लखनऊ । ग्रामीण इलाकों में निगरानी समितियां संक्रमितों का पता लगाएंगी। प्राथमिक जांच में कोई कोरोना संदिग्ध मिला तो तत्काल इसकी सूचना जिले के सीएमओ कंट्रोल रूम को भेजी जाएगी। सरकारी दफ्तर में कोई अफसर-कर्मचारी संक्रमित मिला तो कार्यालय बंद कराकर चार घंटे सैनिटाइजेशन कार्य होगा। इसके बाद दफ्तर फिर खोल दिया जाएगा। ये निर्देश कमिश्नर मुकेश मेश्राम ने दिए हैं।
बुधवार को वह पंचायतीराज विभाग, मनरेगा कन्वर्जेंस और अन्य निर्माण कार्यों की वेब कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा कर रहे थे। गूगल मीट पर यह बैठक हुई। इस मौके पर कमिश्नर ने सभी जिलों के सीडीओ, डीसी मनरेगा, व उप निदेशक पंचायती राज को जरूरी दिशा निर्देश दिए। कहा कि संक्रमित मिलने पर कई दिन दफ्तर बंद रखने की कोई जरूरत नहीं है। किसी भी दफ्तर में कोई अधिकारी या कर्मचारी कोरोना संक्रमित होता है तो चार घंटे के लिए दफ्तर बंद करवा कर सैनिटाइजेशन करवाएं। गांव-गांव जांच के लिए निगरानी समितियों को थर्मल स्कैनर और पल्स ऑक्सीमीटर देने के निर्देश दिए हैं।
कमिश्नर ने कहा कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में सामुदायिक शौचालय निर्माण के लिए जमीन चिह्नित कर जल्द निर्माण शुरू कराएं। स्थानीय और बाहर से लौटे श्रमिकों को इस कार्य में लगाकर मनरेगा के तहत अधूरे शौचालयों का कार्य बहाल करवाएं। सामुदायिक शौचालयों के आपास बायो फेंसिंग कराएं और पौधे लगवाएं। जिन ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय के लिए अब तक जमीन चिह्नित नहीं की जगई है वहां के ग्राम प्रधान और लेखपाल को नोटिस जारी किए जाएं। यदि फिर भी चिह्नांकन का कार्य नहीं होता तो कार्रवाई करें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें