सोमवार, 25 अगस्त 2025

मुजफ्फरनगर होते हुए हरिद्वार को प्रयागराज से जोड़ेगा गंगा एक्सप्रेस वे


 मेरठ। गंगा एक्सप्रेसवे का विस्तारक मेरठ से हरिद्वार तक 110 किमी छह लेन हाईवे की डीपीआर तैयार है। मुजफ्फरनगर होते हुए यह हाईवे हरिद्वार को प्रयागराज और वाराणसी से जोड़ेगा। 

 अब दूसरे चरण में गंगा एक्सप्रेसवे को मेरठ से होकर हरिद्वार तक जोड़ा जाएगा। यह मेरठ-हरिद्वार एक्सप्रेसवे के रूप में करीब 110 किलोमीटर लंबा छह लेन का हाईवे होगा। इसके सर्वे का कार्य पूरा हो चुका है। अब डीपीआर तैयार की जाएगी। डीपीआर में इसके पूर्व निर्धारित मार्ग में बदलाव भी संभव है। नोएडा की कंपनी इस एक्सप्रेसवे की लंबाई कम करने और आसपास के दूसरे जिलों के संपर्क से होकर निकालने का प्रयास करेगी। इसके बनने से पश्चिमी उत्तर प्रदेश को उत्तराखंड से बेहतर कनेक्टिविटी मिल सकेगी। इससे प्रयागराज से हरिद्वार तक का एक्सप्रेसवे तैयार हो जाएगा और तीर्थाटन को बढ़ावा मिलेगा।


*दिया जा रहा विस्तार*

गंगा एक्सप्रेसवे मूल रूप से मेरठ से प्रयागराज तक 594 किलोमीटर लंबा है। यह भारत के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे में से एक है। पिछले दिनों शासन ने इसका विस्तार हरिद्वार तक बनाने की योजना का एलान किया था। यह गंगा एक्सप्रेसवे का दूसरा चरण है। इस दूसरे चरण की लंबाई लगभग 110 से 150 किलोमीटर के आसपास होगी। यह मेरठ से मुजफ्फरनगर होकर रुड़की से उत्तराखंड में प्रवेश करेगा। हरिद्वार तक विस्तार हो जाने के बाद, यह एक्सप्रेसवे सीधे चार धाम राजमार्ग और चार धाम रेलवे से जुड़ जाएगा।


*यह है मौजूदा स्थिति*

गंगा एक्सप्रेसवे के मेरठ से प्रयागराज तक के पहले चरण का निर्माण लगभग अंतिम चरण में है। यह 93 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। वर्षाकाल पूर्ण होने के साथ ही इसके निर्माण में तेजी आएगी। यूपिडा के अनुसार इसका औपचारिक उदघाटन 15 दिसंबर तक कराने की तैयारी है।

दूसरे चरण के लिए सर्वेक्षण का कार्य पूरा हो चुका है। अब इसकी डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार करने का काम किया जाएगा। इसका उायित्व नोएडा की एसए इंफ्राटक्चर कंसल्टेंट कंपनी को दिया गया है। यह कंपनी चार महीने में इसकी डीपीआर तैयार करके यूपीडा को सौंप देगी। इस मार्ग के लिए शासन की ओर से 50 करोड़ रुपये का बजट आवंटित हो गया है।

दूसरे चरण में बनने वाला यह एक्सप्रेसवे पश्चिम उत्तर प्रदेश को हरिद्वार से जोड़ेगा। इससे दिल्ली-एनसीआर और आसपास के इलाकों से हरिद्वार तक की यात्रा आसान और तेज़ हो जाएगी। इससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी बढ़ेगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। यह उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के बीच सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण लिंक प्रदान करेगा।


*कंपनी एक सितंबर से काम करेगी*

गंगा एक्सप्रेसवे का पहला चरण लगभग पूरा होने को है। उसका लोकार्पण निर्धारित समय पर किया जा सकेगा। वहीं अब दूसरे चरण के निर्माण में भी तेजी आएगी। डीपीआर के लिए कंपनी निर्धारित कर दी गई है। यह कंपनी एक सितंबर से कार्य आरंभ कर देगी।"


-संदीप कुमार, एडीएम

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