शुक्रवार, 1 मई 2020

भाजपा नेता पं0 श्रीभगवान शर्मा ने विधायक प्रमोद ऊँटवाल को  21 चैक सौंपे।


टीआर ब्यूरो


मुजफ्फरनगर । देश में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए लागू किए गए लाकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर सहायता राशि देने का सिलसिला लगातार जारी है। आज मौ. बचन सिंह कॉलोनी स्थित अपने आवास पर वरिष्ठ भाजपा नेता व सरवट ग्राम प्रधानपति पंडित श्रीभगवान शर्मा ने प्रधानमंत्री राहत कोष में अपने समर्थकों के सहयोग से राहत राशि दी है । पीएम केयर फंड के नाम से 21 चैक विधायक प्रमोद ऊंटवाल को सौंपे है। इस मौके पर पंडित श्रीभगवान शर्मा ने कहा कि देश पर आई आपदा के समय पूरा देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा है। उनके नेतृत्व में कोरोनावायरस पर नियंत्रण पाने के बेहतरीन प्रयास किए जा रहे हैं। इस कार्य में जुटे चिकित्सक, मेडिकल स्टाफ, मीडिया कर्मी, सफाई कर्मचारी, पुलिसकर्मी, बैंकिंग सेवा देने वाले लोग बधाई के पात्र हैं, जो जरूरी सेवाओं को जारी रख रहे हैं और लोगों की दिक्कत का ध्यान रखते हुए उन्हें जरूरी सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश मैं कोरोना वायरस पर नियंत्रण पाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की भी सराहना की। इस मौके पर भाजपा विधायक प्रमोद उंटवाल ने कहा कि कि जरूरी सेवा में जुटे लोगों को धन्यवाद पत्र भाजपा कार्यकर्ता देने का कार्य कर रहे हैं । इसके अलावा अपने -अपने मोहल्ले से 40 घरो से कम से कम ₹100 की सहायता राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में दिलवाई जा रही है । इसके अलावा आरोग्य एप डाउनलोड कराया जा रहा है । उन्होंने सभी से अपने घरों में रहने की अपील भी की। विधायक प्रमोद उन्टवाल ने क्षेत्र के असहाय व जरूरतमंद लोगों की सेवा करने का संकल्प दोहराया और सभी से इसमें सहयोग करने की भी अपील की है। उन्होंने पंडित श्रीभगवान शर्मा द्वारा सरवट ग्राम पंचायत क्षेत्र में जरूरतमंदों की सहायता करने पर भी जमकर सराहना की। इस मौके पर पंडित श्रीभगवान शर्मा ने  जरूरतमंद  लोगों की लगातार सहायता करने का संकल्प दोहराया है। आज जिन लोगों के चैक विधायक प्रमोद उंट़वाल को पं. श्रीभगवान शर्मा ने सौंपे हैं, उनमें कर्मवीर त्यागी, शिवा, विवेक चंद शर्मा, सुभाष शर्मा, तरुण कुमार, अशोक कुमार शर्मा, दयानंद राठोर, पलटूराम, नीरज सिंह, विजयन गर्ग, श्याम लाल, भंवर सिंह, मदनपाल, नरेंद्र कुमार, धर्मपाल, कमलसिंह, प्राची त्यागी, भगवान सिंह, सोहनवीर सिंह, रमेशचंद, राजबाला आदि शामिल रहे। इस मौके पर 51 जरूरतमंद लोगों को राशन वितरित किया गया। सरवट ग्राम प्रधान श्रीमती उषा शर्मा, मास्टर श्यामलाल, मास्टर सोहनवीर सिंह, हरपाल शर्मा, समेंद्र शर्मा, कमलेश शर्मा, भंवर सिंह, दयानंद राठौर, गजेंद्र नेगी, नरेंद्र उपाध्याय, रजत धीमान, रमेश ठाकुर, ऋषभ शर्मा, सुरेश शर्मा आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।


कहीं भी ले सकंेगे राशनकार्ड पर सामान


लखनऊ। प्रदेश सरकार ने 1 मई से प्रदेश में राष्ट्रीय राशन पोटेबिलिटी लागू करने का फैसला लिया है। अब धारक कहीं भी राशनकार्ड पर सामान ले सकंेगे।
केंद्र सरकार की वन नेशन, वन कार्ड योजना के तहत राष्ट्रीय राशन पोर्टबिलिटी की शुरुआत होने के बाद उत्तर प्रदेश का कोई लाभार्थी अन्य राज्य से और अन्य राज्य का कोई भी लाभार्थी उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के तहत बने किसी भी राशन कार्ड की राशन संख्या मात्र बताकर राशन ले सकता है। यह सुविधा आधार आधारित वितरण एवं पिछले 6 माह से सक्रिय राशन कार्डों पर ही होगी।
फिलहाल उत्तर प्रदेश सहित 16 राज्य (आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, केरल, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, त्रिपुरा, बिहार, पंजाब, हिमाचल प्रदेश) और केंद्र शासित प्रदेश दादरा नगर हवेली के लाभार्थी आपस में राशन पोर्टबिलिटी का लाभ उठा सकेंगे। प्रवासी मजदूरों को इस योजना का विशेष लाभ मिलेगा। प्रदेश स्तर पर राशन पोटेबिलिटी पहले से लागू है। अप्रैल में करीब 7.07 लाख राशन कार्ड धारकों ने इस सुविधा का लाभ उठाया। प्रदेश में इस सुविधा का सर्वाधिक लाभ गौतम बुद्ध नगर में 11.50 प्रतिशत और उसके बाद लखनऊ में 8.50 प्रतिशत लोगों ने उठाया।


हर हफ्ते होगी ग्रीन और रेड जोन की समीक्षा-रेड जोन में 3 मई के बाद भी छूट नहीं


नई दिल्ली। पूरे देश में लॉकडाउन  में सरकार ने तीन मई के बाद छूट देने की योजना बना ली है। गृह मंत्रालय ने कोरोना के मामलों को देखते हुए देश के सभी जिलों को ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन में बांट दिया है। जल्द ही सरकार ऑरेंज और ग्रीन जोन में छूट देने का ऐलान कर सकती है। गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि जिलों को दिए गए जोन का स्टेट्स स्थायी नहीं है। इसकी हर हफ्ते समीक्षा की जाएगी और उसी आधार पर जोन में बदलाव किया जाएगा।


कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या, डबलिंग रेट और दूसरे पहलुओं को ध्यान में खते हुए ये बंटवारा किया गया है। मौटे तौर पर समझ सकते हैं कि ज्यादा केस होने पर रेड, उससे कम पर ऑरेंज और बहुत कम केस होने पर ग्रीन जोन में जिले को रखा गया है। इसी आधार पर 3 मई को लॉकडाउन खत्म होने के बाद छूट मिलेगी। ग्रीन जोन में ज्यादातर कामकाज की इजाजत होगी। ऑरेंज जोन में कुछ शर्तों के साथ अनुमति मिलेगी लेकिन रेड जोन में 3 मई के बाद भी छूट नहीं दी जाएगी।
गृह मंत्रालय के मुताबिक मौजूदा समय में देश के 130 जिले रेड, 284 ऑरेंज और 319 जिले ग्रीन जोन में हैं। वहीं राज्य सरकार को निर्देश दिए गए हैं कि रेड जोन में हॉटस्पॉट वाले इलाकों का चयन कर करके गृह मंत्रालय को सूचित किया जाए। हर हफ्ते स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय हालात की समीक्षा करेंगे। साथ ही उसी आधार पर जोन की लिस्ट फिर से बनाई जाएगी। फिलहाल ग्रीन और ऑरेंज जोन में तीन मई के बाद छूट देने की योजना है। गृह मंत्रालय के मुताबिक किसी जिले को ग्रीन जोन में तभी शामिल किया जाएगा, जब वहां 21 दिनों तक कोई नया मामला नहीं आएगा। वहीं छूट भी कोरोना के मरीजों की संख्या पर निर्भर करेगी। गृह मंत्रालय के मुताबिक हॉटस्पॉट वाले इलाकों में घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करने की योजना है।


इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सारे बॉर्डर को पूरी तरह सील करने के आदेश दिए हैं। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के बार्डर को पूरी तरह सील करें, सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बरती जाए। नेपाल राष्ट्र सहित अन्य राज्यों से बगैर अनुमति कोई प्रदेश में आने न पाए। योगी आदित्यनाथ ने  कहा कि 10 लाख लोगों के लिए तत्काल क्वारंटीन सेन्टर व शेल्टर होम और कम्युनिटी किचन तैयार किए जाएं, जहां आने वाले प्रवासी मजदूरों को तात्कालिक रूप से रखा जा सके। क्वारंटीन सेन्टर व शेल्टर होम स्थापना के लिए बड़े कालेजों का उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नोएडा के साथ दिल्ली से भी उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए वहां की सरकार से सम्पर्क किया जाए। उन्होंने कहा कि नोएडा, गाजियाबाद तथा अलीगढ़ से प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वापस जाने वाले छात्रों की सूची तैयार करायी जाए।


मुज़फ्फरनगर सहित उप्र के 19 ज़िले रेड जोन में शामिल


टीआर ब्यूरो।


लखनऊ। कोरोना संकट के बीच लाॅक डाउन के चलते राहत की उम्मीद में बैठे लोगों को एक और झटका लग सकता है। पूरे देश से आई रिपोर्ट के बाद केंद्र सरकार ने रेड जोन से ग्रीन जोन में जिलों को रखने के मानक में बदलाव किया है। इसे लेकर आज केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदन की ओर से जारी पत्र के अनुसार यूपी के 19 जिले रेड जोन में है। ऑरेंज जोन में 35 जिले और ग्रीन जोन में 20 जिले हैं। पत्र में बताया गया है कि अब 28 दिन की बजाय 21 दिन तक कोरोना वायरस से संक्रमित का नया केस नहीं आने पर  जिले को रेड जोन से ग्रीन जोन में कर दिया जाएगा। अभी तक 14 दिन तक नया केस नहीं आने पर जिले को रेड से आरेंज और फिर अगले 14 दिनों तक केस नहीं आने पर ग्रीन जोन जिलों में रखा जाता था। आगे इसी आधार पर जोन निर्धारित होंगे। इस बाबत विस्तृत पत्र भी उन्होंनें जारी किया है।
केंद्र सरकार की ओर से जारी लिस्ट के अनुसार यूपी के 19 जिले रेड जोन में है। ऑरेंज जोन में 35 जिले और ग्रीन जोन में 20 जिले हैं। 
रेड जोन के जिले हैं-
आगरा, लखनऊ, सहारनपुर, कानपुर नगर, मुरादाबाद ,फिरोजाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर, मेरठ, रायबरेली, वाराणसी, बिजनौर, अमरोहा, संत कबीर नगर, अलीगढ़, मुजफ्फरनगर, रामपुर, मथुरा, बरेली। 
ऑरेंज जोन -
गाजियाबाद, हापुड़, बदायूं, बागपत, बस्ती ,शामली, औरैया, सीतापुर, बहराइच, कन्नौज, आजमगढ़, मैनपुरी, श्रावस्ती, बांदा, जौनपुर, एटा, कासगंज, सुल्तानपुर, प्रयागराज, जालौन, मिर्जापुर, इटावा, प्रतापगढ़, गाजीपुर, गोंडा, मऊ, भदोही, उन्नाव, पीलीभीत, बलरामपुर, अयोध्या, गोरखपुर, झांसी, हरदोई, कौशांबी। 
ग्रीन जोनरू-बाराबंकी, लखीमपुर खीरी, हाथरस, महाराजगंज, शाहजहांपुर, अंबेडकर नगर ,बलिया ,चंदौली ,चित्रकूट, देवरिया, फर्रुखाबाद ,फतेहपुर, हमीरपुर, कानपुर देहात, कुशीनगर, ललितपुर, महोबा, सिद्धार्थ नगर, सोनभद्र, अमेठी ।


केंद्र सरकार ने रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन को लेकर आज सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में सभी राज्य सरकारों को उनके जिलों में रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन को लेकर एडवाइडरी जारी की गई है। केंद्र सरकार ने रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन को लेकर आज सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को पत्र लिखा है। इस पत्र में सभी राज्य सरकारों को उनके जिलों में रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन को लेकर एडवाइडरी जारी की गई है। केंद्र ने सभी राज्यों के जिलों को रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन में बांटा है।स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटों में देश में 1993 नए मामले सामने आए हैं। वहीं इस दौरान 73 लोगों की मौत भी हुई है।स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के मुताबिक देश में अब तक कुल 35,043 मामले सामने आ चुके हैं। वहीं देश में कोरोना से मौत का आंकड़ा 1147 तक पहुंच गया है। वहीं देश में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों का आंकड़ा भी बढ़कर 8889 तक पहुंच गया है।


बिजली उपकरणों की खुलेंगी दुकानें

टीआर ब्यूरो।


मुज़फ्फरनगर। लॉक डाउन के बीच जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने पंखा एसी कूलर सेनेटरी हार्डवेयर और बिजली उपकरण की दुकान खोलने के आदेश जारी किया है। सुबह 6:00 से 9:00 बजे तक मंगलवार बृहस्पतिवार और शनिवार को दुकाने खुलेंगी।


जिलाधिकारी ने किया राशन की दुकानों का निरीक्षण।


टीआर ब्यूरो


मुजफ्फरनगर।जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे ने आज राशन वितरण के समय कई राशन की दुकानों का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया।। जनपद में राशन वितरण प्रणाली को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से सजग है। जिला पूर्ति अधिकारी जाकिर साहब लगातार सभी राशन डीलरों को आवश्यक दिशा निर्देश देकर सभी कार्ड धारको तक राशन वितरित करवा रहे हैं। जिला पूर्ति अधिकारी जाकिर अहमद ने सभी राशन डीलरों को निर्देशित कर रखा है कि राशन वितरण प्रणाली में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए सोशल डिस्टेंस का ध्यान रखते हुए ही राशन वितरित करें और ई पास मशीन का इस्तेमाल करने से पहले अंगूठे को साफ करके ही ई पास मशीन का इस्तेमाल करें।


162 रुपए सस्ता हुआ गैर सब्सिडी वाला गैस सिलेंडर।

टीआर ब्यूरो


नई दिल्ली।लॉक डाउन में गृहणियों को केंद्र सरकार की राहत। तीसरी बार एलपीजी सिलेंडर की कीमत कटौती की गई है। मई महीने में एलपीजी सिलेंडर के दाम में 162.50 की कटौती की गई है। तेल विपणन कंपनियां द्वारा हर महीने की एक तारीख को एलपीजी सिलेंडर के दामों की समीक्षा की जाती है। कटौती के बाद दिल्ली में  14.2 किलोग्राम के गैर-सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 744 रुपये से घटाकर 581.50 हो गई है। 
मुंबई में एलपीजी सिलेंडर की कीमत 579 हो गई है, जबकि पहले एलपीजी सिलेंडर की कीमत 714.50 थी। कोलकाता में सिलेंडर की कीमत में 190 रुपये की कटौती हुई है। अब यहां एक सिलेंडर 584.50 का हो गया है। वहीं चेन्नई में एलपीजी सिलेंडर की कीमत 569.50 रुपये हो गई है। कंपनियों द्वारा एलपीजी सिलेंडर की दरें हर महीने के पहले दिन बदली की जाती हैं, पहले ही दो महीनों से कीमतों में कटौती हो रही है जबकि पिछले साल अगस्त से कीमतें बढ़ रही थीं।
25 मार्च से शुरू हुए कोरोना लॉकडाउन के बाद से देश के अधिकांश हिस्सों में एलपीजी सिलेंडरों की खरीद को लेकर घबराहट देखी गई है। खुदरा विक्रेता इस बात पर जोर दे रहे हैं कि देश में एलपीजी सिलेंडर की कोई कमी नहीं है और स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए गैस का पर्याप्त भंडार है।
भारत के सबसे बड़े ईंधन रिटेलर इंडियन ऑयल कार्पोरेशन लिमिटेड (IOC) ने कहा कि उसने अप्रैल में बिक्री में 20% की वृद्धि दर्ज की है। भारत में एलपीजी सिलेंडरों की कीमत मुख्य रूप से दो कारकों पर निर्भर है - एलपीजी की अंतरराष्ट्रीय कीमतें, अमेरिकी डॉलर और रुपये की विनिमय दर।
हर घर को एक साल में सब्सिडी वाली दरों पर 14.2 किलो के 12 सिलेंडर दिए जाते हैं। इससे आगे अगर कोई भी गैस सिलेंडर लेता है तो उसे बाजार कीमत पर खरीदना होता है। PAHAL (एलपीजी के प्रत्यक्ष लाभ अंतरण) योजना के तहत, उपभोक्ताओं को सब्सिडी दर पर एलपीजी सिलेंडर मिलता है।


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