देहरादून। जीएसटी चोरी कर रही स्टील फैक्ट्रियों पर छापे में बड़े पैमाने पर चोरी पकड़ी गई है। इस दौरान दो करोड़ से अधिक मौके पर जमा कराए गए और बाकी कागजों की जांच हो रही है। इनमें मुजफ्फरनगर से संबंधित स्टील फैक्ट्री भी बताई गई हैं।
आयुक्त राज्य कर सोनिका ने बडे पैमाने पर जीएसटी चोरी की सूचना पर आयरन और स्टील फर्मों पर अपर आयुक्त पीएस डुंगरियाल, संयुक्त आयुक्त संजीव सोलंकी और राजेंद्र लाल वर्मा कार्रवाई के लिए निर्देशित किया था।
विभाग की जांच में सामने आया कि आयरन और स्टील फर्में इनपुट टैक्स क्रेडिट (आइटीसी) का अनुचित लाभ उठा रही हैं, जबकि उन पर अच्छा खास टैक्स बन रहा है। जिसके बाद हरिद्वार के लक्सर क्षेत्र की तीन फर्मों पर छापेमारी की गई। 30 अधिकारियों और कार्मिकों की टीम ने छह दिन तक फर्मों के रिकार्ड खंगाले। साथ ही तैयार और कच्चे माल का सघन परीक्षण किया। छापे में घोषित स्टॉक से कहीं अधिक कच्चा और तैयार माल मिला। पता चला कि जितना स्टाक फर्मों ने घोषित किया है, मौके पर उससे कहीं अधिक स्टाक है। जीएसटी अधिकारियों ने फर्मों के तमाम दस्तावेज अपने कब्जे में ले लिए। जिनका गहन परीक्षण विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा से कराया जाएगा। ताकि अब तक की गई कर चोरी की पाई-पाई वसूल की जा सके। हालांकि, खुद को घिरता देख फर्मों ने मौके पर ही 2.1 करोड़ रुपए जमा करा दिए। शेष वसूली विस्तृत जांच के बाद की जाएगी। कार्रवाई करने वाली टीम में उपायुक्त दीपक कुमार, मनीषा सैनी, कार्तिकेय वर्मा आदि शामिल रहे।
आयुक्त राज्य कर (उत्तराखंड) सोनिका ने कहा कि कर चोरी किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं की जाएगी। यह अभियान निरंतर जारी रहेगी। इसके लिए सेक्टरवार फर्मों को चिह्नित किया जा रहा है। जरूरत पड़ी तो विधिक कार्रवाई भी अमल में लाई जाएगी। लिहाजा, सभी प्रतिष्ठान तय कर को समय पर जमा कराना सुनिश्चित करें।
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