शुक्रवार, 1 मई 2020

हर हफ्ते होगी ग्रीन और रेड जोन की समीक्षा-रेड जोन में 3 मई के बाद भी छूट नहीं


नई दिल्ली। पूरे देश में लॉकडाउन  में सरकार ने तीन मई के बाद छूट देने की योजना बना ली है। गृह मंत्रालय ने कोरोना के मामलों को देखते हुए देश के सभी जिलों को ग्रीन, ऑरेंज और रेड जोन में बांट दिया है। जल्द ही सरकार ऑरेंज और ग्रीन जोन में छूट देने का ऐलान कर सकती है। गृह मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि जिलों को दिए गए जोन का स्टेट्स स्थायी नहीं है। इसकी हर हफ्ते समीक्षा की जाएगी और उसी आधार पर जोन में बदलाव किया जाएगा।


कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या, डबलिंग रेट और दूसरे पहलुओं को ध्यान में खते हुए ये बंटवारा किया गया है। मौटे तौर पर समझ सकते हैं कि ज्यादा केस होने पर रेड, उससे कम पर ऑरेंज और बहुत कम केस होने पर ग्रीन जोन में जिले को रखा गया है। इसी आधार पर 3 मई को लॉकडाउन खत्म होने के बाद छूट मिलेगी। ग्रीन जोन में ज्यादातर कामकाज की इजाजत होगी। ऑरेंज जोन में कुछ शर्तों के साथ अनुमति मिलेगी लेकिन रेड जोन में 3 मई के बाद भी छूट नहीं दी जाएगी।
गृह मंत्रालय के मुताबिक मौजूदा समय में देश के 130 जिले रेड, 284 ऑरेंज और 319 जिले ग्रीन जोन में हैं। वहीं राज्य सरकार को निर्देश दिए गए हैं कि रेड जोन में हॉटस्पॉट वाले इलाकों का चयन कर करके गृह मंत्रालय को सूचित किया जाए। हर हफ्ते स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय हालात की समीक्षा करेंगे। साथ ही उसी आधार पर जोन की लिस्ट फिर से बनाई जाएगी। फिलहाल ग्रीन और ऑरेंज जोन में तीन मई के बाद छूट देने की योजना है। गृह मंत्रालय के मुताबिक किसी जिले को ग्रीन जोन में तभी शामिल किया जाएगा, जब वहां 21 दिनों तक कोई नया मामला नहीं आएगा। वहीं छूट भी कोरोना के मरीजों की संख्या पर निर्भर करेगी। गृह मंत्रालय के मुताबिक हॉटस्पॉट वाले इलाकों में घर-घर जाकर स्क्रीनिंग करने की योजना है।


इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सारे बॉर्डर को पूरी तरह सील करने के आदेश दिए हैं। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश के बार्डर को पूरी तरह सील करें, सीमावर्ती क्षेत्रों में सतर्कता बरती जाए। नेपाल राष्ट्र सहित अन्य राज्यों से बगैर अनुमति कोई प्रदेश में आने न पाए। योगी आदित्यनाथ ने  कहा कि 10 लाख लोगों के लिए तत्काल क्वारंटीन सेन्टर व शेल्टर होम और कम्युनिटी किचन तैयार किए जाएं, जहां आने वाले प्रवासी मजदूरों को तात्कालिक रूप से रखा जा सके। क्वारंटीन सेन्टर व शेल्टर होम स्थापना के लिए बड़े कालेजों का उपयोग किया जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि नोएडा के साथ दिल्ली से भी उत्तर प्रदेश के छात्र-छात्राओं को वापस लाने के लिए वहां की सरकार से सम्पर्क किया जाए। उन्होंने कहा कि नोएडा, गाजियाबाद तथा अलीगढ़ से प्रदेश के विभिन्न जनपदों में वापस जाने वाले छात्रों की सूची तैयार करायी जाए।


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