एक चम्मच नींबू का रस और एक चम्मच ज़ैतून का तेल पीने से पत्थरी से छुटकारा मिलता है।13- किसी जानवर के काटे या डसे हुए भाग पर रूई से नींबू का रस लगांए, लाभ होगा।

14- एक गिलास गर्म पानी में नींबू डाल कर पीने से पांचन क्रिया ठीक रहती है।

15- चक्तचाप, खांसी, क़ब्ज़ और पीड़ा में भी नींबू चमत्कारिक प्रभाव दिखाता है।

16- विशेषज्ञों का कहना है कि नींबू का रस विटामिन सी, विटामिन, बी, कैल्शियम, फ़ास्फ़ोरस, मैग्नीशियम, प्रोटीन और कार्बोहाईड्रेट से समृद्ध होता है।

17- विशेषज्ञों का कहना है कि यदि मसूढ़ों से ख़ून रिसता हो तो प्रभावित जगह पर नींबू का रस लगाने से मसूढ़े स्वस्थ हो जाते हैं।

18- नींबू का रस पानी में मिलाकर ग़रारा करने से गला खुल जाता है।

19- नींबू के रस को पानी में मिलाकर पीने से त्वचा रोगों से भी बचाव होता है अतः त्वचा चमकती रहती है, कील मुंहासे भी इससे दूर होते हैं और झुर्रियों की भी रोकथाम करता है।

20- नींबू का रस रक्तचाप को संतुलित रखता है।

21-अगर बॉडी में विटामिन सी की मात्रा कम हो जाए, तो एनिमिया, जोड़ों का दर्द, दांतों की बीमारी, पायरिया, खांसी और दमा जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। नीबू में विटामिन सी की क्वॉन्टिटी बहुत ज्यादा होती है। इसलिए इन बीमारियों से दूरी बनाने में यह आपकी मदद करता है।

22- पेट खराब, पेट फूलना, कब्ज, दस्त होने पर नीबू के रस में थोड़ी सी अजवायन, जीरा, हींग, काली मिर्च और नमक मिलाकर पीने से आपको काफी राहत मिलेगी।

*रोजाना खाली पेट थोड़ा सा कच्चा लहसुन खाने के लाभ ....* 

लहसुन सिर्फ खाने का स्वाद ही नहीं बढ़ाता, बल्कि इसे खाने के अनेक लाभ भी हैं। आप सोच भी नहीं सकते कि लहसुन की एक कली कितने रोगों को खत्म कर सकती है। यह कई बीमारियों की रोकथाम और उपचार में प्रभावी है। कुछ भी खाने या पीने से पहले लहसुन खाने से ताकत बढ़ती है। यह एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक एंटीबायोटिक की तरह काम करता है। आयुर्वेद में लहसुन को जवान बनाए रखने वाली औषधि माना गया है। साथ ही, यह जोड़ों के दर्द की भी अचूक दवा है।

 *लहसुन खाने से होने वाले ऐसे ही कुछ लाभ* 

1. हाई बीपी से बचाए

कई लोगों का मानना है कि लहसुन खाने से हाइपरटेंशन के लक्षणों से आराम मिलता है। यह न केवल ब्लड सर्कुलेशन को नियमित करता है, बल्कि दिल से संबंधित समस्याओं को भी दूर करता है। साथ ही, लीवर और मूत्राशय को भी सुचारू रूप से काम करने में सहायक होता है।


2. डायरिया दूर करे

पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे डायरिया आदि के उपचार में भी लहसुन रामबाण का काम करता है। कुछ लोग तो यह दावा भी करते हैं कि लहसुन तंत्रिकाओं से संबंधित बीमारियों को दूर करने में बहुत लाभकारी होता है, लेकिन केवल तभी जब इसे खाली पेट खाया जाए।


3. भूख बढाए

यह डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक करता है और भूख भी बढ़ाता है। जब भी आपको घबराहट होती है तो पेट में एसिड बनता है। लहसुन इस एसिड को बनने से रोकता है। यह तनाव को कम करने में भी सहायक होता है।


4. वैकल्पिक उपचार

जब डिटॉक्सिफिकेशन की बात आती है तो वैकल्पिक उपचार के रूप में लहसुन बहुत प्रभावी होता है। लहसुन शरीर को सूक्ष्मजीवों और कीड़ों से बचाता है। अनेक तरह की बीमारियों जैसे डाइबिटीज़, ट्युफ्स, डिप्रेशन और कुछ प्रकार के कैंसर की रोकथाम में भी यह सहायक होता है।


5. श्वसन तंत्र को मजबूत बनाएं

लहसुन श्वसन तंत्र के लिए बहुत लाभदायक होता है। यह अस्थमा, निमोनिया, ज़ुकाम, ब्रोंकाइटिस, पुरानी सर्दी, फेफड़ों में जमाव और कफ आदि की रोकथाम व उपचार में बहुत प्रभावशाली होता है।

6. ट्यूबरकुलोसिस में लाभकारी

ट्यूबरकुलोसिस (तपेदिक) में लहसुन पर आधारित इस उपचार को अपनाएं। एक दिन में लहसुन की एक पूरी गांठ खाएं। टी.बी में यह उपाय बहुत असरदार साबित होता है।

रोग एक उपचार अनेक यह तो सिर्फ आयुर्वेद के घरेलू परम्परागत दादी नानी के चिकित्सा पैथी में ही सम्भव है वो भी दुष्प्रभाव  रहित

*उल्टी | vomiting*

खाने-पीने में गड़बड़ी, पेट में कीड़े होना, खांसी, जहरीले पदार्थों का सेवन करना तथा शराब पीना आदि कारणों से उल्टी आती है। यह कोई बड़ा रोग नहीं है बल्कि पेट की खराबी का ही एक कारण है। जब कभी कोई अनावश्यक पदार्थ पेट में अधिक एकत्रित हो जाता है तो उस अनावश्यक पदार्थ को निकालने के लिए पेट प्रतिक्रिया करती है जिससे पेट में एकत्रित चीजे उल्टी के द्वारा बाहर निकल जाता है। कभी-कभी अधिक उल्टी होने से रोगी के शरीर में पानी की कमी होने के साथ अधिक कमजोरी आ जाती है।


*विभिन्न प्राकृतिक औषधियों से उपचार :*


*1 पोदीन हरा :*


 *6 मिलीलीटर पोदीने का रस और लगभग एक चौथाई ग्राम सेंधानमक पीसकर ताजे पानी के साथ थोड़े-थोड़े पिलाने से उल्टी बंद हो जाती है।*


*अगर पेट के खराब होने की वजह से छाती पर भारीपन महसूस हो और बेचैनी के कारण उल्टी हो रही हो तो 1 चम्मच पुदीने के रस को पानी के साथ रोगी को पिलाएं।*


*पोदीने का रस और नींबू का रस बराबर मात्रा में मिलाकर 1 चम्मच की मात्रा में 3-4 बार रोगी को पिलाने से उल्टी का बार-बार आना बंद होता है।*


*आधा कप पोदीना का रस 2-2 घण्टे के अंतर पर पिलाने से उल्टी, दस्त और हैजा ठीक होता है।*


*10-10 मिलीलीटर पोदीना, प्याज और नींबू का रस मिलाकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोगी को पिलाने से हैजे के रोग में उल्टी में बहुत लाभ होता हैं। वमन (उल्टी) भी जल्दी बंद हो जाती है*


*पोदीना, छोटी पीपल और छोटी इलायची 2-2 ग्राम की मात्रा में पीसकर खाने से उल्टी बंद हो जाती है।*


*4 पोदीने के पत्ते और 2 आम के पत्ते को एक कप पानी में डालकर उबालें और जब पानी आधा कप बाकी रह जाए तो उस पानी में मिश्री डालकर काढ़े की तरह पीने से उल्टी के रोग में लाभकारी होता है।*


*2 कपूर :*


*कपूर के रस की 3-4 बूंदे पानी में मिलाकर रोगी को पिलाने से उल्टी बंद हो जाती है।*


*कपूर, नौसादर और अफीम बराबर की मात्रा में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बनाकर शहद के साथ 1-1 गोली दिन में 3 से 4 बार पानी के साथ रोगी को खिलाने से उल्टी रोग में आराम मिलता है।*


*उल्टी के रोग से पीड़ित रोगी को चीनी में थोड़ा सा कपूर मिलाकर खिलाना चाहिए। यह उल्टी का बार-बार आना बंद करता है।*


*कपूर कचरी को पानी के साथ पीसकर मूंग के बराबर की छोटी-छोटी गोलियां बनाकर 2 से 3 गोली खाने से उल्टी बंद हो जाती है।*


*3 तुलसी :*


*10 मिलीलीटर तुलसी के पत्तों के रस में एक ग्राम छोटी इलायची को पीस लें। इसे 10 ग्राम चीनी के साथ खाने से पित्त की गर्मी के कारण होने वाली उल्टी में आराम मिलता है।*


*तुलसी के पत्तों का रस और शहद बराबर मात्रा में मिलाकर रोगी को पिलाने से उल्टी बंद होती है।*


*तुलसी के पत्ते का रस पीने से उल्टी बंद होती है। इससे पेट के कीड़े भी मर जाते हैं। शहद और तुलसी का रस मिलाकर चाटने से जी-मिचलाना और उल्टी ठीक होती है।*


*तुलसी का रस, पोदीना और सौंफ का रस मिलाकर पीने से उल्टी बंद हो जाती है।*


*तुलसी के रस या ताजे प्याज के रस में शहद मिलाकर पीने से उल्टी का बार-बार आना बंद होता है।*


*4 लौंग :*


 *5 दाने लौंग, लगभग 25 ग्राम खील, 5 छोटी इलायची और 25 ग्राम मिश्री को आधे लीटर पानी के साथ बनाए और जब यह 10-12 बार उबल जाए जो इसे उतारकर थोड़ी-थोड़ी मात्रा में रोगी को पिलाएं। इससे उल्टी बंद हो जाती है।*


*लौंग और दालचीनी का काढ़ा बनाकर पीने से उल्टी होना बंद हो जाती है।*


*अगर जी मिचलाता हो तो लौंग को मुंह में रखकर चूसते रहने से मिचली दूर होती है।*


*4 लौंग पीसकर 1 कप पानी में डालकर उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो इसे छानकर इसमें चीनी मिलाकर उल्टी से पीड़ित रोगी को पिलाएं और करवट लेकर सो जाएं। यह दिन में 4 बार पानी से उल्टियां बंद हो जाती है।*


*अगर उल्टी बंद न हो रही हो तो 2 लौंग और थोड़ी-सी दालचीनी लेकर एक कप पानी में डालकर उबाल लें और जब पानी आधा कप बाकी रह जाए तो छानकर रोगी को पिलाएं। इससे उल्टी का बार-बार आना बंद हो जाता है।*


*यदि गर्भावस्था में उल्टी आती हो तो 2 लौंग को पीसकर शहद के साथ देने से उल्टी व जी मिचलाना बंद होता है।*


*2 लौंग को आग पर गर्म करके जब भी उल्टी या जी मिचलाने के लक्षण दिखाई दे तब चूसें। इससे उल्टी व मिचली दूर होती है।*


*5 अमृतधारा :*


अमृतधारा 2 बूंद बताशे में डालकर पानी के साथ खिलाने से उल्टी रोग ठीक होता है। अधिक उल्टी के लक्षणों में कई बार अमृतधारा का सेवन कराना चाहिए।*


*6 गन्ना :*


*अगर गर्मी के कारण उल्टी हो रही हो तो एक गिलास गन्ने के रस में 2 चम्मच शहद मिलाकर थोड़ी-थोड़ी देर पर रोगी को पिलाएं। इससे रोगी को आराम मिलता है।*


*गन्ने के रस को ठंडा करके पीने से उल्टी बंद हो जाती है।*


*गर्मी के कारण उल्टी होने पर 1 गिलास गन्ने के रस में 2 चम्मच शहद मिलाकर पीने से जल्दी आराम आ जाता है।*


*पित्त की वजह से उल्टी हो तो गन्ने के रस में शहद मिलाकर पिलने से उल्टी बंद हो जाती है।*


*7 धनिया :*


*उल्टी होने पर सुखा या हरा धनिया कूटकर पानी में डालकर फिर निचोड़कर 5 चम्मच रस निकाल लें। यह रस बार-बार रोगी को पिलाने से उल्टी आनी बंद हो जाती है। इस प्रयोग से गर्भवती की उल्टी भी बंद होती है।*


*3 ग्राम धनिया और 3 ग्राम सौंफ को पीसकर 250 मिलीलीटर पानी में मिलाकर चीनी डालकर दिन में 2-3 बार रोगी को पिलाएं। इससे उल्टी आनी बंद हो जाती है।*


*आधा चम्मच हरे धनिये का रस, चुटकी भर सेंधानमक और 1 चम्मच कागजी नींबू का रस को मिलाकर पिलाने से लाभ होता है।*


*धनिया को पानी में उबालकर इसमें मिश्री मिलाकर पीने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।*


*हरा धनिया, पोदीने और सेंधानमक मिलाकर चटनी बनाकर नींबू का रस मिलाकर खाने से उल्टी नहीं आती है।*


*8 अदरक :*


*एक चम्मच अदरक का रस, एक चम्मच प्याज का रस और एक चम्मच पानी को मिलाकर पीने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।*


*5 ग्राम अदरक के रस में थोड़ा सा सेंधानमक और कालीमिर्च का चूर्ण मिलाकर पीने से उल्टी बंद हो जाती है।*


*अदरक, प्याज, लहसुन और नींबू का रस 20-20 ग्राम मिलाकर इनके 2 चम्मच रस को 125 मिलीलीटर पानी में मिलाकर इसके अंदर 1 ग्राम मीठा सोडा डालकर पीने से उल्टी में लाभ मिलता है।*


*अदरक और प्याज का रस 1-1 चम्मच की मात्रा में मिलाकर पीने से उल्टी में आराम मिलता है।*


*अदरक के 10 मिलीलीटर रस और 10 मिलीलीटर प्याज का रस मिलाकर पीने से उल्टी बंद होती है।*


*अदरक का रस, तुलसी का रस, शहद और मोरपंख के चान्द वाला भाग की राख को एक साथ मिलाकर खाने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।*


*9 आलूबुखारा : आलूबुखारे को पीसकर नींबू के रस में मिलाकर और इसमें कालीमिर्च, जीरा, सोंठ, कालानमक, सेंधानमक, धनिया व अजवायन बराबर मात्रा में मिलाकर चटनी की तरह बनाकर खाने से उल्टी आनी बंद हो जाती है।*


*10 संतरा :*


*अगर ऐसा लगने लगे कि उल्टी आने वाली है तो संतरा खाएं या इसका रस पीएं। इससे उल्टी व जी मिचलाना ठीक होता है।*


 *2 ग्राम संतरे के सूखे छिलके का चूर्ण शहद में मिलाकर चाटने से उल्टी आनी तुरंत बंद हो जाती है।*


*संतरे के सूखे छिलके को पीसकर इसमें 2 गुना चीनी मिलाकर खाने से उल्टी बंद हो जाती है।*


*11 नींबू :*


*उल्टी से पीड़ित रोगी को 250 मिलीलीटर शर्बत में एक नींबू निचोड़कर 2-3 बार पीने से उल्टी बंद हो जाती है।*


*नींबू के सूखे छिलके को जलाकर या पीसकर लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग की मात्रा में शहद मिलाकर चाटने से उल्टी बंद हो जाती है।*


*भोजन के बाद होने वाले वमन को रोकने के लिए ताजे नींबू का रस लगभग 1 ग्राम का चौथा की मात्रा में पीने से उल्टी में आराम मिलता है।*


*नींबू को काटकर इसमें चीनी और कालीमिर्च भरकर चूसने से उल्टी और जी मिचलाना बंद होता है।*


*लगभग 1 ग्राम का चौथा भाग नींबू के रस में चीनी और थोड़ा नमक मिलाकर पीने से उल्टी बंद होती है।*


*गर्भावस्था में ज्यादा उल्टी आने के लक्षणों में सुबह नींबू के रस को पानी में मिलाकर थोड़ी सी मिश्री मिलाकर थोड़ा-थोड़ा पीने से उल्टी होनी बंद हो जाती है।*


*पोदीना और नींबू को एक साथ खाने से उल्टी बंद हो जाती है।*


*अगर बच्चा दूध पीकर वापस निकाल देता हो तो नींबू का रस थोड़ी-थोड़ी पानी में मिलाकर बच्चे को पिलाने से लाभ होता है।*


*नींबू को काटकर इसमें इलायची का चूर्ण भककर चूसने से उल्टी में आराम मिलता है। उल्टी होने पर नींबू को गर्म करके सेवन नहीं करना चाहिए।*


 *नींबू के रस में चीनी, पिप्पली का चूर्ण और खील को मिलाकर खाने से उल्टी बंद होती है।*


*12 नींबू बिजौरा :*


*10-20 ग्राम बिजौरे नींबू की जड़ को 200 मिलीलीटर पानी में उबालें और पानी एक चौथाई बचने पर छानकर उल्टी से पीड़ित रोगी को पिलाएं। इससे उल्टी बंद हो जाती है।*


*बिजौरे नींबू की जड़ और अनार की जड़ को पानी में पीसकर पिलाने से उल्टी और दस्त रोग ठीक होता है।*


*भोजन करने के बाद अगर उल्टी आती हो तो शाम के समय बिजौरे नींबू का ताजा रस 5-10 मिलीलीटर की मात्रा में रोगी को पिलाएं।*


*बिजौरे नींबू की जड़ को पानी में घिसकर शहद के साथ देने से उल्टी में लाभ मिलता है।*


*13 राई :*


*राई को पानी के साथ पीसकर पेट पर लेप करने से उल्टी बंद हो जाती है।*


*काली राई के आटे को पानी मे घोलकर पीने से उल्टी तुरंत बंद हो जाती है। इसके लेप पेट और छाती पर करने से ज्यादा होने वाले उल्टी भी बंद हो जाती है।*


*14 चावल :*


*चावल के पानी में 3 चम्मच बेलगिरी का रस मिलाकर पीने से उल्टी बंद हो जाती है।*


*गर्भावस्था उल्टी होने पर 50 ग्राम चावल को 250 मिलीलीटर पानी में भिगो दें। आधे घंटे के बाद इसमें 5 ग्राम सुखा धनिया डालकर 10 मिनट बाद इसे मिलाकर छान लें। इस सारे पानी को पूरे दिन में 4 बार गर्भवती स्त्री को पिलाने से उल्टी बंद होती है।*


*15 कमल : कमल के बीज का रस बनाकर पीने से उल्टी आने का रोग दूर होता है।*

**आचार्य डॉक्टर आरपी पांडे वैद्य जी अनंत शिखर साकेत पुरी कॉलोनी सद्गुरु औषधालय देवकाली बाईपास अयोध्या*9455831300,9670108000*

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