लखनऊ। पंचायत चुनाव को संवेदनशील जिलों में स्थगित करने को लेकर बुधवार की शाम तक बड़ा फैसला होने की संभावना है। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस संबंध में अपनी कार्यवाही आगे बढ़ाई है। राज्य निर्वाचन अधिकारी ने विधि विशेषज्ञों की बैठक बुला कर इस संबंध में सलाह मशविरा करने का निर्णय लिया है। ये बैठक आज ही होगी और शाम तक इस संबंध में बड़ा फैसला हो जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
कर्मचारी संगठनों की मांग के बाद मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर ने कम से कम लखनऊ में पंचायत चुनाव को एक माह के लिए स्थगित करने की मांग की थी। जिसके बाद अहम लोग भी इस मांग में शामिल हो गए हैं। जिसके बाद निर्वाचन विभाग ने अहम बैठक करने की तैयारी की है। लखनऊ जन कल्याण महासंघ के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे के पत्र पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रतिक्रिया व्याक्त की है। पत्र में दुबे ने लिखा कि लखनऊ में पंचायत के चुनाव को लेकर कोविड प्रोटोकाॅल का पूरा उल्लंघन हो रहा है। वहीं इन कर्मचारियों की कोविड जांच भी नही हो रही ऐसे में कर्मचारी एक दूसरे को प्रभवित कर सकते हैं। कर्मचारी सरकारी हैं ऐसे में अपनी जान जोखिम में डाल कर आयोग के निर्देश का पालन कर रहे हैं। कहीं न कहीं इससे कोविड के मामले और बढ़ रहे हैं। पंचायत चुनाव से करोना को फैलने का सबसे ज्यादा खतरा है यदि पंचायत चुनाव नही रोका गया तो लोगों की जान बचाना मुश्किल हो जाएगा।
उमाशंकर दुबे ने बताया कि पंचायत चुनाव स्थगित करने के मामले में प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने लखनऊ जनकल्याण महासमिति के सुझाव को स्वागत योग्य बताया है। मनोज कुमार ने महासमिति के अध्यक्ष को खुद फोन करके बताया है कि मामले को गंभीरता से लिया गया है कानूनी सलाहकारों को आज बुलाया है। सभी बिंदुओं पर विचार किया जा रहा है। संवैधानिक बिंदुओं पर कानूनी राय लेकर निर्णय लिया जाएगा। लखनऊ जनकल्याण महासमिति मनोज कुमार का आभार व्यक्त किया है। उंन्होने मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल अधिवक्ताओं की बैठक बुलाई।
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