आगरा। आगरा के पारस अस्पताल में भर्ती एक महिला की व्हाटस एप चैट ने कारोना काल में अस्पतालों के नंगे सच का उजागर कर दिया है। मौत के बाद वायरल चैट में वह कह रही है कि यहां मारने की प्लानिंग चल रही है। ये सब झूठे हैं। आक्सीजन बार-बार बंद कर देते हैं। रात भर आक्सीजन के लिए टार्चर किया। जान निकल गई मेरी। सब के साथ यही हो रहा है। टेक मी समवेयर एल्स प्लीज...। और इससे पहले ही राधिका की मौत हो गई।
विवादों में घिरे आगरा के पारस अस्पताल में भर्ती राजामंडी निवासी राधिका अग्रवाल की व्हाट्सएप चैट सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं। ये स्क्रीन शाॅट 16 से लेकर 26 अप्रैल के बीच के हैं। इनमें राधिका अपने परिजनों से कह रही हैं कि अस्पताल में कुछ भी ठीक नहीं है। चैट में आक्सीजन की कमी से लेकर मारने की प्लानिंग तक का जिक्र किया गया है। घरवाले महिला को आश्वस्त करते रहे कि सब कुछ ठीक हो जाएगा। हिम्मत से काम ले। आखिरकार 27 अप्रैल की सुबह राधिका की मौत हो गई। पति सौरभ अग्रवाल ने बताया कि 15 अप्रैल को उन्होंने पत्नी राधिका को श्री पारस अस्पताल में भर्ती कराया था। संचालक डा. अरिंजय जैन ने तीन लाख रुपए जमा कराए। इलाज में लापरवाही बरती। डा. जैन से शिकायत की गई मगर सुनवाई नहीं हुई। वीडियो वायरल होने के बाद स्पष्ट हो चुका है कि पत्नी की हत्या की गई है। थाना न्यू आगरा में उनकी तहरीर नहीं ली गई। इंस्पेक्टर भूपेंद्र बालियान ने एडीएम सिटी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराने को कह दिया। सौरभ अब अदालत से मुकदमा दर्ज कराएंगे। चैट के संवाद
16 अप्रैल
राधिका- टेक मी समवेयर एल्स प्लीज
राधिका- यहां मारने की प्लानिंग चल रही है
परिजन- दिल डोंट वरी मैं वहां ट्राई कर रहा हूं
परिजन- तू डर मत बिलकुल भी
परिजन- मेरी डाक्टर से बात हो गई है
परिजन- तू बिलकुल टेंशन मत ले
परिजन- यहां तेरे साथ कुछ गलत नहीं हो सकता
परिजन- किशन अंकल की सोर्स है
परिजन- चिल बेटा
राधिका- ये सब झूठे हैं
परिजन- आई नो
परिजन- मैं सब देख लूंगा
राधिका- लंबी प्लानिंग है पैसे बनाने की
परिजन- मैं तेरा सब करवा करा हूं
परिजन- इनके भरोसे ही नहीं हैं
परिजन- सब में अपने सामने करवाऊंगी
(16-17 अप्रैल)
परिजन- करती हूं
परिजन- तू टेंशन मत ले
परिजन- तुझे कुछ नहीं होने दूंगी।
राधिका- आक्सीजन बार-बार बंद कर देते हैं
परिजन- अच्छा
राधिका- नेक में इन्ट्रागेट लगा रखा है
परिजन- वो तेरे हाथ की नस नहीं मिली
राधिका- सबके साथ यही हो रहा है
परिजन- ओह ओके
परिजन- तू पेनिक मत हो
परिजन- मैं करती हूं कुछ
परिजन- हनुमान बाबा का नाम ले
परिजन- दिल हिम्मत मत हार बेटा
परिजन- बेटा तू इम्प्रूव कर रही है
परिजन- इंद्रपुरी में भी भैया जी बोल रहे हैं तू ठीक हो जाएगी
26 अप्रैल
परिजन- बस अब तुझे घर लेकर आना है
राधिका- रात भर आक्सीजन के लिए टार्चर किया
राधिका- जान निकल गई मेरी
परिजन- आज जीजू आए हैं तुझे लेने के लिए
राधिका- पर आक्सीजन का क्या?
परिजन- देखते हैं कुछ
परिजन- तू टेंशन मत ले
राधिका- यार हालात वही हैं
परिजन- बेटी वो धीरे-धीरे होगा
राधिका- देख लो...
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