नई दिल्ली। विषम परिस्थितियों के बीच लॉकडाउन पर 4 मई के बाद सरकार कुछ रियायतांे की तैयारी में है। कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए दो चरणों में लागू हुआ 40 दिनों का देशव्यापी लॉकडाउन 3 मई को खत्म होने जा रहा है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 15 अप्रैल के अपने दिशानिर्देशों में बदलाव कर राज्यों को लॉकडाउन में फंसे अपने लोगों को घर ले जाने की अनुमति दे दी है। अबतक के संकेत बताते हैं कि देशव्यापी लॉकडाउन अब नहीं बढ़ने वाला है। अब तक वायरस से अछूते रहे या कम जोखिम वाले क्षेत्र धीरे-धीरे सामान्य जनजीवन की तरफ बढ़ने वाले हैं। आइए जानते हैं कि 4 मई के बाद कहां-कहां किस तरह की रियायतें मिल सकती हैं।
4 मई से ग्रीन और ऑरेंज जोन में पाबंदियों में काफी ढील दी जा सकती है। इन इलाकों में पहले से ही गृह मंत्रालय ने गैरजरूरी सामानों, सेवाओं की दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी है। अब यहां हर तरह की दुकानों को खुलने की इजाजत दी जा सकती हैं। ग्रीन जोन वे हैं जो या तो अब तक कोरोना से अछूते रहे हैं या फिर पिछले 28 दिनों से वहां नए केस सामने नहीं आए हैं। ऑरेंज जोन वे हैं जहां पिछले 14 दिनों से नए केस सामने नहीं आए हैं। ऐक्टिव केसों वाले इलाके रेड जोन हैं और वहां पाबंदियों में छूट की संभावना कम है।
देश में 300 जिले ऐसे हैं जो अब तक कोरोना से अछूते हैं यानी वहां अब तक कोरोना के एक भी केस सामने नहीं आए हैं। इन जिलों में 4 मई के बाद हर तरह की कारोबारी गतिविधियां शुरू हो सकती हैं यानी यहां हर तरह की दुकानें, कारोबारी प्रतिष्ठान, छोटे-मोटे उद्योग, दफ्तर आदि खोले जा सकते हैं।
इंट्रा-डिस्ट्रिक्ट ट्रांसपोर्ट को भी इजाजत दी जा सकती है। सटे हुए ग्रीन जोन वाले जिलों के बीच भी ट्रांसपोर्ट शुरू किया जा सकता है। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन जरूरी होगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक देश के 300 जिले तो कोरोना से बिल्कुल अछूते हैं। इसके अलावा 300 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना के मामले बेहद कम हैं। इन जिलों में भी रियायतों का दायरा बढ़ाया जा सकता है यानी यहां भी दुकानें, दफ्तर, कारोबार को धीरे-धीरे खोलने की इजाजत दी जा सकती है।
देश के 129 जिलों में कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट हैं यानी ये जिले रेड जोन में हैं। रेड जोन्स में हॉटस्पॉट्स से बाहर के इलाकों में ही कुछ मुमकिन है। हॉटस्पॉट्स में छूट मिलने की संभावना न के बराबर है। लॉकडाउन के बाद एक रणनीति तो यह हो सकती है कि हॉटस्पॉट्स से बाहर जाने या किसी बाहरी के वहां आने को पूरी सख्ती से रोका जाए और बाकी इलाकों में ज्यादा से ज्यादा छूट दी जाए ताकि इकॉनमी का पहिया भी आगे बढ़े। खास बात यह है कि मुंबई, दिल्ली, अहमदाबाद जैसे शहर जो कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, वे उद्योगों व रोजगार के सबसे बड़े केंद्र भी हैं।
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 15 अप्रैल को जारी गाइडलाइंस में बुधवार को बदलाव किया। गाइडलाइंस के क्लॉज 17 में बदलाव करते हुए लॉकडाउन में फंसे लोगों के एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने को कुछ शर्तों के साथ इजाजत दे दी। अब तमाम राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर, छात्र, पर्यटक, श्रद्धालु अपने-अपने राज्यों को जा सकेंगे। हालांकि, इसकी व्यवस्था सरकार करेगी यानी फ्री मूवमेंट तब भी नहीं होगा।
छूट का मतलब यह नहीं है कि अब लॉकडाउन में फंसे लोग कोई भी साधन पकड़कर घर पहुंच जाए। फिलहाल ट्रेनें तो बिल्कुल नहीं चलने वाली। प्रवासी मजदूर, छात्र, पर्यटक, श्रद्धालु आदि फंसे हुए लोगों के घर आने की व्यवस्था संबंधित राज्य सरकारें ही करेंगी। इन्हें बसों से लाया जाएगा, जिन्हें यात्रा से पहले पूरी तरह सैनिटाइज किया जाएगा। इन बसों में ठूस-ठूस कर लोग नहीं भरे जाएंगे क्योंकि सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल रखना होगा। घर लौटने से पहले और बाद में ऐसे सभी लोगों की स्क्रीनिंग होगी, जांच होगी कि कहीं किसी में कोरोना के लक्षण तो नहीं। इसके अलावा घर लौटने के बाद उन्हें अनिवार्य होम क्वारंटीन या क्वारंटीन सेंटर में कुछ दिनों तक रहना होगा।
गुरुवार, 30 अप्रैल 2020
4 मई के बाद गैरजरूरी सामानों, सेवाओं की दुकानों को खोलने की अनुमति
मरने से पहले क्यों एक बार पाकिस्तान जाना चाहते थे ऋषि कपूर
मुंबई। ऋषि, जिन्हें प्यार से लोग 'चिंटू जी' कहकर बुलाते थे, उनकी ख्वाहिश थी कि वह मरने से पहले एक बार पाकिस्तान जाकर अपनी पुश्तैनी जमीन को देखें। उनका जाना सिनेमाजगत के लिए एक बड़े झटके से कम नहीं है।
अभी देश और बॉलीवुड एक्टर इरफान खान के जाने के गम से बाहर निकल भी नहीं पाया था कि एक और बुरी खबर आ गई। ऋषि कपूर की एक दिली ख्वाहिश थी, वह मरने से पहले एक बार पाकिस्तान जाना चाहते थे। साल 2017 ऋषि कपूर ने यह बात अपने ट्विटर पर लिखी थी, 'मरने से पहले मैं एक बार पाकिस्तान देखना चाहता हूं।' ऋषि ने यह ट्वीट तब किया था जब जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने पीओके को लेकर एक बयान दिया था।
अब्दुल्ला ने कहा था, 'पीओके, पाकिस्तान का है और इस बात को कोई नहीं बदल सकता है भले ही भारत और पाकिस्तान आपस में कितना ही लड़ लें।' इसके बाद ऋषि ने फारूख के इस बयान पर रजामंदी भी जताई थी। ऋषि ने ट्विटर पर लिखा, ' फारूख अब्दुल्ला जी सलाम! मैं आपसे रजामंद हूं। जम्मू कश्मीर हमारा है और पीओके उनका है। इसी तरह से हम इस समस्या को सुलझा सकते हैं। इसे स्वीकार करिए। मैं 65 साल का हूं और मरने से पहले एक बार पाकिस्तान देखना चाहता हूं। मरने से पहले मैं चाहता हूं कि मेरे बच्चे अपनी जड़ों से रूबरू हों। बस करवा दीजिए। जय माता दी!'
आखिर ऐसा क्या था जो पाकिस्तान में जो वह एक बार उस मुल्क को देखने की दिली ख्वाहिश लिए जी रहे थे। दरअसल, बॉलीवुड की फर्स्ट फैमिली के तौर पर मशहूर कपूर परिवार का पाकिस्तान से गहरा नाता है। इस परिवार का एक घर पेशावर में हैं और इसका निर्माध सन् 1918 से 1922 के बीच दीवान बशेश्वरनाथ कपूर ने करवाया था। वह ऋषि कपूर के दादा पृथ्वीराज कपूर पिता थे। सन् 1947 में जब भारत और पाकिस्तान का बंटवारा हुआ तो कपूर खानदान पाकिस्तान से भारत आ गया। पेशावर के इस घर को 'कपूर हवेली' कहा गया और इसी हवेली में ऋषि के पिता और 'शोमैन' राजकपूर का जन्म सन् 1924 में हुआ।
बंटवारे के बाद कपूर खान भारत में रहने और यहां पर शिक्षा हासिल करने के मकसद से आया था। कपूर हवेली इस समय पेशावर के एक रिहायशी इलाके में मौजूद है। सन् 1968 में निलामी में छारसड्डा के एक बिजनेसमैन ने खरीद लिया था। बाद में एक आपसी समझौते के बाद इसे पेशावर के नागरिक को बेंच दिया गया। इस हवेली को अब पाकिस्तान की आईएमजीसी ग्लोबल एंटरटेनमेंट ने म्यूजियम में तब्दील कर दिया है। हवेली को खैबर पख्तूनख्वां की सरकार की तरफ से आर्थिक मदद मिलती है।
अवैध शराब बनाते दो गिरफ्तार।
टीआर ब्यूरो।
मुज़फ्फरनगर।लोक डाऊन के दौरान भी अवैध शराब बनाने एंव इसमें संलिप्त लोग सुधरने का नाम नही ले रहे है और चन्द रुपयों के लालच में अवैध शराब बनाने व् इसे बेचने के क्रम में लगे हुए है जिसका आज थाना खतौली पुलिस ने खुलासा किया है जिसमे पुलिस ने दो ऐसे शातिर बदमाशों को गिरफ्तार किया है जो अवैध शराब बनाने व् इसे बेचने के कार्य में लगे हुए थे।
मामला मुजफ़फरनगर के क़स्बा खतौली क्षेत्र का है जहां पुलिस ने अवैध शराब बनाते हुए रंगे हाथो दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है और मोके से भारी मात्रा में शराब बनाने के उपकरण भी बरामद किये हैं।
यहां पुलिस ने अवैध शराब की 02 भट्टियों को भी नेस्ताबूत किया है
खतौली पुलिस द्वारा अलग-अलग स्थानों पर चल रही 02 अवैध शराब की भट्टियों का भण्डाफोड करते हुए दबिश दी जहां से 02 शराब तश्करों को गिरफ्तार किया गया।
पुलिस ने बताया की पकड़े गए आरोपी शराब में यूरिया मिलाकर उसकी तीव्रता बढाकर उसे बेचते थे।
दो आरोपियों सचिन पुत्र बिन्दा निवासी मौ0 देवीदास कस्वा व थाना खतौली जनपद मुजफ्फरनगर। विश्वास उर्फ कालू पुत्र विजयपाल निवासी ग्राम अन्तवाडा थाना खतौली जनपद मुजफ्फरनगर को मौके से गिरफ्तार कर लिया।
आरोपियों से मौके पर 80 लीटर रैक्टीफाइड कच्ची शराब 09 किलोग्राम यूरिया
भारी मात्रा में लहन जोकि मोके पर ही (नष्ट किया गया)
शराब बनाने के उपकरण( पतीला, ड्रम, बाल्टी,मग्गा आदि) बरामद किया गया पुलिस ने आज पकड़े गए दोनों आरोपियों को जेल भेज दिया है ।
शराब तस्करी आरक्षी सहित 5 गिरफ्तार, भारी मात्रा में शराब बरामद
टीआर ब्यूरो।
गाजियाबाद । कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत लॉकडाउन के दौरान नारकोटिक्स /शराब/ नशे के अवैध कारोबार के विरुद्ध चलाए जा रहे विभिन्न अभियानों के अंतर्गत आज थाना कवि नगर पुलिस को उस समय बड़ी सफलता प्राप्त हुई जब गोपनीय सूचना के आधार पर कविनगर पुलिस ने छापा मारकर करीब 98 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब BLUE MOOD मार्का व 36 बोतल अवैध अंग्रेजी शराब विभिन्न ब्रांड की चार वाहन ( एक जीप कंपास, एक टाटा सफारी, एक मारुति स्विफ्ट डिजायर व एक ट्रक) व 6 नफर अभियुक्त क्रमशः
रोहित बैसला आरक्षी पुलिस लाइन मुजफ्फरनगर,नरेंद्र यादव निवासी पूठी मसूरी,सतीश यादव उर्फ कालू पुत्र मांगेराम निवासी बम्हेटा कविनगर,फैक्टरी मालिक सलीम मिर्जा पुर,चौकीदार मुकेश अहिरवार पुत्र नेनुआ निवासी ग्राम छाँबिला बंडा जिला सागर
राजकुमार सरीन निवासी नेहरू नगर सिहानी गेट को गिरफ्तार किया है।
उक्त प्रकरण में थाना कविनगर पर धारा आबकारी अधिनियम तथा महामारी अधिनियम के तहत अभियोग पंजीकृत कर आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।
गंगा सप्तमी- महाराज भगीरथ की कष्टमयी साधना की गाथा कहती है गंगा की धारा
वैसाख मास में शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को गंगा जयंती और गंगा सप्तमी के रूप में जाना जाता है। ज्येष्ठ माह में शुक्ल पक्ष दशमी के दिन मां गंगा पृथ्वी पर अवतरित हुईं। उस दिन को गंगा दशहरा के रूप में जाना जाता है। गंगा सप्तमी को मां गंगा के पुनर्जन्म के रूप में भी जाना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार गंगा तीव्र वेग से बह रही थी और ऋषि जह्नु ध्यान में लीन थे। उनका कमंडल गंगाजल के साथ बह गया। जब ऋषि का ध्यान पूरा हुआ तो यह देखकर बहुत क्रोधित हो गए और पूरी गंगा को पी गए। इस पर भागीरथ ने उनसे आग्रह किया तब ऋषि ने गंगा को अपने कान से बाहर निकाला। उस दिन वैशाख शुक्ल पक्ष की सप्तमी थी, इसलिए इस दिन से गंगा सप्तमी मनाई जाती है। जह्नु ऋषि की कन्या होने के कारण ही मां गंगा को जाह्नवी भी कहा जाता है। गंगा सप्तमी के दिन गंगा जल में स्नान करने से पापों का हरण होता है। गंगा में स्नान न कर पाएं तो घर पर स्नान करते समय पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्व है। इस दिन मां गंगा का पूजन करें। ऐसा करने से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है। मांगलिक दोष से ग्रसित जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है।
जिस दिन गंगा जी की उत्पत्ति हुई वह दिन गंगा जयंती (वैशाख शुक्ल सप्तमी) और जिस दिन गंगाजी पृथ्वी पर अवतरित हुई वह दिन 'गंगा दशहरा' (ज्येष्ठ शुक्ल दशमी) के नाम से जाना जाता है। इस दिन मां गंगा का पूजन किया जाता है। इस साल गंगा सप्तमी 30 अप्रैल 2020 को मनायी जा रही है।
गंगा सप्तमी का महत्व
माना जाता है कि गंगा सप्तमी के अवसर पर्व पर मां गंगा में डुबकी लगाने से मनुष्य के सभी पाप धुल जाते हैं और मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। वैसे तो गंगा स्नान का अपना अलग ही महत्व है लेकिन इस दिन स्नान करने से मनुष्य सभी दुखों से मुक्ति पा जाता है। इस पर्व के लिए गंगा मंदिरों सहित अन्य मंदिरों पर भी विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।
कहा जाता है कि गंगा नदी में स्नान करने से दस पापों का हरण होकर अंत में मुक्ति मिलती है। इस दिन दान-पुण्य का विशेष महत्व है। शास्त्रों में उल्लेख है कि जीवनदायिनी गंगा में स्नान, पुण्यसलिला नर्मदा के दर्शन और मोक्षदायिनी शिप्रा के स्मरण मात्र से मोक्ष मिल जाता है। गंगा सप्तमी गंगा मैया के पुनर्जन्म का दिन है इसलिए इसे कई स्थानों पर गंगा जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। गंगा सप्तमी के दिन गंगा स्नान का बहुत महत्व है।
अभी कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन चल रहा है तो आप गंगा स्नान करने नहीं जा सकते। अत: ऐसे समय घर पर रही रहकर इस तरह से पूजन करके गंगा सप्तमी का पुण्य कमा सकते हैं।
- गंगा में स्नान करना या डुबकी लगाना संभव न भी हो तो गंगा जल की कुछ बूंदें साधारण जल में मिलाकर उससे स्नान किया जा सकता है।
- स्नानादि के पश्चात गंगा मैया की प्रतिमा का पूजन कर सकते हैं।
- भगवान शिव की आराधना भी इस दिन शुभ फलदायी मानी जाती है।
- इसके अलावा गंगा को अपने तप से पृथ्वी पर लाने वाले भगीरथ की पूजा भी कर सकते हैं।
- गंगा पूजन के साथ-साथ दान-पुण्य करने का भी फल मिलता है।
वैसे तो गंगा नदी के साथ अनेक पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं, जो गंगाजी के संपूर्ण अर्थ को परिभाषित करती है। गंगा नदी हिंदुओं की आस्था का केंद्र है और अनेक धर्मग्रंथों में गंगा महत्व का वर्णन देखने को मिलता है।
मंत्र- 'ॐ नमो भगवति हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे माँ पावय पावय स्वाहा'
यह गंगाजी का सबसे पवित्र पावन मंत्र है।
गंगा सप्तमी के मुहूर्त :-
गंगा सप्तमी की तिथि- 30 अप्रैल 2020
29 अप्रैल 2020, बुधवार को दोपहर 03 बजकर 12 मिनट से सप्तमी तिथि प्रारंभ।
गंगा सप्तमी मध्याह्न मुहूर्त- सुबह 10 बजकर 59 मिनट से दोपहर 1 बजकर 38 मिनट तक
अगले दिन यानी 30 अप्रैल 2020, गुरुवार को दोपहर 02 बजकर 39 मिनट तक पर सप्तमी तिथि समाप्त होगी।
अत: इस समयावधि में गंगा सप्तमी का पूजन करना उचित रहेगा।
गंगा सप्तमी पूजन के लाभ
- गंगा सप्तमी के दिन गंगा पूजन एवं स्नान से रिद्धि-सिद्धि, यश-सम्मान की प्राप्ति होती है। सभी पापों का क्षय होता है।
- मान्यता है कि इस दिन गंगा पूजन से मांगलिक दोष से ग्रसित जातकों को विशेष लाभ प्राप्त होता है। - विधि-विधान से किया गया गंगा का पूजन अमोघ फल प्रदान करता है।
गंगा सप्तमी की कथा
भागीरथ एक प्रतापी राजा थे। उन्होंने अपने पूर्वजों को जीवन-मरण के दोष से मुक्त करने के लिए गंगा को पृथ्वी पर लाने की ठानी। उन्होंने कठोर तपस्या आरम्भ की। गंगा उनकी तपस्या से प्रसन्न हुईं तथा स्वर्ग से पृथ्वी पर आने के लिए तैयार हो गईं। पर उन्होंने भागीरथ से कहा कि यदि वे सीधे स्वर्ग से पृथ्वी पर गिरेंगीं तो पृथ्वी उनका वेग सहन नहीं कर पाएगी और रसातल में चली जाएगी।
यह सुनकर भागीरथ सोच में पड़ गए। गंगा को यह अभिमान था कि कोई उसका वेग सहन नहीं कर सकता। तब उन्होंने भगवान भोलेनाथ की उपासना शुरू कर दी। संसार के दुखों को हरने वाले शिव शम्भु प्रसन्न हुए और भागीरथ से वर मांगने को कहा। भागीरथ ने अपना सब मनोरथ उनसे कह दिया।
गंगा जैसे ही स्वर्ग से पृथ्वी पर उतरने लगीं गंगा का गर्व दूर करने के लिए शिव ने उन्हें जटाओं में कैद कर लिया। वह छटपटाने लगी और शिव से माफी मांगी। तब शिव ने उसे जटा से एक छोटे से पोखर में छोड़ दिया, जहां से गंगा सात धाराओं में प्रवाहित हुईं। इस प्रकार भगीरथ पृथ्वी पर गंगा का वरण करके भाग्यशाली हुए। उन्होंने जनमानस को अपने पुण्य से उपकृत कर दिया। युगों-युगों तक बहने वाली गंगा की धारा महाराज भगीरथ की कष्टमयी साधना की गाथा कहती है। गंगा प्राणीमात्र को जीवनदान ही नहीं देती, मुक्ति भी देती है।
दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर का मुंबई में निधन
मुंबई। बॉलिवुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर का मुंबई के अस्पताल में निधन हो गया है। ऋषि लंबे वक्त से कैंसर से जूझ रहे थे। उनका इलाज यूएस में चल रहा था। सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था।
बॉलिवुड के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर का 67 साल की उम्र में निधन हो गया। अभिनेता अमिताभ बच्चन ने इस बारे में ट्वीट किया है। ऋषि कपूर 2 साल से कैंसर से जूझ रहे थे। ऋषि कपूर के भाई रणधीर कपूर ने बताया था कि उनको सांस लेने में तकलीफ थी जिसके चलते उनकी फैमिली ने हॉस्पिटल में ऐडमिट करवाया था।
ऋषि कपूर यूएस में करीब 1 साल इलाज करवाने के बाद बीते सितंबर भारत लौटे थे। फरवरी में तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें दो बार अस्पताल में भर्ती करवाया जा चुका है। पहले उन्हें दिल्ली में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वह वहां कोई फैमिली फंक्शन अटेंड करने गए थे। उस वक्त ऋषि ने बताया था कि उनको कोई इनफेक्शन हुआ है।
मुंबई लौटने के बाद वह वायरल फीवर की वजह से भर्ती हुए थे। ऋषि कपूर सोशल मीडिया पर काफी ऐक्टिव हैं हालांकि उन्होंने 2 अप्रैल से वहां कुछ पोस्ट नहीं किया है।
आज का पंचाग व राशिफल 30 अप्रैल 2020
🌞 ~ *आज का पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 30 अप्रैल 2020*
⛅ *दिन - गुरुवार*
⛅ *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*
⛅ *शक संवत - 1942*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - ग्रीष्म*
⛅ *मास - वैशाख*
⛅ *पक्ष - शुक्ल*
⛅ *तिथि - सप्तमी दोपहर 02:39 तक तत्पश्चात अष्टमी*
⛅ *नक्षत्र - पुष्प 01 मई रात्रि 01:53 तक तत्पश्चात अश्लेशा*
⛅ *योग - शूल रात्रि 08:10 तक तत्पश्चातम गण्ड*
⛅ *राहुकाल - दोपहर 02:01 से शाम 03:37 तक*
⛅ *सूर्योदय - 06:09*
⛅ *सूर्यास्त - 19:02*
(सूयोदय और सूर्यास्त के समय क्षेत्रवार अलग अलग हो सकता हैं)
⛅ *दिशाशूल - दक्षिण दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - श्री गंगा सप्तमी (गंगा जयंती), गुरुपुष्यामृत योग (सूर्योदय से रात्रि 01:53 तक)*
💥 *विशेष - सप्तमी को ताड़ का फल खाने से रोग बढ़ता है था शरीर का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *पुष्य नक्षत्र योग* 🌷
➡ *30 अप्रैल 2020 गुरुवार को सूर्योदय से रात्रि 01:53 तक गुरुपुष्यामृत योग है ।*
🙏🏻 *१०८ मोती की माला लेकर जो गुरुमंत्र का जप करता है, श्रद्धापूर्वक तो २७ नक्षत्र के देवता उस पर खुश होते हैं और नक्षत्रों में मुख्य है पुष्य नक्षत्र, और पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं देवगुरु ब्रहस्पति | पुष्य नक्षत्र समृद्धि देनेवाला है, सम्पति बढ़ानेवाला है | उस दिन ब्रहस्पति का पूजन करना चाहिये | ब्रहस्पति को तो हमने देखा नहीं तो सद्गुरु को ही देखकर उनका पूजन करें और मन ही मन ये मंत्र बोले –*
*ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |...... ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |*
🙏🏻 *-
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में* 🌷
🌳 *बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें |*
🙏🏻
🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞
🌷 *गुरुपुष्यामृत योग* 🌷
🙏🏻 *‘शिव पुराण’ में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया गया है | पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष भी समाप्त और निष्फल-से हो जाते हैं, वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र के पूरक बनकर अनुकूल फलदायी हो जाते हैं | ‘सर्वसिद्धिकर: पुष्य: |’ इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर है | पुष्य नक्षत्र में किये गए श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है तथा कर्ता को धन, पुत्रादि की प्राप्ति होती है |*
🙏🏻 *इस योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है परंतु पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं | (शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याय 10)*
1 गुरूवार के दिन केले के पेड़ की जड़ पर पानी के साथ हल्दी वाला जल चढ़ाने से भाग्य तेज होता है। ऐसा करने से व्यक्ति को नौकरी में सफलता मिलेगी। इसके साथ ही व्यापार में भी बढ़ोत्तरी होगी।
2 जो लोग अपनी जिंदगी में खुश रहना चाहते हैं उन्हें गुरूवार के दिन केले के पेड़ की जड़ में थोड़ा-सा गुड़ और भीगी हुई चने की दाल डाल कर चढ़ानी चाहिए। ऐसा करने से बृह्स्पति भगवान की कृपा सदैव आप पर बनी रहेगी।
जिन लोगों की शादी नहीं हो रही है उन्हें गुरुवार का व्रत रखना चाहिए। साथ ही एक पीले रेशमी कपड़े में हल्दी बांधकर नदी में प्रवाहित करनी चाहिए। इससे जल्द ही आपका विवाह हो जाएगा।
📖 * 🌞पंचक
14मई2020 शाम 07.20 से
19मई 2020 शाम 07.53 तक
एकादशी
4मई 2020 सोमवार
18मई 2020 सोमवार
प्रदोष
5मई 2020 मंगलवार
19मई 2020 मंगलवार
अमावस्या
22मई 2020 शुक्रवार
पूर्णमासी
7मई 2020 गुरुवार
🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🌷🌺🙏मेष - पॉजिटिव - बुध कि उपस्थिति आपको हास्य एवं विनोद का स्वभाव देगी, जिससे आप लोगों को पसंद आएंगे तथा उनके आकर्षण का कारण भी बन सकते हैं तथा अपनी बातों को दूसरों के समक्ष रखने में आपको अधिक समस्या नहीं होगी और वाणी के बल पर आपके काफी काम बनेंगे।
नेगेटिव - आप के वरिष्ठ अधिकारी भी आप के पक्ष में खड़े दिखाई देंगे, लेकिन वे चुपचाप तरीके से आपके काम पर नजर बनाए भी रखेंगे। इसलिए अच्छा और बेहतर काम करना आपका आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
आपके अंतरंग संबंधों में वृद्धि होगी, जिससे आपकी लव लाइफ और भी बेहतर चलेगी। बस आपको ध्यान रखना है कि अपनी निजी जिंदगी की परेशानियों को लव लाइफ पर हावी ना होने दें और अच्छे प्रेम जीवन का आनंद लें।
व्यवसाय - यदि आप व्यवसाय करते हैं तो, विदेशी संबंधों से अच्छा लाभ दिलाएगा और इसके अलावा यदि आप दवाईया से संबंधित काम करते हैं तो, इस दौरान आपको जबरदस्त लाभ मिल सकता है ।
स्वास्थ्य - रोड में चलते समय ध्यान से चलें।
भाग्यशाली रंग: काला, भाग्यशाली अंक: 2
वृष- पॉजिटिव - आपके पराक्रम और प्रयासों में वृद्धि होगी और इन प्रयासों की वजह से ना केवल आपको मान सम्मान और ख्याति की प्राप्ति होगी। आपको अपने कार्यों में सफलता मिलेगी और सरकारी क्षेत्र से भी जबरदस्त तरक्की के अवसर प्राप्त होंगे।
नेगेटिव - कार्यक्षेत्र में उनके कुछ विरोधी आपके खिलाफ कोई कंट्रोवर्सी कर सकते हैं, लेकिन इस सब से विचलित हुए बिना उनके वरिष्ठ अधिकारी आपका साथ देंगे और उनके काम को सराहना देते हुए उनकी पदोन्नति में भी सहायक बनेंगे।
इस दौरान आपका प्रियतम आप से भावनात्मक जुड़ाव की मांग कर सकता है। यदि आप विवाहित हैं तो, दांपत्य जीवन की स्थिति पर नजर डालते हुए यह कहा जा सकता है कि आपके जीवन साथी को उनके कार्यक्षेत्र में जबरदस्त तरक्की मिल सकती है।
व्यवसाय - अपने सहकर्मियों पर अधिक विश्वास ना करें और केवल काम की बातें उनसे करें, क्योंकि उनके मन में आपके प्रति विद्रोह की भावना हो सकती है और वे इसका अनुचित लाभ उठा सकते हैं।
स्वास्थ्य - मानसिक तौर पर आप थोड़ा कमजोर हो सकते है।
भाग्यशाली रंग: पीला, भाग्यशाली अंक: 4
मिथुन - पॉजिटिव - सोच विचार कर आगे बढ़ रहे हैं, इसलिए जीवन में काफी पक्के तौर पर तरक्की प्राप्त कर सकते हैं। आप परिवार के लोगों से अधिक मिलजुल रहे हैं इसलिए आप इस समय अधिक सुरक्षित और प्रसन्न महसूस करेंगे।
नेगेटिव - यदि आप व्यापार करते हैं तो, इस दौरान आपको थोड़ी सतर्कता बरतनी चाहिए और किसी भी बड़े निवेश से बचना चाहिए तथा अपने ऑफिस बजट में खर्चों पर लगाम लगाने का पूरा प्रयास करना चाहिए। परिवार में आपकी वाणी के कारण कुछ गहमा गहमी हो सकती है।
आपका जीवन साथी किसी वजह से आपकी माताजी से झगड़ा कर सकता है। ऐसे में आपको सोच समझकर दोनों के बीच बचाव का कार्य करना होगा, ताकि स्थिति बिगड़ने ना पाए।
व्यवसाय - आप अपने विरोधियों को नाकों चने चबवा देंगे और नौकरी में आपकी तरक्की होने से कोई नहीं रोक पाएगा। कुल मिलाकर कहा जाए तो आपके प्रयासों को पंख लगेंगे और आपकी मेहनत का फल आपको पूरी तरह से प्राप्त होगा।
स्वास्थ्य - आपको अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा।
भाग्यशाली रंग: हरा, भाग्यशाली अंक: 6
कर्क -पॉजिटिव - सरकार से आपको बेहद अच्छे नतीजे प्राप्त होंगे। गाड़ी खरीदने का सपना इस समय पूरा हो सकता है तथा भाग्य आपका हर तरीके से साथ देगा और आपको सभी प्रकार की सुख सुविधाएँ इस समय मिल सकती हैं।
नेगेटिव -आपको शॉर्टकट से पैसा कमाने के अनेक अवसर देगा और आप इस दौरान जुए, सट्टेबाजी, शेयर बाजार आदि के द्वारा धन कमाना पसंद करेंगे और इसमें निवेश भी करेंगे, लेकिन आपको यह सलाह भी दी जाती है कि इन सबके लिये किसी अच्छे विशेषज्ञ और अनुभवी व्यक्ति से परामर्श अवश्य ले लें।
आप अपने दांपत्य जीवन में रोमांस ज्यादा मांगेंगे और आपका प्रियतम काम में व्यस्त होने के कारण समय थोड़ा कम दे पाएगा। इस वजह से आपको उनसे कुछ शिकायत रह सकती है।
व्यवसाय - इस दौरान उनकी पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होने की पूरी संभावना रहेगी। कार्यक्षेत्र में आप के वरिष्ठ भी आपकी सराहना करेंगे और आपके विरोधी भी।
स्वास्थ्य - बाहर का तला-भुना खाना आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
भाग्यशाली रंग: केसरी, भाग्यशाली अंक: 3
सिंह -पॉजिटिव - स्थान में परिवर्तन या स्थानांतरण भी हो सकता है। इससे आपको नया दृष्टिकोण प्राप्त होगा और अपने सहकर्मियों और अधीनस्थों का सहयोग मिलने की भी उम्मीद है।
नेगेटिव - ग्रहो कि स्थिति, आपके खर्चों में इतनी वृद्धि कर देगी कि आपकी आमदनी कम पड़ जाएगी और आप आर्थिक रूप से समस्याओं में घिर सकते हैं। यह अधिक खर्चे आपकी आर्थिक स्थिति पर बोझ बन सकते हैं।
आपसी समझदारी और एक दूसरे के प्रति विश्वास, आपके दांपत्य जीवन को मजबूती से टिकाए रखेगा और आपको वैवाहिक जीवन की सभी ख़ुशियों को प्राप्त करने में मदद करेगा।
व्यवसाय - सूर्य की स्थिति आपको नौकरी बदलने के लिये अच्छा योग दिखा रही है और ऐसे में आप नौकरी बदल कर दूसरी एक अच्छी नौकरी प्राप्त करने में सफल रहेंगे।
स्वास्थ्य - खुद को तंदुरुस्त बनाये रखने के लिये योगा आसनों का सहारा लें।
भाग्यशाली रंग: नीला, भाग्यशाली अंक: 8
कन्या - पॉजिटिव - कन्या राशि के जातक जीवन में स्वयं को भी अच्छा महत्व देते हैं और दूसरों की भावनाओं का भी ख्याल रखते हैं। आप की यही खूबी आपको सबका प्रिय बना सकती है। संतान के मामले में आप काफी खुश किस्मत रहेंगे और उनके द्वारा आपको अच्छे समाचार प्राप्त होंगे।
नेगेटिव - आपको इस दौरान किसी भी प्रकार के झगड़े में पड़ने से बचना चाहिए। बैठकों में आपका ज्यादा समय बीतेगा क्योंकि आपके लिए क़ानूनी मामले या अनुबंध साइन करना ज़रूरी है। पार्टनर या क़रीबी साथी के साथ अपनी योजनाओं के बारे में बात करें।
आपके पति या साथी के पास एक ऐसा रहस्य है, जो वो आपसे शेयर करना चाहता है, यह उनके अतीत से जुड़ा हुआ हो सकता है। उनके भय या अकेलेपन के बारे में सुनने के लिए समय निकालें।
व्यवसाय - संभावना है कि आप अपनी नौकरी बदलने का पूरा प्रयास करें, जो आप काफी समय से सोच रहे थे। सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले लोगों के लिए यह समय काफी अच्छा रहने वाला है।
स्वास्थ्य - आपको घुटने में दर्द की शिकायत हो सकती है। मेंम
भाग्यशाली रंग: पीला, भाग्यशाली अंक: 6
तुला - पॉजिटिव - यदि आप अपनी निजी चुनौतियों से पार पाने में सफल रहे तो, जीवन के अन्य क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव प्राप्त करेंगे। चाहे वह आपका दांपत्य जीवन हो या आपका करियर। जीवनसाथी का सहयोग आपके साथ रहेगा और इसलिए हर काम में आपको मजबूती मिलेगी।
नेगेटिव - आपको लोगों के कोप का भागी भी बनना पड़ सकता है और ऐसी ही स्थिति इस समय आपके सामने आएगी, जब परिवार में आपके बर्ताव को लेकर कुछ लोग आपसे प्रसन्न होंगे और कुछ लोग आप की बुराई भी कर सकते हैं। ऐसे में आपको तटस्थ रहकर अपना दायित्व निर्वहन करना चाहिए।
यह समय लव लाइफ के लिए अधिक अनुकूल संकेत नहीं दे रहे। आप दोनों के बीच गर्मागर्म बहस होने की संभावना रहेगी और आपके प्रियतम का व्यवहार भी थोड़ा बदला बदला सा रह सकता है और उनमें गुस्सा बढ़ने की संभावना है।
व्यवसाय - बिज़नेस क्लास के लोगों के लिए यह समय काफी बेहतर परिणाम देने वाला साबित होगा। अपने काम में तरक्की प्राप्त कीजिए।
स्वास्थ्य - पेट या फिर सर दर्द की शिकायत रह सकती है।
भाग्यशाली रंग: लाल, भाग्यशाली अंक: 2
वृश्चिक - पॉजिटिव - आपकी राशि का स्वामी विदेशी स्रोतों से धन का आगमन करा सकता है और यदि आप किसी मल्टीनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं तो, इस दौरान आपको अच्छा मुनाफ़ा हो सकता है, जिससे आपकी आर्थिक स्थिति थोड़ी अनुकूल हो सकती है।
नेगेटिव - आपके छोटे भाई बहनों को हल्की-फुल्की समस्या रह सकती है, जिसके लिए आपको उनके साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए। आपके खर्चे पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने पर अधिक होंगे। प्रॉपर्टी संबंधित कोई विवाद भी परिवार के लोगों के बीच लड़ाई की वजह बन सकता है।
यह समय आपकी लव लाइफ के लिए अधिक अनुकूल नहीं है। आपके प्रियतम का स्वास्थ्य भी खराब हो सकता है।
व्यवसाय - आपको धन प्राप्ति के रास्ते अचानक से मिल जाएंगे और किसी भी काम में धन के कारण कोई विलंब नहीं होगा। अचल संपत्ति के योग बन रहा है, अर्थात इस समय आपको कोई प्रॉपर्टी खरीदने में सफलता मिल सकती है।
स्वास्थ्य - बाहर जाते समय दर्द से संबंधित दवाइयों को भी अपने पास रखें।
भाग्यशाली रंग: आसमानी, भाग्यशाली अंक: 8
धनु - पॉजिटिव - शनि की उपस्थिति अपनी राशि में होने से आप नया मकान बनवा सकते हैं अथवा बने बनाये मकान को तोड़कर उसको रिकंस्ट्रक्ट करा सकते हैं, इस दौरान प्रॉपर्टी संबंधित लाभ होने की प्रबल संभावना रहेगी।
नेगेटिव - परिवार में कलह और क्लेश की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। ध्यान रखें कि सर्वप्रथम इस स्थिति से बचने का प्रयास करें और यदि ऐसा हो भी जाए तो किसी बाहर के व्यक्ति को परिवार के किसी भी काम में हस्तक्षेप ना करने दें, अन्यथा वह इस लड़ाई का फायदा उठाकर आप सभी को हानि पहुंचा सकता है।
आपके प्यार में वृद्धि होगी। आप जिनसे प्रेम करते हैं, उन्हें अपने जीवन साथी के रूप में प्राप्त करने के लिए प्रेम विवाह का प्रस्ताव रख सकते हैं।
व्यवसाय - राहु की स्थिति अचानक से करियर में उतार चढ़ाव लेकर आ सकती है, इसलिए बड़ा निवेश करने से पहले कई बार सोच लें।
स्वास्थ्य - ध्यान रखें, यदि आप पहले से ही किसी रोग से पीड़ित हैं तो आपको अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ सकता है।
भाग्यशाली रंग: काला, भाग्यशाली अंक:4
मकर - पॉजिटिव - आपका मन कलात्मक कार्यों में लगेगा और उनके माध्यम से आपको अच्छी आमदनी होने की भी संभावना रहेगी। इसके साथ ही मान सम्मान की भी प्राप्ति होगी। बस आपको इस समय का भरपूर प्रयोग करना चाहिए।
नेगेटिव - आपके कुटुंब में जो युवा लोग हैं, उनका प्रभाव परिवार की परिस्थितियों को कंट्रोल करने में लगेगा, लेकिन चतुर्थ भाव पर पीड़ित प्रभाव होने के कारण घर में आपसी समझदारी का अभाव हो सकता है और इससे परिवार के लोगों का आपसी सामंजस्य बिगड़ सकता है।
जो लोग अभी तक सिंगल हैं, उनके जीवन में इस समय कोई नया व्यक्ति आ सकता है। इससे आपका रिश्ता थोड़ा सा नज़दीकी हो सकता है। इस प्रकार कहा जाए तो यह समय प्रेम जीवन के लिए बेहद सामान्य रहेगा।
व्यवसाय - अपनी बुद्धि के बल पर कुछ नई परियोजनाओं को पूरा करेंगे, जिसमें आपको अच्छा धन लाभ हो सकता है। व्यापार की स्थिति बेहतर बनेगी और व्यापारिक रूप से आपको अच्छा खासा लाभ हो सकता है।
स्वास्थ्य - यदि दर्द की शिकायत रहती है तो जिम या स्ट्रेचिंग अथवा खेलते समय उसका ध्यान अवश्य रखें।
भाग्यशाली रंग: गोल्डन, भाग्यशाली अंक: 3
कुंभ - पॉजिटिव - यदि आप कविता लिखते हैं तो, इस दौरान किसी नई कविता का सृजन करेंगे और यदि आप अभिनय के क्षेत्र में हैं तो, लोगों को आप की कलाकारी देखने का मौका मिलेगा। कुल मिलाकर यह महीना आपके अंदर छुपी प्रतिभाओं को बाहर लेकर आने के लिए उपयुक्त समय देगा।
नेगेटिव - परिवार में कोई प्रॉपर्टी खरीदने की बात चलेगी और उसे खरीद पाने में सफलता भी मिलेगी, जिससे सबको खुशी होगी, लेकिन इस खुशी के साथ ही कुछ समस्याएं भी साथ आएँगी जो एक दूसरे के प्रति व्यवहार में बदलाव का कारण बन सकती हैं।
इस दौरान आप किसी बड़े परिवर्तन की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। हां आप यह कर सकते हैं कि, जो भी दिक्कतें आ रही हैं, उन सभी को ध्यान में रखते हुए धीरे धीरे धीरे अपनी लव लाइफ को आगे बढ़ाएं।
व्यवसाय - थोड़े खर्चे रहेंगे, जिन पर आपको ध्यान देना होगा। शुक्र की अष्टम भाव में स्थिति आपसे गुप्त रूप से खर्चे करवाएगी, जिस पर नियंत्रण रखना आवश्यक होगा।
स्वास्थ्य - पेट से संबंधित रोग से बचें।
भाग्यशाली रंग: गुलाबी, भाग्यशाली अंक: 5
मीन - पॉजिटिव - केतु की स्थिति आपको धार्मिक बनाएगी और आप धर्म कर्म से संबंधित कामों बढ़ चढ़कर हिस्सा लेंगे तथा उन पर अच्छा खासि धन भी खर्च करेंगे। राजनीति के क्षेत्र से जुड़े लोगों को काफी अच्छे परिणाम मिल सकते हैं।
नेगेटिव - आपका पारिवारिक जीवन तनावपूर्ण परिस्थितियों से गुजरने वाला है, इसलिए पहले से ही आप तैयार रहें, ताकि स्थिति को बिगड़ने से पहले ही आप रोक सकें। हालांकि कुछ चीजें आपके हाथ में नहीं होतीं, फिर भी आप अपनी ओर से प्रयास करेंगे तो बेहतर रहेगा।
अपने प्रियतम और उनकी भावनाओं को बराबर सम्मान दें, ताकि उन्हें भी यह महसूस हो कि उनका बराबरी का दर्जा है, क्योंकि प्यार में ऐसा ही होता है।
व्यवसाय - ग्रहों की स्थिति जहां एक ओर कुछ खर्चे बनाए रखेगी, वहीं दूसरी ओर आपको धन प्राप्ति का मार्ग भी सुझाती रहेगी। इसकी वजह से आप अपने खर्चों से भी पार पा लेंगे और एक अच्छी आर्थिक स्थिति का आनंद लेंगे।
स्वास्थ्य - मानसिक तौर पर समय आपके अधिक अनुकूल नहीं रहेगा और आप मानसिक चिंता से ग्रस्त रह सकते हैं।
भाग्यशाली रंग: कथ्थई, भाग्यशाली अंक: 9
जिनका आज जन्म दिन हैं उनको हार्दिक शुभकामनाएं
अंक ज्योतिष के अनुसार आपका मूलांक तीन आता है। यह बृहस्पति का प्रतिनिधि अंक है। ऐसे व्यक्ति निष्कपट, दयालु एवं उच्च तार्किक क्षमता वाले होते हैं। अनुशासनप्रिय होने के कारण कभी-कभी आप तानाशाह भी बन जाते हैं। आप दार्शनिक स्वभाव के होने के बावजूद एक विशेष प्रकार की स्फूर्ति रखते हैं। आपकी शिक्षा के क्षेत्र में पकड़ मजबूत होगी। आप एक सामाजिक प्राणी हैं। आप सदैव परिपूर्णता या कहें कि परफेक्शन की तलाश में रहते हैं यही वजह है कि अकसर अव्यवस्थाओं के कारण तनाव में रहते हैं।
शुभ दिनांक : 3, 12, 21, 30
शुभ अंक : 1, 3, 6, 7, 9,
शुभ वर्ष : 2028, 2030, 2031, 2034, 2043, 2049, 2052,
ईष्टदेव : देवी सरस्वती, देवगुरु बृहस्पति, भगवान विष्णु
शुभ रंग : पीला, सुनहरा और गुलाबी
कैसा रहेगा यह वर्ष
आपके लिए यह वर्ष सुखद है। किसी विशेष परीक्षा में सफलता मिल सकती है। नौकरीपेशा के लिए प्रतिभा के बल पर उत्तम सफलता का है। नवीन व्यापार की योजना भी बन सकती है।
दांपत्य जीवन में सुखद स्थिति रहेगी। घर या परिवार में शुभ कार्य होंगे। महत्वपूर्ण कार्य से यात्रा के योग भी है। मित्र वर्ग का सहयोग सुखद रहेगा। शत्रु वर्ग प्रभावहीन होंगे।
बुधवार, 29 अप्रैल 2020
एक दिन लुप्त हो जाएंगे गंगा, बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम
क्या एक दिन गंगा नदी पुनः स्वर्ग चली जाएगी फिर गंगा किनारे बसे तीर्थस्थलों का कोई महत्व नहीं रहेगा! वे नाममात्र के तीर्थ स्थल होंगे। केदारनाथ को जहां भगवान शंकर का आराम करने का स्थान माना गया है वहीं बद्रीनाथ को सृष्टि का आठवां वैकुंठ कहा गया है, जहां भगवान विष्णु 6 माह निद्रा में रहते हैं और 6 माह जागते हैं।
पूरा देश गंगा का हत्यारा हैरू मान्यताओं के अनुसार, जब गंगा नदी धरती पर अवतरित हुई, तो यह 12 धाराओं में बंट गई। इस स्थान पर मौजूद धारा अलकनंदा के नाम से विख्यात हुई और यह स्थान बद्रीनाथ, भगवान विष्णु का वास बना। अलकनंदा की सहचरणी नदी मंदाकिनी नदी के किनारे केदार घाटी है, जहां बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक सबसे महत्वपूर्ण केदारेश्वर है। यह संपूर्ण इलाका रुद्रप्रयाग जिले का हिस्सा है। रुद्रप्रयाग में भगवान रुद्र का अवतार हुआ था।
लेकिन 12 धाराओं में से अब अलकनंदा और उसकी सहयोगी मंदाकिनी का ही अस्तित्व बचा हुआ है। तीसरी आगे चलकर वह नदी जिसे गंगा कहा जाता है। लगातार हो रहे खनन, जंगल कटाई और नदी किनारे बढ़ रही जनसंख्या और धार्मिक क्रियाकांड के चलते जहां नदी का जलस्तर घटा है वहीं ये नदियां प्रदूषित भी हो गई है।
केदार घाटी में दो पहाड़ हैं- नर और नारायण पर्वत। विष्णु के 24 अवतारों में से एक नर और नारायण ऋषि की यह तपोभूमि है। उनके तप से प्रसन्न होकर केदारनाथ में शिव प्रकट हुए थे।
पुराणों अनुसार गंगा स्वर्ग की नदी है और इस नदी को किसी भी प्रकार से प्रदूषित करने और इसके स्वाभाविक रूप से छेड़खानी करने का परिणाम होगा संपूर्ण जंबूखंड का विनाश और गंगा का पुनरू स्वर्ग में चले जाना। वर्तमान में गंगा प्रदूषित हो गई है और इसके जल की गुणवत्ता में भी परिवर्तन होने लगा है। पुराणों अनुसार भूकंप, जलप्रलय और सूखे के बाद गंगा लुप्त हो जाएगी और इसी गंगा की कथा के साथ जुड़ी है बद्रीनाथ और केदारनाथ तीर्थस्थल की रोचक कहानी
नृसिंह भगवान की मूर्ति रू अब बद्रीनाथ में नहीं होंगे भगवान के दर्शन, क्योंकि मान्यता अनुसार जोशीमठ में स्थित नृसिंह भगवान की मूर्ति का एक हाथ साल-दर-साल पतला होता जा रहा है। माना जाता है कि जिस दिन नर और नारायण पर्वत आपस में मिल जाएंगे, बद्रीनाथ का मार्ग पूरी तरह बंद हो जाएगा। भक्त बद्रीनाथ के दर्शन नहीं कर पाएंगे। उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदा इस बात की ओर इशारा करती है कि मनुष्य ने विकास के नाम पर तीर्थों को विनाश की ओर धकेला है और तीर्थों को पर्यटन की जगह समझकर मौज-मस्ती करने का स्थान समझा है तो अब इसका भुगतान भी करना होगा। पुराणों अनुसार आने वाले कुछ वर्षों में वर्तमान बद्रीनाथ धाम और केदारेश्वर धाम लुप्त हो जाएंगे और वर्षों बाद भविष्य में भविष्यबद्री नामक नए तीर्थ का उद्गम होगा।
अलकनंदा और मंदाकिनी इन दोनों नदियों का पवित्र संगम रुद्रप्रयाग में होता है और वहां से ये एक धारा बनकर पुनरू देवप्रयाग में ‘भागीरथी-गंगा’ से संगम करती हैं। देवप्रयाग में गंगा उत्तराखंड के पवित्र तीर्थ गंगोत्री से निकलकर आती है। देवप्रयाग के बाद अलकनंदा और मंदाकिनी का अस्तित्व विलीन होकर गंगा में समाहित हो जाता है तथा वहीं गंगा प्रथम बार हरिद्वार की समतल धरती पर उतरती है। भगवान केदारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन के बाद बद्री क्षेत्र में भगवान नर-नारायण का दर्शन करने से मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उसे जीवन-मुक्ति भी प्राप्त हो जाती है। इसी आशय को शिवपुराण के कोटि रुद्र संहिता में भी व्यक्त किया गया है-झ झ तस्यैव रूपं दृष्ट्वा च सर्वपापैर प्रमुच्यते। जीवन्मक्तो भवेत् सोऽपि यो गतो बदरीबने।।
दृष्ट्वा रूपं नरस्यैव तथा नारायणस्य च।
केदारेश्वरनाम्नश्च मुक्तिभागी न संशयः।।
बद्रीनाथ की कथा अनुसार सतयुग में देवताओं, ऋषि-मुनियों एवं साधारण मनुष्यों को भी भगवान विष्णु के साक्षात दर्शन प्राप्त होते थे। इसके बाद आया त्रेतायुग- इस युग में भगवान सिर्फ देवताओं और ऋषियों को ही दर्शन देते थे, लेकिन द्वापर में भगवान विलीन ही हो गए। इनके स्थान पर एक विग्रह प्रकट हुआ। ऋषि-मुनियों और मनुष्यों को साधारण विग्रह से संतुष्ट होना पड़ा। शास्त्रों अनुसार सतयुग से लेकर द्वापर तक पाप का स्तर बढ़ता गया और भगवान के दर्शन दुर्लभ हो गए। द्वापर के बाद आया कलियुग, जो वर्तमान का युग है।
पुराणों में बद्री-केदारनाथ के रूठने का जिक्र मिलता है। पुराणों अनुसार कलियुग के पांच हजार वर्ष बीत जाने के बाद पृथ्वी पर पाप का साम्राज्य होगा। कलियुग अपने चरम पर होगा तब लोगों की आस्था लोभ, लालच और काम पर आधारित होगी। सच्चे भक्तों की कमी हो जाएगी। ढोंगी और पाखंडी भक्तों और साधुओं का बोलबाला होगा। ढोंगी संतजन धर्म की गलत व्याख्या कर समाज को दिशाहीन कर देंगे, तब इसका परिणाम यह होगा कि धरती पर मनुष्यों के पाप को धोने वाली गंगा स्वर्ग लौट जाएगी।
लॉकडाउन के बीच केदारनाथ मंदिर के कपाट खुले, देखिये भव्य नज़ारा
देहरादून। मंत्रोच्चार और विधि-विधान से पूजा अर्चना के बाबा केदारनाथ के कपाट आज सुबह 6 बजकर 10 मिनट में खोल दिए गए। कपाट खुलने के बाद सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से रुद्राभिषेक पूजा संपन्न की गई। हालांकि कोरोना संकट के चलते फिलहाल श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर में जाने की अनुमति नहीं हैं। ऐसा पहली बार हुआ होगा जब मंदिर कपाट खुलने के दौरान यहां भक्तों की लाइन नहीं थी। महज 15 से 16 लोग ही वहां मौजूद थे।
केदारनाथ धाम के रावल भीमाशंकर लिंग उखीमठ में 14 दिनों के लिए क्वारंटीन में हैं इसलिए उनके प्रतिनिधि के तौर पर पुजारी शिवशंकर लिंग ने कपाट खुलने की परंपरा का निर्वहन किया। मंदिर में भीड़ न हो इसके लिए प्रशासन ने श्रद्धालुओं को मंदिर में जाने की अनुमति नहीं दी।
आडू तोड़ने से रोका तो कर दिया भाजपा नेता के भाई का मर्डर
शामली । जनपद के थानाभवन क्षेत्र के गांव खेड़ा गदई में मंगलवार की रात में पश्चिमी उत्तर प्रदेश भाजपा के क्षेत्रीय महामंत्री मोहित बेनीवाल के चाचा विनय सिंह के बाग से आड़ू तोड़ने को लेकर हुए विवाद में उनके 22 वर्षीय भतीजे की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
दरअसल, गांव खेड़ा गदई भाजपा के क्षेत्रीय महामंत्री मोहित बेनीवाल का पैतृक गांव है। गांव में बुंटा मार्ग पर मोहित बेनीवाल के चाचा विनय बेनीवाल का बाग है।
मंगलवार की रात में बंटा गांव के कुछ युवकों ने बाग से आड़ू तोड़ लिए। इस पर बाग के नौकरों ने कुछ युवकों को तोड़े गए आड़ू के साथ पकड़ लिया। इसके बाद नौकरों ने विनय बेनीवाल को मामले की सूचना दी जिस पर विनय सिंह , उनका पुत्र गोल्ली उर्फ हर्ष तथा अन्य बाग में पहुंचे। इसी दौरान आड़ू तोड़ने वाले युवकों में से किसी ने तमंचे से गोली चला दी।
रात में चलाई गोली जो गोल्ली उर्फ हर्ष को लग गई। इससे वहां ऑफर तफरी मच गई। इसका फायदा उठाकर आड़ू तोड़ने वाले युवक वहां से फरार हो गए। इसके बाद परिजन हर्ष को गंभीर हालत में शामली के एक नर्सिंग होम में ले गए,जहां से डॉक्टरों ने उसे मेरठ के लिए रेफर कर दिया लेकिन रास्ते में ही उसकी मृत्यु हो गई।
हर्ष की मृत्यु से परिवार में कोहराम मच गया। इसके बाद विशेष परमिशन लेकर रात में ही हर्ष का पोस्टमार्टम कराया गया। उनके बाद बुधवार की दोपहर में गमगीन माहौल में मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया गया। दोपहर एक बजे तक थानाभवन थाने पर कोई तहरीर पीड़ित पक्ष की ओर से नही दी गई थी।
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मुजफ्फरनगर। पुलिस उपमहानिरीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मुजफ्फरनगर अभिषेक सिंह द्वारा 43 उपनिरीक्षकगण को उनके नाम के सामने अंकित स्थान/थानों पर...