लखनऊ। देश में बड़ी संख्या में लोग संयुक्त या अविभाजित संपत्ति के मालिक हैं। मौजूदा समय में इन संपत्तियों का बंटवारा अक्सर लिखित और पंजीकृत दस्तावेज के बजाय आपसी सहमति से किया जाता है। ऊंचे शुल्क के कारण लोग विभाजन विलेख दर्ज नहीं कराते और मामला अदालतों तक पहुंच जाता है। सरकार का मानना है कि शुल्क घटने से लोग पंजीकरण के लिए आगे आएंगे और विवाद कम होंगे। परिवारों में आपसी सौहार्द्र बढ़ेगा।
यूपी में बनेंगे टीवी, मोबाइल और लैपटाप के कंपोंनेट्स
राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने और निवेश आकर्षित करने के लिए उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स घटक विनिर्माण नीति-2025 को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इस नीति का मकसद प्रदेश को केवल इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की असेंबली सेंटर तक सीमित नहीं करना है बल्कि इलेक्ट्रानिक्स कंपोनेंट्स निर्माण के गढ़ के रूप में विकसित करना है। नीति के तहत प्रस्तावित प्रोत्साहनों और रियायतों की अवधि में लगभग 50,000 करोड़ रुपये का निवेश आने का अनुमान है। जिससे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों में भारी वृद्धि होने की उम्मीद है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें