हर कार्य में सफलता हेतु लाभकारी हैं रामायण की अद्भुत चौपाइयां
रामायण की चोपाई जिनके जाप के माध्यम से जीवन में सफलता मिलती है| इन चोपाई का जीवन में प्रयोग करने से प्रभु श्री राम जी और श्री बालाजी सरकार आप के जीवन को सुख मय बना देगे !!
👉🏻पढ़ाई या किसी भी परीक्षा में कामयाबी के लिए
जेहि पर कृपा करहिं जनु जानी। कबि उर अजिर नचावहिं बानी॥
मोरि सुधारिहि सो सब भाँती। जासु कृपा नहिं कृपाँ अघाती॥
👉🏻रक्षा के लिए
मामभिरक्षक रघुकुल नायक !
घृत वर चाप रुचिर कर सायक !!
👉🏻विपत्ति दूर करने के लीए
राजिव नयन धरे धनु सायक !
भक्त विपत्ति भंजन सुखदायक !!
👉🏻सहायता के लिए
मोरे हित हरि सम नहि कोऊ !
एहि अवसर सहाय सोई होऊ !!
👉🏻सब काम बनाने के लिए
बंदौ बाल रुप सोई रामू !!
सब सिधि सुलभ जपत जोहि नामू !!
👉🏻संकट से बचने के लिए
दीन दयालु विरद संभारी !!
हरहु नाथ मम संकट भारी !!
👉🏻विघ्न विनाश के लिए
सकल विघ्न व्यापहि नहिं तेही !!
राम सुकृपा बिलोकहि जेहि !
👉🏻रोग विनाश के लिए
राम कृपा नाशहिं सव रोगा !
जो यहि भाँति बनहिं संयोगा !!
👉🏻ज्वर ताप दूर करने के लिए
दैहिक दैविक भोतिक तापा !
राम राज्य नहि काहुहि व्यापा !!
👉🏻दुःख नाश के लिए
राम भक्ति मणि उस बस जाके !
दुःख लवलेस न सपनेहु ताके !
👉🏻खोई चीज पाने के लिए
गई बहोरि गरीब नेवाजू !
सरल सबल साहिब रघुराजू !!
👉🏻घर में सुख लाने के लिए
जै सकाम नर सुनहि जे गावहि !
सुख सम्पत्ति नाना विधि पावहिं !!
👉🏻सुधार करने के लिए
मोहि सुधारहि सोई सब भाँती !
जासु कृपा नहि कृपा अघाती !!
👉🏻विद्या पाने के लिए
गुरू गृह पढन गए रघुराई !
अल्प काल विधा सब आई !!
👉🏻निर्मल बुध्दि के लिए
ताके युग पदं कमल मनाऊँ !!
जासु कृपा निर्मल मति पाऊँ !!
👉🏻सुख प्रप्ति के लिए
अनुजन संयुत भोजन करहीं !
देखि सकल जननी सुख भरहीं !!
👉🏻भाई का प्रेम पाने के लिए
सेवाहिं सानुकूल सब भाई !
राम चरण रति अति अधिकाई !!
👉🏻बैर दूर करने के लिए
बैर न कर काहू सन कोई !
राम प्रताप विषमता खोई !!
👉🏻मेल कराने के लिए
गरल सुधा रिपु करहिं मिलाई !
गोपद सिंधु अनल सितलाई !!
👉🏻शत्रु नाश के लिए
जाके सुमिरन ते रिपु नासा !
नाम शत्रुघ्न वेद प्रकाशा !!
👉🏻रोजगार पाने के लिए
विश्व भरण पोषण करि जोई !
ताकर नाम भरत अस होई !!
👉🏻इच्छा पूरी करने के लिए
राम सदा सेवक रूचि राखी !
वेद पुराण साधु सुर साखी !!
👉🏻पाप विनाश के लिए
पाफि जाकर नाम सुमिरहीं !
अति अपार भव भवसागर तरहीं !!
👉🏻अल्प मृत्यु न होने के लिए
अल्प मृत्यु नहिं कबजिहूँ पीरा !
सब सुन्दर सब निरूज शरीरा !!
👉🏻दरिद्रता दूर के लिए
नहिं दरिद्र कोऊ दुःखी न दीना !
नहिं कोऊ अबुध न लक्षण हीना !!
👉🏻शोक दूर करने के लिए
नयन बन्त रघुपतहिं बिलोकी !
आए जन्म फल होहिं विशोकी !!
👉🏻विनती भगवान के चरणो में
मोरे तुम प्रभु गुरू पितु माता !
जाऊँ कहाँ तजि पद जल जाता !!
👉🏻अर्जी देने के लिए
कहाँ वचन सब आरत हेतु !
रहत न आरत के चित चेतू !!
👉🏻मुकदमा जीतने के लिये
“पवन तनय बल पवन समाना।
बुधि बिबेक बिग्यान निधाना।।
👉🏻शत्रु नाश के लिए:-
जाके सुमिरन ते रिपु नासा !
नाम शत्रुघ्न वेद प्रकाशा !!
पं अक्षय शर्मा ----- ✍️🌹
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