उन्होंने कहा कि सभी जिलों के प्रत्येक छोटे-बड़े अस्पताल की स्थिति पर नजर रखी जाए। जिसे भी जरूरत होगी, ऑक्सीजन जरूर मुहैया कराई जाए। ऑक्सीजन के सुचारु आपूर्ति-वितरण के लिए प्रदेश के सात संस्थाओं द्वारा ऑक्सीजन की ऑडिट भी कराई जा रही है। सीएम ने कहा कि ऑक्सीजन टैंकरों की संख्या बढ़ाये जाने के सम्बंध में विशेष प्रयास की जरूरत है। इसमें भारत सरकार से भी सहयोग प्राप्त किया जा सकता है। ऑक्सीजन टैंकर को जीपीएस से जोड़ते हुए इनके संचालन की ऑनलाइन मॉनिटरिंग की जाए।
उन्होंने कहा कि कोई भी सरकारी अथवा निजी अस्पताल बेड उपलब्ध होने पर कोविड पॉजिटिव मरीज को भर्ती के लिए मना नहीं कर सकता है। यदि सरकारी अस्पताल में बेड उपलब्ध नहीं है, तो संबंधित अस्पताल उसे निजी चिकित्सालय में रेफर करेगा। निजी हॉस्पिटल में मरीज भुगतान के आधार पर उपचार कराने में यदि सक्षम नहीं होगा, तो ऐसी दशा में राज्य सरकार आयुष्मान भारत योजना के तहत अनुमन्य दर पर वहां उसके इलाज का भुगतान करेगी। योगी ने कहा कि हर दिन की परिस्थितियों पर दृष्टि रखते हुए शासन द्वारा हर दिन नीतिगत प्रयास किए जा रहे हैं। सभी मंडलायुक्त व जिलाधिकारी शासन के सतत संपर्क में रहें। व्यापक जनहित में कोई निर्णय लेने से पूर्व शासन को अवगत जरूर कराएं। आमजन को सुविधा देने के संबंध में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास करें।
उन्होंने कहा कि रेमेडेसिविर जैसी किसी भी जीवनरक्षक दवा का प्रदेश में अभाव नहीं है। हर दिन इसकी आपूर्ति बढ़ रही है। जिलों की मांग को देखते हुए रेमेडेसिविर के पर्याप्त वॉयल उपलब्ध कराए जाएं। सरकारी अस्पतालों में यह इंजेक्शन निःशुल्क उपलब्ध है, जरूरत होगी तो निजी अस्पतालों को भी तय दरों पर रेमेडेसिविर मुहैया कराई जाए। इसके साथ-साथ इसकी कालाबाजारी पर पुलिस लगातार नजर रखे।
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