शुक्रताल । पवित्र शुक्रतीर्थ में 19 दिसंबर से 26 दिसंबर तक राम नाम की गंगा बहेगी। विख्यात कथावाचक मोरारी बापू द्वारा रामकथा वाचन किया जायेगा। कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सीमित श्रद्धालुओं के समक्ष नौ दिवसीय रामकथा का आयोजन किया जायेगा। रामकथा का लाइव टेलीकास्ट आस्था टीवी और यूट्यूब के माध्यम से किया जायेगा।
बालकृष्ण की लीलास्थान रमणलेती में 11 दिवसीय रामकथा के बाद मोरारी बापू पवित्र शुक्रतीर्थ में 852 वीं कथा करेंगे। 19 दिसंबर से 26 दिसंबर तक सुबह 9.30 से 1.30 बजे तक हर दिन मोरारी बापू श्रद्धालुओं को रामकथा सुनाएंगेे। कोरोना संक्रमण के कारण प्रशासन द्वारा प्रद्त दिशा-निर्देश के अनुसार, सीमित संख्या में श्रद्धालुओं के समक्ष नौ दिवसीय रामकथा सुनाई जायेगी। प्रत्यक्ष रूप से रामकथा में शामिल न हो पाने वाले श्रद्धालु आस्था टीवी और यूट्यूब के माध्यम से हर सुबह 9.30 बजे से रामकथा सुनने का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। पूज्य बापू की वैश्विक व्यास-वाटिका के फूलांे को 19 दिसंबर का इंतजार है।
शुक्रताल का नाम बदल कर शुक्रतीर्थ किया गया था
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार ने साधु-संतो और जनता की सालों पुरानी भावनाओं और मांगों को ध्यान में रखते हुए शुक्रताल का नाम बदल कर शुक्रतीर्थ किया है। यहां गणेश जी की 35 फीट ऊंची प्रतिमा, भगवान शंकर की 108 फीट ऊंची प्रतिमा, मां दुर्गा की 80 फीट ऊंची प्रतिमा और श्री हनुमानजी महाराज की 72 फीट ऊंची प्रतिमा है, जिसमें 7 करोड बार रामनाम है।
साढ़े पांच हजार साल पहले, इस तीर्थ पर स्थित अक्षयवट के नीचे बैठकर, शुकदेव मुनि ने महाराज परीक्षित को भवतरिणी, मोक्षदायीनी श्रीमद् भागवत की कथा सुनाई थी। भागवत पुराण का पहली बार 88,000 ऋषियों की उपस्थिति में गान हुआ था।
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