शनिवार, 2 मई 2020

उत्तर प्रदेश में तबलीगी जमात के कारण 48 प्रतिशत कोरोना संक्रमित


लखनऊ। प्रदेश में  ताजा आंकड़ों के अनुसार शनिवार सुबह 14 और मरीजों में कोविड-19 पॉजिटिव पाया गया। इसी के साथ प्रदेश में अब कोरोना संक्रमित मरीजों की कुल संख्या 2342 पर पहुंच गई है। इससे पहले शुक्रवार को कोरोना संक्रमण के 116 नए केस सामने आए थे।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न अस्पतालों में अभी 1632 कोरोना संक्रमितों का इलाज चल रहा है जबकि 654 मरीज इलाज के बाद ठीक होकर घर लौट चुके हैं। कुल कोरोना मरीजों में तबलीगी जमात और इनसे संबद्ध व्यक्तियों की संख्या 1117 है। तबलीगी जमात की ये संख्या प्रदेश के कुल मरीजों की संख्या का 48 प्रतिशत है। प्रदेश में तबलीगी जमात के कारण मरीजों की संख्या तेजी से इजाफा हुआ है।
शुक्रवार को सहारनपुर पुलिस ने क्वारेंटाइन पूरा होने के बाद 12 लोगों को अस्थाई जेल भेज में दिया है। यह सभी लोग तबलीगी जमात के हैं जो पिछले महीने निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए थे। जेल जाने वाले 12 जमाती में से 9 विदेशी हैं। ये सभी लोग 2 अप्रैल को सहारनपुर में मिले थे, जिसके बाद इन्हें क्वारेंटाइन कर दिया गया था। इन 12 में से एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया गया था जिसे बाद में बरेली के अस्पताल भेज दिया गया था। हालांकि अब वो भी स्वस्थ्य है।
उत्तर प्रदेश में आगरा में कोरोना संक्रमितों का मिलना लगातार जारी है। मात्र तीन दिनों में ही संक्रमितों की संख्या 100 से पार हो गई। शुक्रवार को 22 नए केस संक्रमित निकले तो नौ हॉटस्पॉट बढ़ा दिए गए हैं। इन इलाकों में सैंपलिंग का काम शुरू करा दिया गया है। वहीं, शहर में अबतक 124 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं। आगरा में अभी तक सात हजार लोगों के सैंपल लिए जा चुके हैं।


मुजफ्फरनगर में सिर्फ 4.30 प्रतिशत लोगों ने डाउनलोड किया आरोग्य सेतु एप



मुजफ्फरनगर। आरोग्य सेतु एप को डाउनलोड करने में प्रदेश में गौतमबुद्धनगर सबसे आगे है। मुजफ्फरनगर में सिर्फ 4.30 प्रतिशत लोगों ने आरोग्य सेतु एप डाउनलोड किया। गाजियाबाद दूसरे और लखनऊ तीसरे स्थान पर है। मेरठ सातवें नंबर पर है। प्रदेश में 30 अप्रैल तक करीब 1.22 करोड़ लोगों ने यह एप डाउनलोड किया है। आरोग्य सेतु एप को दो अप्रैल को लॉन्च किया गया था। केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए इस एप को डाउनलोड करना अनिवार्य कर दिया है।
गौतमबुद्धनगर जिले की आबादी 20.58 लाख है और वहां करीब 6.38 लाख लोगों ने यह एप डाउनलोड किया है। आबादी के लिहाज से 31.02 प्रतिशत यूजर्स हैं। गाजियाबाद में  41.75 लाख की आबादी में से करीब 6.95 लाख लोगों ने यह एप डाउनलोड किया है, जो 16.67 फीसद है। मेरठ में 43 लाख की आबादी में से करीब 2.97 लाख लोगों ने एप डाउनलोड किया है। यह 6.93 प्रतिशत है। हापुड़ जिले में 16.71 लाख की आबादी में से 88,006 लोगों ने एप डाउनलोड किया है। यह 5.27 प्रतिशत है। बागपत जिले में 16.27 लाख की आबादी में से 80,326 लोगों ने एप डाउनलोड किया। यह आबादी के लिहाज से 4.94 प्रतिशत है।
बुलंदशहर में 43.69 लाख लोगों में से करीब 2.11 लाख लोगों ने एप डाउनलोड किया है। यह 4.84 प्रतिशत है। सहारनपुर जिले के 43.29 लाख लोगों में से करीब 2.01 लाख  लोगों ने एप डाउनलोड किया है। इसका प्रतिशत 4.65 है। मुजफ्फरनगर में 35.34 लाख लोगों में से करीब 1.51 लाख लोगों ने यह एप डाउनलोड किया है। इसका प्रतिशत 4.30 है। शामली में 16.40 लाख लोगों में से 61,487 लोगों ने आरोग्य सेतु एप डाउनलोड किया है। इसका प्रतिशत 3.75 है। लखनऊ के 57.32 लाख लोगों में से करीब 7.92 लाख ने एप डाउनलोड किया। आबादी के हिसाब से यह 13.83 प्रतिशत है।
डॉ. राजकुमार चैधरी, सीएमओ  कहते हैं कि आरोग्य सेतु एप कुल 11 भाषाओं में उपलब्ध है। यह एंड्राइड और आईओएस दोनों को सपोर्ट करता है। इस एप की मदद से यूजर्स को अपने आसपास कोरोना संक्रमित की जानकारी मिलती है। इस एप में दिया गया सिस्टम आपको यह भी बताता है कि आप कोरोना संक्रमित हैं या नहीं। एप डाउनलोड करने के मामले में मेरठ प्रदेश में सातवें नंबर पर पहुंच गया है 


कोरोना पॉजिटिव युवक लॉकडाउन में भी ठेले पर बेचता रहा बिरयानी, मेरठ का बडा इलाका सील



मेरठ। कोरोना संक्रमित आये व्यक्ति ने मेरठ को मुसीबत में डाल दिया। बताया गया है कि वह लॉकडाउन में भी बिरयानी बेचता रहा। तबीयत खराब होने पर उसने बिरयानी का ठेला लगाना बंद किया। बताते हैं इस ठेले पर रोज बडी संख्या में लोग बिरयानी खाते थे। अब सैकड़ों लोगों में अब दहशत की स्थिति है। स्वास्थ्य विभाग ने इसके संपर्क में आने वाले 32 लोगों को क्वारंटाइन कर दिया है। मेरठ का बडा इलाका सील कर दिया गया है।
शहर के ब्रह्मपुरी क्षेत्र में भूमिया पुल निवासी एक व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मेरठ के सैंकडों लोेग दहशत में हंै। उसका इलाज मेरठ मेडिकल अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में चल रहा है। जांच में पता चला कि वह मेट्रो प्लाजा पर अन्नपूर्णा छोले-भटूरे वाले के पास ठेला लगाकर वेज बिरयानी बेचता था। लॉकडाउन होने के बाद उसने ठेला गौतमनगर सब्जी मंडी स्थित गली के बाहर खड़ा करना शुरू कर दिया। पिछले दिनों पुलिस सख्ती हुई तो उसने ठेला गली के भीतर लगा लिया। कुल मिलाकर लॉकडाउन में वह लगातार वेज बिरयानी बेचता रहा। बताया कि एक सप्ताह पहले अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई। इसके बाद से ही ठेला लगना बंद हुआ। गौतमनगर गली के बाहर जहां पर वह ठेला लगाता था, ठीक उसके बराबर में कचैरी का दूसरा ठेला लगता था। संक्रमित व्यक्ति का भाई भी वेज बिरयानी बेचता है। पॉजिटिव रिपोर्ट आने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने बिरयानी विक्रेता के चार परिजनों को क्वारंटाइन कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग मान रहा है कि किसी ग्राहक या सब्जी मंडी में वह संक्रमित हुआ है। 
पुलिस ने एहतियातन भूमिया पुल से शास्त्री कोठी, प्रकाश वाली गली के बाहर से डीके टेलीकॉम वली गली तक और गौतमनगर सब्जी मंडी वाली गली को पूरी तरह सील कर दिया है। हर एंट्री-एग्जिट प्वाइंट पर बैरियर लगा दिए गए हैं। हर बैरियर पर दो-दो पुलिसवाले तैनात हैं।


मुज़फ्फरनगर के दो लोगों की कोरोना रिपोर्ट पाजिटिव

मेरठ। मेरठ लैब में शुक्रवार को मुजफ्फरनगर के दो कोरोना संक्रमितो की रिपोर्ट पोसिटिव मिली हैं । मेरठ में आज 10 कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट आई है। आज देर रात आई रिपोर्ट में गाज़ियाबाद के भी 3 जबकि बागपत और हापुड़ के 1-1 कोरोना पोजिटिव रिपोर्ट आई है। मेरठ में रीजनल सर्विलांस अधिकारी अशोक तालियान ने बताया कि आज रात जो रिपोर्ट आई है उनमे मेरठ के 10, गाज़ियाबाद के 3,मुजफ्फरनगर के 2, हापुड़ और बागपत के 1-1 मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है । मुजफ्फरनगर में दो और पॉजिटिव रिपोर्ट वाले मरीज पहले से भर्ती हैं । उनकी सेकेंड रिपोर्ट पोजिटिव आई है ।


क्या जतिवाद सिखाती है मनुस्मृति

 


भारत में आज अनेक संकट छाये हुए हैं – भ्रष्टाचार, आतंकवाद, कट्टरवाद, धर्मांतरण, नैतिक अध : पतन, अशिक्षा, चरमरायी हुई स्वास्थ्य व्यवस्था, सफ़ाई की समस्या वगैरह – वगैरह | पर इन सभी से ज्यादा भयावह है – जन्मना जातिवाद और लिंग भेद | क्योंकि यह दो मूलभूत समस्याएँ ही बाकी समस्याओं को पनपने में मदद करती हैं | यह दो प्रश्न ही हमारे भूत और वर्तमान की समस्त आपदाओं का मुख्य कारण हैं |  इन को मूल से ही नष्ट नहीं किया तो हमारा उज्जवल भविष्य सिर्फ़ एक सपना बनकर रह जाएगा क्योंकि एक समृद्ध और समर्थ समाज का अस्तित्व जाति प्रथा और लिंग भेद के साथ नहीं हो सकता |


यह भी गौर किया जाना चाहिए कि जाति भेद और लिंग भेद केवल हिन्दू समाज की ही समस्याएँ नहीं हैं किन्तु यह दोनों सांस्कृतिक समस्याएँ हैं | लिंग भेद सदियों से वैश्विक समस्या रही है और जाति भेद दक्षिण एशिया में पनपी हुई, सभी धर्मों और समाजों को छूती हुई समस्या है | चूँकि सनातन वेद सबसे प्राचीन संस्कृति और सभी धर्मों का आदिस्रोत है, इसी पर व्यवस्था को भ्रष्ट करने का आक्षेप मढ़ा जाता है | यदि इन दो कुप्रथाओं को हम ढोते रहते हैं तो समाज इतना दुर्बल हो जाएगा कि विभिन्न सम्प्रदायों और फिरकों में बिखरता रहेगा जिससे देश कमजोर होगा और टूटेगा |


अपनी कमजोरी और विकृतियों के बारे में हमने इतिहास से कोई शिक्षा नहीं ली है |  आज की तारीख़ में भी कुछ शिक्षित और बुद्धिवादी कहे जाने वाले लोग इन दो कुप्रथाओं का समर्थन करते हैं – यह आश्चर्य की बात है |  जन्म से ही ऊँचेपन का भाव इतना हावी है कि वह किसी समझदार को भी पागल बना दे | इस वैचारिक संक्रमण से ग्रस्त कुछ लोग आज हिन्दुत्व के विद्वानों और नेतागणों में  भी गिने जा रहे हैं | अनजान बनकर यह लोग इन कुप्रथाओं का समर्थन करने के लिए प्राचीन शास्त्रों का हवाला देते हैं जिस में समाज व्यवस्था देनेवाली प्राचीनतम मनुस्मृति को सबसे अधिक केंद्र बनाया जाता है |मनुस्मृति जो सृष्टि में नीति और धर्म ( कानून) का निर्धारण करने वाला सबसे पहला ग्रंथ माना गया है उस को घोर जाति प्रथा को बढ़ावा देने वाला भी बताया जा रहा है |आज स्थिति यह है कि मनुस्मृति वैदिक संस्कृति की सबसे अधिक विवादित पुस्तकों में है | पूरा का पूरा दलित आन्दोलन ‘ मनुवाद ‘ के विरोध पर ही खड़ा हुआ है |


मनु जाति प्रथा के समर्थकों के नायक हैं तो दलित नेताओं ने उन्हें खलनायक के सांचे में ढाल रखा है | पिछड़े तबकों के प्रति प्यार का दिखावा कर स्वार्थ की रोटियां सेकने के लिए ही अग्निवेश और मायावती जैसे बहुत से लोगों द्वारा मनुस्मृति जलाई जाती रही है | अपनी विकृत भावनाओं को पूरा करने के लिए नीची जातियों पर अत्याचार करने वाले, एक सींग वाले विद्वान राक्षस के रूप में भी मनु को चित्रित किया गया है | हिन्दुत्व और वेदों को गालियां देने वाले कथित सुधारवादियों के लिए तो मनुस्मृति एक पसंदीदा साधन बन गया है| विधर्मी वायरस पीढ़ियों से हिन्दुओं के धर्मांतरण में इससे फ़ायदा उठाते आए हैं जो आज भी जारी है | ध्यान देने वाली बात यह है कि मनु की निंदा करने वाले इन लोगों ने मनुस्मृति को कभी गंभीरता से पढ़ा भी है कि नहीं |


दूसरी ओर जातीय घमंड में चूर और उच्चता में अकड़े हुए लोगों के लिए मनुस्मृति एक ऐसा धार्मिक ग्रंथ है जो उन्हें एक विशिष्ट वर्ग में नहीं जन्में लोगों के प्रति सही व्यवहार नहीं करने का अधिकार और अनुमति देता है| ऐसे लोग मनुस्मृति से कुछ एक गलत और भ्रष्ट श्लोकों का हवाला देकर जातिप्रथा को उचित बताते हैं पर स्वयं की अनुकूलता और स्वार्थ के लिए यह भूलते हैं कि वह जो कह रहे हैं उसे के बिलकुल विपरीत अनेक श्लोक हैं।


इन दोनों शक्तियों के बीच संघर्ष ने आज भारत में निचले स्तर की राजनीति को जन्म दिया है |भारतवर्ष पर लगातार पिछले हजार वर्षों से होते आ रहे आक्रमणों के लिए भी यही जिम्मेदार है| सदियों तक नरपिशाच,गोहत्यारे और पापियों से यह पावन धरती शासित रही| यह अतार्किक जातिप्रथा ही १९४७ में हमारे देश के बंटवारे का प्रमुख कारण रही है| कभी विश्वगुरु और चक्रवर्ती सम्राटों का यह देश था | आज भी हम में असीम क्षमता और बुद्धि धन है फ़िर भी हम समृद्धि और सामर्थ्य की ओर अपने देश को नहीं ले जा पाए और निर्बल और निराधार खड़े हैं – इस का प्रमुख कारण यह मलिन जाति प्रथा है| इसलिए मनुस्मृति की सही परिपेक्ष्य में जाँच – परख़ अत्यंत आवश्यक हो जाती है |


*मनुस्मृति पर लगाये जाने वाले तीन मुख्य आक्षेप :*


१. मनु ने जन्म के आधार पर जातिप्रथा का निर्माण किया |


२. मनु ने शूद्रों के लिए कठोर दंड का विधान किया और ऊँची जाति खासकर ब्राह्मणों के लिए विशेष प्रावधान रखे |


३. मनु नारी का विरोधी था और उनका तिरस्कार करता था | उसने स्त्रियों के लिए पुरुषों से कम अधिकार का विधान किया |


*आइये अब मनुस्मृति के साक्ष्यों पर ही हम इन आक्षेपों की समीक्षा करें | इस लेख में हम पहले आरोप – मनु द्वारा जन्म आधारित जाति प्रथा के निर्माण पर विचार करेंगे -*


मनुस्मृति उस काल की है जब जन्मना जाति व्यवस्था के विचार का भी कोई अस्तित्व नहीं था | अत: मनुस्मृति जन्मना समाज व्यवस्था का कहीं भी समर्थन नहीं करती | 
महर्षि मनु ने मनुष्य के गुण- कर्म – स्वभाव पर आधारित समाज व्यवस्था की रचना कर के वेदों में परमात्मा द्वारा दिए गए आदेश का ही पालन किया है (देखें – ऋग्वेद-१०.१०.११-१२, यजुर्वेद-३१.१०-११, अथर्ववेद-१९.६.५-६) |


यह वर्ण व्यवस्था है | वर्ण शब्द “वृञ” धातु से बनता है जिसका मतलब है चयन या चुनना और सामान्यत: प्रयुक्त शब्द वरण भी यही अर्थ रखता है | जैसे वर अर्थात् कन्या द्वारा चुना गया पति, जिससे पता चलता है कि वैदिक व्यवस्था कन्या को अपना पति चुनने का पूर्ण अधिकार देती है |


मनुस्मृति में वर्ण व्यवस्था को ही बताया गया है और जाति व्यवस्था को नहीं इसका सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि मनुस्मृति के प्रथम अध्याय में कहीं भी जाति या गोत्र शब्द ही नहीं है  बल्कि वहां चार वर्णों की उत्पत्ति का वर्णन है | यदि जाति या गोत्र का इतना ही महत्त्व होता तो मनु इसका उल्लेख अवश्य करते कि कौनसी जाति ब्राह्मणों से संबंधित है, कौनसी क्षत्रियों से, कौनसी वैश्यों और शूद्रों से |


इस का मतलब हुआ कि स्वयं को जन्म से ब्राह्मण या उच्च जाति का मानने वालों के पास इसका कोई प्रमाण नहीं है | ज्यादा से ज्यादा वे इतना बता सकते हैं कि कुछ पीढ़ियों पहले से उनके पूर्वज स्वयं को ऊँची जाति का कहलाते आए हैं | ऐसा कोई प्रमाण नहीं है कि सभ्यता के आरंभ से ही यह लोग ऊँची जाति के थे | जब वह यह साबित नहीं कर सकते तो उनको यह कहने का क्या अधिकार है कि आज जिन्हें जन्मना शूद्र माना जाता है, वह कुछ पीढ़ियों पहले ब्राह्मण नहीं थे ? और स्वयं जो अपने को ऊँची जाति का कहते हैं वे कुछ पीढ़ियों पहले शूद्र नहीं थे ?


मनुस्मृति ३.१०९ में साफ़ कहा है कि अपने गोत्र या कुल की दुहाई देकर भोजन करने वाले को स्वयं का उगलकर खाने वाला माना जाए | अतः मनुस्मृति के अनुसार जो जन्मना ब्राह्मण या ऊँची जाति वाले अपने गोत्र या वंश का हवाला देकर स्वयं को बड़ा कहते हैं और मान-सम्मान की अपेक्षा रखते हैं उन्हें तिरस्कृत किया जाना चाहिए।


मनुस्मृति २. १३६: धनी होना, बांधव होना, आयु में बड़े होना, श्रेष्ठ कर्म का होना और विद्वत्ता यह पाँच सम्मान के उत्तरोत्तर मानदंड हैं | इन में कहीं भी कुल, जाति, गोत्र या वंश को सम्मान का मानदंड नहीं माना गया है |


*वर्णों में परिवर्तन :* 


मनुस्मृति १०.६५: ब्राह्मण शूद्र बन सकता और शूद्र ब्राह्मण हो सकता है | इसी प्रकार क्षत्रिय और वैश्य भी अपने वर्ण बदल सकते हैं |


मनुस्मृति ९.३३५: शरीर और मन से शुद्ध- पवित्र रहने वाला, उत्कृष्ट लोगों के सानिध्य में रहने वाला, मधुरभाषी, अहंकार से रहित, अपने से उत्कृष्ट वर्ण वालों की सेवा करने वाला शूद्र भी उत्तम ब्रह्म जन्म और द्विज वर्ण को प्राप्त कर लेता है |


*मनुस्मृति के अनेक श्लोक कहते हैं कि उच्च वर्ण का व्यक्ति भी यदि श्रेष्ठ कर्म नहीं करता, तो शूद्र (अशिक्षित) बन जाता है |*


उदाहरण- 


२.१०३: जो मनुष्य नित्य प्रात: और सांय ईश्वर आराधना नहीं करता उसको शूद्र समझना चाहिए।


२.१७२: जब तक व्यक्ति वेदों की शिक्षाओं में दीक्षित नहीं होता वह शूद्र के ही समान है |


४.२४५ : ब्राह्मण- वर्णस्थ व्यक्ति श्रेष्ट – अति श्रेष्ट व्यक्तियों का संग करते हुए और नीच- नीचतर  व्यक्तिओं का संग छोड़कर अधिक श्रेष्ट बनता जाता है | इसके विपरीत आचरण से पतित होकर वह शूद्र बन जाता है | अतः स्पष्ट है कि ब्राह्मण उत्तम कर्म करने वाले विद्वान व्यक्ति को कहते हैं और शूद्र का अर्थ अशिक्षित व्यक्ति है | इसका, किसी भी तरह जन्म से कोई सम्बन्ध नहीं है |


२.१६८: जो ब्राह्मण,क्षत्रिय या वैश्य वेदों का अध्ययन और पालन छोड़कर अन्य विषयों में ही परिश्रम करता है, वह शूद्र बन जाता है | और उसकी आने वाली पीढ़ियों को भी वेदों के ज्ञान से वंचित होना पड़ता है | अतः मनुस्मृति के अनुसार तो आज भारत में कुछ अपवादों को छोड़कर बाकी सारे लोग जो भ्रष्टाचार, जातिवाद, स्वार्थ साधना, अन्धविश्वास, विवेकहीनता, लिंग-भेद, चापलूसी, अनैतिकता इत्यादि में लिप्त हैं – वे सभी शूद्र हैं |


२ .१२६: भले ही कोई ब्राह्मण हो, लेकिन अगर वह अभिवादन का शिष्टता से उत्तर देना नहीं जानता तो वह शूद्र (अशिक्षित व्यक्ति) ही है |


*शूद्र भी पढ़ा सकते हैं :*


शूद्र भले ही अशिक्षित हों तब भी उनसे कौशल और उनका विशेष ज्ञान प्राप्त किया जाना चाहिए |


२.२३८: अपने से न्यून व्यक्ति से भी विद्या को ग्रहण करना चाहिए और नीच कुल में जन्मी उत्तम स्त्री को भी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लेना चाहिए|


२.२४१ : आवश्यकता पड़ने पर अ-ब्राह्मण से भी विद्या प्राप्त की जा सकती है और शिष्यों को पढ़ाने के दायित्व का पालन वह गुरु जब तक निर्देश दिया गया हो तब तक करे |


*ब्राह्मणत्व का आधार कर्म :*


मनु की वर्ण व्यवस्था जन्म से ही कोई वर्ण नहीं मानती | मनुस्मृति के अनुसार माता- पिता को बच्चों के बाल्यकाल में ही उनकी रूचि और प्रवृत्ति को पहचान कर ब्राह्मण, क्षत्रिय या वैश्य वर्ण का ज्ञान और प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए भेज देना चाहिए |


कई ब्राह्मण माता – पिता अपने बच्चों को ब्राह्मण ही बनाना चाहते हैं परंतु इस के लिए व्यक्ति में ब्रह्मणोचित गुण, कर्म,स्वभाव का होना अति आवश्यक है| ब्राह्मण वर्ण में जन्म लेने मात्र से या ब्राह्मणत्व का प्रशिक्षण किसी गुरुकुल में प्राप्त कर लेने से ही कोई ब्राह्मण नहीं बन जाता, जब तक कि उसकी योग्यता, ज्ञान और कर्म ब्रह्मणोचित न हों |


२.१५७ : जैसे लकड़ी से बना हाथी और चमड़े का बनाया हुआ हरिण सिर्फ़ नाम के लिए ही हाथी और हरिण कहे जाते हैं वैसे ही बिना पढ़ा ब्राह्मण मात्र नाम का ही ब्राह्मण होता है |


२.२८: पढने-पढ़ाने से, चिंतन-मनन करने से, ब्रह्मचर्य, अनुशासन, सत्यभाषण आदि व्रतों का पालन करने से, परोपकार आदि सत्कर्म करने से, वेद, विज्ञान आदि पढ़ने से, कर्तव्य का पालन करने से, दान करने से और आदर्शों के प्रति समर्पित रहने से मनुष्य का यह शरीर ब्राह्मण किया जाता है |


*शिक्षा ही वास्तविक जन्म  :*


मनु के अनुसार मनुष्य का वास्तविक जन्म विद्या प्राप्ति के उपरांत ही होता है | जन्मतः प्रत्येक मनुष्य शूद्र या अशिक्षित है।ज्ञान और संस्कारों से स्वयं को परिष्कृत कर योग्यता हासिल कर लेने पर ही उसका दूसरा जन्म होता है और वह द्विज कहलाता है।शिक्षा प्राप्ति में असमर्थ रहने वाले शूद्र ही रह जाते हैं |


यह पूर्णत: गुणवत्ता पर आधारित व्यवस्था है, इसका शारीरिक जन्म या अनुवांशिकता से कोई लेना-देना नहीं है|


२.१४८ : वेदों में पारंगत आचार्य द्वारा शिष्य को गायत्री मंत्र की दीक्षा देने के उपरांत ही उसका वास्तविक मनुष्य जन्म होता है | यह जन्म मृत्यु और विनाश से रहित होता है |ज्ञानरुपी जन्म में दीक्षित होकर मनुष्य मुक्ति को प्राप्त कर लेता है| यही मनुष्य का वास्तविक उद्देश्य है| सुशिक्षा के बिना मनुष्य ‘ मनुष्य’ नहीं बनता|


इसलिए ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य होने की बात तो छोड़ो जब तक मनुष्य अच्छी तरह शिक्षित नहीं होगा तब तक उसे मनुष्य भी नहीं माना जाएगा |


२.१४६ : जन्म देने वाले पिता से ज्ञान देने वाला आचार्य रूप पिता ही अधिक बड़ा और माननीय है, आचार्य द्वारा प्रदान किया गया ज्ञान मुक्ति तक साथ देता हैं | पिताद्वारा प्राप्त शरीर तो इस जन्म के साथ ही नष्ट हो जाता है|


२.१४७ :  माता- पिता से उत्पन्न संतति का माता के गर्भ से प्राप्त जन्म साधारण जन्म है| वास्तविक जन्म तो शिक्षा पूर्ण कर लेने के उपरांत ही होता है|


अत: अपनी श्रेष्टता साबित करने के लिए कुल का नाम आगे धरना मनु के अनुसार अत्यंत मूर्खतापूर्ण कृत्य है।अपने कुल का नाम आगे रखने की बजाए व्यक्ति यह दिखा दे कि वह कितना शिक्षित है तो बेहतर होगा |


१०.४: ब्राह्मण, क्षत्रिय और वैश्य, ये तीन वर्ण विद्याध्ययन से दूसरा जन्म प्राप्त करते हैं | विद्याध्ययन न कर पाने वाला शूद्र, चौथा वर्ण है | इन चार वर्णों के अतिरिक्त आर्यों में या श्रेष्ट मनुष्यों में पांचवा कोई वर्ण नहीं है |


इस का मतलब है कि अगर कोई अपनी शिक्षा पूर्ण नहीं कर पाया तो वह दुष्ट नहीं हो जाता।उस के कृत्य यदि भले हैं तो वह अच्छा इन्सान कहा जाएगा और अगर वह शिक्षा भी पूरी कर ले तो वह भी द्विज गिना जाएगा | अत: शूद्र मात्र एक विशेषण है, किसी जाति विशेष का नाम नहीं |


*‘नीच’ कुल में जन्में व्यक्ति का तिरस्कार नहीं :*   


किसी व्यक्ति का जन्म यदि ऐसे कुल में हुआ हो, जो समाज में आर्थिक या अन्य दृष्टि से पनप न पाया हो तो उस व्यक्ति को केवल कुल के कारण पिछड़ना न पड़े और वह अपनी प्रगति से वंचित न रह जाए, इसके लिए भी महर्षि मनु ने नियम निर्धारित किए हैं |


४.१४१: अपंग, अशिक्षित, बड़ी आयु वाले, रूप और धन से रहित या निचले कुल वाले, इन को आदर और / या अधिकार से वंचित न करें | क्योंकि यह किसी व्यक्ति की परख के मापदण्ड नहीं हैं|


*प्राचीन इतिहास में वर्ण परिवर्तन के उदाहरण :*


ब्राह्मण, क्षत्रिय,वैश्य और शूद्र वर्ण की सैद्धांतिक अवधारणा गुणों के आधार पर है, जन्म के आधार पर नहीं | यह बात सिर्फ़ कहने के लिए ही नहीं है, प्राचीन समय में इस का व्यवहार में चलन था | जब से इस गुणों पर आधारित वैज्ञानिक व्यवस्था को हमारे दिग्भ्रमित पुरखों ने मूर्खतापूर्ण जन्मना व्यवस्था में बदला है, तब से ही हम पर आफत आ पड़ी है जिस का सामना आज भी कर रहें हैं|


*वर्ण परिवर्तन के कुछ उदाहरण-* 


(१) ऐतरेय ऋषि दास अथवा अपराधी के पुत्र थे | परन्तु उच्च कोटि के ब्राह्मण बने और उन्होंने ऐतरेय ब्राह्मण और ऐतरेय उपनिषद की रचना की | ऋग्वेद को समझने के लिए ऐतरेय ब्राह्मण अतिशय आवश्यक माना जाता है |


(२) ऐलूष ऋषि दासी पुत्र थे | जुआरी और हीन चरित्र भी थे | परन्तु बाद में उन्होंने अध्ययन किया और ऋग्वेद पर अनुसन्धान करके अनेक अविष्कार किये |ऋषियों ने उन्हें आमंत्रित कर के आचार्य पद पर आसीन  किया | (ऐतरेय ब्राह्मण २.१९)


(३) सत्यकाम जाबाल गणिका (वेश्या) के पुत्र थे परन्तु वे ब्राह्मणत्व को प्राप्त हुए  |


(४) राजा दक्ष के पुत्र पृषध शूद्र हो गए थे, प्रायश्चित स्वरुप तपस्या करके उन्होंने मोक्ष प्राप्त किया | (विष्णु पुराण ४.१.१४)
अगर उत्तर रामायण की मिथ्या कथा के अनुसार शूद्रों के लिए तपस्या करना मना होता तो पृषध ये कैसे कर पाए?


(५) राजा नेदिष्ट के पुत्र नाभाग वैश्य हुए | पुनः इनके कई पुत्रों ने क्षत्रिय वर्ण अपनाया | (विष्णु पुराण ४.१.१३)


(६) धृष्ट नाभाग के पुत्र थे परन्तु ब्राह्मण हुए और उनके पुत्र ने क्षत्रिय वर्ण अपनाया | (विष्णु पुराण ४.२.२)


(७) आगे उन्हींके वंश में पुनः कुछ ब्राह्मण हुए | (विष्णु पुराण ४.२.२)


(८) भागवत के अनुसार राजपुत्र अग्निवेश्य ब्राह्मण हुए |


(९) विष्णुपुराण और भागवत के अनुसार रथोतर क्षत्रिय से ब्राह्मण बने |


(१०) हारित क्षत्रियपुत्र से ब्राह्मण हुए | (विष्णु पुराण ४.३.५)


(११) क्षत्रियकुल में जन्में शौनक ने ब्राह्मणत्व प्राप्त किया | (विष्णु पुराण ४.८.१) वायु, विष्णु और हरिवंश पुराण कहते हैं कि शौनक ऋषि के पुत्र कर्म भेद से ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र वर्ण के हुए| इसी प्रकार गृत्समद, गृत्समति और वीतहव्य के उदाहरण हैं |


(१२) मातंग चांडालपुत्र से ब्राह्मण बने |


(१३) ऋषि पुलस्त्य का पौत्र रावण अपने कर्मों से राक्षस बना |


(१४) राजा रघु का पुत्र प्रवृद्ध राक्षस हुआ |


(१५) त्रिशंकु राजा होते हुए भी कर्मों से चांडाल बन गए थे |


(१६) विश्वामित्र के पुत्रों ने शूद्र वर्ण अपनाया | विश्वामित्र स्वयं क्षत्रिय थे परन्तु बाद उन्होंने ब्राह्मणत्व को प्राप्त किया |


(१७) विदुर दासी पुत्र थे | तथापि वे ब्राह्मण हुए और उन्होंने हस्तिनापुर साम्राज्य का मंत्री पद सुशोभित किया |
(१८) वत्स शूद्र कुल में उत्पन्न होकर भी ऋषि बने (ऐतरेय ब्राह्मण २.१९) |


(१९) मनुस्मृति के प्रक्षिप्त श्लोकों से भी पता चलता है कि कुछ क्षत्रिय जातियां, शूद्र बन गईं | वर्ण परिवर्तन की साक्षी देने वाले यह श्लोक मनुस्मृति में बहुत बाद के काल में मिलाए गए हैं | इन परिवर्तित जातियों के नाम हैं – पौण्ड्रक, औड्र, द्रविड, कम्बोज, यवन, शक, पारद, पल्हव, चीन, किरात, दरद, खश |


(२०) महाभारत अनुसन्धान पर्व (३५.१७-१८) इसी सूची में कई अन्य नामों को भी शामिल करता है – मेकल, लाट, कान्वशिरा, शौण्डिक, दार्व, चौर, शबर, बर्बर|


(२१) आज भी ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और दलितों में समान गोत्र मिलते हैं | इस से पता चलता है कि यह सब एक ही पूर्वज, एक ही कुल की संतान हैं | लेकिन कालांतर में वर्ण व्यवस्था गड़बड़ा गई और यह लोग अनेक जातियों में बंट गए |


*शूद्रों  के प्रति आदर :*


मनु परम मानवीय थे| वे जानते थे कि सभी शूद्र जानबूझ कर शिक्षा की उपेक्षा नहीं कर सकते | जो किसी भी कारण से जीवन के प्रथम पर्व में ज्ञान और शिक्षा से वंचित रह गया हो, उसे जीवन भर इसकी सज़ा न भुगतनी पड़े इसलिए वे समाज में शूद्रों के लिए उचित सम्मान का विधान करते हैं | उन्होंने शूद्रों के प्रति कभी अपमान सूचक शब्दों का प्रयोग नहीं किया, बल्कि मनुस्मृति में कई स्थानों पर शूद्रों के लिए अत्यंत सम्मानजनक शब्द आए हैं।


मनु की दृष्टि में ज्ञान और शिक्षा के अभाव में शूद्र समाज का सबसे अबोध घटक है, जो परिस्थितिवश भटक सकता है | अत: वे समाज को उसके प्रति अधिक सहृदयता और सहानुभूति रखने को कहते हैं |


*कुछ और उदात्त उदाहरण देखें –*


३.११२: शूद्र या वैश्य के अतिथि रूप में आ जाने पर, परिवार उन्हें सम्मान सहित भोजन कराए |


३.११६: अपने सेवकों (शूद्रों) को पहले भोजन कराने के बाद ही दंपत्ति भोजन करें |


२.१३७: धन, बंधू, कुल, आयु, कर्म, श्रेष्ट विद्या से संपन्न व्यक्तियों के होते हुए भी वृद्ध शूद्र को पहले सम्मान दिया जाना चाहिए |


*मनुस्मृति वेदों पर आधारित :*


वेदों को छोड़कर अन्य कोई ग्रंथ मिलावटों से बचा नहीं है | वेद प्रक्षेपों से कैसे अछूते रहे, जानने के लिए ‘ वेदों में परिवर्तन क्यों नहीं हो सकता ? ‘ पढ़ें | वेद ईश्वरीय ज्ञान है और सभी विद्याएँ उसी से निकली हैं | उन्हीं को आधार मानकर ऋषियों ने अन्य ग्रंथ बनाए| वेदों का स्थान और प्रमाणिकता सबसे ऊपर है और उनके रक्षण से ही आगे भी जगत में नए सृजन संभव हैं | अत: अन्य सभी ग्रंथ स्मृति, ब्राह्मण, महाभारत, रामायण, गीता, उपनिषद, आयुर्वेद, नीतिशास्त्र, दर्शन इत्यादि को परखने की कसौटी वेद ही हैं और जहां तक वे  वेदानुकूल हैं वहीं तक मान्य हैं।


*महर्षि मनुु भी वेदों को ही धर्म का मूल मानते हैं (२.८-२.११)-*


२.८: विद्वान मनुष्य को अपने ज्ञान चक्षुओं से सब कुछ वेदों के अनुसार परखते हुए, कर्तव्य का पालन करना चाहिए |


इस से साफ़ है कि मनु के विचार, उनकी मूल रचना वेदानुकूल ही है और मनुस्मृति में वेद विरुद्ध मिलने वाली मान्यताएं प्रक्षिप्त मानी जानी चाहियें |


*शूद्रों को भी वेद पढ़ने और वैदिक संस्कार करने का अधिकार :*


वेद में ईश्वर कहता है कि मेरा ज्ञान सबके लिए समान है चाहे पुरुष हो या नारी, ब्राह्मण हो या शूद्र सबको वेद पढ़ने और यज्ञ करने का अधिकार है |


देखें – यजुर्वेद २६.१, ऋग्वेद १०.५३.४, निरुक्त ३.८  इत्यादि और 


और मनुस्मृति भी यही कहती है | मनु ने शूद्रों को उपनयन ( विद्या आरंभ ) से वंचित नहीं रखा है | इसके विपरीत उपनयन से इंकार करने वाला ही शूद्र कहलाता है |


*वेदों के ही अनुसार मनु शासकों के लिए विधान करते हैं कि वे शूद्रों का वेतन और भत्ता किसी भी परिस्थिति में न काटें ( ७.१२-१२६, ८.२१६)*
संक्षेप में – 


मनु को जन्मना जाति – व्यवस्था का जनक मानना निराधार है | इसके विपरीत मनु मनुष्य की पहचान में जन्म या कुल की सख्त उपेक्षा करते हैं | मनु की वर्ण व्यवस्था पूरी तरह गुणवत्ता पर टिकी हुई है।


प्रत्येक मनुष्य में चारों वर्ण हैं – ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य और शूद्र | मनु ने ऐसा प्रयत्न किया है कि प्रत्येक मनुष्य में विद्यमान जो सबसे सशक्त वर्ण है – जैसे किसी में ब्राह्मणत्व ज्यादा है, किसी में क्षत्रियत्व, इत्यादि का विकास हो और यह विकास पूरे समाज के विकास में सहायक हो।


*मनु पाखंडी और आचरणहीनों के लिए कहते हैं -*


४.३०: पाखंडी, गलत आचरण वाले, छली – कपटी, धूर्त, दुराग्रही, झूठ बोलने वाले लोगों का सत्कार वाणी मात्र से भी न करना चाहिए |


जन्मना जाति व्यवस्था को मान्य करने की प्रथा एक सभ्य समाज के लिए कलंक है और अत्यंत छल-कपट वाली, विकृत और झूठी व्यवस्था है | वेद और मनु को मानने वालों को इस घिनौनी प्रथा का सशक्त प्रतिकार करना चाहिए | शब्दों में भी उसके प्रति अच्छा भाव रखना मनु के अनुसार घृणित कृत्य है |


प्रश्न : मनुस्मृति से ऐसे सैंकड़ों श्लोक दिए जा सकते हैं, जिन्हें जन्मना जातिवाद और लिंग-भेद के समर्थन में पेश किया जाता है | क्या आप बतायेंगे कि इन सब को कैसे प्रक्षिप्त माना जाए ? 


यही तो सोचने वाली बात है कि मनुस्मृति में जन्मना जातिवाद के विरोधी और समर्थक दोनों तरह के श्लोक कैसे हैं ? इस का मतलब मनुस्मृति का गहरे से अध्ययन और परीक्षण किए जाने की आवश्यता है | 


आज  मिलने वाली मनुस्मृति में बड़ी मात्रा में मनमाने प्रक्षेप पाए जाते हैं, जो बहुत बाद के काल में मिलाए गए | वर्तमान मनुस्मृति लगभग आधी नकली है| सिर्फ़ मनुस्मृति ही प्रक्षिप्त नहीं है | वेदों को छोड़ कर जो अपनी अद्भुत स्वर और पाठ रक्षण पद्धतियों के कारण आज भी अपने मूल स्वरुप में है, लगभग अन्य सभी सम्प्रदायों के ग्रंथों में स्वाभाविकता से परिवर्तन, मिलावट या हटावट की जा सकती है | जिनमें रामायण, महाभारत, बाइबल, कुरान इत्यादि भी शामिल हैं | 


आज रामायण के तीन संस्करण मिलते हैं – १. दाक्षिणात्य २. पश्चिमोत्तरीय ३. गौडीय और यह तीनों ही भिन्न हैं |  गीता प्रेस, गोरखपुर ने भी रामायण के कई सर्ग प्रक्षिप्त नाम से चिन्हित किए हैं | कई विद्वान बालकाण्ड और उत्तरकाण्ड के अधिकांश भाग को प्रक्षिप्त मानते हैं |


महाभारत  भी अत्यधिक प्रक्षिप्त हो चुका ग्रंथ है | गरुड़ पुराण ( ब्रह्मकांड १.५४ ) में कहा गया है कि कलियुग के इस समय में धूर्त स्वयं को ब्राह्मण बताकर महाभारत में से कुछ श्लोकों को निकाल रहे हैं और नए श्लोक बना कर डाल रहे हैं |


महाभारत का शांतिपर्व (२६५.९,४) स्वयं कह रहा है कि वैदिक ग्रंथ स्पष्ट रूप से शराब, मछली, मांस का निषेध करते हैं | इन सब को धूर्तों ने प्रचलित कर दिया है, जिन्होंने कपट से ऐसे श्लोक बनाकर शास्त्रों में मिला दिए हैं |


मूल बाइबल जिसे कभी किसी ने देखा हो वह आज अस्तित्व में ही नहीं है |उसके अनुवाद के अनुवाद के अनुवाद ही देखे गए हैं।


इसलिए इस में कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि मनुस्मृति जो सामाजिक व्यवस्थाओं पर सबसे प्राचीन ग्रंथ है उसमें भी अनेक परिवर्तन किए गए हों | यह सम्भावना अधिक इसलिए है कि मनुस्मृति सर्व साधारण के दैनिक जीवन को, पूरे समाज को और राष्ट्र की राजनीति को प्रभावित करने वाला ग्रंथ रहा है | यदि देखा जाए तो सदियों तक वह एक प्रकार से मनुष्य जाति का संविधान ही रहा है | इसलिए धूर्तों और मक्कारों के लिए मनु स्मृति में प्रक्षेप करने के बहुत सारे प्रलोभन थे ।


मनुस्मृति का पुनरावलोकन करने पर चार प्रकार के प्रक्षेप दिखायी देते हैं – विस्तार करने के लिए, स्वप्रयोजन की सिद्धि के लिए, अतिश्योक्ति या बढ़ा- चढ़ा कर बताने के लिए, दूषित करने के लिए| अधिकतर प्रक्षेप सीधे- सीधे दिख ही रहें हैं |


डा. सुरेन्द्र कुमार ने मनु स्मृति का विस्तृत और गहन अध्ययन किया है | जिसमें प्रत्येक श्लोक का भिन्न- भिन्न रीतियों से परीक्षण और पृथक्करण किया है ताकि प्रक्षिप्त श्लोकों को अलग से जांचा जा सके | उन्होंने मनुस्मृति के २६८५ में से १४७१ श्लोक प्रक्षिप्त पाए हैं |


*प्रक्षेपों का वर्गीकरण वे इस प्रकार करते हैं –*


– विषय से बाहर की कोई बात हो |


– संदर्भ से विपरीत हो या विभिन्न हो |


– पहले जो कहा गया, उसके विरुद्ध हो या पूर्वापार सम्बन्ध न हो |


– पुनरावर्तन हो |


– भाषा की विभिन्न शैली और प्रयोग हो |


– वेद विरुद्ध हो |


इसे और अच्छी तरह से समझने के लिए, मनुस्मृति के गहन और निष्पक्ष अध्ययन के लिए डा. सुरेन्द्र कुमार द्वारा लिखित मनुस्मृति (प्रकाशित-आर्ष साहित्य प्रचार ट्रस्ट,दिल्ली)  अवश्य पढ़ें |


डा.सुरेन्द्र कुमार ही नहीं बल्कि बहुत से पाश्चात्य विद्वान जैसे मैकडोनल, कीथ, बुलहर इत्यादि भी मनुस्मृति में मिलावट मानते हैं।


डा. अम्बेडकर भी प्राचीन ग्रंथों में मिलावट स्वीकार करते हैं | वे रामायण, महाभारत, गीता, पुराण और वेदों तक में भी प्रक्षेप मानते हैं जबकि वेदों में कभी मिलावट हो ही नहीं सकती।


मनुस्मृति के परस्पर विरोधी, असंगत श्लोकों को उन्होंने कई स्थानों पर दिखाया भी है | वे जानते थे कि मनुस्मृति में कहां -कहां प्रक्षेप हैं | लेकिन वे जानबूझ कर इन श्लोकों को प्रक्षिप्त कहने से बचते रहे क्योंकि उन्हें अपना मतलब सिद्ध करना था | उनके इस पक्षपाती व्यवहार ने उन्हें दलितों का नायक जरूर बना दिया | इस तरह मनुविरोध को बढ़ावा देकर उन्होंने अपना और कई लोगों का राजनीतिक हित साधा | उनकी इस मतान्धता ने समाज में विद्वेष का ज़हर ही घोला है और एक सच्चे नायक मनु को सदा के लिए खलनायक बना दिया |


*निष्कर्ष  :*


मनुस्मृति में बहुत अधिक मात्रा में मिलावट हुई है | परंतु इस मिलावट को आसानी से पहचानकर अलग किया जा सकता है | प्रक्षेपण रहित मूल मनुस्मृति अत्युत्तम कृति है, जिसकी गुण -कर्म- स्वभाव आधारित व्यवस्था मनुष्य और समाज को बहुत ऊँचा उठाने वाली है |


मूल मनुस्मृति वेदों की मान्यताओं पर आधारित है |


आज मनुस्मृति का विरोध उनके द्वारा किया जा रहा है जिन्होंने मनुस्मृति को कभी गंभीरता से पढ़ा नहीं और केवल वोट बैंक की राजनीति के चलते विरोध कर रहे हैं |


सही मनुवाद जन्मना जाति प्रथा को पूरी तरह नकारता है और इसका पक्ष लेने वाले के लिए कठोर दण्ड का विधान करता है | जो लोग बाकी लोगों से सभी मायनों में समान हैं, उनके लिए, सही मनुवाद ” दलित ” शब्द के प्रयोग के ख़िलाफ़ है |


आइए, हम सब जन्म जातिवाद को समूल नष्ट कर, वास्तविक मनुवाद की गुणों पर आधारित कर्मणा वर्ण व्यवस्था को लाकर मानवता और राष्ट्र का रक्षण करें|


*महर्षि मनु जाति, जन्म, लिंग, क्षेत्र, मत- सम्प्रदाय, इत्यादि सबसे मुक्त सत्य धर्म का पालन करने के लिए कहते हैं –*


८.१७: इस संसार में एक धर्म ही साथ चलता है और सब पदार्थ और साथी शरीर के नाश के साथ ही नाश को प्राप्त होते हैं, सब का साथ छूट जाता है – परंतु धर्म का साथ कभी नहीं छूटता |


(संदर्भ- डा. सुरेन्द्र कुमार, पं.गंगाप्रसाद उपाध्याय और स्वामी दयानंद सरस्वती के कार्य )


आज का पंचाग व राशिफल 2 मई 2020


🌞 ~ *आज का पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 02 मई 2020*
⛅ *दिन - शनिवार* 
⛅ *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*
⛅ *शक संवत - 1942*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - ग्रीष्म*
⛅ *मास - वैशाख*
⛅ *पक्ष - शुक्ल* 
⛅ *तिथि - नवमी दोपहर 11:35 तक तत्पश्चात दशमी*
⛅ *नक्षत्र - मघा रात्रि 11:40 तक तत्पश्चात पूर्वाफाल्गुनी*
⛅ *योग - वृद्धि शाम 03:19 तक तत्पश्चातम ध्रुव*
⛅ *राहुकाल - सुबह 09:10 से सुबह 10:47 तक* 
⛅ *सूर्योदय - 06:08*
⛅ *सूर्यास्त - 19:02* 
⛅ *दिशाशूल - पूर्व दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - 
 💥 *विशेष - नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')*
💥 *शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')*
💥 *हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)*
               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *एकादशी व्रत के लाभ* 🌷
➡ *03 मई 2020 रविवार को सुबह 09:10 से 04 मई सोमवार को सुबह 06:12 तक एकादशी है ।*
💥 *विशेष - 04 मई सोमवार को एकादशी का व्रत उपवास रखें ।*
🙏🏻 *एकादशी व्रत के पुण्य के समान और कोई पुण्य नहीं है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।*
🙏🏻 *एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।*
🙏🏻 *धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।*
🙏🏻 *कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।*
🙏🏻 *परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी  ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।*
🙏🏻 *
          🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *एकादशी के दिन करने योग्य* 🌷
🙏🏻 *एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें .......विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l*


          🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *एकादशी के दिन ये सावधानी रहे* 🌷
🙏🏻 *महीने में १५-१५ दिन में  एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो चावल खाता है... तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है...


           🌞 *~ हिन्दू पंचाग ~* 🌞 
🙏🍀🌻🌹🌸💐🍁🌷🌺🙏मेष - पॉजिटिव - अपनी रुचियों को आगे बढ़ाने के लिए अपने शब्दों की शक्ति का प्रयोग करें। सेवा करना या स्वयंसेवक के रूप में कार्य करना अभी आपके लिए एक अच्छा अनुभव हो सकता है। व्यवसायिक और व्यक्तिगत मामलों के लिए आपके ग्रह उत्तम हैं।


नेगेटिव - अपने आप पर भरोसा रखें क्योंकि आपका सामाना किसी मतभेद या विवाद से हो सकता है। कूटनीति के साथ एक रचनात्मक समाधान तक पहुंचा जा सकता है। आप उन लोगों को पीछे छोड़ देना चाहते हैं जो आपका सहयोग नहीं करते या आपके कार्य की गुणवत्ता में बाधा हैं।


राहू प्यार के मामले में आपको हद से ज्यादा अधीर बनाएगा और आप अपने प्रियतम से मिलने, उनसे बातचीत करने, उनके साथ घूमने फिरने या फिर खाने पीने के लिए अधीरता दिखाएँगे और यह सब कुछ आपको तुरंत चाहिए होगा।


व्यवसाय - आपके अधूरे काम इस दौरान पूरे हो जाएंगे। यदि नया कारोबार शुरु करना चाहते हैं तो उसके लिये भी विचार-विमर्श कर सकते हैं।


स्वास्थ्य - माताजी का स्वास्थ्य भी कुछ ढगमगा सकता है इसलिये उनका ख्याल रखें।


भाग्यशाली रंग: सफेद, भाग्यशाली अंक: 6
वृष - पॉजिटिव - कड़ी मेहनत के बीच भी खुद के मनोरंजन और सैर-सपाटे की भी संभावना है। काम अतिरिक्त जिम्मेदारियों को लाता है लेकिन आप इसे भी बखूबी पूरा करेंगे। संचार, कल्पना, चतुरता आपके व्यक्तित्व का हिस्सा हैं। आप स्वयं ही उन स्रोतों को खोज लेंगे जो आपको लक्ष्य की और ले जाते हैं।


नेगेटिव - व्यावसायिक समस्या या चिंता के लिए आप किसी रचनात्मक समाधान की तलाश कर सकते हैं जो आपको अभी परेशान कर रही है। कुछ कनेक्शन का अंत हो सकता है। इसको लेकर आपका निराश होना स्वभाविक है, बाकी इस बात का ध्यान रखें कि नए अवसर आपका इंतज़ार कर रहे हैं।


- आप चाहेंगे कि आपका प्रियतम आपकी हर बात माने, लेकिन आप की यही स्थिति आपके प्रियतम को नागवार गुजर सकती है, जिसकी वजह से आप दोनों के बीच किसी बात को लेकर ग़लतफहमी पैदा हो सकती है।


व्यवसाय - जो लोग नौकरी पेशा से जुड़े हैं उनके काम को वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इस दौरान सराहा जाएगा।


स्वास्थ्य - काम में उचित प्रगति न होने की वजह से आप तनाव या चिंता का शिकार भी हो सकते हैं।


भाग्यशाली रंग: नीला, भाग्यशाली अंक: 1


मिथुन - पॉजिटिव - आप बाधाओं को दूर करने में व्यस्त हैं जो लम्बे समय से आपको परेशान कर रही थी। आंतरिक खुशी ही सब कुछ है और यही जीवन में बदलवाव लाती है। ऐसे लोगों की मदद करें जिन्हें ज़रूरत हो। आज आप कुछ ऐसे लोगों से मिलने वाले हैं जो पूरी उम्र आपका साथ देंगे।


नेगेटिव - आप अभी रचनात्मक विचारों से भरे हुए हैं। इन्हे दूसरे लोगों के साथ शेयर करें लेकिन इस बारे में अवश्य जान लें कि कार्यस्थल पर कौन आपके साथ है और कौन नहीं। एक कोर्स में शामिल हो कर नए कौशल सीखना या सुधारना भी एक स्मार्ट मूव है।
 - यदि आपने समय रहते अपने बीच कि ग़लतफहमी को दूर करने का प्रयास नहीं किया तो, यह आपके रिश्ते के लिए खतरनाक मोड़ ले सकती है।


व्यवसाय - आपको कोई प्रॉपर्टी खरीदने में सफलता मिल सकती है। आप नया मकान बनवा सकते हैं अथवा बने बनाये मकान को तोड़कर उसको रिकंस्ट्रक्ट करा सकते हैं, लेकिन इस दौरान प्रॉपर्टी संबंधित लाभ होने की प्रबल संभावना रहेगी।


स्वास्थ्य - शारीरिक और मानसिक चिंताओं से मुक्ति मिलेगी।


भाग्यशाली रंग: पीला, भाग्यशाली अंक: 3


कर्क - पॉजिटिव - उन चिंताओं से अभी ब्रेक लें जो आप पर हावी हो रही हैं और अच्छे मनोरंजन का मज़ा लें। इस समय आप रोमांटिक मूड में हैं, इसलिए अपनी रचनात्मक साइड दिखाने के लिए तैयार रहें। कुछ नए अवसर निश्चित रूप से आपका इंतजार कर रहे हैं।


नेगेटिव - अपने कर्तव्यों के लिए कड़ी मेहनत करना आपके लिए आवश्यक है। अभी अपने ध्यान को केंद्रित करना आपके लिए थोड़ा मुश्किल हो सकता है इसलिए नए कौशल सीखें जिससे आप काम में अपनी ज़िम्मेदारियों को बखूबी निभा सकते हैं।


आपका प्रियतम पूरी तरह से आप के प्रति समर्पित रहेगा और आपको प्रसन्न भी रखेगा तथा आपसे अपने मन की बातें भी साझा करेगा। उसके बाद जैसे जैसे समय आगे पड़ेगा, वह आपके घरवालों से मिलने में भी रुचि दिखाएगा।


व्यवसाय - आप अपने काम के लिए स्वयं पर अधिक निर्भर रहें। यह समय आपके लिए अच्छा रहेगा क्योंकि भाग्य पूरा साथ देगा। उसके बाद भी अपने प्रयासों से ही आपको सफलता मिलेगी।


स्वास्थ्य - धन से संबंधित तनाव को खुद पर हावी न होने दें।


भाग्यशाली रंग: केसरी, भाग्यशाली अंक: 8


सिंह - पॉजिटिव - कानूनी मामले या अन्य बाधाएं आपको कुछ खास मीटिंग्स और निर्णय के लिए प्रेरित कर सकती हैं। कुछ कनेक्शन अभी समाप्त होने के कगार पर हैं। अगर आप इसे डिप्लोमेटिक वार्तालाप से नहीं बचा सकते, तो अभी उसे जाने दें। इस समय आप जो चाहते हैं, वो सब पूरा होगा।


नेगेटिव - कड़ी मेहनत करना जारी रखें और अपनी उस दिनचर्या का पालन करें जिससे आपको लाभ हो रहा है। बहुत से लोग आप पर निर्भर करते हैं। इसमें आपके अधीनस्थ, बच्चे और पालतू जानवर शामिल हैं। उनकी ज़रूरतों को लेकर चौकस रहें और ऑफ़िस की गपशप को नज़रअंदाज़ करें।


इस दौरान आप दोनों की काफी बातें होंगी, जिससे प्यार का रिश्ता आगे बढ़ेगा। आप एक बात हमेशा ध्यान रखिए कि प्यार एक पवित्र भावना है और ज़बरदस्ती इसे प्राप्त किया नहीं जा सकता।


व्यवसाय - अगर आज आपका रुख़ विनम्र और सहयोगी है, तो आपको अपने साझीदारों से बहुत सकारात्मक प्रतिक्रिया मिलेगी। आपको याद रखने की ज़रूरत है कि भगवान उसी की मदद करता है, जो ख़ुद अपनी मदद करता है।


स्वास्थ्य - हाल में हुई बीमारी, दुर्घटना या चोट आपकी प्रगति में रूकावट का कारण बन सकती है।


भाग्यशाली रंग: आसमानी, भाग्यशाली अंक: 6


कन्या - पॉजिटिव - आपका पूरा ध्यान अपने काम की तरफ है। कौशल और क्षमताओं के लिए बढ़ती इच्छाएं आपको रोशनी की तरफ ले जाएँगी। जिन लोगों के साथ आप काम करते हैं या जिनसे रोजाना मिलते जुलते हैं उनके प्रति आकर्षित होना स्वभाविक है।


नेगेटिव - आप नए अनुभव पाने और नए लोगों से बातचीत करने के लिए पर्यावरण में हुए परिवर्तन को प्रयोग कर सकते हैं। इस समय आप खुद को किसी झगड़े या बाधा में उलझा हुआ पा सकते हैं। इस समय आप राजनीतिक विवादों से दूर रहें।


 राहु की अटकलों में ना पड़ें और अपने प्रेम जीवन को पर्याप्त महत्व दें। साथ ही अपने प्रियतम को भी अपने बराबर का दर्जा दें। धीरे-धीरे लव लाइफ अच्छी होनी शुरू हो जाएगी।


व्यवसाय - आपको ऐसी गतिविधियों में संलग्न होने की ज़रूरत है, जहाँ आपको अपने समान रुचियों के लोगों से मिलने का मौक़ा मिले। ख़ुद को किसी भी ग़लत और ग़ैर-ज़रूरी चीज़ से दूर रखें, क्योंकि आप उसकी वजह से मुश्किल में फँस सकते हैं।


स्वास्थ्य - आरोग्य अच्छा रहेगा, आप योग-ध्यान के प्रति भी आकर्षित हो सकते हैं।


भाग्यशाली रंग: नीला, भाग्यशाली अंक: 5


तुला - पॉजिटिव - कड़ी मेहनत और अपनी रोज़ाना की दिनचर्या का बिना किसी रुकावट पालन करने से आप अपने जीवन में विकास कर सकते हैं। प्रशिक्षण में हिस्सा लेने, नए कौशल को प्राप्त करने या मौजूदा को निखारने के लिए आप शिक्षा में निवेश कर सकते हैं।


नेगेटिव - आपके दिमाग में बहुत सी परेशानियां है और आप उन्हें अपने प्रियजनों से शेयर करना चाहते हैं, खासतौर पर अपने पार्टनर और परिवार से। ऐसे समाजिक सर्किल से बाहर निकले, जिसमे आप तनाव महसूस कर रहे हैं।


 इस समय दांपत्य जीवन में कुछ अच्छे और सुखद परिणामों की उम्मीद की जा सकती है। बुध की दृष्टि आप दोनों के बीच संवाद की स्थिति को और भी महत्वपूर्ण बनाएगी।


व्यवसाय - आज आपको भूमि, रिअल-एस्टेट या सांस्कृतिक परियोजनाओं पर ध्यान केन्द्रित करने की ज़रूरत है।


स्वास्थ्य - कोई बीमारी, चूक, दुर्घटना या चोट के कारण किसी व्यवधान के लिए मीटिंग की संभावना है।


भाग्यशाली रंग: पीला, भाग्यशाली अंक: 3


वृश्चिक - पॉजिटिव - आप अपने कामकाजी माहौल को व्यवस्थित करने में अधिक रुचि लेते हैं और इसके लिए यह शानदार समय है। आपके ग्रहों के मुताबिक आज आपकी बच्चों, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ मेलजोल की संभावना है। पेशेवर से लेकर निजी जीवन तक सब कुछ सही चल रहा है।


नेगेटिव - याद रखें, उत्पादकता एक दिन का काम नहीं है बल्कि यह उत्तमता, अच्छी योजना, बुद्धिमानी और लगातार केंद्रित प्रयासों का परिणाम है। लोगों को प्रभावित करने का एक भी मौका न छोड़ें। अपने प्रयासों पर पूरी तरह से ध्यान केंद्रित करने से सफलता आपका साथ देगी ।


एक दूसरे से बात करने से आप दोनों के मन की समस्याएं और गाँठें खुलेंगी, जिससे आपका दांपत्य जीवन पहले के मुकाबले अधिक मजबूत हो जाएगा।


व्यवसाय - इस समय बड़े पैमाने की ख़रीददारी या एक बड़े व्यापारिक सौदे की संभावना है। कलह से दूर रहने की कोशिश करें और ऑफ़िस की राजनीति और गपशप से दूर रहें।


स्वास्थ्य - आप योग-ध्यान के प्रति भी आकर्षित हो सकते हैं


भाग्यशाली रंग: हरा, भाग्यशाली अंक: 8


धनु - पॉजिटिव - स्थान में बदलाव आपके और किसी खास व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है इसलिए नयी संभावनाओं के लिए घर से बाहर कुछ समय बिताए। आपका दृष्टिकोण युवा, चंचल, प्रसन्न है, ऐसे में आपके आसपास के लोग आपसे सलाह लेने में अधिक इच्छुक रहेंगे।


नेगेटिव - आप अपने जीवन में लोगों की दखलंदाजी अधिक महसूस करेंगे। अपने वास्तविक दृष्टिकोण और समझौता करने की इच्छा के साथ आप इस समय अपने विरोधियों को शांत कर सकते हैं। किसी दुर्घटना या चोट की वजह से मुकदमे की संभावना है।


 जीवन साथी के स्वभाव और व्यवहार में बदलाव आ सकते हैं और वह थोड़े गुस्सैल मिज़ाज के हो सकते हैं। इससे आपके दांपत्य जीवन में थोड़ा तनाव बढ़ेगा।


व्यवसाय - यदि आप नौकरी करते हैं तो, आपको अपने कार्य क्षेत्र में अपने सहकर्मियों से थोड़ा चौकन्ना रहना चाहिए और अपनी हर बात या कोई कमज़ोरी उन्हें ना बताएं, क्योंकि वे इसका गलत फायदा उठा सकते हैं और इसका प्रयोग आपके विरुद्ध भी कर सकते हैं।


स्वास्थ्य - स्वास्थ्य की परेशानियों को भी शेयर करना आवश्यक है।


भाग्यशाली रंग: केसरी, भाग्यशाली अंक: 7


मकर - पॉजिटिव - आप अपने आसपास के लोगों के दृष्टिकोण को समझेंगे और उसे अच्छे से संभालेंगे। आप अधिक काम करने या अधिक एक्टिव होने में भी रूचि दिखाएंगे। आपका सम्बन्ध अधिक मजबूत होगा। इस समय आपको परिवार की मदद करने और मतभेद दूर करने के लिए भी बुलाया जा सकता है।


नेगेटिव - अपने आसपास के लोगो को खुश करने के लिए आपको कई समझौते करने पड़ेंगे। आपको सीखना होगा कि सिस्टम में कैसे काम करना है; लेकिन एक साथ काम करने, एकजुट होने से, पूरी प्रणाली समृद्ध हो जाएगी जिससे उस सिस्टम के हर व्यक्ति की जीत होगी।


आपको धैर्य का परिचय देना होगा, यदि आप इस रिश्ते को बचाए रखना चाहते हैं। आपका जीवन साथी परिवार के प्रति अपने दायित्वों का पूरा निर्वाह करेगा।


व्यवसाय - आपका व्यापार तरक्की की राह पर आगे बढ़ेगा और आप दिन दूनी रात चौगुनी उन्नति करने लगेंगे।


स्वास्थ्य - बीमारी जिसका आप अनुभव कर रहे हैं या किसी प्रियजन को इससे प्रभावित हुआ देखकर आपको चिंता हो सकती है।


भाग्यशाली रंग: आसमानी, भाग्यशाली अंक: 1


कुंभ - पॉजिटिव - जीवनसाथी के भाग्य के कारण आपको अच्छा खासा लाभ मिलेगा और दूसरी ओर आपके पराक्रम से जीवन साथी को अच्छे परिणाम मिलेंगे। यदि वे नौकरी की तलाश में हैं तो, उन्हें आपके प्रयासों से सफलता मिल सकती है।


नेगेटिव - इस समय बैठकें आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि अभी किए व्यापारिक समझौते में बाधा की संभावना है। यह समय कार्यस्थल में बड़े निर्णय लेने का भी हो सकता है। सभी मौकों का सावधानी से उपयोग करें और अपने साथी या किसी खास के साथ अन्य विकल्पों के बारे में बात करें।


 इस समय आपको बहुत ही सोच समझ कर आगे बढ़ना होगा, क्योंकि जहां एक ओर प्रियतम आपसे पूरी तरह से प्रेम करेगा, लेकिन स्थितियां ऐसी बनेंगी कि आप दोनों के बीच किसी ना किसी बात को लेकर तनातनी हो जाएगी।


व्यवसाय - नौकरी करने वालों को सूर्य अच्छी तरक्की दिलवाएगा और सप्तम में आने के बाद सूर्य का उच्च राशि में प्रवेश करना आपके व्यापार को ऊँचाइयों पर ले जाने में सक्षम बनाएगा।


स्वास्थ्य - शारीरिक और भावनात्मक दोनों रूप से अपनी तंदुरुस्ती की ओर काम करें।


भाग्यशाली रंग: सफेद, भाग्यशाली अंक: 6


मीन - पॉजिटिव - काम के प्रति आपका दृष्टिकोण सुखद, आनंदमय और तर्कसंगत रहेगा। आप कुछ नया सीखना चाहते हैं जिससे आउटपुट अच्छी आये और आपको लाभ हो। अपने सहकर्मियों के साथ अधिक बातचीत, संपर्क और संचार होने की संभावना है।


नेगेटिव - उन लोगों के मामलों में हस्तक्षेप न करें जो आपका अच्छा नहीं चाहते इसकी बजाय उन लोगों पर ध्यान दें जो आप पर निर्भर करते हैं। तनाव और वाद-विवाद आपके काम में हस्तक्षेप कर सकते हैं। इस चरण में आप चिंतित और बैचैन होंगे, जहाँ आपके लिए कुछ भी सोचना भी मुश्किल हो सकता हैं, ऐसे में आराम करें।


आपका रिश्ता परेशानी में आ सकता है। इसकी वजह है शनि और मंगल का एक साथ होना, जिसकी वजह से प्रेम जीवन में कड़वाहट आ सकती है। छोटी-छोटी बातों पर आप एक दूसरे से लड़ झगड़ सकते हैं।


व्यवसाय - जीवनसाथी यदि कार्यरत हैं तो, उनका आपको अच्छा साथ मिलेगा और आप दोनों मिलकर अपने व्यापार को आगे बढ़ा पाएंगे।


स्वास्थ्य - आहार में बदलाव करके आप स्वस्थ रह सकते हैं।


भाग्यशाली रंग: पीला, भाग्यशाली अंक: 8


जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं


दिनांक 2 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 2 होगा। इस मूलांक को चंद्र ग्रह संचालित करता है। चंद्र ग्रह मन का कारक होता है। आप अत्यधिक भावुक होते हैं। आप स्वभाव से शंकालु भी होते हैं। दूसरों के दर्द से आप परेशान हो जाना आपकी कमजोरी है। आप मानसिक रूप से तो स्वस्थ हैं लेकिन शारीरिक रूप से कमजोर हैं।


चंद्र ग्रह स्त्री ग्रह माना गया है। अत: आप अत्यंत कोमल स्वभाव के हैं। आपमें अभिमान तो जरा भी नहीं होता। चंद्र के समान आपके स्वभाव में भी उतार-चढ़ाव पाया जाता है। आप अगर जल्दबाजी को त्याग दें तो आप जीवन में सफल होते हैं। 


 
शुभ दिनांक : 2, 11, 20, 29   
 
शुभ अंक : 2, 11, 20, 29, 56, 65, 92  


  
शुभ वर्ष : 2027, 2029, 2036
 
ईष्टदेव : भगवान शिव, बटुक भैरव 
 
शुभ रंग : सफेद, हल्का नीला, सिल्वर ग्रे 
 
कैसा रहेगा यह वर्ष
वर्ष काफी समझदारी से चलने का रहेगा। लेखन से संबंधित मामलों में सावधानी रखना होगी। बगैर देखे किसी कागजात पर हस्ताक्षर ना करें।


किसी नवीन कार्य योजनाओं की शुरुआत करने से पहले बड़ों की सलाह लें। व्यापार-व्यवसाय की स्थिति ठीक-ठीक रहेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से संभल कर चलने का वक्त होगा। पारिवारिक विवाद आपसी मेलजोल से ही सुलझाएं। दखलअंदाजी ठीक नहीं रहेगी। 


शुक्रवार, 1 मई 2020

आज का पंचाग व राशिफल 1 मई 2020


🌞 ~ *आज का पंचांग* ~ 🌞
⛅ *दिनांक 01 मई 2020*
⛅ *दिन - शुक्रवार* 
⛅ *विक्रम संवत - 2077 (गुजरात - 2076)*
⛅ *शक संवत - 1942*
⛅ *अयन - उत्तरायण*
⛅ *ऋतु - ग्रीष्म*
⛅ *मास - वैशाख*
⛅ *पक्ष - शुक्ल* 
⛅ *तिथि - अष्टमी दोपहर 01:26 तक तत्पश्चात नवमी*
⛅ *नक्षत्र - अश्लेशा 02 मई रात्रि 01:05 तक तत्पश्चात मघा*
⛅ *योग - गण्ड शाम 06:00 तक तत्पश्चातम वृद्धि*
⛅ *राहुकाल - सुबह 10:47 से दोपहर 12:24 तक* 
⛅ *सूर्योदय - 06:09*
⛅ *सूर्यास्त - 19:02* 
⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*
⛅ *व्रत पर्व विवरण - 
 💥 *विशेष - अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)*
💥 *अष्टमी तिथि के दिन ब्रह्मचर्य पालन करे तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*
               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *गर्मियों में बलप्रद व स्वास्थ्यवर्धक आम* 🌷
🍋 *पका आम बहुत ही पौष्टिक होता है | इसमें प्रोटीन,विटामिन व खनिज पदार्थ, कार्बोहाइड्रेट तथा शर्करा विपुल मात्रा में होते हैं |*
🍋 *आम मीठा, चिकना, शौच साफ़ लानेवाला, तृप्तिदायक, ह्रदय को बलप्रद, वीर्य की शुद्धि तथा वृद्धि करनेवाला है | यह वायु व पित्त नाशक परंतु कफकारक है तथा कांतिवर्धक, रक्त की शुद्धि करनेवाला एवं भूख बढ़ानेवाला है | इसके नियमित सेवन से रोगप्रतिकारक शक्ति बढती है |*
🍋 *शुक्रप्रमेह आदि विकारों के कारण जिनको संतानोत्पत्ति न होती हो, उनके लिए पका आम लाभकारक है | कलमी आम की अपेक्षा देशी आम जल्दी पचनेवाला, त्रिदोषशामक व विशेष गुणयुक्त है | रेशासहित, मीठा, पतली या छोटी गुठलीवाला आम उत्तम माना जाता है | यह आमाशय, यकृत, फेफड़ों के रोग तथा अल्सर, रक्ताल्पता आदि में लाभ पहुँचाता है | इसके सेवन से रक्त,मांस आदि सप्तधातुओं तथा वासा की वृद्धि और हड्डियों का पोषण होता है | यूनानी डॉक्टरों के मतानुसार पका आम आलस्य दूर करता है, मूत्र साफ़ लाता है, क्षयरोग (टी.बी.)मिटाता है तथा गुर्दें व मूत्राशय के लिए शक्तिदायक है |*
💊 *औषधि-प्रयोग* 💊
🍋 *भूखवृद्धि : आम के रस में घी और सौंठ डालकर सेवन करने से जठराग्नि प्रदीप्त होता है | वायु रोग या पाचनतंत्र की दुर्बलता : आम के रस में अदरक मिलाकर लेना हितकारी है |*
🍋 *शहद के साथ पके आम के सेवन से प्लीहा, वायु और कफ के दोष तथा क्षयरोग दूर होता है |*
🍋 *आम का पना : केरी (कच्चा आम ) को पानी में उबालें अथवा गोबर के कंडे की आग में दबा दें | भुन जाने पर छिलका उतार दें और गूदा मथकर उसमें गुड, जीरा, धनिया, काली मिर्च तथा नमक मिलाकर दोबारा मथें | आवश्यकता अनुसार पानी मिलायें और पियें |*
🍋 *लू लगने पर : उपरोक्त आम का पना एक-एक कप दिन में २ - ३ बार पियें |*
🍋 *भुने हुए कच्चे आम के गूदेको पैरों के तलवों पर लगाने से भी लू से राहत मिलती है |*
🍋 *वजन बढ़ाने के लिए : पके और मीठे आम नियमित रूप से खाने से दुबले - पतले व्यक्ति का वजन बढ़ सकता है |*
🍋 *दस्त में रक्त आने पर : छाछ में आम की गुठली का २ से ३ ग्राम चूर्ण मिलाकर पीने से लाभ होता है |*
🍋 *पेट के कीड़े : सुबह चौथाई चम्मच आम की गुठलियों का चूर्ण गर्म पानी के साथ लेने से पेट के कीड़े मर जाते है |*
🍋 *प्रदर रोग : आम की गुठली का २ से ३ ग्राम चूर्ण शहद के साथ चाटने से रक्त-प्रदर में लाभ होता है |*
🍋 *दाँतों के रोग : आम के पत्तों को खूब चबा-चबाकर थूकते रहने से कुछ ही दोनों में दाँतों का हिलना और मसूड़ों से खून आना बंद हो जाता है | आम की गुठली की गिरी के महीन चूर्ण का मंजन करने से पायरिया ठीक होता है |*
🍋 *घमौरियाँ : आम की गुठली के चूर्ण से स्नान करने से घमौरियाँ दूर होती है |*
🍋 *पुष्ट और सुडौल शरीर : यदि एक वक्त के आहार में सुबह या शाम केवल आम चूसकर जरा-सा अदरक लें तथा डेढ -दो घंटे के बाद दूध पियें तो ४० दिन में शरीर पुष्ट व सुडौल हो जाता | आम और दूध एक साथ खाना आयुर्वेद की दृष्टि से विरुद्ध आहार है | इससे आगे चलकर चमड़ी के रोग होते हैं |*
🔥 *सावधानी : खाने के पहले आम को पानी में रखना चाहिए | इससे उसकी गर्मी निकल जाती है | भूखे पेट आम नहीं खाना चाहिए | अधिक आम खाने से गैस बनती है और पेट के विकार पैदा होते हैं  | कच्चा, खट्टा तथा अति पका हुआ आम खाने से लाभ के बजाय हानि हो सकती है | कच्चे आम के सीधे सेवन से कब्ज व मंदाग्नि हो सकती है |*
💥 *बाजार में बिकनेवाला डिब्बाबंद आम का रस स्वास्थ्य के लिए हितकारी नहीं होता है | लम्बे समय तक रखा हुआ बासी रस वायुकारक, पचने में भारी एवं ह्रदय के लिए अहितकर है |*
 🌞
🙏🏻🌷💐🌸🌼🌹🍀🌺💐🙏🏻यदि पितृ दोष के कारण आपका संघर्षमयी जीवन हो तो गौ माता को प्रतिदिन रोटी, गुड़, हरा चारा आदि खिलाएं। अगर प्रतिदिन ना खिला सके तो सिर्फ हर अमावस्या के दिन खिलाने से भी पितृ दोष समाप्त होता है।


गौ माता कि सेवा परिक्रमा करने से सभी तीर्थो के पुण्यों का लाभ मिलता है । 
जिस व्यक्ति के भाग्य की रेखा सोई हुई हो तो वो व्यक्ति अपनी हथेली में गुड़ को रखकर गौ माता को जीभ से चटाये गौ माता की जीभ हथेली पर रखे गुड़ को चाटने से व्यक्ति की सोई हुई भाग्य रेखा खुल जाती है ।


पंचक 
14मई2020 शाम 07.20 से 
19मई 2020 शाम 07.53 तक


एकादशी 
4मई 2020 सोमवार
18मई 2020 सोमवार


प्रदोष
5मई 2020 मंगलवार
19मई 2020 मंगलवार


 अमावस्या
22मई  2020 शुक्रवार


 पूर्णमासी
7मई  2020 गुरुवार


मेष - पाॅजिटिव - आप दोनों का दांपत्य जीवन बहुत ही बेहतर तरीके से चलेगा। आप दोनों खुशी के पल बिताएंगे और एक दूसरे के साथ समय बिता सकते हैं। आपकी और उनकी आमदनी मिलाकर आर्थिक स्थिति बेहतर हो जाएगी। आपके वैवाहिक जीवन में और भी ख़ुशियाँ आ जाएंगी।


नेगेटिव - लोगों से बात करना, लिखना और पढ़ना तनाव को दूर करने का अच्छा तरीका हैं इसके साथ ही इन तरीकों से आप अपने परिवार के करीब आएंगे और आपको वित्तीय और व्यावसायिक लेन-देन में भी मदद मिलेगी।


लव - अपने पार्टनर को अपनी छोटी छोटी खुशियों में शामिल करना न भूलें। जैसे ही आप अपनी स्पिरिट्स में विकास देखेंगे वैसे ही आप अपने प्यार और अपनी भावनाओं के विस्तार में सक्षम होंगे।


व्यवसाय - राहु की उपस्थिति आपको साहस ही बनाएगी लेकिन आपको दुःसाहसी बनने से बचना चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि आप बिना वजह दूसरों की बातों में हस्तक्षेप करेंगे और वह लड़ाई आपके ऊपर आ सकती है।


स्वास्थ्य - वाहन चलाते समय सावधानी बरतें किसी दूसरे शख्स की वजह से दुर्घटना हो सकती है।


भाग्यशाली रंग: किरमजी, भाग्यशाली अंक: 3
वृष - पाॅजिटिव - यह पर्यावरण और लोगों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का एक आदर्श समय है। इस समय कोई यात्रा, कुछ सीखना या लोगों से सम्पर्क करना आपके ध्यान को अधिक आकर्षित करेंगे। आपको चुनौतियों से निपटने में आनंद मिलता हैं।


नेगेटिव - आपका दिमाग अक्सर विचलित होता रहता है, खासकर जब परिस्थितियों के अनुसार आपको किसी खास कार्य या प्रोजेक्ट पर ध्यान केंद्रित करना होता है। आप इस समय साहसी महसूस कर रहें हैं। अपनी कामों को पूरा करने के लिए अन्य लोगों पर अँधाविश्वास न करें।


लव - अगर आप सिंगल हैं तो कोई दोस्त या सहकर्मी किसी रोमांटिक प्रस्ताव के साथ आपको हैरान करेगा। बात चाहे डेटिंग की हो, व्यापार की या अपने प्रियजनों के साथ किसी कार्यक्रम की, आप किसी में भी गलत नहीं हो सकते।


व्यवसाय - आपको इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि एक बार में केवल एक ही काम हाथ में ले क्योंकि आप एक से अधिक कामों को हाथ में लेने के कारण किसी भी काम को समय से पूरा नहीं कर पाएंगे और उसकी वजह से आपको परेशानी उठानी पड़ सकती है।


स्वास्थ्य - ज्यादा तला-भुना खाना खाने से भी इस समय बचें।


भाग्यशाली रंग: काला, भाग्यशाली अंक: 6


मिथुन - पाॅजिटिव - उन शिक्षा संबंधी अवसरों के लिए तैयार रहें जो अभी आपको मिलने वाले हैं। यह आपके कौशल को निखारने और कुछ नया सीखने में मददगार हो सकते है। बातचीत अभी महत्वपूर्ण है और आत्म अभिव्यक्ति, लिखित या कुछ अन्य रूपों से आपको महत्वपूर्ण चीज़ों के संपर्क में आने में मदद कर सकती है।


नेगेटिव - नए अवसर आपके सामाने हैं हालाँकि अगर अभी आप बिलों या धन के बारे में चिंतित हैं तो उसे महसूस नहीं कर पाएंगे। ब्रेक लें और कुछ समय घर से बाहर बिताऐं या किसी शो का मज़ा लें। रिश्तेदार या ससुराल वाले ज़रूरत के समय आपसे मदद मांग सकते हैं।


लव - जिन लोगों के साथ आप रहते हैं और प्यार करते हैं, वे आपके जीवन में सबसे महत्वपूर्ण हैं। किसी खास को यह बताने के लिए थोड़ा समय लें कि अपने कनेक्शन को सम्पन्न बनाये रखने के लिए आप क्या-क्या करते हैं।


व्यवसाय - चंद्रमा की स्थिति के कारण आपको निजी और पेशेवर दोनों ही क्षेत्रों में लाभ की प्राप्ति होगी। आपकी मेहनत रंग लाएगी। आपके रुके हुए काम इस दौरान पूरे हो सकते हैं।


स्वास्थ्य - आंखों से जुड़ी कोई समस्या आपको परेशान कर सकती है। लापरवाही न करते हुए आपको अपनी आंखों की जांच तुरंत करवानी चाहिये।


भाग्यशाली रंग: हरा, भाग्यशाली अंक: 3


कर्क - पाॅजिटिव - सही मायने में आपका दांपत्य जीवन पूर्ण रूप से सुकून से भरा रहेगा। एक छोटे सफर की संभावना है। आप और आपका पार्टनर उन रिश्तेदारों की देखभाल करने के लिए तैयार हैं जो अभी मुश्किल में हैं। अपनी पेंडिंग डेट को शानदार बनाने के लिए साथ में एक नाटक या कॉन्सर्ट का मज़ा लें।


नेगेटिव - आप अपने मन की बात अक्सर लोगों से छुपाते हैं, जिसकी वजह से वे कई बार आपको गलत समझ सकते हैं। आपको अपनी इस आदत से बचने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि ऐसी स्थिति में वे आवश्यक होने पर भी आप का पक्ष नहीं लेंगे और आपको विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।


लव - आपको अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए और कुछ भी कटु या ऐसे वचन नहीं बोलने चाहिएं, जो आपके किसी प्रिय को ठेस पहुँचाएं, क्योंकि इसका सीधा प्रभाव आपके संबंधों पर पड़ सकता है।


व्यवसाय - आज किसी सहकर्मी के साथ आप शाम का वक्त बिता सकते हैं हालांकि अंत में आपको महसूस होगा कि आपने उनके साथ समय बर्बाद किया है और कुछ नहीं।


स्वास्थ्य - आपके स्वास्थ्य में इस दौरान सकारात्मक बदलाव आएंगे।


भाग्यशाली रंग: बादामी, भाग्यशाली अंक: 2


सिंह - पाॅजिटिव - अपने साथी या किसी बुजुर्ग जो ज़रूरत में हैं, उनके लिए वो सब करें जो आप कर सकते हैं। उनकी मदद करने से आपको मन की शांति मिलेगी। किसी शांत स्थान, शायद प्रकृति में ब्रेक लें और अच्छा समय बिताऐं।


नेगेटिव - आपका घर और परिवार के साथ आपका अधिकतर समय व्यतीत होगा। हालाँकि यह समय निजी मामलों के लिए सही नहीं है। ध्यान रखें, आपको अपनी जड़ों के सम्पर्क में रहने के लिए बहुत दूर नहीं जाना है; बस वहीँ ध्यान दें जहाँ आप रहते हो!


लव - प्यार के मामले में आपको मिले जुले परिणाम मिलेंगे। आपको प्यार के मामले में काफी अच्छे परिणाम मिलेंगे और जिनसे आप प्रेम करते हैं वह आपके प्रति आकर्षित होंगे।


व्यवसाय - मुसीबत के वक़्त परिवार से आपको मदद और सलाह हासिल होगी। आप दूसरों के तजुर्बों से कुछ सबक़ सीख सकते हैं। यह आपके आत्मविश्वास की मज़बूती के लिए बहुत ज़रूरी है।


स्वास्थ्य - कई मानसिक परेशानियों से आप छुटकारा पा सकते हैं।


भाग्यशाली रंग: आसमानी, भाग्यशाली अंक: 6


कन्या - पाॅजिटिव - ऐसा लगता है कि यदि आप इस समय अधिक खर्च करते हैं, तो यह आपके घर के नवीकरण या मुरम्मत के लिए होगा। आप उन चीज़ों पर ध्यान केंद्रित करेंगे जो आपके सबसे नजदीकी हैं। कुछ चीज़ों पर पैसे ख़र्च करने से पीछे न हटें जैसे एक वाहन की ख़रीद या घर की मरम्मत।


नेगेटिव - कोई भी जोखिम भरा निर्णय लेने से पहले विश्वसनीय एजेंट या सलाहकार से बात करें। किसी कनेक्शंस का अंत हो सकता है, लेकिन इससे आप नए मौक़ों को प्राप्त करेंगे। किसी देखभाल करने वाले व्यक्ति या माँ के समान स्त्री की ज़रूरतों को लेकर चौकस रहें जिन्हे मदद की ज़रूरत है।


लव - शनि का प्रभाव होने से आपके प्यार की परीक्षा होगी और बीच-बीच में कुछ चुनौतीपूर्ण स्थितियाँ आएँगी, जिन का सामना आपको पूरे मन से करना होगा।


व्यवसाय - आशावादी बनें और उजले पक्ष को देखें। आपका विश्वास और उम्मीद आपकी इच्छाओं व आशाओं के लिए नए दरवाज़े खोलेंगी। अचानक नए स्रोतों से धन मिलेगा, जो आपके दिन को ख़ुशनुमा बना देगा।


स्वास्थ्य - सांस से जुड़ी परेशानी आपको हो सकती है।


भाग्यशाली रंग: सफेद, भाग्यशाली अंक: 7


तुला - पाॅजिटिव - बैठकों और प्रदर्शन में आप कमाल करने वाले हैं क्योंकि आपके पास जो भी साधन उपलब्ध हैं आप उनसे संचार करते हैं। वाहन या घर की मरम्मत में सहायता के लिए कोई देखभाल करने वाली या मां के समान स्त्री आपको बुला सकती है।


नेगेटिव -कार्य-स्थल पर आपके नए विचारों और रचनात्मक सोच की ज़रूरत पड़ेगी क्योंकि यहाँ अनपेक्षित कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। यात्रा की योजनाएं बाधित हो सकती हैं या उनमें देरी होगी। इस समय मनोरंजन के लिए सरल और सस्ते रास्तों को खोजें।


लव - वाणी दोष के कारण अपने बोलने की आदत पर आपको कंट्रोल रखना आपके लिए सबसे बड़ी चुनौती होगा, क्योंकि आपकी बातें उन्हें चुभ सकती हैं और यदि उनको कुछ बुरा लगा तो सीधा सीधा असर आपकी लव लाइफ पर पड़ेगा।


व्यवसाय - अतिरिक्त धन को रिअल एस्टेट में निवेश किया जा सकता है। अपने परिवार के सदस्यों की ज़रूरतों पर ध्यान देना आज आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए।


स्वास्थ्य - स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं आपको परेशान कर सकती हैं।


भाग्यशाली रंग: लाल, भाग्यशाली अंक: 3


वृश्चिक - पाॅजिटिव - आपके पास इस समय जो है और दूसरे लोगों का आपके ऊपर जो प्रभाव पड़ा है वह अब आपके लिए महत्वपूर्ण है। आपका पारिवारिक जीवन, आपका करियर, आपके विचार आपकी सबसे बड़ी पूंजी हैं। यह सभी आपके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


नेगेटिव - खुद को और अपनी भावनाओं को खोजें, अपने जुनून को जाने - जिससे सब कुछ संभव है। याद रखें घर वो जगह है जहाँ हम प्यार पाते हैं, घर जिससे हमारे पैर तो बाहर जा सकते हैं, किन्तु हमारा दिल नहीं।


लव - सूर्य की तेजी आपके प्रियतम के व्यवहार में थोड़ा बदलाव लेकर आ सकती है। वो थोड़े गुस्से वाले हो सकते हैं। ऐसे में उन्हें बात बात पर गुस्सा आएगा, तब आपको बहुत ही संभल कर रहना होगा।


व्यवसाय - आपकी सकारात्मक सोच पुरस्कृत होगी, क्योंकि आप अपनी कोशिशों में क़ामयाबी पा सकते हैं। आज आपको भूमि, रिअल-एस्टेट या सांस्कृतिक परियोजनाओं पर ध्यान केन्द्रित करने की ज़रूरत है।


स्वास्थ्य - कोई विवाद घर में हो सकता है जिससे आप मानसिक तनाव में आ सकते हैं।


भाग्यशाली रंग: पीला, भाग्यशाली अंक: 9


धनु - पाॅजिटिव - आप मनोरंजन और अपने दोस्तों व ख़ास लोगों के साथ खाली समय बिताना चाहते हैं। अंतर्दृष्टि से भरे हुए होने के कारण आपके दिमाग में कुछ रचनात्मक रोमांटिक योजनाएं भी हैं। आपके दिमाग में अभी कुछ ऐसे विचार हैं, जिन्हे आप व्यक्त करना चाहते हैं।


नेगेटिव - अभी आप खुद को अतीत और भविष्य के बीच में फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं। घर की ज़रूरतों संबंधी चिंताएं आप पर हावी हो सकती हैं। तय कर लें कौन सी चीज़ों को व्यवस्थित करना है।


लव - आपका रवैया एक दूसरे के प्रति कुछ रूखा भी रह सकता है, जिससे एक दूसरे के प्रति मन में इरिटेशन हो सकती है और यह स्थिति आप दोनों के रिश्ते पर गहरा असर डाल सकती है।


व्यवसाय - नौकरी और व्यवसाय के लिये यह समय अच्छा रहेगा। इस दौरान आपको आमदनी के एक से ज्यादा स्रोत मिल सकते हैं।


स्वास्थ्य - इस दौरान आप माता के स्वास्थ्य को लेकर परेशान रह सकते हैं।


भाग्यशाली रंग: नीला, भाग्यशाली अंक: 4


मकर - पाॅजिटिव - अपने परिवेश को जानने के लिए यह समय आदर्श है; आसपास के लोग भी आपके पक्ष में हैं। इस समय दोस्तों और परिवार के साथ भोजन और बातचीत का मज़ा लें। जरूरत पड़ने पर अपने पड़ोसी या सहयोगी की मदद करें।


नेगेटिव - घरेलू परेशानियों या आवश्यक मरम्मत के रचनात्मक समाधान खोजें। कुछ रिश्ते या कनेक्शन अभी समाप्त हो सकते हैं। हालाँकि कूटनीति के साथ इन्हे बचाया जा सकता है किंतु कभी-कभी इनका एकमात्र जवाब जाने देने में ही होता है।


लव - एक ओर आप दोनों के बीच समझदारी का अभाव हो सकता है और एक दूसरे की बातों को समझने में समस्या भी हो सकती है। आप दोनों में से किसी एक अथवा दोनों के स्वास्थ्य को कष्ट भी हो सकता है।


व्यवसाय - शुक्र की स्थिति आपसे गुप्त रूप से खर्चे करवाएगी, जिस पर नियंत्रण रखना आवश्यक होगा। आपके खर्चे पारिवारिक जरूरतों को पूरा करने पर अधिक होंगे।


स्वास्थ्य - आज ख़ुद से ज़्यादा कराने की कोशिश न करें- आपके शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कम मालूम होती है और निश्चित रूप से आपको आराम की ज़रूरत है।


भाग्यशाली रंग: केसरी, भाग्यशाली अंक: 8


कुंभ - पाॅजिटिव - आपका विचार अपने परिवार को सुख सुविधा प्रदान करने के लिए अधिक धन का प्रबंध करने का है। आप अपने करियर, उपलब्धियों और बौद्धिक गतिविधियों पर भी नजर रखेंगे और जानेंगे कि कैसे आप प्रियजनों और परिवार को प्रभावित कर सकते हैं।


नेगेटिव - रिस्क लेना अभी आवश्यक हो सकता है और कुछ नए मौके भी आपका इंतज़ार कर रहे हैं। धन सम्बन्धी मामलों को निपटाने में आप दिलचस्पी रखते हैं और उधार, खरीद-फरोख्त इस समय आपके लिए चिंता का विषय है।


लव - आपका रिश्ता मजबूत होगा। चुनौतियों के रहते भी आप इस समय को निकालने में सफल हो सकते हैं और अपने इस दांपत्य जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में प्रयास कर सकते हैं।


व्यवसाय - व्यापार की स्थिति बेहतर बनेगी और व्यापारिक रूप से आपको अच्छा खासा लाभ हो सकता है। उससे पहले थोड़े खर्चे रहेंगे, जिन पर आपको ध्यान देना होगा।


स्वास्थ्य - स्वास्थ्य के साथ-साथ कार्यक्षेत्र में भी आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।


भाग्यशाली रंग: केसरी, भाग्यशाली अंक: 5


मीन -पाॅजिटिव - यह समय है अपनी जरूरतों और रुचियों के बारे में लोगों को बताने का। आप स्वयं और अपने अत्तीत के बारे में बात करने के भी इच्छुक हैं। शब्दों, विचारों और तथ्यों और आंकड़ों से निपटने के लिए यह समय फलदायी है।


नेगेटिव - यह आपको तय करना है कि आपको इनका सदुपयोग करना है या नहीं। खुद पर भरोसा करें और जो ठीक लगता है उसे करें। अपनी मौजूदा व्यावसायिक स्थिति को सुधारने के लिए आपको कुछ अतिरिक्त शिक्षा या प्रशिक्षण की आवश्यकता हो सकती है।


लव - कोशिश तो आपको ही करनी होगी ताकि स्थिति ज्यादा ना बिगड़ने पाए। धैर्य का परिचय दें और स्थितियों के अनुसार आचरण करें।


व्यवसाय - बुध की दृष्टि आपको आर्थिक लाभ दिलाएगी और आप रोज़मर्रा की जरूरतों को भी अच्छे से पूरा कर पाएंगे तथा अपनी बुद्धि के बल पर कुछ नई परियोजनाओं को पूरा करेंगे, जिसमें आपको अच्छा धन लाभ हो सकता है।


स्वास्थ्य - स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ परेशानियां आपको लक्ष्य से भटका सकती हैं।


भाग्यशाली रंग: हरा, भाग्यशाली अंक: 1


जिनका आज जन्मदिन है उनको हार्दिक शुभकामनाएं


दिनांक 1 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 1 होगा। आप शाही प्रवृत्ति के हैं। आपको किसी और का शासन पसंद नहीं है। आप साहसी और जिज्ञासु हैं। आपका मूलांक सूर्य ग्रह के द्वारा संचालित होता है। आप अत्यंत महत्वाकांक्षी हैं। आपकी मानसिक शक्ति प्रबल है। आपको समझ पाना बेहद मुश्किल है।


आप आशावादी होने के कारण हर स्थिति का सामना करने में सक्षम होते हैं। आप सौन्दर्यप्रेमी हैं। आपमें सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला आपका आत्मविश्वास है। इसकी वजह से आप सहज ही महफिलों में छा जाते हैं।
शुभ दिनांक : 1, 10, 19, 28   
 
शुभ अंक : 1, 10, 19, 28, 37, 46, 55, 64, 73, 8 2 


  
शुभ वर्ष : 2026, 2044, 2053, 2062  
 
ईष्टदेव : सूर्य उपासना तथा मां गायत्री  
 
शुभ रंग : लाल, केसरिया, क्रीम
 
कैसा रहेगा यह वर्ष
 
यह वर्ष आपके लिए अत्यंत सुखद रहेगा। अधूरे कार्यों में सफलता मिलेगी। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह वर्ष उत्तम रहेगा। पारिवारिक मामलों में महत्वपूर्ण कार्य होंगे। अविवाहितों के लिए सुखद स्थिति बन रही है।


विवाह के योग बनेंगे। नौकरीपेशा के लिए समय उत्तम हैं। पदोन्नति के योग हैं। बेरोजगारों के लिए भी खुशखबर है इस वर्ष आपकी मनोकामना पूरी होगी


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