एक माह बाद ही एक बार फिर गुरु पूर्णिमा के दिन यानि 5 जुलाई को चंद्र ग्रहण भी लग रहा है।आषाढ़ की पूर्णिमा को महर्षि वेद व्यास का जन्म भी हुआ था। महर्षि व्यास ने चारों वेदों एवं महाभारत की रचना की। इस कारण उनका नाम वेद व्यास भी है। पांच जुलाई को लगने वाला यह चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। गुरु पूर्णिमा का प्रारंभ 4 जुलाई को सुबह 11.33 बजे से होगा और समापन 5 जुलाई को सुबह 10.13 बजे होगा। इस दिन गुरूओं के साथ परिवार के बुजुर्गों के भी पैर छूकर आर्शीवाद लेना चाहिए क्योंकि उनसे भी हम अपने जीवन में कुछ न कुछ सीखते रहते हैं।
ज्योतिषाचार्य अखिलेश मिश्रा के अनुसार पिछले महीने यानी 5 जून को चंद्र ग्रहण लगने के बाद अब फिर से चंद्र ग्रहण लगने वाला है और इस बार यह गुरु पूर्णिमा के दिन लगेगा। इस ग्रहण के बारे में सबसे खास बात यह है कि यह भारत में दिखाई नहीं देगा।
चंद्र ग्रहण का प्रभाव
ऐसा माना जा रहा है कि गुरु पूर्णिमा के दिन लगने वाला चंद्रग्रहण भारत में बहुत ज्यादा प्रभावशाली नहीं होगा। दरअसल यह एक उपच्छाया चंद्रग्रहण है और यहां दिखाई नहीं देगा। वहीं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार देखें तो यह चंद्र ग्रहण धनु राशि में लगने वाला है। धनु राशि में गुरु बृहस्पति और राहु मौजूद हैं। धनु राशि के जातकों पर इस ग्रहण का सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। मन में नकारात्मक विचार आ सकते हैं। इन्हें मन को नियंत्रित रखने के लिए ध्यान का सहारा लेना चाहिए। धनु के आलावा कर्क, सिंह और कन्या राशि पर भी इस ग्रहण का असर देखने को मिल सकता है। राशियों पर इसके प्रभाव को जानिएः
मेष- के विवाद से दूर रहना आपके लिए अच्छा रहेगा। आप अहम फैसले लेने से बचें। ग्रहण के दौरान मंगल को प्रसन्न करने वाले मंत्रों का जप करें।
वृषभ- आपके व्यावसायिक रिश्तांे व निजी जीवन पर भी इसका असर पड़ेगा। जीवनसाथी के साथ अनबन संभव है। हालांकि उनकी सेहत खराब होने की संभावना है। किसी जरूरतमंद की मदद करें।
मिथुन- मानसिक तनाव के साथ आपकी सेहत भी थोड़ी नासाज रह सकती है। कर्ज का मामला परेशान कर सकता है। मीठी खीर का दान और बुध के मंत्रों का जप लाभकारी होगा।
कर्क- राशि की गर्भवती महिलाएं अपनी सेहत का ख्याल रखें। रिश्तों में उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है, गलतफहमी से बचें। संतान की तरफ से भी आपको परेशानी हो सकती है। इंद्र गायत्री मंत्र का जाप आपके लिए फलदायी रहेगा।
सिंह- पारिवारिक कलह होने की आशंका है। घर के सदस्यों के बीच तनातनी रहने से आप परेशान हो सकते हैं। ग्रहण के दौरान सूर्य और चंद्रमा के मंत्रों का जप करें। गुड़ और चीनी का दान आपके लिए शुभकारी रहेगा।
कन्या- आपके किसी करीबी व्यक्ति के स्वास्थ्य में गड़बड़ी अथवा रिश्तों में परेशानी आ सकती है। आप अपने आत्मविश्वास में कमी महसूस करेंगे। ग्रहण के दौरान बुध मंत्रों का जप और हरी सब्जियों का दान दें।
तुला- वाणी पर नियंत्रण रखें। दांत अथवा आंख से जुड़ी परेशानी हो सकती है। आपके लिए ग्रहण के समय शुक्र मंत्र का जप करना हितकारी रहेगा। घी का दान करने से संकट से बचाव होगा।
वृश्चिक- चंद्र ग्रहण वृश्चिक राशि में ही होने होने के कारण जातकों को मानसिक तनाव झेलना पड़ सकता है। मन में कई तरह के विचार आ सकते हैं। इस स्थिति को नियंत्रित करने के लिए इंद्र गायत्री मंत्र का जप करना अच्छा रहेगा।
धनु- अहम निर्णय लेने से बचें, आपका नुकसान हो सकता है। बृहस्पति के मंत्र का जप करें और हल्दी का दान करना हितकारी रहेगा।
मकर- रिश्ते में अनबन हो सकती है। जीवनसाथी का सहयोग न मिलने से आप परेशान हो सकते हैं। शनि मंत्रों का जप करना अच्छा रहेगा। ग्रहण के पश्चात् दूध का पैकेट और सरसों का तेल दान दें।
कुंभ- किसी महिला से उलझने से बचें। नकारात्मकता से बचने के लिए आप शनि मंत्रों का जप करें। सरसों का तेल या पांच सफेद मिठाई का दान करें।
मीन- गाड़ी और यात्रा से जुड़ी कोई रुकावट आ सकती है। जीवनसाथी के साथ रिश्ते में गलतफहमी को जगह देने से बचें। ग्रहण के दौरान बृहस्पति मंत्र का जप कर और चने की दाल का दान करें।
शनिवार, 4 जुलाई 2020
गुरु पूर्णिमा पर चंद्र ग्रहण: किस राशि पर क्या होगा असर
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