रविवार, 18 अप्रैल 2021

बड़ी खबर: यूपी में कोरोना मरीजों की भर्ती की नीति बदली


लखनऊ । उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ते कोरोना वायरस मामलों के कारण चिकित्सालय में बेड की कमी होने के कारण डिस्चार्ज पॉलिसी में संशोधन किया गया है। इसके साथ-साथ कोरोना के लक्षणों को भी भर्ती का आधार बनाया जाएगा। 

लक्षणविहीन रोगियों के लिए नीति

होम आइसोलेशन की अनुमति दिए वाले रोगियों की प्रविष्टि जिला सर्विलांस अधिकारी अधिष्ठान के द्वारा (upcovid19tracks.in) पोर्टल पर की जाएगी। ऐसे व्यक्तियों को ही होम आइसोलेशन की अनुमति दी जाएगी जिनके घर में अलग से कमरा व शौचालय हो, अनेक रोगी कोविड ग्रस्त हों तो वे एक कमरे में रह सकते हैं। लेकिन यदि घर में आइसोलेशन की सुविधा न हो तो एल-1 के अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है। ऐसे मरीजों को जांच के पॉजीटिव आने से दसवें दिन या भर्ती होने से सातवें दिन बिना किसी जांच के डिस्चार्ज किया जाएगा। घर में रहने वाले मरीजों को 10 दिन की अवधि में रिकवर्ड अंकित किया जाएगा, लेकिन मरीजों को अगले सात दिनों तक होम आइसोलेशन में रहना होगा। ऐसे मरीजों का 10 दिन तक इंटीग्रेटेड कोविड कमांड व कंट्रोल सेण्टर के माध्यम से रोज फोन कर मरीजों का हाल लिया जाएगा। 100 से ज्यादा केस वाले जिलों में तीसरे व सातवें दिन रैपिड रिस्पांस टीम गृह भ्रमण करेगी, 100-200 नए केसों वाले जिलों में तीसरे दिन गृह भ्रमण, 200 से ज्यादा केस वाले जिलों में रोज फोन से जानकारी ली जाएगी।


हल्के लक्षण वाले मरीजों के लिए

गले में खराश , बुखार, दर्द आदि। 

होम आइसोलेशन के पात्र होंगे

यदि 10 दिन तक गंभीर लक्षण नहीं हुए तो मरीज ठीक माना जाएगा

अस्पताल में भर्ती मरीजों के लक्षणमुक्त होने की स्थिति में जांच के दसवें दिन पर बिना जांच के डिस्चार्ज किया जाएगा। 

मध्यम तीव्रता वाले मरीजों के लिए-

खांसी, बुखार आदि, सांस लेने में परेशानी, नेजल फ्लेयरिंग, पसली चलना, तेज श्वास दर आदि। 

ऐसे रोगी एल-2 या एल-3 में भर्ती किए जाएंगे

ऑक्सीजन की जरूरत न होने व लक्षणविहीन या हल्के लक्षण होने पर फॉलोअप जांच निगेटिव आने पर होम आइसोलेशन के लिए भेजा जा सकेगा

होम आइसोलेशन के सात दिन बाद मरीज ठीक माना जाएगा।  

गंभीर रोगियों के लिए

कैंसर या एचआइवी रोगी, आर्गन ट्रांसप्लांट के रोगी या फिर ऑक्सीजन देने के बाद ठीक न हो पाने वाले रोगी इस श्रेणी में आएंगे

एल-2 या एल-3 के आईसीयू में रखा जाएगा

हालत में सुधार होने केबाद ऑक्सीजन युक्त वार्ड में शिफ्ट किया जाएगा

पूरी तरह लक्षणविहीन या हल्के लक्षण होने और जांच में निगेटिव आने पर होम आइसोलेशन के लिए भेजा जाएगा

अगले सात दिन के बाद पोर्टल पर रिकवर्ड माना जाएगा। 

डिस्जार्च होने से पहले ये सुनिश्चित किया जाएगा कि रोगियों का ऑक्सीजन सैचुरेशन के बिना किसी सपोर्ट के 94 फीसदी से होना चाहिए।

पहली रिपोर्ट पॉजिटिव आने से 17 दिनों तक घर के भीतर आइसोलेशन में रहना होगा

डिस्चार्ज करते समय मरीज के कपड़े, मोबाइल, जूते-चप्पल व अन्य सामग्री को सैनिटाइज किया जाएगा

डिस्चार्ज के 14 दिन बाद यदि दोबारा लक्षण आते हैं तो व्यक्ति को नए रोगी के रूप में पंजीकृत किया जाएगा

होम आइसोलेशन के सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करवाए जाएंगे।

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