आगरा। जिला पंचायत सदस्य रामऔतार वर्मा और प्रभारी निरीक्षक पिढौरा के बीच फोन पर हुई बातचीत का रिकार्ड आडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित होने के मामले में डीसीपी पूर्वी जोन सोमेंद्र मीणा ने प्रभारी निरीक्षक सत्य प्रकाश को निलंबित कर दिया है। शुक्रवार शाम को प्रसारित आडियो से पुलिस विभाग में चर्चा का विषय बना हुआ है। वायरल वीडियो में थाना प्रभारी कह रहा है कि एसीपी सुबह-शाम देशी मुर्गा खाते हैं और 100 पाइपर पीते हैं। थानेदार वादिया काे भी जेल भेजने की धमकी देते सुनाई दे रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार गांव बरपुरा पिढौरा की रहने वाली मीरा के पति मुन्नी लाल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मीरा ने गांव के ही लोगों के विरुद्ध पति की हत्या के आरोप में प्राथमिकी लिखाई थी।
जिला पंचायत सदस्य ने थानाध्यक्ष सत्य प्रकाश से इसी मामले में मोबाइल पर बात की थी। इसकी आडियो प्रसारित हो रही है। थानाध्यक्ष वादिया मीरा धोखाधड़ी में को जेल भेजने की धमकी दे रहे हैं। एसीपी को मुर्गा पार्टी और महंगी शराब देने की बात कर रहे हैं।
प्रसारित आडियो में क्या-क्या कहा -
थानाध्यक्ष: मैने कई वादी जेल भेज दिए और कोई बाल.........पाया
जिपं: 182 बच जाएगी कि उसकी
थानाध्यक्ष: इससे कुछ नहीं हो रहा है, 182 से बच जाएगी। हम बता देंगे इसका भी तोड़। हम पर हर चीज का तोड़ है। ज्यादा मीनाकारी कोई करेगा तो फिर जेल भेज देंगे। हमारा क्या है, कोई इलेक्शन थोड़े न लड़ना है हमें।
जिपं: बेचारी जेल चली गई तो छोटे-छोटे बच्चे मर जाएंगे। उसका कोई नहीं है।
थानाध्यक्ष: तुम अपना दिमाग लगा रहे हो कि गवाह शपथ पत्र दे देगा ।
जिपं: मामला कोर्ट में पहुंच गया है, कार्रवाई हो जाएगी
थानाध्यक्ष: 82 से कैसे बचा जाएगा यह चीज तो तुमने हमसे पूछी नहीं। बच जाएगी, सुबह मिलना बता देंगे।
जिपं: कैसे काम होगा बता दो, साहब से पूछ लिया।
थानाध्यक्ष: हां, ठीक-ठाक करा दो
जिपं: कितने तक
थानाध्यक्ष: दाम तो ज्यादा कह रहे हैं
जिपं: कोई आदमी अपना पैसा खर्च करना नहीं चाहता।
थानाध्यक्ष: तीन हजार रोज का खर्चा है, देशी मुर्गा खाता है, एक हजार रुपये से कम नहीं आ रहा, दोनों टाइम खाते हैं। 100 पाइपर की बोतल पीते हैं।
जिपं: चार थाने हैं
थानाध्यक्ष: मेरे थाने में तो कुछ है नहीं, पिनाहट वाले मिलता होगा।
थानाध्यक्ष का कहना है कि प्रसारित आडियो में उन्होंने कोई आपत्तिजनक बात नहीं की है। जो भी आडियो है, उसमें मुझसे सलाह मांग रहे हैं। उस पर हम लोग चर्चा कर रहे हैं। किसी भी तरीके के लेनदेन या अभद्र भाषा की कोई बात नहीं हुई है।
थानाध्यक्ष ने फर्जी गवाहों के बयान के आधार पर नौ दिन में अभियोग खत्म कर दिया। इसकी जानकारी होने पर उन्होंने डीसीपी के यहां प्रार्थना पत्र देकर जांच किसी दूसरे थाने मे स्थानांतिरत करने की मांग की थी। रामऔतार वर्मा जिला पंचायत सदस्य
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