लखनऊ l मुख्यमंत्री योगी ने यूपी में शादी समारोहों को लेकर गुरुवार को नए दिशा-निर्देश जारी किए है । योगी ने कहा कि शादी के लिए पुलिस या प्रशासनिक अनुमति की कोई आवश्यकता नहीं होगी l प्रदेश मे कहीं से भी पुलिस दुर्व्यवहार की शिकायत आई तो सख़्त कार्रवाई होगी। इसके लिए अधिकारियों की भी जवाबदेही तय होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोजकों द्वारा केवल सूचना देकर कोविड प्रोटोकाल और गाइडलाइन के सभी निर्देशों का पालन करते हुए शादी समारोह का आयोजन किया जा सकता है । सीएम ने कहा कि शादी की गाइडलाइन के नाम पर किसी का भी उत्पीड़न बर्दास्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन इसके लिए लोगों को जागरूक करें, गाइडलाइन का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि शादी में बैंड बजाने और डीजे पर किसी भी तरह की रोक नहीं है। निर्धारित समय में इसे बजाने से रोकने वाले अधिकारियों व पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन होगा।
महामारी अधिनियम के अंतर्गत मेरठ में दूल्हा और दुल्हन के पिता पर हुआ था मुकदमा :
कई जगहों पर शादी समारोह में पुलिस और अन्य अधिकारियों के उत्पीड़न की शिकायतें सामने आई थी। मेरठ में शादी विवाह के लिए जारी गाइडलाइंस का पालन नहीं करने पर दूल्हा, दुल्हन के पिता और बैंक्विट हॉल के मालिक पर मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस की ओर से दाखिल रिपोर्ट मे बताया गया था कि इस शादी में 350 से अधिक लोग जमा थे जबकि 100 लोगों की अनुमति थी। सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार ने बताया कि मंगलवार रात वह गश्त कर रहे थे। इस दौरान कुछ लोगों ने जानकारी दी कि ओलिविया होटल के सामने बैजल भवन में शादी समारोह में काफी भीड़ इकट्ठा है। पुलिस मौके पर पहुंची तो देखा कि कोविड-19 उल्लंघन करके 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ मौजूद है। ज्यादातर लोगों ने मास्क भी नहीं लगा रखे थे। पुलिस के मुताबिक सामाजिक दूरी का भी कोई पालन नहीं किया जा रहा था। सब इंस्पेक्टर मनोज कुमार की ओर से बैजल भवन के मालिक हेमंत बैजल, दूल्हे के पिता राजू चौहान निवासी ग्रास मंडी सदर बाजार, दुल्हन के पिता वीर सिंह निवासी कसेरुखेड़ा के खिलाफ महामारी अधिनियम की धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। एसपी सिटी डॉक्टर अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि शादी समारोह में कोविड-19 के नियमों का पालन नहीं करने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी
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