शुक्रवार, 19 नवंबर 2021

नई मंडी में ज्वैलर्स की दुकान में हुई चोरी का भी खुलासा, तीन गिरफ्तार

 


मुजफ्फरनगर। 04 मूर्ति, 01 लाख 05 हजार रुपये सहित घुमंतु जाति गैंग के 03 अभियुक्त गिरफ्तार

 रात्रि को थानाक्षेत्र नई मण्डी स्थित पंकज ज्वैलर्स की दुकान में अज्ञात चोरों द्वारा चोरी की घटना को कारित किया गया था जिसके सम्बन्ध में थाना नई मण्डी पर सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया था।

 थाना नई मण्डी पुलिस द्वारा उक्त अभियोग का सफल अनावरण करते हुए 03 अभियुक्तों को चोडी गली रेलवे स्टेशन रास्ते से गिरफ्तार किया गया।


*गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम-*

*1.* मुकिम पुत्र अली मिया निवासी बिलासपुर चांद थाना बिलासपुर जनपद रामपुर।

*2.* डम्मी पुत्र शादिक निवासी उपरोक्त।

*3 इस्लाम पुत्र नदीम मिया निवासी उपरोक्त।

बरामदगी- 01 लाख 05 हजार रुपये नकद

 04 सफेद मूर्ति 

बरामद मूर्ति चोरी के अभियोग से सम्बन्धित है तथा नकद रुपये अभियुक्तों द्वारा चोरी किये माल को बेचकर अर्जित किये गये है।

अपराध कारित करने का तरीका गिरफ्तार अभियुक्तगण घुमंतु जाति गैंग से सम्बन्धित है, जो डेरो में रहकर शहर-शहर ट्रेनों के माध्यम से घूमते है तथा शहर के बाहर डेला डालकर अथवा रेलवे स्टेशन पर रहते है। दिन के समय मार्किट व बाजारों में महिलाओं व बच्चों को साथ रखते हुए रेकी करते है तथा रात के समय चोरी करते है। चोरी/घटना करने के पश्चात गैंग के सदस्य ट्रेन से निकल जाते है तथा चोरी किये माल को दूसरे शहर में बेच देते है। गैंग के सदस्य घटना करते समय मोबाइल का प्रयोग नही करते।

कृषि कानूनों की वापसी के एलान से व्यापरियों और किसानो में खुशी की लहर

 



मुजफ्फरनगर । गुरु प्रकाश पर्व पर  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा तीनों कृषि बिल वापस लिए जाने पर व्यापारी नेता संजय मित्तल ने कहा कि देर से ही सही प्रधानमंत्री ने कृषि बिल वापिस लिए हैं हम विशेष तौर पर भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता किसान नेता  राकेश टिकैत का व उनकी पूरी टीम का व मीडिया बंधुओं का तथा  प्रधानमंत्री का हार्दिक धन्यवाद करता हूं तथा जो लोग इस आंदोलन से जुड़े रहे या जो समर्थन में भी नहीं थे उनका भी धन्यवाद करते हैं व्यापारी और किसान एक गाड़ी के दो पहिए हैं चिरकाल से देश के अंदर यह व्यवस्था रही है कि किसान अपना माल मंडियों के अंदर ले करके आता है और व्यापारी उसके माल की सही कीमत दिला कर उसको भुगतान करता है अगर यह किसी कारण कृषि बिल वापस नहीं होते तो मंडियों की व्यवस्था समाप्त हो जाती आज किसानों ने और व्यापारियों ने गुड मंडी के गेट पर एक साथ मिलकर खुशी का इजहार किया इस मौके पर चौधरी चरण सिंह टिकैत संजय मित्तल संदीप चौधरी सुरेंद्र बंसल धर्मेंद्र मुखिया अनुज सिंघल धर्मवीर बालियान श्याम सुंदर राजेश गोयल चिरंजीलाल संजय अग्रवाल संदीप गुप्ता श्याम सुंदर सुनील कुमार विवेक गर्ग अमित बंसल बाबू खा राजीव जैन आदि किसान व व्यापारी उपस्थित थे

मुजफ्फरनगर में साइबर हेल्प सेन्टर ने वापस कराये 51,500 रुपये

 


मुजफ्फरनगर । विवेक सैनी निवासी मनव्वरपुर कलां थाना मन्सूरपुर, मुजफ्फरनगर द्वारा साइबर हेल्प सेन्टर को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि अज्ञात व्यक्ति (साइबर ठग) द्वारा फोन करके रम्मीरायल एप्प के माध्यम 16500/- रुपये स्थान्तरित करा लिए गये है।

साइबर हेल्प सेन्टर द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए रम्मीरायल को फ्रॉड से अवगत कराया गया तथा 16,500 रूपये की सम्पूर्ण धनराशि को आवेदक के खाते में वापस कराया गया। 

 आवेदिका अनषिका जैन निवासी प्रेमपुरी थाना कोतवाली नगर, मुजफ्फरनगर द्वारा साइबर हेल्प सेन्टर को प्रार्थना पत्र देकर बताया कि अज्ञात व्यक्ति(साइबर ठग) द्वारा परिचित बनकर फोन पे के माध्यम से 35,000 रुपये धोखाधडी से स्थान्तरित करा लिए गये है।

साइबर हेल्प सेन्टर द्वारा तत्काल कार्यवाही करते हुए फोन पे तथा पेटीएम को फ्रॉड से अवगत कराया गया तथा 35 हजार रूपये की सम्पूर्ण धनराशि को आवेदिका के खाते में वापस कराया गया।

आवेदकों द्वारा साईबर हेल्प सेन्टर द्वारा की गयी तत्काल कार्यवाही के लिए धन्यवाद दिया गया।

प्रधानमंत्री पर किसानों को भरोसा नहीं : राकेश टिकैत

 


गाजीपुर। पिछले एक साल से अधिक समय तक विवादों में रहने वाले तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला हो गया है। पीएम मोदी ने देश को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया है और प्रदर्शनकारी किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की, वही किसान नेता राकेश टिकैत अब भी आंदोलन खत्म करने के लिए राजी नहीं हैं। नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान आंदोलन खत्म नहीं होगा। इससे लग रहा है कि दिल्ली के बॉर्डर अब भी नहीं खुलेंगे।

प्रधान मंत्री मोदी के ऐलान के तुरंत बाद राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा है कि किसान आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी सरकार बातचीत करें।' वहीं दूसरी राकेश टिकैत ने कहा कि अभी तो संकेत दिया है। फैसला तो तब होगा, जब संसद से कृषि कानूनों वापस लिया जाएगा । इसके अलावा एमएसपी और बिजली कानून के मुद्दों पर भी सरकार को बात करनी चाहिए। पीएम नरेंद्र मोदी की बात पर विश्वास न होने के सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि मुझे अब भी यकीन नहीं है। 29 तारीख को संसद में कानून वापसी का प्रस्ताव रखे जाने तक हम कहीं वापस जाने वाले नहीं हैं।प्रधानमंत्री मोदी की इस घोषणा के बाद भारतीय किसान यूनियन उगराहां धड़े के नेता जोगिंदर सिंह उगराहां ने कहा, ''गुरुपरब पर कृषि कानून निरस्त करने का निर्णय प्रधानमंत्री का अच्छा कदम है। उन्होंने कहा, ''सभी किसान संघ एकसाथ बैठेंगे और आगे के मार्ग के बारे में तय करेंगे। बता दें कि दिल्ली की सीमाओं पर बीते एक साल से अधिक समय से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं और इन तीनों कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग कर रहे थे। 

इधर प्रधानमंत्री ने गुरु नानक जयंती के अवसर पर कहा कि पांच दशक के अपने सार्वजनिक जीवन में मैंने किसानों की मुश्किलों, चुनौतियों को बहुत करीब से अनुभव किया है। उन्होंने कहा कि कृषि बजट में पांच गुना बढ़ोतरी की गई है, हर साल 1.25 लाख करोड़ रुपए से अधिक राशि खर्च की जा रही है।पीएम मोदी ने कहा कि उनकी सरकार तीन नये कृषि कानून के फायदों को किसानों के एक वर्ग को तमाम प्रयासों के बावजूद समझाने में नाकाम रही। उन्होंने कहा कि इन तीनों कृषि कानूनों का लक्ष्य किसानों विशेषकर छोटे किसानों का सशक्तीकरण था। उन्होंने घोषणा की कि इन तीनों कानूनों को निरस्त किया जाएगा और इसके लिए संसद के आगामी सत्र में विधेयक लाया जाएगा।

नई मंडी थाना क्षेत्र में बस से कुचलकर वृद्ध की मौत


 मुजफ्फरनगर। तेज रफ्तार से आ रही बस ने वृद्ध को कुचला जिस की मौके पर मौत हो गई। 

मिली जानकारी के अनुसार नई मंडी थाना क्षेत्र के जानसठ रोड के प्रेम विहार के सामने तेज रफ्तार से आ रही बस ने वृद्ध को कुचल दिया जिस की मौके पर ही मौत हो गई।

शहर कोतवाली क्षेत्र में लाखों की चोरी से हड़कंप



 मुजफ्फरनगर । थाना शहर कोतवाली क्षेत्र स्थित मोहल्ला किदवई नगर में रिजवान पुत्र जमीर के बंद पड़े मकान में चोरों ने किया लाखों रुपए के माल पर हाथ साफ पड़ोसियों ने खुला गेट देख कर दी जमीर को फोन पर सूचना मौके पर मोहल्ले वासियों का जमावड़ा पुलिस को दी गई चोरी की सूचना पुलिस जांच पड़ताल में जुट गई हैं। 



नानक नाम जहाज है चढ़े सो उतरे पार

 


*श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाशोत्सव (19 नवंबर) की हार्दिक शुभकामनाएं*


*श्री गुरु नानक देव जी की महानता एवं उनका दिव्य इतिहास*

 

🚩गुरु नानकजी ने अपने व्यक्तित्व में संत, योगी, पैगम्बर, दार्शनिक, राजयोगी, गृहस्थ, त्यागी, धर्म-सुधारक, समाज-सुधारक, कवि, संगीतज्ञ, देशभक्त, विश्वबन्धु आदि सभी के गुण उत्कृष्ट मात्रा में समेटे हुए थे।


*🚩गुरु नानक जी का परिचय*


🚩पंजाब के तलवंडी में 1469 को एक किसान के घर गुरु नानकजी का जन्म हुआ । यह स्थान लाहौर से 30 मील पश्चिम में स्थित है। अब यह 'नानकाना साहब' कहलाता है। तलवंडी का नाम आगे चलकर नानक के नाम पर ननकाना पड़ गया। नानक के पिता का नाम कालू एवं माता का नाम तृप्ता था। उनके पिता खत्री जाति एवं बेदी वंश के थे। वे कृषि और साधारण व्यापार करते थे और गाँव के पटवारी भी थे।


🚩नानकदेवजी के जन्म के समय प्रसूति गृह अलौकिक ज्योत से भर उठा। शिशु के मस्तक के आसपास तेज आभा फैली हुई थी, चेहरे पर अद्भुत शांति थी। पिता बाबा कालूचंद्र बेदी और माता त्रिपता ने बालक का नाम नानक रखा। गाँव के पुजारी पुरोहित पंडित हरदयाल ने जब बालक के बारे में सुना तो उन्हें समझने में देर न लगी कि इसमें जरूर ईश्वर का कोई रहस्य छुपा हुआ है।

जीती नौखंड मेदनी सतिनाम दा चक्र चलाया, भया आनंद जगत बिच कल तारण गुरू नानक आया।


🚩गुरु नानक देव की बाल्यावस्था गाँव में व्यतीत हुई। बाल्यावस्था से ही उनमें असाधारणता और विचित्रता थी। उनके साथी जब खेल-कूद में अपना समय व्यतीत करते तो वे नेत्र बन्द कर आत्म-चिन्तन में निमग्न हो जाते थे। इनकी इस प्रवृत्ति से उनके पिता कालू चिन्तित रहते थे।


*🚩आरंभिक जीवन*


🚩सात वर्ष की आयु में वे पढ़ने के लिए गोपाल अध्यापक के पास भेजे गये। एक दिन जब वे पढ़ाई से विरक्त हो, अन्तर्मुख होकर आत्म-चिन्तन में निमग्न थे, अध्यापक ने पूछा- पढ़ क्यों नहीं रहे हो? गुरु नानक का उत्तर था- मैं सारी विद्याएँ और वेद-शास्त्र जानता हूँ। गुरु नानक देव ने कहा- मुझे तो सांसारिक पढ़ाई की अपेक्षा परमात्मा की पढ़ाई अधिक आनन्दायिनी प्रतीत होती है, यह कहकर निम्नलिखित वाणी का उच्चारण किया- मोह को जलाकर (उसे) घिसकर स्याही बनाओ, बुद्धि को ही श्रेष्ठ काग़ज़ बनाओ, प्रेम की क़लम बनाओ और चित्त को लेखक। गुरु से पूछ कर विचारपूर्वक लिखो (कि उस परमात्मा का) न तो अन्त है और न सीमा है। इस पर अध्यापक जी आश्चर्यान्वित हो गये और उन्होंने गुरु नानक को पहुँचा हुआ फ़क़ीर समझकर कहा- तुम्हारी जो इच्छा हो सो करो। इसके पश्चात् गुरु नानक ने स्कूल छोड़ दिया। वे अपना अधिकांश समय मनन, ध्यानासन, ध्यान एवं सत्संग में व्यतीत करने लगे।


🚩गुरु नानक से सम्बन्धित सभी जन्म साखियाँ इस बात की पुष्टि करती हैं कि उन्होंने विभिन्न सम्प्रदायों के साधु-महत्माओं का सत्संग किया था। उनमें से बहुत से ऐसे थे, जो धर्मशास्त्र के प्रकाण्ड पण्डित थे। अन्त: साक्ष्य के आधार पर यह भलीभाँति सिद्ध हो जाता है कि गुरु नानक ने फ़ारसी का भी अध्ययन किया था। 'गुरु ग्रन्थ साहब' में गुरु नानक द्वारा कुछ पद ऐसे रचे गये हैं, जिनमें फ़ारसी शब्दों का आधिक्य है।


*🚩बचपन*


🚩गुरु नानक की अन्तमुंखी-प्रवृत्ति तथा विरक्ति-भावना से उनके पिता कालू चिन्तित रहा करते थे। नानक को विक्षिप्त समझकर कालू ने उन्हें भैंसे चराने का काम दिया। भैंसे चराते-चराते नानक जी सो गये। भैंसें एक किसान के खेत में चली गयीं और उन्होंने उसकी फ़सल चर डाली। किसान ने इसका उलाहना दिया किन्तु जब उसका खेत देखा गया, तो सभी आश्चर्य में पड़े गये। फ़सल का एक पौधा भी नहीं चरा गया था। 9 वर्ष की अवस्था में उनका यज्ञोपवीत संस्कार हुआ। यज्ञोपवीत के अवसर पर उन्होंने पण्डित से कहा - दया कपास हो, सन्तोष सूत हो, संयम गाँठ हो, (और) सत्य उस जनेउ की पूरन हो। यही जीव के लिए (आध्यात्मिक) जनेऊ है। ऐ पाण्डे यदि इस प्रकार का जनेऊ तुम्हारे पास हो, तो मेरे गले में पहना दो, यह जनेऊ न तो टूटता है, न इसमें मैल लगता है, न यह जलता है और न यह खोता ही है।


*🚩विवाह*


🚩सन 1485 ई. में नानक का विवाह बटाला निवासी, मूला की कन्या सुलक्खनी से हुआ। उनके वैवाहिक जीवन के सम्बन्ध में बहुत कम जानकारी है। 28 वर्ष की अवस्था में उनके बड़े पुत्र श्रीचन्द का जन्म हुआ। 31 वर्ष की अवस्था में उनके द्वितीय पुत्र लक्ष्मीदास अथवा लक्ष्मीचन्द उत्पन्न हुए। गुरु नानक के पिता ने उन्हें कृषि, व्यापार आदि में लगाना चाहा किन्तु उनके सारे प्रयास निष्फल सिद्ध हुए। घोड़े के व्यापार के निमित्त दिये हुए रुपयों को गुरु नानक ने साधुसेवा में लगा दिया और अपने पिताजी से कहा कि यही सच्चा व्यापार है।


🚩नवम्बर, सन् 1504 ई. में उनके बहनोई जयराम (उनकी बड़ी बहिन नानकी के पति) ने गुरु नानक को अपने पास सुल्तानपुर बुला लिया। नवम्बर, 1504 ई. से अक्टूबर 1507 ई. तक वे सुल्तानपुर में ही रहें अपने बहनोई जयराम के प्रयास से वे सुल्तानपुर के गवर्नर दौलत ख़ाँ के यहाँ मादी रख लिये गये। उन्होंने अपना कार्य अत्यन्त ईमानदारी से पूरा किया। वहाँ की जनता तथा वहाँ के शासक दौलत ख़ाँ नानक के कार्य से बहुत सन्तुष्ट हुए। वे अपनी आय का अधिकांश भाग ग़रीबों और साधुओं को दे देते थे। कभी-कभी वे पूरी रात परमात्मा के भजन में व्यतीत कर देते थे। मरदाना तलवण्डी से आकर यहीं गुरु नानक का सेवक बन गया था और अन्त तक उनके साथ रहा।


🚩गुरु नानक देव अपने पद गाते थे और मरदाना रवाब बजाता था। गुरु नानक नित्य प्रात: बेई नदी में स्नान करने जाया करते थे। कहते हैं कि एक दिन वे स्नान करने के पश्चात् वन में अन्तर्धान हो गये। उन्हें परमात्मा का साक्षात्कार हुआ। परमात्मा ने उन्हें अमृत पिलाया और कहा- मैं सदैव तुम्हारे साथ हूँ, मैंने तुम्हें आनन्दित किया है। जो तुम्हारे सम्पर्क में आयेगें, वे भी आनन्दित होगें। जाओ नाम में रहो, दान दो, उपासना करो, स्वयं नाम लो और दूसरों से भी नाम स्मरण कराओं। इस घटना के पश्चात् वे अपने परिवार का भार अपने श्वसुर मूला को सौंपकर विचरण करने निकल पड़े और धर्म का प्रचार करने लगे। मरदाना उनकी यात्रा में बराबर उनके साथ रहा।


*🚩यात्राएँ*


🚩गुरु नानक की पहली 'उदासी' (विचरण यात्रा) अक्तूबर , 1507 ई. में 1515 ई. तक रही। इस यात्रा में उन्होंने हरिद्वार, अयोध्या, प्रयाग, काशी, गया, पटना, असम, जगन्नाथपुरी, रामेश्वर, सोमनाथ, द्वारिका, नर्मदातट, बीकानेर, पुष्कर तीर्थ, दिल्ली, पानीपत, कुरुक्षेत्र, मुल्तान, लाहौर आदि स्थानों में भ्रमण किया। उन्होंने बहुतों का हृदय परिवर्तन किया। ठगों को साधु बनाया, वेश्याओं का अन्त:करण शुद्ध कर नाम का दान दिया, कर्मकाण्डियों को बाह्याडम्बरों से निकालकर रागात्मिकता भक्ति में लगाया, अहंकारियों का अहंकार दूर कर उन्हें मानवता का पाठ पढ़ाया। यात्रा से लौटकर वे दो वर्ष तक अपने माता-पिता के साथ रहे।


🚩उनकी दूसरी 'उदासी' 1517 ई. से 1518 ई. तक यानी एक वर्ष की रही। इसमें उन्होंने ऐमनाबाद, सियालकोट, सुमेर पर्वत आदि की यात्रा की और अन्त में वे करतारपुर पहुँचे।


🚩तीसरी 'उदासी' 1518 ई. से 1521 ई. तक लगभग तीन वर्ष की रही। इसमें उन्होंने रियासत बहावलपुर, साधुबेला (सिन्धु), मक्का, मदीना, बग़दाद, बल्ख बुखारा, क़ाबुल, कन्धार, ऐमानाबाद आदि स्थानों की यात्रा की। 1521 ई. में ऐमराबाद पर बाबर का आक्रमण गुरु नानक ने स्वयं अपनी आँखों से देखा था। अपनी यात्राओं को समाप्त कर वे करतारपुर में बस गये और 1521 ई. से 1539 ई. तक वहीं रहे।


*🚩व्यक्तित्व*


🚩गुरुनानक का व्यक्तित्व असाधारण था। उनमें पैगम्बर, दार्शनिक, राजयोगी, गृहस्थ, त्यागी, धर्म-सुधारक, समाज-सुधारक, कवि, संगीतज्ञ, देशभक्त, विश्वबन्धु सभी के गुण उत्कृष्ट मात्रा में विद्यमान थे। उनमें विचार-शक्ति और क्रिया-शक्ति का अपूर्व सामंजस्य था। उन्होंने पूरे देश की यात्रा की। लोगों पर उनके विचारों का असाधारण प्रभाव पड़ा। उनमें सभी गुण मौजूद थे। पैगंबर, दार्शनिक, राजयोगी, गृहस्थ, त्यागी, धर्मसुधारक, कवि, संगीतज्ञ, देशभक्त, विश्वबंधु आदि सभी गुण जैसे एक व्यक्ति में सिमट कर आ गए थे। उनकी रचना 'जपुजी' का सिक्खों के लिए वही महत्त्व है जो हिंदुओं के लिए गीता का है।


*🚩रचनाएँ और शिक्षाएँ*


'🚩श्री गुरु-ग्रन्थ साहब' में उनकी रचनाएँ 'महला 1' के नाम से संकलित हैं। गुरु नानक की शिक्षा का मूल निचोड़ यही है कि परमात्मा एक, अनन्त, सर्वशक्तिमान, सत्य, कर्त्ता, निर्भय, निर्वर, अयोनि, स्वयंभू है। वह सर्वत्र व्याप्त है। मूर्ति-पूजा आदि निरर्थक है। बाह्य साधनों से उसे प्राप्त नहीं किया जा सकता। आन्तरिक साधना ही उसकी प्राप्ति का एक मात्र उपाय है। गुरु-कृपा, परमात्मा कृपा एवं शुभ कर्मों का आचरण इस साधना के अंग हैं। नाम-स्मरण उसका सर्वोपरि तत्त्व है, और 'नाम' गुरु के द्वारा ही प्राप्त होता है। गुरु नानक की वाणी भक्ति, ज्ञान और वैराग्य से ओत-प्रोत है। उनकी वाणी में यत्र-तत्र तत्कालीन राजनीतिक, धार्मिक एवं सामाजिक स्थिति की मनोहर झाँकी मिलती है, जिसमें उनकी असाधारण देश-भक्ति और राष्ट्र-प्रेम परिलक्षित होता है। उन्होंने हिंन्दूओं-मुसलमानों दोनों की प्रचलित रूढ़ियों एवं कुसंस्कारों की तीव्र भर्त्सना की है और उन्हें सच्चे हिन्दू अथवा सच्चे मुसलमान बनने की विधि बतायी है। सन्त-साहित्य में गुरु नानक ही एक ऐसे व्यक्ति हैं; जिन्होंने स्त्रियों की निन्दा नहीं की, अपितु उनकी महत्ता स्वीकार की है। गुरुनानक देव जी ने अपने अनु‍यायियों को जीवन की दस शिक्षाएँ दी-


🚩1). ईश्वर एक है।

🚩2). सदैव एक ही ईश्वर की उपासना करो।

🚩3). ईश्वर सब जगह और प्राणी मात्र में मौजूद है।

🚩4). ईश्वर की भक्ति करने वालों को किसी का भय नहीं रहता।

🚩5). ईमानदारी से और मेहनत कर के उदरपूर्ति करनी चाहिए।

🚩6). बुरा कार्य करने के बारे में न सोचें और न किसी को सताएँ।

🚩7). सदैव प्रसन्न रहना चाहिए। ईश्वर से सदा अपने लिए क्षमा माँगनी चाहिए।

🚩8). मेहनत और ईमानदारी की कमाई में से ज़रूरतमंद को भी कुछ देना चाहिए।

🚩9). सभी स्त्री और पुरुष बराबर हैं।

🚩10).भोजन शरीर को ज़िंदा रखने के लिए ज़रूरी है पर लोभ-लालच व संग्रहवृत्ति बुरी है।


*🚩भक्त कवि गुरु नानक*


पंजाब में मुसलमान बहुत दिनों से बसे थे जिससे वहाँ उनके कट्टर 'एकेश्वरवाद' का संस्कार धीरे - धीरे प्रबल हो रहा था। लोग बहुत से देवी देवताओं की उपासना की अपेक्षा एक ईश्वर की उपासना को महत्व और सभ्यता का चिह्न समझने लगे थे। शास्त्रों के पठन पाठन का क्रम मुसलमानों के प्रभाव से प्राय: उठ गया था जिससे धर्म और उपासना के गूढ़ तत्व को समझने की शक्ति नहीं रह गई थी। अत: जहाँ बहुत से लोग जबरदस्ती मुसलमान बनाए जाते थे । ऐसी दशा में कबीर द्वारा प्रवर्तित 'निर्गुण संत मत' एक बड़ा भारी सहारा समझ पड़ा।


*🚩निर्गुण उपासना*


🚩गुरुनानक आरंभ से ही भक्त थे अत: उनका ऐसे मत की ओर आकर्षित होना स्वाभाविक था, जिसकी उपासना का स्वरूप हिंदुओं और मुसलमानों दोनों को समान रूप से ग्राह्य हो। उन्होंने घर बार छोड़ बहुत दूर दूर के देशों में भ्रमण किया जिससे उपासना का सामान्य स्वरूप स्थिर करने में उन्हें बड़ी सहायता मिली। अंत में कबीरदास की 'निर्गुण उपासना' का प्रचार उन्होंने पंजाब में आरंभ किया और वे सिख संप्रदाय के आदिगुरु हुए। कबीरदास के समान वे भी कुछ विशेष पढ़े लिखे न थे। भक्तिभाव से पूर्ण होकर वे जो भजन गाया करते थे उनका संग्रह (संवत् 1661) ग्रंथसाहब में किया गया है। ये भजन कुछ तो पंजाबी भाषा में हैं और कुछ देश की सामान्य काव्य भाषा हिन्दी में हैं। यह हिन्दी कहीं तो देश की काव्यभाषा या ब्रजभाषा है, कहीं खड़ी बोली जिसमें इधर उधर पंजाबी के रूप भी आ गए हैं, जैसे चल्या, रह्या। भक्त या विनय के सीधे सादे भाव सीधी सादी भाषा में कहे गए हैं, कबीर के समान अशिक्षितों पर प्रभाव डालने के लिए टेढ़े मेढ़े रूपकों में नहीं। इससे इनकी प्रकृति की सरलता और अहंभावशून्यता का परिचय मिलता है। संसार की अनित्यता, भगवद्भक्ति और संत स्वभाव के संबंध में उन्होंने कहा हैं -


🚩इस दम दा मैनूँ कीबे भरोसा, आया आया, न आया न आया।

यह संसार रैन दा सुपना, कहीं देखा, कहीं नाहि दिखाया।

सोच विचार करे मत मन मैं, जिसने ढूँढा उसने पाया।

नानक भक्तन दे पद परसे निसदिन राम चरन चित लाया जो नर दु:ख में दु:ख नहिं मानै।


🚩सुख सनेह अरु भय नहिं जाके, कंचन माटी जानै

नहिं निंदा नहिं अस्तुति जाके, लोभ मोह अभिमाना।

हरष सोक तें रहै नियारो, नाहि मान अपमाना

आसा मनसा सकल त्यागि कै जग तें रहै निरास।


🚩काम, क्रोध जेहि परसे नाहि न तेहिं घट ब्रह्म निवासा

गुरु किरपा जेहि नर पै कीन्हीं तिन्ह यह जुगुति पिछानी।

नानक लीन भयो गोबिंद सो ज्यों पानी सँग पानी।


*🚩प्रकृति चित्रण*


🚩गुरु नानक की कविता में कहीं-कहीं प्रकृति का बड़ा सुन्दर चित्रण मिलता है। 'तखारी' राग के बारहमाहाँ (बारहमासा) में प्रत्येक मास का हृदयग्राही वर्णन है। चैत्र में सारा वन प्रफुल्लित हो जाता है, पुष्पों पर भ्रमरों का गुंजन बड़ा ही सुहावना लगता है। वैशाख में शाखाएँ अनेक वेश धारण करती हैं। इसी प्रकार ज्येष्ठ-आषाढ़ की तपती धरती, सावन-भादों की रिमझिम, दादर, मोर, कोयलों की पुकारें, दामिनी की चमक, सर्पों एवं मच्छरों के दर्शन आदि का रोचक वर्णन है। प्रत्येक ऋतु की विशेषताओं की ओर संकेत किया गया है।


*🚩पंजासाहब*


🚩सिक्ख तीर्थ पेशावर जाने वाले मार्ग पर तक्षशिला से एक स्टेशन आगे तथा हसन अब्दाल से दो मील दक्षिण में पंजासाहब स्थान स्थित है।


*🚩राग और रस*


🚩गुरु नानक की वाणी में शान्त एवं शृंगार रस की प्रधानता है। इन दोनों रसों के अतिरिक्त, करुण, भयानक, वीर, रौद्र, अद्भुत, हास्यऔर वीभत्स रस भी मिलते हैं। उनकी कविता में वैसे तो सभी प्रसिद्ध अलंकार मिल जाते हैं, किन्तु उपमा और रूपक अलंकारों की प्रधानता है। कहीं-कहीं अन्योक्तियाँ बड़ी सुन्दर बन पड़ी हैं। गुरु नानक ने अपनी रचना में निम्नलिखित उन्नीस रागों के प्रयोग किये हैं- सिरी, माझ, गऊड़ी, आसा, गूजरी, बडहंस, सोरठि, धनासरी, तिलंग, सही, बिलावल, रामकली, मारू, तुखारी, भरेउ, वसन्त, सारंग, मला, प्रभाती।


*🚩भाषा*


🚩भाषा की दृष्टि से गुरु नानक की वाणी में फ़ारसी, मुल्तानी, पंजाबी, सिंधी, ब्रजभाषा, खड़ीबोली आदि के प्रयोग हुए हैं। संस्कृत, अरबीऔर फ़ारसी के अनेक शब्द ग्रहण किये गये हैं। 1521 तक इन्होंने तीन यात्राचक्र पूरे किए, जिनमें भारत, फ़ारस और अरब के मुख्य-मुख्य स्थानों का भ्रमण किया।


*🚩मृत्यु (ब्रह्मलीन)*


🚩गुरु नानक सन् 1539 ई. में गुरुगद्दी का भार गुरु अंगददेव (बाबा लहना) को सौंप दिया और स्वयं करतारपुर में 'ज्योति' में लीन हो गए। गुरु नानक आंतरिक साधना को सर्वव्यापी परमात्मा की प्राप्ति का एकमात्र साधन मानते थे। वे रूढ़ियों के कट्टर विरोधी थे। गुरु नानक अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबंधु--सभी के गुण समेटे हुए थे।


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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की तीनों कृषि कानूनों के वापसी की घोषणा


 नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्र को संबोधित करते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। उन्होंने इस मुद्दे पर आंदोलन कर रहे किसानों को घर वापस लौटने की अपील की। आपको बता दें कि इन तीनों कानूनों को वापस लेने के लिए लंबे समय से कुछ किसान संगठन विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। 
आज प्रात;प्रधान मंत्री आदरणीय नरेंद्र मोदी जी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए देव दीपावली व प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं दी। उसके बाद प्रधानमंत्री जी ने किसानों के बारे में विस्तार से बात की,उन्होने बताया कि देश का 80 प्रतिशत किसान के पास कम जमीन है जिसके लिए सरकार ने बहुत सी योजनाएं चलाई। प्रधान मंत्री जी ने कहा कि हम कृषि कानून के दीपक जैसे सच को किसानों को समझा नही पाए। किसानों की परेशानी के लिए माननीय प्रधानमंत्री जी ने किसानों से माफी मांगते हुए तीनो कृषि कानून वापिस करने की घोषणा करते हुए सभी किसानों से घर वापिस लौटने की अपील की। प्रधान मंत्री जी ने तीनों कृषि कानून को आगामी संसद के सत्र में कानूनी प्रक्रिया के द्वारा वापिस कर दिया जाएगा। 
पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश के कुछ किसान नेता विपक्षी पार्टी से मिलकर किसानों के नाम पर राजनीति कर रहे थे उन नेताओ व उन पार्टियों का सपना एक ही झटके में चकनाचूर हो गया। 

आज का पंचांग एवँ राशिफल 19 नवंबर 2021

 


🌞 ~ *आज का हिन्दू पंचांग* ~ 🌞

⛅ *दिनांक - 19 नवंबर 2021*

⛅ *दिन - शुक्रवार*

⛅ *विक्रम संवत - 2078*

⛅ *शक संवत -1943*

⛅ *अयन - दक्षिणायन*

⛅ *ऋतु - हेमंत* 

⛅ *मास - कार्तिक*

⛅ *पक्ष - शुक्ल* 

⛅ *तिथि - पूर्णिमा दोपहर 02:26 तक तत्पश्चात प्रतिपदा*

⛅ *नक्षत्र - कृत्तिका 20 नवम्बर प्रातः 04:29 तक तत्पश्चात रोहिणी*

⛅ *योग - परिघ 20 नवंबर प्रातः 03:52 तक तत्पश्चात शिव*

⛅ *राहुकाल - सुबह 11:01 से दोपहर 12:24 तक*

⛅ *सूर्योदय - 06:52* 

⛅ *सूर्यास्त - 17:55*

⛅ *दिशाशूल - पश्चिम दिशा में*

⛅ *व्रत पर्व विवरण - कार्तिक पूर्णिमा, देव दिवाली, कार्तिक स्नान समाप्त, गुरु नानकजी जयंती, पुष्कर मेला, तुलसी विवाह समाप्त, खंडग्रास चन्द्रग्रहण (भारत में अरुणाचल प्रदेश के सुदूर पूर्व भाग में अत्यल्य दिखेगा, वही नियम पालनीय*

💥 *विशेष - पूर्णिमा के दिन स्त्री-सहवास तथा तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)*

          🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞घर में सुख-शांति और सकारात्मक ऊर्जा के लिए हर रोज सुबह-शाम कपूर को घी में भिगोकर जलाएं और पूरे घर में उसकी खुशबू को फैलाएं। ऐसा करने से घर में नकारात्मक ऊर्जा दूर जाएगी और घर के सदस्यों के बीच आपसी प्रेम बना रहेगा। इससे घर में हमेशा सुख-शांति का वास होगा और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहेगी


🌷 *मार्गशीर्ष मास विशेष* 🌷

👉🏻 *20 नवंबर 2021 शनिवार से मार्गशीर्ष का आरम्भ हो रहा है।*

💥 *विशेष ~ (गुजरात एवं महाराष्ट्र अनुसार अभी कार्तिक मास)* 

➡ *१) मार्गशीर्ष मास में इन तीन के पाठ की बहुत ज्यादा महिमा है ..... विष्णुसहस्त्र नाम ....भगवत गीता.... और गजेन्द्रमोक्ष की खूब महिमा है...खूब पढ़ो .... दिन में २ बार -३ बार*

➡ *२) इस मास में 'श्रीमद भागवत' ग्रन्थ को देखने की भी महिमा है .... स्कन्द पुराण में लिखा है .... घर में अगर भागवत हो तो एक बार दिन में उसको प्रणाम करना*

➡ *३) इस मास में अपने गुरु को .... इष्ट को ...." ॐ दामोदराय नमः " कहते हुए प्रणाम करने की बड़ी भारी महिमा है |*

➡ *४) शंख में तीर्थ का पानी भरो और घर में जो पूजा का स्थान है उसमें भगवान - गुरु उनके ऊपर से शंख घुमाकर भगवान का नाम बोलते हुए वो जल घर की दीवारों पर छाटों ...... उससे घर में शुद्धि बढ़ती है...शांति बढ़ती है ....क्लेश झगड़े दूर होते है।*

🙏🏻

               🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *आर्थिक कष्ट निवृति योग* 🌷


➡ *20 नवम्बर 2021 शनिवार को मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा है ।*

🙏🏻 *अगर कोई आदमी गरीबी से बहुत पीड़ित हो ...पैसों की तंगी से बहुत पीड़ित हो और कर्जे का ब्याज भरते-भरते परेशान हो गया हो बहुत तकलीफ सहन करनी पड़ती हो तो मार्गशीर्ष कृष्ण प्रतिपदा को रात के समय गुरु का पुजन कर दिया ...* *मानसिक या दिया जलाकर ।*

*फिर भगवान विष्णु का स्मरन कर के*

🌷 *“मंगलम भग्वान विष्णु, मंगलम गरुध ध्वज |*

*मंगलम पुण्डरीकाक्ष, मंगलाय तनो हरि ।"*

👉🏻 *फिर 6 मंत्र बोले भगवान का स्मरण करते हुए:-*

🌷 *ॐ वैश्‍वानराय नम:*

🌷 *ॐ अग्‍नयै नम:*

🌷 *ॐ हविर्भुजै नम:*

🌷 *ॐ द्रविणोदाय नम:*

🌷 *ॐ संवर्ताय नम:*

🌷 *ॐ ज्‍वलनाय नम:*

🙏🏻 *- 

                 🌞 *~हिन्दू पंचांग ~* 🌞


🌷 *मार्गशीर्ष मास* 🌷

🔥 *इस मास में कर्पूर का दीपक जलाकर भगवान को अर्पण करनेवाला अश्वमेघ यज्ञ का फल पाता है और कुल का उद्धार कर देता है ।*

🙏🏻 *


📖 )*

              🌞 *~ हिन्दू पंचांग ~* 🌞

🙏🍀🌷🌻🌺🌸🌹🍁🙏पंचक काल,

 12 नवंबर 2021 से 16 नवंबर 2021 तक। 

 09 दिसंबर 2021 से 14 दिसंबर 2021 तक।

एकादशी व्रत

 

 

 30 नवंबर- उत्पन्ना एकादशी

 

. 14 दिसंबर- मोक्षदा एकादश

प्रदोष

02 दिसंबर- प्रदोष व्रत

31 दिसंबर- प्रदोष व्रत


 

. 30 दिसंबर- सफला एकादशी

पूर्णिमा


18 दिसंबर, शनिवार: मार्गशीर्ष पूर्णिमा

अमावस्या

मार्गशीर्ष अमावस्या- 04 दिसम्बर 2021, शनिवार


मेष दैनिक राशिफल (Aries Daily Horoscope) 

आज का दिन आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक रहेगा। आज नौकरी कर रहे जातकों की अपने किसी बड़े अधिकारियों से अनबन हो सकती है, जिसके कारण वह उनका प्रमोशन रुकवा सकते हैं। यदि ऐसा हो, तो  आपको उसमें बहसबाजी में पड़ने से बचना होगा। आज सायंकाल के समय आप अपने मित्रों के साथ लंबी दूरी की यात्रा पर भी जा सकते हैं। प्रेम जीवन जी रहे लोगों में आज एक नई ऊर्जा का संचार होगा।

वृष दैनिक राशिफल (Taurus Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए काफी मेहनत भरा रहने वाला है। विद्यार्थियों को आज परीक्षा में सफलता पाने के लिए कठिन परिश्रम की आवश्यकता है। सरकारी नौकरी से जुड़े जातकों को आज किसी महिला मित्र के सहयोग से धन लाभ मिलता दिख रहा है। सायंकाल के समय आज आपको कुछ सामाजिक योजनाओं का लाभ मिलेगा। व्यापार में भी यदि आपने पिछले कुछ समय पहले कुछ योजनाएं लागू की थी, तो वह आज आपको लाभ दे सकती हैं।


मिथुन दैनिक राशिफल (Gemini Daily Horoscope) 

आज का दिन आपके लिए मध्यम रूप से फलदायक रहेगा। आज आपको व्यापार में भी दिनभर छुटपुट लाभ के अवसर मिलते रहेंगे, जिसके कारण आप अपने दैनिक खर्चे निकालने में कामयाब रहेंगे। दांपत्य जीवन में यदि कोई वाद विवाद चल रहा था, तो वह भी आज समाप्त हो सकता है। रात्रि का समय आज आप अपने परिजनों के साथ घूमने फिरने में व्यतीत करेंगे। यदि आज नौकरी कर रहे जातक किसी दूसरी नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो उनको आज कोई अच्छा ऑफर आ सकता है।


कर्क दैनिक राशिफल (Cancer Daily Horoscope) 

आज का दिन आपके लिए मौज मस्ती भरा रहेगा। नौकरी में भी आज आप अपने आप में ही मस्त रहेंगे और किसी की आलोचना पर ध्यान नहीं देंगे। व्यापार में आज आपको अत्यधिक निवेश करने से बचना होगा। सामाजिक क्षेत्र में कार्यरत लोगों के कार्य की आज लोग तारीफ करेंगे, जिसके कारण उनके मित्रों व जन समर्थन में और भी इजाफा होगा। सायंकाल का समय आज आप अपने परिवार के सदस्यों के साथ देव दर्शन की यात्रा पर जा सकते हैं।


सिंह दैनिक राशिफल (Leo Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए उत्तम रूप से फायदा रहेगा। आज परिवार के लोग आपका हर मामले में साथ देंगे व आपको नौकरी में प्रमोशन प्राप्त हो सकता है। व्यापार में आज कुछ नई उपलब्धियां प्राप्त करने के लिए आपको कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। यदि आपका मन परेशान है, तो वह चिंताएं व्यर्थ की होगी, इसलिए उन्हें छोड़ दे। आज आपको अपने घर व व्यापार में किसी अनजान व्यक्ति से लेनदेन करने से पहले सोच विचार करना होगा।


कन्या दैनिक राशिफल (Virgo Daily Horoscope) 

आज का दिन आपके लिए मेहनत भरा रहेगा। आज आप जिस भी कार्य को मेहनत से करेंगे वही पूरा होगा। यदि आप किसी कार्य को दूसरों से करवाने की सोचेंगे, तो वह भविष्य के लिए लटक सकता है। विधार्थियो को अपने गुरुजनों का साथ व सहयोग प्राप्त होगा। यदि कोई समस्या लंबे समय से पैर पसारे हुए थी, तो वह भी आज किसी परिजन की मदद से समाप्त हो सकती है। यदि आज कोई विपरीत परिस्थिति उत्पन्न हो, तो आपको उसमें अपने क्रोध पर काबू रखना होगा।


तुला दैनिक राशिफल (Libra Daily Horoscope) 

आज का दिन आपके लिए मध्यम से फलदायक रहेगा। आज आपके घर परिवार में कुछ ऐसी समस्याएं उत्पन्न होगी, जिन्हें देखकर आपको मानसिक तनाव होगा, लेकिन फिर भी आपको धैर्य रखकर उन समस्याओं को सुलझाने की ओर ध्यान देना होगा। आज आप दिन का काफी समय दूसरों की मदद करने में व्यतीत करेंगे। सायंकाल के समय आज आप पास व दूर की यात्रा पर जाने का प्लान बना सकते है। नौकरी कर रहे जातकों को आज वेतन वृद्धि जैसी कोई सूचना प्राप्त हो सकती है।


वृश्चिक दैनिक राशिफल (Scorpio Daily Horoscope) 

आज आपको हर मामले में भाग्य का भरपूर साथ मिलता दिख रहा है। नौकरी कर रहे जातकों को आज अपने साथियों से सावधान रहना होगा, क्योंकि वह उनके बनते हुए कामों को बिगाडने की कोशिश कर सकते है। आज आपको अपने अधिकारियों से भी मीठी वाणी का प्रयोग करना होगा। आज आप अपने लिए कुछ समय निकालने की सोचेंगे, जिसमें आप कामयाब अवश्य होंगे। यदि आज आप किसी संपत्ति की खरीदारी करना चाहते हैं, तो आपको आसानी से प्राप्त होगी।


धनु दैनिक राशिफल (Sagittarius Daily Horoscope) 

आज का दिन आपके लिए कुछ खास रहने वाला है। आज आप अपने लंबे समय से रुके हुए कार्य को पूरा करने के लिए प्रयासरत रहेंगे और इसमें सफल भी अवश्य होंगे, इसमें आपको कुछ लाभ भी हो सकता है, जो आपकी आर्थिक स्थिति को मजबूती देगा, लेकिन आज आपको अपनी रोजमर्रा के कार्य में लापरवाही नहीं बरतनी है। सायंकाल का समय आज आप अपने दोस्तों के साथ कुछ विशेष विचार विमर्श में व्यतीत करेंगे। आज आप सायंकाल के समय कुछ धार्मिक आयोजनों में सम्मिलित हो सकते हैं।

मकर दैनिक राशिफल (Capricorn Daily Horoscope)

आज का दिन आपका परोपकार के कार्य में व्यतीत होगा। आज आप दूसरों की मदद करने में भी काफी समय व्यतीत करेंगे। आज आपको अपने किसी परिजन के लिए कुछ रुपयों का इंतजाम भी करना पड़ सकता है। विदेश से व्यापार कर रहे जातकों को आज कोई सूचना प्राप्त होगी। जीवनसाथी को आज आप शॉपिंग पर लेकर जा सकते हैं, लेकिन आपको ध्यान देना होगा। यदि आज माता या पिता से आपको बहसबाजी हो, तो आपको उसमें चुप रहना ही बेहतर होगा।

कुंभ दैनिक राशिफल (Aquarius Daily Horoscope) 

आज का दिन आपको सफलता दिलाने वाला रहेगा। यदि आज आप किसी की भूमि, वाहन आदि की खरीदारी करना चाहते हैं, तो वह आपको बिना विघ्न के उपलब्ध होगी। आज आप यदि अपने व्यापार में किसी को पार्टनर बनाएंगे, तो उसके बारे में पूर्ण जानकारी रखें और परिवार के किसी सदस्य से सलाह अवश्य ले। आज आपके अधिकारी भी पीछे आपकी प्रशंसा करते नजर आएंगे। संतान पक्ष की ओर से आपको आज कोई हर्षवर्धन समाचार सुनने को मिल सकता है।


मीन दैनिक राशिफल (Pisces Daily Horoscope)

आज का दिन आपके लिए भागदौड़ भरा रहने वाला है यदि आपकी संतान से संबंधित कुछ समस्याएं चल रही थी तो आज आप उनका समाधान खोजने में व्यस्त रहेंगे। आप किसी खास उपलब्धि के मिलने से आपका मन प्रसन्न रहेगा। विद्यार्थी आज के कंपटीशन में हिस्सा ले सकते हैं। मौसम के कारण आज आपके स्वास्थ्य में कुछ भी कारण हो सकते हैं जिनके कारण आप परेशान रहेंगे हो सकते हैं।


दिनांक 19 को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 1 होगा। आप साहसी और जिज्ञासु हैं। आपका मूलांक सूर्य ग्रह के द्वारा संचालित होता है। आप अत्यंत महत्वाकांक्षी हैं। आपकी मानसिक शक्ति प्रबल है। आपको समझ पाना बेहद मुश्किल है। आप आशावादी होने के कारण हर स्थिति का सामना करने में सक्षम होते हैं। आप सौन्दर्यप्रेमी हैं। आपमें सबसे ज्यादा प्रभावित करने वाला आपका आत्मविश्वास है। इसकी वजह से आप सहज ही महफिलों में छा जाते हैं। आप राजसी प्रवृत्ति के व्यक्ति हैं। आपको अपने ऊपर किसी का शासन पसंद नहीं है।

 

शुभ दिनांक : 1, 10, 19, 28

 

शुभ अंक : 1, 10, 19, 28, 37, 46, 55, 64, 73, 82



 

शुभ वर्ष : 2026, 2044, 2053, 2062

 

ईष्टदेव : सूर्य उपासना तथा मां गायत्री


 

शुभ रंग : लाल, केसरिया, क्रीम,

 

कैसा रहेगा यह वर्ष

स्वास्थ्य की दृष्टि से यह वर्ष उत्तम रहेगा। पारिवारिक मामलों में महत्वपूर्ण कार्य होंगे। पदोन्नति के योग हैं। बेरोजगारों के लिए भी खुशखबर है इस वर्ष आपकी मनोकामना पूरी होगी। यह वर्ष आपके लिए अत्यंत सुखद रहेगा। अधूरे कार्यों में सफलता मिलेगी। अविवाहितों के लिए सुखद स्थिति बन रही है। विवाह के योग बनेंगे। नौकरीपेशा के लिए समय उत्तम हैं

मुजफ्फरनगर में रालोद के जिलाध्यक्ष ही डुबोएंगे सपा रालोद के गठबंधन की नैया

 


मुजफ्फरनगर। रालोद द्वारा आयोजित की जा रही बघरा में परिवर्तन यात्रा रैली के दौरान राष्ट्रीय लोक दल अपनी खोई हुई जमीन को तलाशने की पुरजोर कोशिश कर रही है। जिसमें समाजवादी पार्टी से गठबंधन को लेकर साथ ही सीटों के बंटवारे को लेकर भी रालोद में असमंजस बना हुआ है। राष्ट्रीय लोक दल के मुजफ्फरनगर के जिलाध्यक्ष प्रभात तोमर जिन रणनीतियों पर कार्य कर रहे हैं उसके चलते जिले में रालोद अपने अस्तित्व को तलाशने के साथ ही खोते हुए नजर आ रही है जबकि पूर्व में रालोद एक उभरता हुआ सितारा नजर आ रही थी। जिला अध्यक्ष प्रभात तोमर की रणनीतियों के चलते राष्ट्रीय लोक दल डूबता हुआ जहाज बनती जा रही है। इसके चलते जिला अध्यक्ष को चरथावल विधानसभा के बघरा में होने वाली रैली के लिए भीड़ जुटाने के लिए लोगों के पैर तक पकड़ने की नौबत आ गई है। रैली के नाम पर इकट्ठा हुए पैसे को लेकर तमाम सवाल उठ रहे हैं। 

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