शुक्रवार, 11 दिसंबर 2020

डाक्टर ने बीच में सरकारी नौकरी छोडी तो देना होगा एक करोड़ हर्जाना

 लखनऊ । सरकारी अस्पतालों में तैनात एमबीबीएस डॉक्टर ने पीजी में दाखिला लिया तो पीजी पूरी करने के बाद डॉक्टर को कम से कम 10 साल और सरकारी नौकरी करनी होगी। बीच में नौकरी छोड़ी तो एक करोड़ रुपये का हर्जाना देना होगा। 

स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव की तरफ से नौ दिसंबर को आदेश जारी कर दिया गया। सभी अस्पतालों में आदेश पहुंच गया है।

सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों को करीब 15 हजार से ज्यादा पद सृजित हैं। करीब 11 हजार डॉक्टर तैनात हैं। ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में एक साल नौकरी करने वाले एमबीबीएस डॉक्टर को नीट पीजी प्रवेश परीक्षा में 10 अंकों की छूट दी जाती है। दो साल सेवा देने वाले डॉक्टरों को 20 और तीन साल वालों को 30 नम्बर तक की छूट दी जाती है। यह डॉक्टर पीजी के साथ डिप्लोमा पाठ्यक्रमों के दाखिला ले सकते हैं। हर साल सरकारी अस्पतालों में तैनात सैकड़ों एमबीबीएस डॉक्टर पीजी में दाखिला लेते हैं।

आदेश में साफ कहा गया है कि पीजी करने के बाद डॉक्टरों को कम से कम 10 साल तक सरकारी अस्पताल में सेवा देनी होगी। यदि बीच में नौकरी छोड़ना चाहते हैं तो उन्हें एक करोड़ रुपये की धनराशि प्रदेश सरकार को अदा करनी होगी।


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