मंगलवार, 9 मार्च 2021

किसान आंदोलन ब्रिटेन की संसद में भी गूंजा


लंदन। भारत में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर ब्रिटेन की संसद में भी चर्चा हुई। हालांकि सरकार ने इसे भारत का घरेलू मामला बताया। अंतर्राष्ट्रीय मंच पर भारत को बदनाम करने की कोशिश की योजना के टूल किट के तहत यह मामला उठाया गया। 

आंदोलन कर रहे किसानों की सुरक्षा और मीडिया की स्वतंत्रता को लेकर भारत सरकार पर दबाव बनाने के लिए ब्रिटेन की संसद में डाली गई याचिका के बाद यह चर्चा हुई है। जानकारी के मुताबिक, इस याचिका पर एक लाख से अधिक लोगों ने हस्ताक्षर किए थे।

लंदन के पोर्टकुलिस हाउस में 90 मिनट तक चली चर्चा के दौरान कंजर्वेटिव पार्टी की थेरेसा विलियर्स ने साफ कहा कि कृषि भारत का आंतरिक मामला है और उसे लेकर किसी विदेशी संसद में चर्चा नहीं की जा सकती। वहीं चर्चा पर जवाब देने के लिए प्रतिनियुक्त किए गए मंत्री निगेल एडम्स ने कहा कि कृषि सुधार भारत का 'घरेलू मामला' है, इसे लेकर ब्रिटेन के मंत्री और अधिकारी भारतीय समकक्षों से लगातार बातचीत कर रहे हैं। एडम्स ने उम्मीद जताई कि जल्द ही भारत सरकार और किसान संगठनों के बीच बातचीत के माध्यम से कोई पॉजिटिव रिजल्ट निकलेगा।

लेबर पार्टी के सांसद तनमनजीत सिंह धेसी के नेतृत्व में 36 ब्रिटिश सांसदों ने किसान आंदोलन के समर्थन में राष्ट्रमंडल सचिव डोमिनिक राब को चिट्ठी लिखी थी। इस चिट्ठी में सांसदों ने किसान कानून के विरोध में भारत पर दबाव बनाने की मांग की गई थी। सांसदों के गुट ने डोमिनिक रॉब से कहा है कि वे पंजाब के सिख किसानों के समर्थन विदेश और राष्ट्रमंडल कार्यालकों के जरिए भारत सरकार से बातचीत करें।

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

बीए की छात्रा से ट्यूबवेल पर गैंगरेप

मुजफ्फरनगर। तमंचे की नोक पर बीए की छात्रा से गैंगरेप के मामले में रिपोर्ट दर्ज की गई है।  बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में कॉफी पिलाने ...