सोमवार, 24 फ़रवरी 2020

बेटी के साथ दुष्कर्म के आरोपी पिता को पोक्सो कोर्ट ने दस वर्ष कैद

मुजफ्फरनगर ।  स्पेशल पोक्सो अदालत ने अपनी नाबालिग बेटी से दुष्कर्म करने के आरोप में पिता को दोषी मानकर दस वर्ष के सश्रम कारावास और 32 हजार रुपए अर्थदंड अदा करने की सजा सुनाई। अर्थदंड की धनराशि में से 30 हजार रुपए पीड़िता को दिए जाने के आदेश भी कोर्ट ने दिए।
अभियोजन के अनुसार थाना शाहपुर के गांव कसेरवा निवासी विवाहित महिला ने 6 अगस्त 2016 को एसएसपी को प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि वह 7 मई 2016 को वह अपने भाई की तबीयत खराब होने के कारण अपने बच्चों को अपने पति के पास छोड़ कर अपने मायके गई थी। जब वह लौट कर अपनी ससुराल वापिस आयी तो उसकी नाबालिग बेटी ने डरते हुए बताया कि जिस दिन वह मायके गयी थी उसी दिन उसके पिता ने मिठाई में नशीला पदार्थ मिलाकर उन्हें नशे में कर दिया और अपनी 14 वर्षीय पुत्री के साथ बुरा काम किया और किसी से भी इस घटना को बताने पर जान से मारने की धमकी दी। इसके बाद भी उसके पति ने 29 जुलाई को दोबारा अपनी पहले वाली गंदी हरकत को बेटी के साथ दोहराने का प्रयास किया पर जाग होने पर अपने प्रयास में नाकामयाब रहा। एसएसपी के आदेश पर यह मुकदमा 6 अगस्त 2016 को दर्ज किया गया। इस मुकदमे की सुनवाई पोक्सो कोर्ट के स्पेशल न्यायाधीश संजीव तिवारी की अदालत में हुई। विशेष लोक अभियोजक दिनेश कुमार शर्मा ने इस मामले में चार गवाह पेश किए।
गवाहों के बयान व पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर विशेष न्यायाधीश (पोक्सो एक्ट) संजीव तिवारी ने अभियुक्त पिता को अपनी नाबालिग बेटी से दुराचार करने का दोषी करार देते हुए आईपीसी की धारा 376 व पोक्सो एक्ट की धारा 5/6 में दस वर्ष की कैद और कुल 32 हजार रुपए अर्थदंड अदा करने की सजा सुनाई। अर्थदंड की राशि में पीड़िता को 30 हजार रुपए दिए जाने के आदेश दिए।


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