रविवार, 26 सितंबर 2021

धर्मांतरण फंडिंग मामले में मुजफ्फरनगर से दो और नासिक से एक और गिरफ्तार





लखनऊ। बीते दिनों उत्तर प्रदेश में एक बड़े स्तर पर अवैध धर्मांतरण  कराने वाले गिरोह के सरगना के साथ 10 लोगों को गिरफ्तार कर एक बडे़ सिंडिकेट का खुलासा होने के बाद एटीएस ने फंडिंग के आरोपों में मुजफ्फरनगर से दो तथा नासिक से एक और व्यक्ति की गिरफ्तारी की है। 
अवैध धर्मान्तरण मामले में गिरफ्तार मौलाना कलीम सिद्दीकी के तीन अन्य साथी  मो इदरीश कुरैशी, मो सलीम और कुणाल उर्फ आतिफ गिरफ्तार किए गए हैं। बताया जाता है कि देश व्यापी अवैध धर्मान्तरण के सिंडिकेट में आरोपी शामिल हैं । धर्मान्तरण को लेकर हवाला के जरिये फंडिंग का आरोप है । तीनों के अकाउंट में 20 करोड़ की रकम का खुलासा हुआ है । जमीयते इमाम वलीउल्लाह ट्रस्ट के अलग अलग अकाउंट्स से भेजी गई ये । ट्रस्ट के इंडियन बैंक के अकाउंट में बैंक ऑफ बहरीन एंड कुवैत से ही 1.5 करोड़ की रकम पहुँची। आरोपी कुणाल रूस से मेडिकल की पढ़ाई के दौरान कन्वर्ट हुआ था। नासिक में क्लिनिक संचालन के दौरान मरीजों को धर्मान्तरण के लिए प्रेरित करता था। आरोपी इदरीस ने महज 3 माह में मुजफ्फरनगर में लाखों का मकान बनवाया। कलीम और इदरीस की दिल्ली , मुजफ्फरनगर में  संपत्तियां मिली हैं । 10 दिन की रिमांड में कलीम से पूछताछ के बाद तीनों की गिरफ्तारी हुई । एटीएस ने मुज्जफरनगर और नासिक से  गिरफ्तारी की। तीनों को एटीएस  रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है ।

मंगलवार रात मेरठ से ग्लोबल पीस सेंटर के अध्यक्ष मौलाना कलीम सिद्दीकी को  गिरफ्तार कर लिया गया था। यूपी एटीएस के अनुसार मौलाना कलीम विदेशों से मिल रही फंडिंग के आधार पर पूरे देश में संगठित ढंग से गैर मुस्लिमों को गुमराह कर रहा था। उन्हें डराकर भारत का सबसे बड़ा अवैध धर्मांतरण सिंडिकेट चला रहा था। राजधानी लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में उत्तर प्रदेश के अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार ने इसकी जानकारी दी है। एटीएस सूत्रों के अनुसार इस मामले में मुजफ्फरनगर से दो तथा नासिक से एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

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