शनिवार, 24 अक्तूबर 2020

रामायण की इन चौपाइयों में सुख समृद्धि और हर संकट का समाधान

हर कार्य में सफलता हेतु लाभकारी हैं रामायण की अद्भुत चौपाइयां 


 


रामायण की चोपाई जिनके जाप के माध्यम से जीवन में सफलता मिलती है| इन चोपाई का जीवन में प्रयोग करने से प्रभु श्री राम जी और श्री बालाजी सरकार आप के जीवन को सुख मय बना देगे !!


 


👉🏻पढ़ाई या किसी भी परीक्षा में कामयाबी के लिए


 जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥


 मोरि सुधारिहि सो सब भाँती। जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती॥


 


👉🏻रक्षा के लिए


मामभिरक्षक रघुकुल नायक !


घृत वर चाप रुचिर कर सायक !!


 


👉🏻विपत्ति दूर करने के लीए


राजिव नयन धरे धनु सायक !


भक्त विपत्ति भंजन सुखदायक !!


 


👉🏻सहायता के लिए


मोरे हित हरि सम नहि कोऊ !


एहि अवसर सहाय सोई होऊ !!


 


👉🏻सब काम बनाने के लिए


बंदौ बाल रुप सोई रामू !!


सब सिधि सुलभ जपत जोहि नामू !!


 


👉🏻संकट से बचने के लिए


दीन दयालु विरद संभारी !!


हरहु नाथ मम संकट भारी !!


 


👉🏻विघ्न विनाश के लिए


सकल विघ्न व्यापहि नहिं तेही !!


राम सुकृपा बिलोकहि जेहि !


 


👉🏻रोग विनाश के लिए


राम कृपा नाशहिं सव रोगा !


जो यहि भाँति बनहिं संयोगा !!


 


👉🏻ज्वर ताप दूर करने के लिए


दैहिक दैविक भोतिक तापा !


राम राज्य नहि काहुहि व्यापा !!


 


👉🏻दुःख नाश के लिए


राम भक्ति मणि उस बस जाके !


दुःख लवलेस न सपनेहु ताके ! 


 


👉🏻खोई चीज पाने के लिए


गई बहोरि गरीब नेवाजू !


सरल सबल साहिब रघुराजू !!


 


👉🏻घर में सुख लाने के लिए


जै सकाम नर सुनहि जे गावहि !


सुख सम्पत्ति नाना विधि पावहिं !!


 


👉🏻सुधार करने के लिए


मोहि सुधारहि सोई सब भाँती !


जासु कृपा नहि कृपा अघाती !!


 


👉🏻विद्या पाने के लिए


गुरू गृह पढन गए रघुराई !


अल्प काल विधा सब आई !!


 


👉🏻निर्मल बुध्दि के लिए


ताके युग पदं कमल मनाऊँ !!


जासु कृपा निर्मल मति पाऊँ !!


 


 


👉🏻सुख प्रप्ति के लिए


अनुजन संयुत भोजन करहीं !


देखि सकल जननी सुख भरहीं !!


 


👉🏻भाई का प्रेम पाने के लिए


सेवाहिं सानुकूल सब भाई !


राम चरण रति अति अधिकाई !!


 


👉🏻बैर दूर करने के लिए


बैर न कर काहू सन कोई !


राम प्रताप विषमता खोई !!


 


👉🏻मेल कराने के लिए


गरल सुधा रिपु करहिं मिलाई !


गोपद सिंधु अनल सितलाई !!


 


👉🏻शत्रु नाश के लिए


जाके सुमिरन ते रिपु नासा !


नाम शत्रुघ्न वेद प्रकाशा !!


 


👉🏻रोजगार पाने के लिए


विश्व भरण पोषण करि जोई !


ताकर नाम भरत अस होई !!


 


👉🏻इच्छा पूरी करने के लिए


राम सदा सेवक रूचि राखी !


वेद पुराण साधु सुर साखी !!


 


👉🏻पाप विनाश के लिए


पाफि जाकर नाम सुमिरहीं !


अति अपार भव भवसागर तरहीं !!


 


👉🏻अल्प मृत्यु न होने के लिए


अल्प मृत्यु नहिं कबजिहूँ पीरा !


सब सुन्दर सब निरूज शरीरा !!


 


👉🏻दरिद्रता दूर के लिए


नहिं दरिद्र कोऊ दुःखी न दीना !


नहिं कोऊ अबुध न लक्षण हीना !!


 


👉🏻शोक दूर करने के लिए


नयन बन्त रघुपतहिं बिलोकी !


आए जन्म फल होहिं विशोकी !!


 


👉🏻विनती भगवान के चरणो में


मोरे तुम प्रभु गुरू पितु माता !


जाऊँ कहाँ तजि पद जल जाता !!


 


👉🏻अर्जी देने के लिए


कहाँ वचन सब आरत हेतु !


रहत न आरत के चित चेतू !!


 


👉🏻मुकदमा जीतने के लिये


“पवन तनय बल पवन समाना। 


बुधि बिबेक बिग्यान निधाना।।


 


👉🏻शत्रु नाश के लिए:- 


जाके सुमिरन ते रिपु नासा ! 


नाम शत्रुघ्न वेद प्रकाशा !!


 


पं अक्षय शर्मा ----- ✍️🌹


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