मुजफ्फरनगर । आन्तरिक गुणवत्ता सुनश्च्यन प्रकोष्ठ (IQAC) द्वारा एस0डी0 कॉलेज ऑफ कॉमर्स, मुजफ्फरनगर के मानवीकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग में एक राष्ट्रीय वेबीनार का आयोजन किया गया जिसका विषय "कोविड-19 के दौरान प्रवासी मजदूरों के पलायन से उत्पन्न सामाजिक व आर्थिक प्रभाव" रहा। इस वेबीनार के चेयरपर्सन प्रो0 बी0एस0 नागी, भू०पू० निदेशक, समाजिक विकास परिषद, नई दिल्ली व मुख्य वक्ता प्रो0 जी0पी0 प्रसेन, डीन स्कूल ऑफ सामाजिक विज्ञान, सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी, इंफाल (मणिपुर) व सेमीनार के विशिष्ठ अतिथि प्रो0 आई0एस0 सूरी, सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ नागालैण्ड व डा0 सचिन गोयल प्राचार्य एस0डी0 कॉलेज ऑफ कामर्स, मुजफ्फरनगर रहे। कार्यक्रम का संचालन श्रीमति एकता मित्तल विभागध्यक्ष मानवीकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग, एस0डी0 कॉलेज ऑफ कॉमर्स, मुजफ्फरनगर ने किया।
सेमीनार के चेयरपर्सन प्रो0 बी0एस0 नागी ने कामगारों के पलायन से सम्बन्धित अनेक अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डाला जिसके द्वारा उनके सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति से जुडे अनेक विश्लेषणों के बारे में श्रोताओं को ज्ञान प्राप्त हुआ। उन्होनें वर्तमान परिपेक्ष में सरकार व समाज की सहभागिता के द्वारा सामाजिक व आर्थिक उन्नति के सूत्र प्रस्तुत किए व कहा कि हमें किसी भी आपातकालीन स्थिति में अपना मानवीय दायित्व नही भूलना चाहिए। - इसके उपरान्त मुख्य वक्ता प्रो0 जी0पी0 प्रसेन ने इस संकट से निकलने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर, लघु व मध्यम क्षमता के कारखानों व रोजगार के अवसर उत्पन्न करने पर जोर दिया उन्होनें बताया कि भारत वर्ष में क्षेत्रवार विकास की स्थिति में काफी असमानताएं है कुछ क्षेत्र काफी विकसित है व अन्य क्षेत्र काफी पिछडे हुए है जिन्हें हम इस नई पहल के द्वारा पुनः विकसित कर सकते है।
__ अंत में कार्यक्रम अध्यक्ष प्राचार्य डा0 सचिन गोयल ने अपने संबोधन में सभी अतिथियों व श्रोतागणों का आभार व्यक्त किया व कहा कि भारत वर्ष की दो तिहाई आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है व उनमें से 60 प्रतिशत लोग खेती के काम से जुड़े हुए है यदि हम ग्रामीण क्षेत्रों में समुचित सुविधाएँ उपलब्ध कराएं तो जो कामगार आज बड़े शहरों से पलायन करके अपने पैतृक ग्रामीण क्षेत्रों में गए है उन्हें पुनः महानगरों की तरफ पलायन की आवश्कता नही पडेगी।
मानवीकी एवं सामाजिक विज्ञान विभाग की प्रवक्ताओं जिनमें श्रीमति सपना ने बताया की कोविड-19 महामारी से बचने के लिए हमें सकारात्मक सोच अपनानी चाहिए तभी हम इस महामारी से बचने में सफल हो सकते है, आकांक्षा ने कहा कि मजदूरों के पलायन का हमारे देश की अर्थव्यवस्था, आयात-निर्यात व मुद्रा स्फति पर कुछ दूष-प्रभाव पडा है व सरकार द्वारा अपनाये गये उपायों को बताया, अन्य वक्ता गरिमा कंसल ने कहा कि पलायन हुए मजदूरों को आर्थिक रूप से सहायता दी जानी चाहिए और उनकी सहायता के लिए श्रम बाजार शुरू किया जाना चाहिए इसके अतिरिक्त सोनम ने बताया कि कोविड-19 महामारी के समय में मजदूरों को सरकार की योजनाओं का उचित लाभ नही मिल पाया। सेमीनार को सम्पन्न कराने में सभी विभागीय शिक्षकों एवं कर्मचारियों का सहयोग रहा।
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