ताजा रिपोर्ट डॉट कॉम के लखनऊ कार्यालय से स्टेट डेस्क की रिपोर्ट
लखनऊ । केंद्रीय एवं प्रदेश सूत्रों ने मुजफ्फरनगर में संपन्न हुए नगर पालिका चुनाव को लेकर कई नेताओं पर तलवार लटकने के संकेत दिए हैं। जिनमें भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता होने के बावजूद निर्दलीय चुनाव लड़ना और पार्टी के विरोध में कार्य करने जैसे कई मामले संघ व भाजपा के केंद्रीय और प्रदेश संगठन के सामने आए हैं। जिसको लेकर भारतीय जनता पार्टी और संघ के कई गुप्तचरों द्वारा मुजफ्फरनगर पहुंचकर गुप्त तरीके से मामले की छानबीन की गई। जहाँ एक ओर खतौली विधान सभा के उप चुनाव को हारने के बाद जिले के उच्च पदाधिकारियों से संघ के साथ केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय संगठन नाराज चल रहा है। जिले में हुए नगर पालिका चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं ने निर्दलीय चुनाव लड़ा तो कई बागी हो गए तो कई की टिकट होने के बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशियों से नाराजगी चलती रही। जिसको लेकर उन्होंने उनके विरोध में चुनाव प्रचार किया। ब्राह्मण समाज के कुछ भाजपा नेताओं ने विपक्ष में गठबंधन से चुनाव लड़ रही समाजवादी पार्टी के नेता राकेश शर्मा की पत्नी लवली शर्मा को समर्थन देकर उनके साथ चुनाव प्रचार कर वोटों का बंटवारा भी उन्हीं के हिस्से में किया। जिसकी जानकारी मिलते ही भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय और राज्य संगठन के साथ-साथ संघ के कई गुप्तचर जिले में पहुंचकर उनकी खोजबीन में लग गए। जिनमें कई चेयरमैन पद के उम्मीदवार तो कई वार्ड मेंबरों के रूप में उनके सामने आए। जिनका पूरा खाका तैयार कर गुप्तचरों ने इसकी रिपोर्ट संघ और भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय एवं राज्य संगठन को भेज दिया। जिस पर जल्दी कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं, वही कई जिलों में तो चुनाव से पूर्व ही पार्टी संगठन ने अपने कई नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया था, परंतु मुजफ्फरनगर में चल रही नाराजगी और गुस्से को देखते हुए कार्यकर्ताओं पर कोई कार्यवाही ना कर चुनाव लड़ाने का निर्णय लिया गया था, परंतु इसी दौरान गुप्तचरों ने अपना कार्य पूर्ण कर संघ और भाजपा के केंद्रीय व राज्य संगठन को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। भाजपा के प्रत्याशियों ने भी आलाकमान को शिकायत भेजी हैं।
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