मुजफ्फरनगर । देश में किसानों के गन्ने का बकाया भुगतान कराने और किसान हित में चीनी का न्यूनतम एक्स-मिल बिक्री मूल्य 3100 रूपये प्रति कुंतल से बढ़ाकर 3500 रूपये प्रति कुंतल करने की मांग पीजेंट एंड वेल्फेयर सोसायटी ने की है।
प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा गया है कि सरकार ने देश के किसान हित व चीनी उद्योग को बचाने के लिए वर्ष 2018 में देश में पहली बार चीनी का न्यूनतम एक्स-मिल बिक्री मूल्य तय किया था। इस निर्णय से देश में चीनी के दाम मंम स्थिरता आ गई थी। तथा चीनी मिलों द्वारा गन्ना भुगतान में तेजी आई थी। यह किसान हित का एक बड़ा व् अच्छा कदम था। पिछले वर्ष नीति आयोग द्वारा गठित टास्कफोर्स ने न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में 200 रूपये प्रति कुंतल की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी। और इसके बाद जुलाई 2020 में गृहमंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के एक समूह (जीओएम) की बैठक में भी चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) को 200 रूपये प्रति कुंतल की बढ़ोतरी की सिफारिश की गई थी। इसके बाद मंत्री समूह ने खाद्य मंत्रालय को निर्देश दिया था कि वह नीति आयोग की अनुशंसा के अनुसार चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य को बढ़ाने के प्रस्ताव के साथ एक मंत्रिमंडल नोट लाया जाये, लेकिन यह विषय अभी लम्बित है। इस समय यह मूल्य 3500 रूपये प्रति कुंतल करने की जरूरत है।
संगठन ने कहा कि चीनी के दाम नीचे होने के कारण इसका असर किसानों के गन्ना के मूल्य व गन्ना मूल्य भुगतान पर पड़ता है। यही कारण है कि गन्ना किसानों गन्ना का बेहतर मूल्य नहीं मिल पाता है, और न ही समय से भुगतान मिलता है। किसानों को उम्मीद है कि केंद्र सरकार चीनी का न्यूनतम एक्स-मिल बिक्री मूल्य बढ़ने के लिए अतिशीघ्र कदम उठाएगी, जिससे किसानो को चीनी मिलों पर गन्ने का बकाया भुगतान मिल सके।
पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने अनुरोध किया है कि किसानों को गन्ने का बकाया भुगतान कराने के लिए चीनी का न्यूनतम एक्स-मिल बिक्री मूल्य 3100 रूपये प्रति कुंतल से बढ़ाकर 3500 रूपये प्रति कुंतल करने के सम्बन्ध में समुचित कार्यवाही करने का कष्ट करें।
पीजेंट वेलफेयर एसोसिएशन के संयोजक अशोक बालियान व सदस्य सलाहकार सुभाष चौधरी, डॉ राजमोहन, कामरान हसनेन एडवोकेट, रजनीश सहरावत, विनीत बालियान, धर्मेन्द्र बालियान एडवोकेट पत्र भेजने वालों में शामिल हैं।
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