सोमवार, 1 जून 2020

किसानों को कर्ज पर बड़ा एलान

नई दिल्ली. किसान क्रेडिट कार्ड पर देश के 7 करोड़ किसानोंं को मोदी सरकार ने बड़ी राहत दी है. खेती-किसानी के लोन पर अब 31 अगस्त तक सिर्फ 4 फीसदी ब्याज लगेगा. इस बात की जानकारी केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दी है. वो मंत्रिमंडल के फैसले की जानकारी दे रहे थे. तोमर ने कहा कि कई जगहों पर खरीद अभी चल रही है. लॉकडाउन को भी देखते हुए इसे बढ़ाया गया है.


बता दें कि इसकी तारीख दूसरी बार आगे बढ़ाई गई है. वरना 31 मार्च के बाद जो लोग किसान क्रेडिट कार्ड पर लिया गया लोन वापस करते उन्हें कम से कम 7 फीसदी का ब्याज देना पड़ता. लॉकडाउन को देखते हुए इसे 31 मार्च से बढ़ाकर पहले 31 मई किया गया था. सोमवार को इसे बढ़ाकर पूरे अगस्त तक की मोहलत दे दी गई. कई दिन पहले ही 31 अगस्त तक इसकी तारीख बढ़ने की संभावना जता दी गई थी.


इससे क्या होगा- इसका मतलब साफ है कि किसान केसीसी कार्ड के ब्याज को सिर्फ 4 प्रतिशत प्रति वर्ष के पुराने रेट पर ही भुगतान कर सकते हैं. कोरोना वायरस लॉकडाउन में किसानों को राहत देने के लिए यह निर्णय लिया गया है.


खेती-किसानी के लिए केसीसी पर लिए गए तीन लाख रुपये तक के लोन की ब्याजदर वैसे तो 9 फीसदी है. लेकिन सरकार इसमें 2 परसेंट की सब्सिडी देती है.


इस तरह यह 7 फीसदी पड़ता है. लेकिन समय पर लौटा देने पर 3 फीसदी और छूट मिल जाती है. इस तरह इसकी दर ईमानदार किसानों के लिए मात्र 4 फीसदी रह जाती है.


जिले में मिले 6 नए कोरोंना पॉजिटिव

टीआर ब्यूरों l मुजफ्फरनगर 


 जिले में6 कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया यह कोरोंना पॉजिटिव कवाल स्थित राजकीय इंटर कॉलेज में  क्वॉरेंटाइन जिसके बाद जिले में वर्णों की संख्या 51 हो गई हैl सभी कवाल के निवासी हैं जो तमिलनाडु से आए थे l


मुज़फ्फरनगर में आज 6 और कोरोना पॉजिटिव मिले है जिसके बाद संख्या बढ कर 51 हो गयी है | आज 241 सैम्पलों कि रिपोर्ट आयी है जिसमे 6 रिपोर्ट कोरोना पोजेटिव आई है आज जो पोजेटिव मिले है ये सभी प्रवासी है और तमिलनाडू से आये है | सभी कवाल से है और ककरौली के किसान इंटर कॉलेज में क्वॉर्टन में है | आज थोड़ी राहत भरी एक खबर ये आयी है कि विकास भवन से लिए गए सभी 94 सेम्पल नेगेटिव आये है |कर्मचारियों के हंगामे के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम जांच करने के लिए विकास भवन पहुंची। टीम ने तीन अधिकारियों समेत 97 कर्मचारियों के सैम्पल लिए और जांच के लिए भेज दिए थे। सोमवार को सभी कर्मचारियों की रिपोर्ट निगेटिव आयी है। विकास भवन में शेष रह गए कर्मचारियों की जांच करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम सोमवार को भी विकास भवन पहुंची। टीम ने करीब 48 कर्मचारियों के सैम्पल लिए है। इससे पहले विकास भवन को सेनिटाइज कर यहां पर विभागीय कार्यालयों में काम शुरू हो गया था।


शहर के तीन बड़े चिकित्सकों के खिलाफ दर्ज रिपोर्ट वापस होगी

मुजफ्फरनगरl शहर के तीन प्रमुख चिकित्सकों के खिलाफ दर्ज मामला वापस लेने की तैयारी चल रही है l राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल के प्रयास के बाद आज चिकित्सकों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मिला इसके बाद मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ प्रवीण कुमार अरोड़ा ने बताया कि इस मामले में कोई नस में करवाई नहीं की जा रही है तथा यह मामला जल्दी वापस ले लिया जाएगाl उन्होंने बताया कि मामले को लेकर विभागीय स्तर पर प्रारंभिक जांच कर ली गई है l ज्ञात रहे कि गत दिवस नगर के तीन प्रमुख चिकित्सकों डॉक्टर अनिल गर्ग डॉ हेमंत कुमार तथा डॉक्टर अरुण प्रकाश अरोड़ा के खिलाफ epedemic act के तहत मामला दर्ज किया गया था उन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने कोरोना posetive पाई गई महिला की प्रारंभिक जांच के बाद नियमानुसार आवश्यक सूचना जिला प्रशासन को नहीं दी l इसे लेकर एफ आई आर दर्ज कराए जाने के बाद नगर के चिकित्सकों में गहरा रोष थाl उन्होंने राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल से किस मामले में कार्रवाई रोकने के लिए हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई थीl


यूपी में सुबह 10:00 से रात 9:00 बजे तक खुलेंगी शराब की दुकानें

टीआर ब्यूरों l


लखनऊ l उत्तर प्रदेश में शराब, बीयर व भांग की लाइसेंसी दुकानों से बिक्री का समय बढ़ा दिया गया है। अब यह सभी दुकानें सुबह दस बजे से रात नौ बजे तक खुलेंगी। बीती 4 मई को लॉकडाउन में ढील के दरम्यान के जब यह दुकानें खोले जाने का फैसला हुआ था तो बिक्री का समय सुबह दस बजे से शाम सात बजे तक का तय हुआ था।


 


सोमवार को प्रदेश सरकार के संयुक्त सचिव अनिल कुमार की ओर से इस बाबत आदेश जारी किया गया। आदेश में कहा गया है कि चूंकि पहली जून से सभी बाजार सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक खोलने का निर्णय लिया गया है। इसलिए अब शराब, बीयर व भांग की लाइसेंसी दुकानें भी सुबह दस बजे से रात नौ बजे बिक्री करेंगी।


 


आदेश में फिर दोहराया गया है कि सार्वजनिक स्थान पर मदिरापान निषिद्ध रहेगा। इसके अलावा इस बाबत 3 मई को जारी अन्य आदेश भी यथावत रहेंगे। इनके तहत देसी शराब की फुटकर दुकान और माडल शाप में बैठकर लोग शराब, बीयर आदि नहीं पी सकेंगे। इसी तरह बीयर की फुटकर दुकान के सामने खड़े होकर पीने की भी मनाही है। 


कोरोना के साथ रहना होगा, बचाओ ही इलाज : सुरेश खन्ना

टीआर ब्यूरों l 


सहारनपुर l संसदीय कार्य, वित्त एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि कोरोना अभी जल्दी जाने वाला नहीं है। हमें अब कोरोना के साथ ही रहना है। इसके लिए बचाव के तरीकों पर सबसे अधिक ध्यान देना है। इसके साथ ही उन्होंने मेडिकल कालेज में कोरोना की की जांच को बन रही टेस्टिंग लैब को भी जल्द से जल्द शुरू कराने के निर्देश जारी किये। शुरुआत में प्रदेश में केवल कोरोना के दो सौ टेस्ट करने की क्षमता थी। जिसे बढ़ाकर अब 10 हजार कर दिया है गया।


 


सूबे के चिकित्सा शिक्षा मंत्री सुरेश खन्ना सोमवार को मेडिकल कालेज में कोरोना के उपचार के लिए व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने पहुंचे। सुबह 10 बजे राजकीय हेलीकॉप्टर से पुलिस लाइन में उतरे। उसके बाद मंत्री सुरेश खन्ना कार द्वारा सरसावा स्थित शेखुल हिन्द मौलाना महमूद हसन राजकीय मेडिकल कालेज में पहुंचे। जहां पर उन्होंने सबसे पहले कोरोना को मात देने वाले मरीजों से मुलाकात की। साथ ही पुष्प देकर सभी को मेडिकल कालेज से छुट्टी दी गई।


 


इसके बाद कोरोना के लिए बनाए गये कोविड हॉस्पिटल, संक्रमण वार्ड का निरीक्षण किया और साफ सफाई की व्यवस्था देखी। साथ ही मरीजों से भी बात की और मेडिकल में मिल रही सुविधाओं का हाल जाना। इसके बाद प्रशासनिक भवन में कमिश्नर संजय कुमार, डीएम अखिलेश सिंह, एसएसपी दिनेश कुमार पी, नगर आयुक्त ज्ञानेंद्र सिंह, मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. डीएस मरतोलिया व सीएमओ डॉ. बीएस सोढ़ी व जनप्रतनिधियों के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज में कोरोना टेस्टिंग लैब जल्द शुरू की जाऐगी।


 


 


चिकित्सकों पूरे मनोयोग के साथ मरीजों की सेवा करें। कोरोना के साथ साथ अन्य बीमारियों के लिए भी इमरजेंसी सेवाएं शुरू की जाएं। जिससे कैंसर, ट्रामा, दमा, किडनी आदि के मरीजों को भी कोई दिक्कत न हो। मरीजों की पहले कोरोना की टेस्टिंग की जाए, इसके बाद उनका उपचार किया जाए। कोरोना हॉस्पिटल का रास्ता दूसरे अस्पताल से अलग रखा जाए।


 


मास्क जरूर लगाएं


 


मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि कोरोना जल्द ही जाने वाला नहीं है। हमें अभी कोरोना के साथ ही जीना होगा। जैसे हम बरसात में छाता, गर्मियों मे एसी एवं सर्दियों में मफलर का प्रयोग करते हैं, उसी प्रकार से इस बीमारी से बचने के लिये भी हमे मास्क को भी अपनी जीवनशैली में शामिल करना होगा। साथ ही दो गज की दूरी भी बनाकर रखनी होगी। रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने पर इस वायरस का ज्यादा असर होता है।


 


55 वर्ष की आयु से ऊपर के लोग व बच्चें व बुजुर्ग सावधानी बरतें। हमेशा किसी भी चीज का बचाव बेहतर होता है। सरकार ने दो सौ टैस्ट से क्षमता को बढाकर 10 हजार कर दिया है। आगे और अधिक करने का प्रयास किया जा रहा है। आगे और अधिक बढ़ाया जा रहा है। यूपी ऐसा पहला राज्य है जहां पर तीन हजार से अधिक मरीज ठीक हो गये हैं। सरकार का प्रयास है कि कोरोना के फैलाव को पूरी तरह से रोका जाए।


 


अव्यवस्थाओं का भी उठाया गया मुद्दा


 


समीक्षा बैठक में भाजपा नेताओं ने मेडिकल कालेज में अव्यवस्थाओं का मुद्दा भी उठाया। जिस पर चिकित्सका शिक्षा मंत्री ने तुरंत संज्ञान लेकर व्यवस्थाओं को दुरूस्त करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को सख्त निर्देश दिये जाएं की कोरोना के मरीजों के साथ सहानुभूति से पेश आएं। साथ ही अन्य कमियां हैं उन्हें भी दूर किया जाए।


 


स्वागत किया


 


 


इससे पहले चिकित्सा शिक्षा मंत्री का पुलिस लाइंस स्थित हेलीपेड पर पहुंचने पर आयुष मंत्री डा. धर्म सिंह सैनी, सांसद प्रदीप चौधरी, महापौर संजीव वालिया, रामपुर मनिहारन विधायक देवेंद्र निम, भाजपा जिलाध्यक्ष डॉ. महेंद्र सैनी, महानगर अध्यक्ष राकेश जैन, पूर्व सांसद राघव लखनपाल शर्मा, पूर्व विधायक राजीव गुंबर व अन्य भाजपा नेताओं ने गुलाब के फूल भेंट कर उनका स्वागत किया।


जिले में बाजार खोलने के समय में कोई परिवर्तन नहीं


मुजफ्फरनगरl प्रदेश सरकार द्वारा बाजार खोलने का समय नौ बजे से नौ बजे करने की घोषणा के बावजूद जिले में अभी बाजार को लेकर कोई राहत नहीं मिलेगी।


जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे द्वारा आज जारी किए गए आदेश में बताया गया है कि जिले में बाजार के खुलने का समय पूर्व निर्गत आदेशों के अनुसार ही रहेगा। अभी समय में किसी भी तरह का कोई भी परिवर्तन नहीं किया गया है । जिलाधिकारी ने आदेश में बताया कि 1 जून से 30 जून लागू लॉक डाउन में रात्रि कफ्र्यू 9.00 बजे से सुबह 5.00 बजे तक पूरी सख्ती के साथ लागू रहेगा और किसी भी प्रकार का आवागमन निषि( रहेगा।


वहीं आज रोडवेज बसों का संचालन शुरू होने से करीब दो माह बाद इस बस अड्डे पर रौनक देखने को मिली। हालांकि यहां से अभी प्रदेश के अंदर तथा जिले के रूटों पर ही बसों का संचालन होगा। दूसरी ओर निजी बसों का भी सेचालन भी जल्द शुरू किया जाएगा। इस दौरान बसौं के सेनेटाइजेशन तथा यात्रियों व चालक परिचालकों को मास्क पहने रखने की हिदायत दी गई। आज जन शताब्दी भी रेलवे स्टेशन पर आई।



इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के विरोध में काली पट्टी बाँध कर विरोध दर्ज किया


मुजफ्फरनगर। विद्युत् कर्मचारी सँयुक्त संघर्ष समिति ने इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के विरोध में काली पट्टी बाँध कर विरोध दर्ज किया। 
इस मौके पर दिए ज्ञापन में उन्होंने नेशनल कोआर्डिनेशन कमीटी ऑफ  इलेक्ट्रिसिटी इम्पलॉईस एन्ड इंजीनियर्स (एन सी सी ओ ई ई ) के निर्णय के अनुसार आज देश के 15 लाख बिजली कर्मचारियों और इंजीनियरों के साथ उप्र के बिजली कर्मचारियों , जूनियर इंजीनियरों और अभियन्ताओं ने इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के विरोध में काली पट्टी बाँध कर विरोध दर्ज किया और केंद्र सरकार से  बिल वापस लेने की मांग की।
बिजली कर्मचारियों ने  इस बात पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है कि कोविड -19 की महामारी के बीच जब सारा देश एकजुट होकर संक्रमण से संघर्ष कर रहा है तब केंद्र सरकार  इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 जारी कर  निजीकरण करने में लगी है जिससे बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है द्य बिजली कर्मचारियों व् इंजीनियरों के संगठनों  ने बिल के उपभोक्ता और किसान विरोधी प्राविधानों से सभी प्रांतो के मुख्यमंत्रियों और संसद सदस्यों को पत्र भेजकर अवगत कराया है और उनसे मांग की है  कि वे इस बिल का प्रबल विरोध करे और इसे वापस कराने हेतु केंद्र सरकार पर दबाव डालें।
केंद्र सरकार द्वारा निजीकरण के बाद उपभोक्ताओं को सस्ती बिजली देने के वायदे को खारिज करते हुए विद्युत् कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति , उप्र  ने कहा है कि वस्तुतः  निजीकरण  किसानों और आम घरेलू उपभोक्ताओं के साथ धोखा है और निजीकरण के बाद बिजली की दरों में बेतहाशा वृद्धि होगी द्यकोविड -19 संक्रमण के दौरान लाकडाउन का फायदा उठाते हुए  निजीकरण करने की निंदा करते हुए संघर्ष समिति ने इसे देश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया है ।
 संघर्ष समिति के प्रमुख पदाधिकारी जिनमे ई० आजाद धीरेंद्र(सह संयोजक), श्री आशीष शर्मा, श्री यू कि वर्मा, श्री बी बी गुप्ता, श्री रामनिवास त्यागी, श्री दिनेश गौतम जी, ई० सचिन शर्मा आदि ने कहा कि इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 में कहा गया है कि नई टैरिफ नीति में सब्सिडी और क्रास सब्सिडी समाप्त कर दी जाएगी और किसी को भी ला गत से कम मूल्य पर बिजली नहीं दी जाएगी द्य उन्होंने बताया कि अभी किसानों , गरीबी रेखा के नीचे और 500 यूनिट प्रति माह बिजली खर्च करने वाले उपभोक्ताओं को सब्सिडी मिलती है जिसके चलते इन उपभोक्ताओं को लागत से कम मूल्य पर बिजली मिल रही है द्य अब नई नीति और निजीकरण के बाद सब्सिडी समाप्त होने से स्वाभाविक तौर पर  इन उपभोक्ताओं के लिए बिजली महंगी होगी ।


आँकड़े देते हुए उन्होंने बताया कि बिजली की लागत का राष्ट्रीय औसत रु 06.78   प्रति यूनिट है और निजी कंपनी द्वारा  एक्ट के अनुसार  कम से कम 16: मुनाफा लेने के बाद रु 08  प्रति यूनिट से कम दर पर बिजली किसी को नहीं मिलेगी द्य इस प्रकार एक किसान को लगभग 6000 रु प्रति माह और घरेलू उपभोक्ताओं को 6000 से 8000 रु प्रति माह तक बिजली बिल देना होगा द्य उन्होंने कहा कि निजी वितरण कंपनियों को कोई घाटा न हो इसीलिये सब्सिडी समाप्त कर प्रीपेड मीटर लगाए जाने की योजना लाई जा रही है द्य अभी सरकारी कंपनी घाटा उठाकर किसानों और उपभोक्ताओं को बिजली देती है द्य उन्होंने कहा कि सब्सिडी  समाप्त होने से किसानों और आम लोगों को भारी नुक्सान होगा जबकि क्रास सब्सीडी समाप्त होने से केवल उद्योगों और बड़े व्यावसायिक प्रतिष्ठानों को लाभ होगा।
उन्होंने देश के सभी प्रांतों व् केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य मन्त्रियों से  अपील की  है कि वे कोविड - 19 महामारी के बीच निजीकरण हेतु लाये गए  इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 का विरोध करें द्य उन्होंने मुख्यमंत्रियों के समक्ष  यह सवाल उठाया है कि  इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 पारित हो गया तो बिजली के मामले में राज्यों के अधिकार का हनन होगा और टैरिफ तय करने से लेकर बिजली की शिड्यूलिंग तक में केंद्र का दखल होगा।
  संघर्ष समिति ने बताया कि बिजली संविधान की समवर्ती सूची में है जिसका अर्थ यह होता है कि बिजली के मामले में राज्यों को केंद्र के समान बराबर का अधिकार है किन्तु   इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 के जरिये बिजली के मामले में केंद्र एकाधिकार जमाना चाहता है द्य उन्होंने कहा कि मौजूदा कानून के अनुसार राज्य सरकार के कहने पर राज्य का विद्युत् नियामक आयोग किसानों , गरीबों और कम बिजली उपभोग करने वाले घरेलू उपभोक्ताओं के लिए सब्सिडी को सम्मिलित करते हुए बिजली की तर्कसंगत दरें तय करता है द्य   नए बिल में यह प्राविधान किया गया है कि नियामक आयोग बिजली की दरें तय करने में सब्सिडी को सम्मिलित नहीं कर सकता और सभी उपभोक्ताओं को बिजली की पूरी लागत देनी होगी द्य इस प्रकार बिजली की दरें तय करने में गरीब उपभोक्ताओं को सब्सिडी देने के राज्य के अधिकार को छीना जा रहा है।
उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार नए बिल के अनुसाए इलेक्ट्रिसिटी कॉन्ट्रैक्ट एनफोर्समेन्ट अथॉरिटी का गठन कर रही है द्य यह  अथॉरिटी बिजली वितरण कंपनियों और निजी क्षेत्र के बिजली उत्पादन घरों के बीच बिजली खरीद के करार के अनुसार भुगतान को सुनिश्चित करने का कार्य करेगी और इस  अथॉरिटी के पास यह अधिकार होगा कि यदि निजी उत्पादन कंपनी का भुगतान सुनिश्चित नहीं किया गया है तो राज्य को केंद्रीय क्षेत्र और पावर एक्सचेंज से एक यूनिट बिजली भी न मिल सके द्य करार का पालन कराने के अधिकार आज भी राज्य के नियामक आयोग के पास हैं किन्तु इस नई अथॉरिटी के बनने के बाद राज्य में बिजली  देने (शिड्यूलिंग) का अधिकार अब केंद्र सरकार के पास चला  जाएगा।
इसके अतिरिक्त नए बिल में यह प्राविधान किया जा रहा है कि राज्य विद्युत् नियामक आयोग के चेयरमैन और सदस्यों की नियुक्ति का अधिकार अब केंद्र सरकार के पास चला जायेगा और राज्य के पास नहीं रहेगा द्य इनके चयन हेतु अब केंद्र सरकार की चयन समिति होगी जिसमे राज्य का कोई प्रतिनिधि भी नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि नए बिल में एक निश्चित प्रतिशत तक सोलर पावर  खरीदना राज्य के लिए बाध्यकारी होगा और ऐसा न करने पर राज्य को भारी पेनाल्टी देनी होगी द्य ध्यान रहे कि बिजली की जरूरत न होने पर भी यह बिजली खरीदनी पड़ेगी जिसके लिए राज्य को अपनी  बिजली उत्पादन इकाइयों को बंद करना पडेगा जिससे सबसे सस्ती बिजली मिलती है द्य इस प्रकार इस बिल से केंद्र के अधिकार बढ़ेंगे और राज्य के अधिकारों का हनन होगा।
उन्होंने बताया कि  इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट ) बिल 2020 में बिजली वितरण का निजीकरण करने हेतु डिस्ट्रीब्यूशन सब लाइसेंसी और फ्रेन्चाइजी के जरिये निजी क्षेत्र को विद्युत् वितरण सौंपने की बात है जिससे बिजली कर्मियों में भारी गुस्सा है द्य फ्रेन्चाइजी का प्रयोग पूरे देश में विफल हो चुका है और वांछित परिणाम न दे पाने के कारण लगभग सभी फ्रेंचाइजी करार रद्द कर दिए गए हैं द्य उत्तर प्रदेश में भी आगरा में टोरेंट पावर कंपनी की लूट चल रही है और कंपनी करार की कई शर्तों का उल्लंघन कर रही है द्य सी ए जी ने भी टोरेंट कंपनी पर घपले के आरोप लगाए हैं द्य इसके अतिरिक्त इलेक्ट्रीसिटी (अमेण्डमेंट ) बिल 2020 में सब्सीडी और क्रास सब्सीडी समाप्त करने की बात लिखी है जिससे आम उपभोक्ता का टैरिफ बढ़ेगा । यह बिल किसी भी प्रकार जनहित में नहीं है अतः इसे तत्काल वापस लिया जाए । 


अलीगढ़ में दिनदहाड़े 22.70 लाख की  लूट 


अलीगढ़। अनलॉक-1 के पहले ही दिन सोमवार को अलीगढ़ में  मुख्य बाजार समद रोड पर एलआईसी की कैश वैन से 22.70 लाख रूपए लूटकर बदमाश फरार हो गए। बदमाश और कैशवैन गार्ड के बीच फायरिंग भी हुई। जिसमें सरेराह चलते दो लोग गोली लगने से घायल हुए है।
थाना क्वारसी के अर्न्तगत समद रोड पर एलआईसी का कार्यालय है। रोजाना की तरह एलआईसी का कैश वैन के जरिए बैंक ले जाने की तैयारी की जा रही थी। करीब 11 बजे कैशवैन संचालक रजत शर्मा 22.70 लाख रुपए कार्यालय से लेकर नीचे आकर वैन में रख रहा था। तभी पीछे से बाइक सवार दो बदमाश आए और रजत के सिर पर तेज वार करते हुए रूपयों से भरा बैग छीनकर भागे।
शोर मचने पर वैन के दोनों गार्ड बदमाशों के पीछे भागे, जिन पर बदमाशों ने फायर किया। जबाव में गार्ड की तरफ से भी फायर किए गए, लेकिन बदमाश पकड़ में नहीं आए और कैश लेकर फरार हो गए। फायरिंग में सड़क से गुजर रहे दो लोग गोली लगने से घायल हुए। सूचना मिलते ही एसएसपी मुनिराज जी. सहित कई थानों का फोर्स मौके पर पहुंच गया। पुलिस आसपास के सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकालने में जुटी हुई है।


एडीजी राजीव सब्बरवाल ने जिले का किया दौरा,

टीआर ब्यूरों l 


मुजफ्फरनगर l एडीजी राजीव  मेरठ जोन जिले में पहुंचे l पुलिस लाइन में प्रेस वार्ता को संबोधित किया l इस दौरान उन्होंने मुजफ्फरनगर एसएसपी अभिषेक यादव और उनकी पूरी टीम की जमकर तारीफ की । मुजफ्फरनगर की सभी व्यवस्थाओं से एडीजी राजीव सबरवाल संतुष्ट नजर आए l पुलिस लाईन में एडीजी राजीव सबरवाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया l प्रेसवार्ता में एडीजी के साथ डीआईजी उपेन्द्र अग्रवाल,एसएसपी अभिषेक यादव व एसपी सिटी सतपाल अंतिल रहे मौजूद l


20 जून तक मॉनसून उत्तर प्रदेश पहुंचने की संभावना


नई दिल्ली ।  दक्षिण पश्चिम मॉनसून के केरल में दस्तक देने के साथ ही चार महीने का लंबा बारिश वाला मौसम शुरू हो गया। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, 'दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने केरल में दस्तक दे दी।' वहीं, 20 जून तक मॉनसून उत्तर प्रदेश में पहुंच सकता है।  
जून से सितंबर तक चलने वाले इस मॉनसून की वजह से देश में 75 फीसदी बारिश होती है। मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने 30 मई को मानसून आने की घोषणा की थी लेकिन आईएमडी ने इससे इनकार करते हुए कहा था कि इस तरह की घोषणा के लिए अभी स्थितियां बनी नहीं हैं।


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