रविवार, 7 फ़रवरी 2021

अपडेट: 16 लोगों को बचाया, ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट तबाह, शवों की तलाश जारी


 देहरादून । चमोली जिले में ग्लेशियर गिरने के बाद ऋषिगंगा हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तबाह हो गया है, जबकि धौलीगंगा पर बने हाइड्रो प्रोजेक्ट का बांध टूट गया, जिससे गंगा और उसकी सहायक नदियों में बाढ़ का खतरा पैदा हो गया है। डेढ़ सौ मौतों की आशंका के बीच टनल में फंसे 16 लोगों को बचा लिया गया है। 

आपदा को देखते हुए राज्य में चमोली से लेकर हरिद्वार और यूपी में गंगा तट के इलाकों में रेड अलर्ट जारी कर दिया गया है। जब यह हादसा हुआ, तब दोनों प्रोजेक्ट पर काफी संख्या में मजदूर कार्य कर रहे थे। इस हादसे में करीब 150 लोगों के मरने की आशंका है, जबकि 10 के शव बरामद किए गए हैं। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इस घटनाक्रम पर निगरानी रखे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने चमोली जिले में पहुंचकर आपदा प्रभावित क्षेत्र तपोवन और रैणी का निरीक्षण किया और सभी को दिशा-निर्देश दिए, जिसके बाद वे दून के लिए रवाना हो गए हैं। आइटीबीपी ने तपोवन में टनल में फंसे सभी 16 लोगों का रेस्क्यू कर लिया है। भारतीय नौसेना की सात गोताखोर टीमें उत्तराखंड में राहत-बचाव ऑपरेशन के लिए स्टैंडबाय पर हैं- भारतीय नौसेना के अधिकारी। 

मलारी के पास एक सीमा सड़क संगठन पुल बाढ़ से बह गया है। महानिदेशक बीआरओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चौधरी ने अधिकारियों को जल्द से जल्द इसे बहाल करने के निर्देश दिए हैं। दुकानों और कर्मियों को सुरक्षित स्थान पर ले जाया जा रहा है। आइटीबीपी के डीजी एसएस देशवाल ने बताया कि 9-10 शव नदी से बरामद किए गए हैं। सर्च ऑपरेशन चल रहा है। 250 आइटीबीपी के जवान मौजूद हैं।  तपोवन क्षेत्र के रेनी गांव में सेना के चार कॉलम, दो मेडिकल टीम और एक इंजीनियरिंग टास्क फोर्स की तैनाती की गई है। 

डीआइजी एसडीआरएफ रिद्धिम अग्रवाल ने दी बताया कि तपोवन की दो टनलों में 46 लोग फंसे हुए हैं। इनमे एक टनल में 16 और दूसरी में 30 लोग हैं। दोनों टनल्स बंद हैं। यहां से इन्हें रेस्क्यू करने की तैयारी चल रही है।

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