शुक्रवार, 22 अगस्त 2025

उत्तरप्रदेश पोल्लुशन कण्ट्रोल बोर्ड लखनऊ से आये मुख्य पर्यावरण अधिकारी प्रवीण कुमार को ज्ञापन सौंपा


मुजफ्फरनगर। आईं आईं ए की ओर से आईटीआई के सभागार मे मीटिंग आयोजित हुई । उत्तरप्रदेश पोल्लुशन कण्ट्रोल बोर्ड लखनऊ से आये मुख्य पर्यावरण अधिकारी प्रवीण कुमार को ज्ञापन सौंपा।

इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (IIA–आईंआईंए) MSME हितों की रक्षा हेतु स्थापित एक संस्था है, जिसका मुख्यालय लखनऊ में स्थित है तथा उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली में इसके चैप्टर कार्यरत हैं। संस्था से लगभग 15,000 इकाइयाँ जुड़ी हुई हैं। MSME उद्यमियों की ओर से हम आपका ध्यान कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं की ओर आकर्षित करना चाहते हैं।


MSME क्षेत्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है। हम सभी पर्यावरण संरक्षण के महत्व को भली-भाँति समझते हैं और नियमों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। तथापि, वर्तमान परिस्थितियों में उद्यमियों को कुछ व्यावहारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


हमारे सुझाव निम्नलिखित हैं:


1. चेतावनी व्यवस्था – उद्योगों पर सीधे जुर्माना अथवा बंदी की कार्रवाई करने से पूर्व एक बार चेतावनी देकर सुधार का अवसर प्रदान किया जाना चाहिए।


2. NOC संशोधन प्रक्रिया – जिन इकाइयों ने NOC प्राप्त कर ली है और पूरी फीस जमा कर दी है, यदि उन्हें संशोधन की आवश्यकता हो तो वह संशोधन उसी जमा हुई फीस के अंतर्गत किया जाए, नई फीस न लगाई जाए।


3. NOC शुल्क की गणना – जिन उद्योगों की एक से अधिक विनिर्माण इकाइयाँ हैं (चाहे वे उत्तर प्रदेश में हों या अन्य राज्यों में), प्रत्येक इकाई के लिए सहमति शुल्क की गणना केवल उस विशेष इकाई के पूंजी निवेश के आधार पर की जानी चाहिए जिसके लिए सहमति हेतु आवेदन किया जा रहा है। यह गणना संपूर्ण कंपनी के अचल निवेश पर आधारित नहीं होनी चाहिए।


4. प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों में निवेश हेतु प्रोत्साहन – उद्योगों को प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, उनकी सहमति शुल्क में छूट दी जानी चाहिए। इसके अंतर्गत, प्रदूषण नियंत्रण में किए गए निवेश की एक निश्चित राशि को सहमति शुल्क की गणना में घटाया जा सकता है, जिससे उद्योगों को स्वच्छ प्रौद्योगिकी और प्रदूषण नियंत्रण उपाय अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिले।


5. फॉर्म भरने में सहायता – EPR और NOC (Consent) फॉर्म भरने की प्रक्रिया में उद्यमियों को प्रायः कठिनाई होती है। इस समस्या के समाधान हेतु एक विशेष अधिकारी नियुक्त किया जाए जो उद्यमियों को इन फॉर्म भरने में मदद कर सके। इससे उद्यमियों को बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ेगा और कार्य सुगमता से संपन्न हो सकेगा।


6. श्वेत श्रेणी प्रमाणपत्र – जो इकाइयाँ श्वेत श्रेणी (White Category) में आती हैं, उन्हें औपचारिक रूप से “श्वेत श्रेणी प्रमाणपत्र” जारी किया जाए, ताकि निरीक्षण के दौरान उन्हें बिना NOC संचालित इकाई की श्रेणी में न माना जाए।


7. जिला उद्योग केंद्र से NOC – जिन माइक्रो और स्मॉल यूनिट्स ने जिला उद्योग केंद्र से NOC प्राप्त कर ली है, उन्हें Pollution Control Board से अलग से NOC लेने के लिए बाध्य न किया जाए।


8. समाधान/माफी योजना – आपके विभाग की ओर से IIA कार्यालय में “समाधान/माफी योजना – विवाद से विश्वास” के आधार पर एक विशेष कैंप आयोजित किया जाए। इसमें हवा और पानी (Air & Water) की Consent के आवेदन उसी समय भरवाकर तुरंत Consent Certificate जारी किया जाए। इससे MSME यूनिट्स मुख्यधारा से जुड़कर कानूनों का पालन आसानी से कर पाएँगी।


9. DG सेट से संबंधित सुझाव – यदि किसी इकाई ने पुराने DG सेट की Consent ली थी और बाद में नया DG सेट खरीद लिया है, तो वही Consent नए DG सेट के लिए मान्य मानी जाए। हाल ही में कुछ इकाइयों पर पुराने DG सेट को लेकर भारी जुर्माना लगाया गया है। चूँकि उन्होंने नया DG सेट खरीद लिया है, अतः ऐसे मामलों में उनके जुर्माने माफ किए जाएँ।


10. राजस्व का स्थानीय उपयोग – सहमति (Consent) आदि से जो राजस्व किसी विशेष शहर/जनपद से एकत्र होता है, उसका उपयोग उसी क्षेत्र में प्रदूषण नियंत्रण एवं पर्यावरण संरक्षण संबंधी उपकरणों तथा व्यवस्थाओं पर किया जाना चाहिए। इससे स्थानीय स्तर पर पर्यावरणीय सुधार सुनिश्चित हो सकेगा 

हम सभी MSME उद्यमी यह विश्वास दिलाते हैं कि हम पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए अपने उद्योगों का संचालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। 

आपके सहयोग और मार्गदर्शन से ही हम उद्योग और पर्यावरण दोनों को साथ लेकर प्रदेश की प्रगति में योगदान कर सकते हैं।

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

नवजात बच्चे का शव झोले में लेकर कलक्ट्रेट पहुंच गया। पिता

लखीमपुर। व्यवस्था का शिकार एक पिता अपने नवजात बच्चे का शव झोले में लेकर कलक्ट्रेट पहुंच गया। पिता ने रोते हुए बताया कि प्राइवेट अस्पताल के ड...