मुजफ्फरनगर। रालोद अध्यक्ष चैधरी अजित सिंह ने कहा कि भाजपा की सरकार ना तो किसान को एमएसपी देना चाहती है और ना ही गन्ने का समुचित दाम दे रही है। अजित सिंह ने सवाल किया कि भाजपा उन्हें समझा दे कि यह कानून किस तरह किसान के हक में हैं तो वे खुद किसानों को जाकर इसके फायदे बताएंगे। उन्होंने कहा कि कृषि कानून किसानों के हक में होते तो काफी पहले चैधरी चरण सिंह इन्हें लागू कर देते।
सोमवार को केंद्रीय राज्यमंत्री डॉ. संजीव बालियान के समर्थकों और रालोद समर्थकों के बीच मारपीट के बाद शाहपुर क्षेत्र के सोरम गांव में अजित सिंह ने घायल किसानों के घर जाकर उनसे बातचीत की। हो गई थी। रालोद अध्यक्ष चैधरी अजित सिंह ने गांव की एतिहासिक चैपाल पर तीन कृषि कानूनों को लेकर मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि यह अगर मोदी सरकार मुझे समझा दे तो मैं किसानों को समझा दूंगा। किसान समझ जाएंगे इतना मुझे विश्वास है। उन्होंने कहा कि किसान मोदी सरकार के बहकावे में आने वाले नहीं हैं, वे समझ चुके हैं कि तीनों कानूनों से वह बर्बाद हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि एमएसपी लागू होनी चाहिए, ताकि किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम मिल सके। चैधरी अजित सिंह ने हमले की घटना की निंदा करते हुए कहा किसानों को अधिकार है कि वे जनप्रतिनिधि से पूछे कि गन्ने का दाम क्यों नहीं बढ़ा, तीनों कानून क्यों नहीं वापस लिए जा रहे। उन्होंने कहा कि मामले की तहरीर दे दी गई है तो मुकदमा भी दर्ज होना चाहिए। इस दौरान 26 फरवरी की पंचायत स्थगित करने का ऐलान किया गया। इस दौरान भारी मात्रा में पुलिस फोर्स तैनात रहा।
रालोद अध्यक्ष का स्वागत करने के लिए आज रालोद जिलाध्यक्ष अजित राठी, पूर्व मंत्री धर्मवीर बालियान व योगराज सिंह, पूर्व विधायक राजपाल बालियान व नवाजिश आलम, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष तरसपाल मलिक, रमा नागर, सुधीर भारतीय आदि वहां मौजूद थे। आज सपा जिलाध्यक्ष प्रमोद त्यागी व सचिन अग्रवाल भी सौरम पहुंचे।
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