मुजफ्फरनगर । २५.१०.२२ कार्तिक कृष्ण पक्ष ३० मंगलवार को खंडग्रास सूर्यग्रहण का भारतीय समय से स्पर्श शाम 04:31 मिनट होगा ग्रहण का मध्य काल शाम 05:14 मिनट पर एवं मोक्ष शाम 5:57 बजे होगा। इसका सूतक भारतीय समय से प्रातः (सुबह) 04 बचकर 31 मिनट से प्रारंभ होगा।
सम्पूर्ण भारत में जहां पर भी ग्रहण दृश्य होगा वहां पर ग्रस्ताग्रस्त सूर्य ग्रहण ही दृश्य होगा ।विविध द्वादश राशियों पर ग्रहण शुभा अशुभ प्रभाव यह इस प्रकार .......
मेष , मिथुन , कन्या , कुंभ - सामान्य मध्यम
वृषभ , सिंह , धनु , मकर , - शुभ सुखद
कर्क , तुला , वृश्चिक , मीन - नेष्ट अशुभ
इस ग्रहण का अलग-अलग राशियों पर क्या प्रभाव रहेगा. आइए आपको बताते हैं.
मेष राशि
शुभ. मेष राशि वालों को व्यापार और वैवाहिक जीवन का ध्यान देना चाहिए.
वृष राशि
वृष राशि वालों को सफलता मिलेगी, रुके हुए काम पूरे होंगे.
मिथुन राशि
मिथुन राशि वालों को संतान पक्ष और स्वास्थ्य का ध्यान देना चाहिए
कर्क राशि
कर्क राशि के स्थान परिवर्तन और माता को समस्या के योग हैं.
सिंह राशि
सिंह राशि वालों को हर प्रकार की सफलता मिलेगी, रुके काम पूरे होंगे.
कन्या राशि
कन्या राशि वालों को धन की समस्या और चोट से बचना चाहिए.
तुला राशि
तुला राशि वालों को पारिवारिक जीवन और दुर्घटनाओं का ध्यान रखना चाहिए.
वृश्चिक राशि
वृश्चिक राशि वालों को करियर और रिश्तों का ध्यान रखना चाहिए.
धनु राशि
धनु राशि वालों को मनचाही सफलता मिलेगी, शत्रु परास्त होंगे .
मकर राशि
मकर राशि वालों को करियर में बड़ी सफलता मिलेगी.
कुंभ राशि
कुम्भ राशि वालों को स्वास्थ्य और धन का ध्यान रखना चाहिए.
मीन राशि
मीन राशि वालों को वैवाहिक जीवन और दुर्घटनाओं का ध्यान रखना चाहिए.
इस ग्रहण से जगत में कल्याण ,धन की वृद्धि , उपद्रवों का नाश और सुभिक्ष हो जिससे प्रजा को आनंद किन्तु राजपुत्रों को पीड़ा हो सुनार ,लुहार , हलवाई आदि से आजीविका करने वाले और प्रजा को पीड़ा और धान्यादि का भाव सस्ता हो जावे । वाहनों को कष्ट , दुर्भिक्ष का भय , चोरों का तथा अग्नि का उपद्रव । प्रचंड वायु का वेग अधिक , सेना और सैनिकों को कष्ट- पीड़ा और राजा और प्रजा में अधर्म , दुःख व क्लेश हो ।मित्रों में परस्पर वैर , राजाओं और मंत्रियों में फूट और श्रेष्ठ स्त्रियों से भी वियोग एवं कलह हो । ग्रहण स्वाति नक्षत्र एवं तुला राशि पर हो रहा है इससे इस नक्षत्र एवं राशि वालों को रोग , पीड़ा , कष्ट आदि फल हो।
वर्षा में नियुकता बनने से जौ, गेहूं, चना,मूंग मटर,तिल हन तथा दलहन आदि में तेजी होगी इस नक्षत्र एवं राशि वालों को ग्रहण का दर्शन करना उपयुक्त नहीं है । यह ग्रहण भारत सहित ग्रीनलैंड के पूर्व , स्वीडन , नॉर्वे , युनाईटेड किंगडम , फ्रांस , जर्मनी , स्पेन , यमन , ओमान , सउदी अरेबिया , इजिप्ट , इटली , पौलेण्ड , रोमानिया , ऑस्ट्रिया , ग्रीस , टर्की , ईराक , इरान , पाकिस्तान , अफगानिस्तान , उत्तरी एवं पश्चिमी श्रीलंका , मॉस्को , पश्चिमी रूस , नेपाल , भूटान आदि में खण्डग्रास सूर्य ग्रहण खण्डग्रास रूप में दृश्य होगा।
सूर्यग्रहण लगभग पूरे भारत में दिखाई देगा। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, सूर्यग्रहण के तुरंत बाद लोगों को स्नान करने के बाद जप और पूजा पाठ करना चाहिए। इसके अलावा कार्तिक मास की अमावस्या को सूर्य ग्रहण घटित होने से इस दिन तीर्थ स्नान, दान करने का विशेष महत्व होगा। शास्त्रों में बताया गया है कि इस तरह की गतिविधियों के बाद मनुष्य का शरीर अपवित्र हो जाता है। इसलिए स्नान करना बेहद जरूरी होता है। दरअसल, धार्मिक मान्यताएं कहती है कि सूर्य ग्रहण राहु और केतु के कारण लगता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है।
भारत के ऐसे राज प्रांत - नगर जहा यह ग्रहण नही दिखेगा आसाम,गुवाहाटी एवं यहां के पूर्व नगर एवं प्रांत मणिपुर,त्रिपुरा,नागालेंड, अरुणाचल प्रदेश आदि में यह ग्रहण दृश्य नही होने से यह पर किसी भी प्रकार का सूतक यम नियम आदि पालने की आवश्यकता नही है।
*श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार सेवा ट्रस्ट (रजी.)*
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