मुजफ्फरनगर। आज कलाल क्षत्रिय महासभा मुजफ्फरनगर द्वारा आनंदपुरी स्थित अध्यक्ष प्रमोद कर्णवाल के आवास पर राजा कीर्ति वीर्य सहस्त्रबाहु अर्जुन जी की जयंती मनाई गई ।
इस अवसर पर अध्यक्ष प्रमोद कर्णवाल ने कहा कि कलाल समाज के प्रणेता राजा कीर्ति वीर्य सहस्त्रबाहु अर्जुन त्रेता युग में अत्यधिक शक्तिशाली तथा पराक्रमी राजा थे जिन्होंने तीनों लोकों के राजा रावण को भी पराजित कर दिया था और उसे अपने कारावास में बंदी बनाकर रखा था ।
इस अवसर पर महामंत्री श्री वीरेंद्र वीर कलाल ने कहा कि सहस्त्रबाहु अर्जुन हैहेय वंश के प्रमुख अधिपति थे इन्हें सातों दीपों पर राज करने के कारण सप्तदिपेश्वर भी कहा जाता है तथा राजाओं का राजा होने के कारण इन्हें राजराजेश्वर भी कहा जाता है ।
इस अवसर पर मंत्री श्री शैलेंद्र कर्णवाल ने कहा कि पुराणों में राजा सहस्त्रबाहु अर्जुन को भगवान विष्णु के मानस प्रपोत्र और सुदर्शन चक्र का मूलावतार कहा गया है। महाभारत के अनुसार वे पृथ्वी के सम्राट थे और उनके अधिकृत आर्यव्रत के 21 क्षत्रिय राजा थे वायु और अन्य पुराणों में उन्हें भगवान की उपाधि प्राप्त है ।
कोषाध्यक्ष राजेश कर्णवाल ने कहा कि राजा सहस्त्रबाहु अर्जुन का जन्म महाराज हैहय की 10 वीं पीढ़ी में माता पद्मिनी के गर्भ से हुआ था सहस्त्रबाहु अर्जुन जी के जयंती क्षत्रिय धर्म की रक्षा एवं सामाजिक उत्थान के लिए मनाई जाती है।
उप कोषाध्यक्ष रविंद्र कर्णवाल (सोनू भाई) ने कहा कि राजा सहस्त्रबाहु अर्जुन का वास्तविक नाम अर्जुन था उन्होंने अपने गुरु दत्तात्रेय को प्रसन्न कर वरदान में उनसे 1000 भुजाएं मांग ली थी इससे उनका नाम सहस्त्रबाहु अर्जुन हो गया।
इस अवसर पर कलाल समाज के लोगों द्वारा महान प्रतापी पराक्रमी योद्धा राजा सहस्त्रबाहु अर्जुन का भावपूर्ण स्मरण किया गया तथा उनके पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर अध्यक्ष प्रमोद कर्णवाल द्धारा सभी को श्रीमद्ब भगवद गीता वितरित की गई।
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