मुजफ्फरनगर। कोरोना के चलते इस बार गुवाहाटी के मां
में होने वाले प्रसिद्ध अंबुवाची मेले के स्थगित होने से जिले में मां के भक्त भी निराश हैं।
मां कामख्या मंदिर पर लगने वाले इस मेले में देश-विदेश से करोड़ो भक्त हर साल गुवाहाटी आते हैं। मुजफ्फरनगर से भी हर वर्ष अनेक भक्त वहां जाते रहे हैं, लेकिन इस बार कोरोना के कारण यह आयोजन स्थगित होने से उन्हें निराशा हाथ लगी है। व्यापारी नेता व समाजसेवी राहुल गोयल ने बताया कि माता का मंदिर गुवाहाटी से 8 किलोमीटर ऊपर नीलांचल पर्वत स्थित है और चमत्कारी शक्तिपीठों में से एक है जिसमें मां का स्वरूप योनि मुद्रा में है जिन्हें दस विद्याओं की देवी भी माना जाता है। गुप्त नवरात्रों के दौरान मां कामाख्या के मासिक धर्म रजस्वला को अम्बुबाची के नाम से जाना जाता है। इस समय विशेष पूजा अर्चना का महत्व होता है। यह अत्यंत पवित्र समय माना गया है, इस 5 दिनों के महाआयोजन मे दूर दूर से आये श्रद्धालु अपने अपने तरीके से माता की आराधना करते हैं। यह आयोजन हर वर्ष जून माह में होता है, इस दौरान मंदिर को रजस्वला के कारण बंद कर दिया जाता है। माँ के अनुयागी मंदिर परागण व आसपास अपनी पूजा अर्चना करते है। सन 1565 में मंदिर का निर्माण राजा नारायण ने करवाया था तभी से मेले का आयोजन होता आ रहा है। अम्बुवाची में तंत्र-मन्त्र के लिए साधु संत, विद्वान, महापुरुष आदि सिद्धि प्राप्ति हेतु यज्ञ पूजा अर्चना अनुष्ठान करते हैं। यह पर्व बहुत उल्लास के साथ मनाया जाता है। इन दिनों को माँ का आगमन धरती पर भी माना जाता है। माँ कामाख्या के स्वरूप को महाविधिया का मूल कहा गया है, क्योंकि व समस्त देवियो में महाशक्ति का स्वरूप कामाख्या कामारूप बाल्यावस्था देवी माना गया है। जो सभी शक्तियों के साथ मंदिर के गभज़् गृह में विराजमान है इनके दर्शन मात्र से ही मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है। राहुल गोयल ने बताया की मंदिर के पुजारी द्वारा विधि विधान से पूजन कराया जाता है।
कामाख्यायात्रा दशज़्न में श्रवण गुप्ता, अमित बिंदल,ऋषिराज राही,विकास स्वरुप बबल,अभिनव गोयल मोंटू,रजत अरोरा, विजय वर्मा,राकेश गोयल(के.संस), नमन,पुरु,रमेश त्यागी, मनोज कुमार आदि माँ कामाख्या की सेवा और दर्शन के लिए साल में दो तीन बार जाते हैं। ऋषिराज रही ने बताया कि मां भगवती के दर्शन लाभ के लिए देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व गवर्नर आदि के सहित हजारो की संख्या में, माँ के भगत रोज दर्शन प्राप्त करते है। अपनी मनोकामना के लिए मां के दरबार नीलांचल पवज़्त गुवाहाटी में जाते रहते हैं, इस वर्ष कोरोना महामारी की वजह से श्रद्धालुओं के लिए मंदिर के कपाट बिल्कुल बंद है, मंदिर प्रबंधक के द्वारा अम्बुबाची के सभी अनुष्ठान व नियम किये जाएंगे।
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