मुजफ्फरनगर। वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अशोक कंसल के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल जीएसटी के उच्च अधिकारियों से मिला एवं भ्रष्टाचार के मामले में आरोपी जीएसटी अधिकारी को जेल भेजने की मांग की। वरिष्ठ प्रांतीय उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक अशोक कंसल के नेतृत्व में व्यापार मंडल प्रतिनिधियों का एक प्रतिनिधि मंडल जीएसटी के उच्च अधिकारियों से सिद्धिष दीक्षित, राजनाथ तिवारी एवं निरुपमा से मिला। श्री कंसल ने अपने उद्योग मंच के जिला अध्यक्ष प्रवीण जैन के छोटे भाई राजेश जैन के बारे में पूछा कि इतनी बड़ी रिश्वत कैसे मांगी गई, इसमें सरकार की भी किरकिरी होती है और आप उच्च अधिकारियों की भी छवि धूमिल होती है जबकि सरकार की मंशा पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार को जीरो टॉलरेंस करने की है। इसके बावजूद भी इतनी बड़ी रिश्वत मांगने वाले अधिकारी के खिलाफ त्वरित दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए जिस पर अधिकारियों ने बताया कि उस अधिकारी को निलंबित करते हुए झांसी अटैच कर दिया गया है और निश्चित रूप से आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि हम विधिक राय ले रहे हैं कि यदि विभाग उसके खिलाफ एफ.आई.आर कर सकता हो तो उसे पर निश्चित रूप से एफ.आई.आर कराई जाएगी एवं उसको जेल भेजा जाएगा ताकि भविष्य में कोई भी अधिकारी व कर्मचारी इस प्रकार की रिश्वत ना मांग सके।इस पर श्री कंसल ने कहा कि अगर अधिकारियों के द्वारा किसी भी व्यापारी का उत्पीड़न किया गया तो यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्री कंसल ने कहा कि एक व्यक्ति के द्वारा पोस्ट डालने मात्र से ही अधिकारी के द्वारा आई आई ए के अध्यक्ष को क्यों नोटिस दिया गया, अगर कोई भ्रांति थी तो उसे दूरभाष पर बात करके समाप्त किया जा सकता था, नोटिस देने का काम अधिकारियों द्वारा किया गया जो की अति निंदनीय है। इससे लगता है कि कहीं ना कहीं जो संस्थाएं चला रहे हैं उनके उच्च पदाधिकारी को नोटिस देकर उनकी आवाज दबाने का काम किया जा रहा है I ऐसा प्रतीत होता है लेकिन यह निंदनीय है जिस पर अधिकारियों ने बताया कि उस अधिकारी ने अपनी गलती मांगते हुए क्षमा याचना की है कि वास्तव में मुझे फोन पर बात करनी चाहिए थी ना कि नोटिस देना चाहिए था फिर श्री कंसल ने कहा कि पूर्व में भी अधिकारियों के द्वारा एक हलवाई के यहां जाकर दोनों-पत्तल गिनने का काम किया गया एवं पंडित ढाबे पर जाकर खाली प्लेट गिनने का काम किया गया जो कहीं ना कहीं भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की बात लगती है एवं उन्होंने कहा कि इस प्रकार की पुनरावृत्ति ना हो और ना ही किसी भी प्रकार के जनरल सर्वे छापे बर्दाश्त किए जाएंगे। कंसल ने कहा कि यदि विधिक राय में यह राय मिलती है कि विभाग भ्रष्ट अधिकारी के खिलाफ एफ.आई.आर कर सकता है तो शीघ्र ही विभाग को अधिकारी के खिलाफ एफ.आई.आर करनी होगी अन्यथा व्यापार मंडल मजबूर होकर जी. एस. टी कार्यालय के बाहर ही तब तक धरना देगा जब तक की उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई न हो जाए।
बैठक में मुख्य रूप से अशोक कंसल, श्याम सिंह सैनी, दिनेश बंसल, अजय सिंघल, हिमांशु कौशिक, शोभित गुप्ता,अलका शर्मा, अंजू शर्मा, अन्नपूर्णा अग्रवाल, सोनिया तायल, रामपाल सेन इत्यादि व्यापारी बंधु उपस्थित रहे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें