मुजफ्फरनगर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बेसहारा और दे आसरा गौ माताओं को सहारा देने के लिए बनाए गए आश्रय स्थलों को केवल दिखावा बना कर छोड़ दिया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रथम चरण में सरकार बनते ही गौ हत्या पर रोक लगाते हुए गोवंश के संरक्षण के लिए गौशालाओं का निर्माण कराया था। परंतु निर्माण होने के बाद आश्रय स्थलों का केवल दिखावा बनकर रह गया। केंद्र सरकार में पशुपालन एवं मत्स्य पालन विभाग के राज्यमंत्री और मुजफ्फरनगर के सांसद डॉ संजीव बालियान ने भी इस ओर ध्यान देना बंद कर दिया है, वहीं अधिकारियों ने भी अब प्रथम चरण में बनाए गए गौशालाओं के तरफ देखना बंद कर दिया है, हाल ही में चल रही बीमारी लंपी के चलते जिले भर में गोवंश के हालात खराब है, इस और ना तो पशुपालन विभाग एवं नाही पशु चिकित्सालय ध्यान दे रहा है। ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा बनाए गए आश्रय स्थलों की देखरेख भी समाप्त हो गई है। गौशालाओं के नाम पर आने वाले पैसों को डकार कर गोवंश के लिए बनाए गए आश्रय स्थलों को खंडहर बना कर छोड़ दिया है और साथ ही तमाम गोवंश को मरने के लिए सड़कों पर छोड़ दिया गया है।
ऐसे में सरकार को इनको आश्रय स्थलों की जांच करा कर अधिकारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
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