शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

शिकमी किराएदारी के मामले पर पालिकाध्यक्ष ने ईओ पर लगाया आधी अधूरी रिपोर्ट देने का आरोप

मुजफ्फरनगर। शिकमी किराएदारी का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है।  पालिकाध्यक्ष ने ईओ द्वारा दी गई रिपोर्ट/ को आधी अधूरी बताते हुए फटकार लगाई है।
पालिकाध्यक्ष अंजू अग्रवाल ने कहा कि उन्होंने 23 जनवरी को  गठित समिति से रिपोर्ट देने को कहा था। उन्होंने कहा कि समिति की ओर से 22 दिन की जो रिपोर्ट सौंपी गई  है, उसमें अब तक डे बाई  डे किये ये कार्यो की कार्यवाही का कोई जिक्र तक नहीं है। अधिशासी अधिकारी की अध्यक्षता में 6 अन्य केन्द्रीययित सेवा सवंर्ग/अध्किारियों व कर्मचारियों की समिति गठित की गई थी, परन्तु प्रस्तुत रिपोर्ट में 03  राजस्व  निरीक्षक के हस्ताक्षर ही अंकित किये गये हैं।  उन्होंने कहा कि निर्गत आदेशों के अन्तर्गत यह भी निर्देश  दिये गये थे कि किराया पटल पर तैनात सहायकगण भी समिति को अभिलेख आदि उपलब्ध कराये जाने में पूर्ण सहयोग करने का भी प्रस्तुत रिपोर्ट में कोई जिक्र तक नहीं है और गठित समिति की कब कब और किस पालिका कक्ष में बैठक आहूत हुई और उसका क्या कार्यवृत रहा और यह भी प्रस्तुत रिपोर्ट में वर्णित नहीं है। 
पालिकाध्यक्ष ने कहा कि पालिका  की दुकानांे में किरायेदारों के द्वारा अपनी मांगों को लेकर  किराये एवं प्रीमियम के सम्बंध मंे रोष व्यक्त करते हुए मेरे आवास पर अनुचित रूप से राजनैतिक कारणों के चलते किसी  व्यक्ति के नाम का उल्लेख न करे हुए आत्मदाह करने जैसे  बेतुकी अविधिक चेतावनी दी गइ थी, जिसे किसी भी दशा में संवैधानिक नहीं माना जा सकता। इसका भी कोेई उल्लेख रिपोर्ट में नहीं है। उन्होंने कहा कि आत्मदाह की चेतावनी देने वाले  कृष्णगोपाल मित्तल एवं राकेश मित्तल दोनों की पालिका की किसी भी दुकान में  किरायेदार नहीं है। बल्कि पालिका के किरायेदारों  को पालिका  के देयक   ना देने के लिये अपने निजी स्वार्थो के चलते उकसा  रहे है। भारतीय दंड संहिता  के विपरीत है। इस सम्बंध में प्रस्तुत जांच   रिपोर्ट में कोई तथ्य/जिक्र नहीं है। यहां तक  भी  संबंधित कर्मिर्यों से संज्ञानित हुआ है कि कर एवं राजस्व अधीक्षक द्वारा मनमर्जी तथा अभिलेखों के विपरीत तैयार की गई रिपोर्ट के समय दोनों नेता वहां मौजूद थे तथा उनके कहे अुनसार ही अपूर्ण   रिपोर्ट तैयार की गई है। 
उन्होंने बताया कि आदेशांे में उल्लेखित किया गया था कि 2006 में अमरनाथ  उपाध्यक्ष पीसीएस, नगर पालिका   परिषद के प्रशासक के कार्यालय में गठित समिति द्वारा जो पालिका की दुकानों के मार्किट वाईज प्रीमियम एवं  किराये निर्धारण हुआ था  तथा जिसका  पालिका   के किरायेदारों  दुकानदारों के द्वारा आशिंक रूप से पालन किया गया। इस महत्वपूर्ण आदेश की रिपोर्ट में कोई जिक्र  तक नहीं किया गया। जबकि अधोहस्ताक्षरी द्वारा आदेशित भी किया गया था कि इसका दुकानदारों के द्वारा आशिंक रूप से अनुपालन किया जा चुका है। इसमें कछ पालिका  के दुकानदारों द्वारा पूर्व में प्रशासक महोदय द्वारा मार्किट वाईज नियत धनराशि  पालिका  कोष में जमा कराते हुए अनुबंध आदि की कार्यवाही  भी र्पूा की गई थी। उन्होंने कहा कि साथ ही इन्हीं  आदेशों  को आधार बनाकर गठित समिति में मौजूद   अधिकारीगण के द्वारा विभागीय आंख्या/संस्तुति की गई  थी तथा तत्समय के प्रभारी अधिशासी अधिकारी द्वारा प्रस्ताव कोे बोर्ड में रखने हेतु प्रस्तुत की गई थी। तत्पश्चात बोर्ड द्वारा  प्रस्ताव पारित किया  गया था। परन्तु खेद है कि पालिका   के राजस्व के सबसे  महत्वपूर्ण प्रकरण में भ्रमित एवं गुमराह की जाने वाली अपूर्ण रिपोर्ट में  इसका कोई उल्लेख तक नहीं है। 


कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

मंगलवार विशेष :पंचाग एवँ राशिफल

 🙏🏻 हर हर महादेव🙏🏻  🌞 *~ वैदिक पंचांग ~* 🌞  🌤️ *दिनांक - 04 मार्च 2025* 🌤️ *दिन - मंगलवार* 🌤️ *विक्रम संवत - 2081* 🌤️ *शक संवत -...