प्रयागराज। बहुचर्चित निठारी कांड ( नोएडा ) के दोनों दोषियों को 14 मामलो में दी गयी फाँसी की सजा को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है।
2005 - 2006 में नोएडा के निठारी में मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी नंबर D -5 से 19 बच्चो और महिलाओ के कंकाल बरामद हुए थे। साथ ही कोठी से मानव की हड्डियों के 40 पैकेट्स भी बरामद हुए थे। कोठी के बराबर नाले में मानव अवशेष भी बरामद हुए थे। पुलिस ने पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली को गिरफ्तार किया था। उक्त दोनों कोठी के पास से गुजरने वाली महिलाओ और लड़कियों को लालच देकर अंदर बुला लेते थे फिर इनके साथ पहले रेप किया जाता था और फिर इनकी हत्या कर दी जाती थी। उक्त दोनों लड़कियों के अंगो को उबालकर खाते थे , जब इलाके से महिलाओ और लड़कियों के गायब होने लगे तो तब पुलिस एक्टिव हुई और शक होने पर उक्त कोठी में छापेमारी की गयी थी। नोएडा के सेक्टर 20 थाना पुलिस से केस सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया था। सीबीआई ने पंढेर को 2 मामलो में और सुरेंद्र कोली के खिलाफ 12 मामलो में चार्जशीट दाखिल की थी। ट्रायल कोर्ट ने दोनों को 14 मामलो में फाँसी की सजा सुनाई थी। इस आदेश के खिलाफ दोनों ने आज इलाहबाद हाईकोर्ट ने दोनों की फांसी की सजाये रद्द कर दी। माना जा रहा है की लचर पैरवी के चलते 14 मामलो में दोषमुक्त करते हुए फांसी की सजा भी रद्द कर दी गयी। ये कांड संसद राजयसभा और विधानसभाओ और काफी दिनों तक गूंजा था।
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