मंगलवार, 25 फ़रवरी 2020

दुनिया के सबसे लम्बे धरने का 25 वें वर्ष में प्रवेश

भ्रष्टाचार एवं भू-माफियाओं के विरू(  मास्टर विजय सिंह का अहिंसात्मक सत्याग्रह 
 लिम्का बुक आॅफ रिकाॅडर््स, एशिया बुक आॅफ रिकाॅर्डस, इंडिया बुक आॅफ रिकाॅर्डस में दर्ज है धरना
 मुजफ्फरनगर। भ्रष्टाचार व भूमाफियाओं के विरु( मास्टर विजय सिंह का धरना आज 25वें साल में प्रवेश कर गया है। मास्टर विजय सिंह ने वर्तमान मोदी सरकार व योगी सरकार तथा पूर्व सरकारों ने कई जांचें कराई जिसमें मास्टर विजय सिंह के आरोप सच पाए गए परन्तु राजनीतिक हस्तक्षेप व भ्रष्टाचार के कारण भूमाफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाई जिसकी वजह से मास्टर विजय सिंह पिछले 25 सालों से जद्दोजहद कर रहे हैं। अवैध कब्जेधारी भूमाफिया जिस पार्टी की भी सरकार देश व प्रदेश में आती है, उसी पार्टी में चले जाते हैं फलस्वरूप अधिकारी राजनैतिक दबाव में कार्रवाई नहीं कर पाते। मोदी और योगी सरकार आने पर मास्टर जी को न्याय की उम्मीद जगी थी परन्तु इस दिशा मंेे अभी तक कोई सार्थक कार्य नहीं हो पाया। 
मास्टर विजय सिंह ने 8 अक्टूबर 2019 को शामली में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक सभा में ज्ञापन दिया था, जिस पर अधिकारियों को निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई का आदेश दिया था। जिन पर जांच हो चुकी है। इनके आलावा मास्टर विजय सिह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ ंिसह को ज्ञापन दिए थे, जिन पर जांच हो चुकी है। जांच रिपोर्टो पर मास्टर विजय सिंह कार्रवाई की प्रतीक्षा में हैं। गौरतलब है मास्टर विजय सिंह 18 सितम्बर को जिलाधिकारी के दबाव के कारण धरने को स्थानान्तरित करके शिव चैक आ गए थे, जिस पर सामाजिक कार्यकर्ताओं तथा राजनैतिक दलों ने काफी प्रतिक्रिया की थी। केन्द्रीय मंत्री डाॅ. संजीव बालियान व राज्य मंत्री कपिल देव अग्रवाल ने मास्टर विजय सिंह के धरने पर आकर मास्टर विजय सिंह का समर्थन किया था तथा राज्यमंत्री विजय कश्यण को भूमि घोटाले प्रकरण पर निर्णय लेने के लिए कहा था। मामला अभी विचाराधीन है। मास्टर विजय सिंह का धरना दुनिया का सबसे लम्बा धरना बन चुका है। जिन्हें अनेक रिकार्ड बुक में दर्ज किया गया है।
 गौरतलब है कि मास्टर विजय सिंह ने अपने गांव चैसाना की 4 हजार बीघा सार्वजनिक भूमि व अन्य सम्पत्ति (अनुमानित कीमत 600 करोड़ रूपये ) पर शोध कर जनहित में घोटाला खोला है तथा जनपद शामली व मुजफ्फरनगर की छह लाख बीघे सार्वजनिक भूमि ;तालाब, वन, ग्राम सभा तथा अन्य भूमिद्ध को अवैध कब्जे से मुक्त कराने की मांग कर रहे हैं। दुखद यह है कि दबंगों व भूमाफियाओं ने गांव, टाउन एरिया व नगर पालिका में सार्वजनिक भूमियों पर अवैध कब्जा कर रखा है जिसे मुक्त कराने के लिए मास्टर विजय सिंह आन्दोलन चला रहे हैं।  मास्टर विजय सिंह ने 26 फरवरी 1996 को जिलाधिकारी कार्यालय मुजफ्फरनगर पर धरना शुरू किया था, जिसे 24 वर्ष  हो गये हैं। विभिन्न जांचों में मास्टर विजय सिंह के आरोप भी सही पाये गये जिसमें 300 बीघा भूमि प्रशासन द्वारा भूमाफियाओं के अवैध कब्जे से मुक्त कराई गई। 3200 बीघा भूमि पर जाँच रिपोर्टांे में घोटाला साबित हो चुका है तथा 136 मुकदमे भी राजस्व अभिलेखों में हेरा-फेरी के दर्ज हुए तथा 81 हजार रुपये दण्ड स्वरूप राजकोष में जमा हुए। जाँच रिपोर्टों में विरोधाभास है क्योंकि अवैध कब्जेधारी पूर्व विधायक ठाकुर जगत सिंह व अन्य भूमाफिया प्रदेश व केन्द्र में जिस दल की भी सरकार आती है उसी दल में चले जाते हैं। राजनीतिक दबाव व भ्रष्टाचार अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती। दरअसल उत्तर प्रदेश में हर गांव और शहर में सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जे भूमाफियाओं के द्वारा किए गए हैं, जो सर्वविदित है। बसपा, सपा और भाजपा सरकारें भूमाफिया व अवैध कब्जों की बात अपने घोषणा पत्र में तो करती है लेकिन व्यावहारिक रूप से भूमाफियों के प्रभाव के कारण उस पर अमल नहीं हो पाता।
मास्टर विजय सिंह के अनुसार, जिस दिन उनके आंदोलन को न्याय मिल गया, भूमि घोटाले में कार्यवाही हो गई तो उनका गाँव तो क्या, देश का एक भी गाँव ऐसा नहीं होगा, जहाँ पर कोई गरीब व भूमिहीन रहेगा तथा विकास कार्यों के लिए भी पर्याप्त भूमि होगी। चूँकि मास्टर विजय सिंह का मानना है कि ”जनपद मुजफ्फरनगर व शामली में लगभग 6 लाख बीघा सरकारी भूमि अवैध कब्जे में है तथा प्रदेश व देश में करोड़ांे बीघे पर अवैध कब्जा है। यदि अवैध कब्जे से सरकारी भूमि मुक्त हो जाए तो गरीबों व विकास कार्यों के लिये भूमि पर्याप्त उपलब्ध हो जाएगी। भूमि अधिग्रहण करने की आवश्यकता भी नही पड़ेगी।
यह आन्दोलन अहिंसात्मक है, भ्रष्टाचार के खिलाफ है, गांधीवादी तर्ज पर है। 25 सालों के दौरान मास्टर विजय सिंह ने कोई हिंसक प्रदर्शन या कानून का उल्लंघन नहीं किया है। उनके विरु( कोई मुकद्मा दर्ज नहीं है तथा उनका कोई आपराधिक इतिहास भी नहीं रहा है।


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