नयी दिल्ली. मानसून और बारिश को लेकर मौसम विभाग के तमाम आंकड़े फेल हो रहे हैं. अब मौसम विभाग ने भविष्यवाणी में हुई बार-बार चूक पर उसने सफाई दी है। विभाग ने माना है कि न्यूमरिकल मॉडलों के आधार पर मॉनसून की प्रगति के अनुमानों में इस तरह की गलती असामान्य है और कभी-कभार ही होती है।
आइएमडी ने बताया कि 3 जून को केरल में दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने दस्तक दे दी थी। 13 जून तक उत्तर-पश्चिम भारत को छोड़कर इसने ज्यादातर हिस्से को कवर कर लिया। न्यूमरिकल प्रिडिक्शन मॉडलों से संकेत मिला कि अगले 48 घंटों में मॉनसून मध्य प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों, उत्तर प्रदेश के बाकी हिस्सों, दिल्ली, हरियाणा और पंजाब में पहुंचेगा। उसी के अनुसार, 15 जून को मॉनसून के पहुंचने का अनुमान जताया गया।
हालांकि, 14 जून को नॉर्थवेस्ट में पूर्वी हवाओं के कमजोर होने के संकेत मिले। उसी के अनुसार बताया गया कि मॉनसून के आगे बढ़ने की रफ्तार धीमी होगी। 16 जून को इस बारे में दोबारा बताया गया कि दिल्ली पहुंचने में मॉनसून को देरी होगी। मॉनसून की कमजोर स्थितियों के कारण 20 जून से इसमें कोई प्रगति नहीं हुई। इसके बारे में लगातार प्रेस रिलीज जारी की जाती रहीं।
आईएमडी ने बताया कि मॉनसून की स्थिति पर 5 जुलाई को फिर जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि 10 जुलाई के आसपास पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब के कुछ हिस्सों, हरियाणा, राजस्थान और दिल्ली में मॉनसून पहुंच सकता है।
मौसम विभाग ने इससे पहले कहा था कि राजधानी में मॉनसून अपने तय समय से 12 दिन पहले ही 15 जून को दस्तक दे देगा। लेकिन, दिल्ली वालों का यह इंतजार अब तक खत्म नहीं हुआ है। पिछले गुरुवार को दिल्ली में हल्की बारिश हुई थी। आईएमडी ने कहा था कि 11,12 और 13 जुलाई को देश के उत्तर पश्चिम क्षेत्रों में भारी वर्षा होगी। तभी उसने यह भी अनुमान जताया था कि दिल्ली-एनसीआर में अगले 24 घंटों में मॉनसून पहुंच जाएगा। इससे पहले 2012 में मॉनसून सात जुलाई को दिल्ली में पहुंचा था। वहीं, 2006 में मॉनसून ने नौ जुलाई को राजधानी में दस्तक दी थी।
केरल में दो दिन की देरी से पहुंचने के बाद मॉनसून देश के पूर्वी, मध्य और उत्तर-पश्चिम के कुछ हिस्सों में 10 दिन पहले ही पहुंच गया था। लेकिन, इसके बाद इसके आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल नहीं रहीं। मॉनसून कमजोर होकर रुक रुककर आगे बढ़ने लगा।
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