चमोली। उत्तराखंड में ग्लेशियर टूटने से हुई तबाही के बाद बचाव दलों ने कई लोगों को बचाया तो उन्हें जैसे नई जिंदगी मिली। चमोली के तपोवन इलाके में एनटीपीसी साइट से तीन शव बरामद हुए हैं। वहीं टनल में फंसे 16 लोगों को ITBP ने बचाया है। इस दौरान टनल से सुरक्षित निकलने पर लोगों ने जय हो बद्री विशाल के नारे लगाए।
मलबे से भरी टनल में फंसे लोगों को निकालने का काम कम जोखिम भरा नहीं था टनल से सुरक्षित निकले लोगों के चेहरों पर बीते 8 आठ घंटों का खौफनाक मंजर साफ झलक रहा था। मौत के मुंह से जिंदा बचने की खुशी और 6 घंटे की अनिश्चितता के बाद सुरक्षित निकलना एक तरह से दूसरी जिंदगी पाने जैसा है।बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले की ऋषिगंगा घाटी में रविवार को ग्लशियर के टूटने से अलकनंदा और इसकी सहायक नदियों में अचानक विकराल बाढ़ आई। इसके कारण हिमालय की ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी तबाही मची है। बाढ़ के बाद करीब 50-100 लोग लापता हैं। जिले के तपोवन-रैणी में स्थित पॉवर प्लांट पूरी तरह से बह गया है।
चमोली जिले में ग्लेशियर टूटने के कारण आई विकराल बाढ़ के बाद तपोवन-रैणी क्षेत्र में स्थित ऊर्जा परियोजना में काम करने वाले करीब 50-100 कर्मी लापता हैं। एनडीआरएफ, ITBP और SDRF की टीम प्रभावित इलाकों तक पहुंच गई हैं। कम से कम दो लोगों के शव मिले हैं जबकि कई घायलों को बचाया गया है। तपोवन-रैणी स्थित पॉवर प्लांट पूरी तरह से बह गया है। बचाव दल तपोवन टनल से लोगों के निकालने के काम में जुट गया है।
उत्तराखंड सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि तपोवन में एनटीपीसी के निर्माणाधीन प्रॉजेक्ट के पास 176 मजदूर ड्यूटी करने गए थे। अभी तक 7 शव रिकवर हुए हैं। 2 पुलिसकर्मी भी लापता हैं।
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