गुरुवार, 29 सितंबर 2022

उम्र 72 साल और कश्मीर से कन्याकुमारी साइकिल यात्रा


मुजफ्फरनगर। स्पिक मैके के संस्थापक एवं आईआईटी दिल्ली के पूर्व प्रोफेसर पद्मश्री किरण सेठ ने कहा कि योग और भारतीय शास्त्रीय संगीत एकाग्रता बढ़ाने में सहायक है। स्कूल कॉलेजों में संगीत की शिक्षा आवश्यक है। 

कश्मीर से कन्या कुमारी की साइकिल यात्रा के बीच किरण सेठ मुजफ्फरनगर पहुंचे। शारदेन स्कूल में शिक्षकों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि सफलता के लिए जीवन में एकाग्रता जरूरी है। संगीत हमारे जीवन में एकाग्रता लाता है। स्पिक मैके का उद्देश्य नई पीढ़ी को मनोरंजन के साथ संस्कार देना भी हैं। हमारे ग्रामीण अंचल में रागिनी, सांग, लोक गीत हमारे मनोरंजन के साथ हमें संस्कारित भी बनाते रहे हैं। हमारी लोक कलाएं, लोक संगीत मनोरंजन के साथ संस्कार भी देते हैं। संस्कार विहीन संगीत से बचना चाहिए।

आईआईटी, नीट आदि की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं के लिए उन्होंने संदेश दिया कि वह कुर्सी पर अपनी स्पाइन सीधी करके पढे़। पलंग पर लेटकर या अलग-अलग तरीके से पढ़ाई नहीं करनी चाहिए। आपकी रीढ़ की हड्डी सीधी है, तो आपका ध्यान भी केंद्रित रहता है। छात्र-छात्रा कुर्सी पर सीधे बैठकर पढे़ं, इसी से एकाग्रता बढे़गी। सीबीएसई ने प्रत्येक स्कूल में स्पिक मैके हैरिटेज क्लब का गठन करने के आदेश दिए हैं। शारदेन के निदेशक विश्वरतन, प्रधानाचार्या धारा रतन ने उनका स्वागत किया। 


स्पिक मैके के राधा मोहन तिवारी, डॉ अनुराधा वर्मा, डीआईओएस गजेंद्र कुमार, शिव कुमार यादव, जीसी के प्रधानाचार्य आजादवीर, श्रीराम की प्राचार्या प्रेरणा मित्तल, होली चाइल्ड के प्रधानाचार्य प्रवेंद्र दहिया, मीनाक्षी मित्तल प्रधानाचार्या न्यू होराइजन, मनेश गुप्ता, मुकेश अरोरा, मृदुला मित्तल, गरिमा जैन, वेदपाल, राहुल सेन, हर्ष, सागर आदि मौजूद रहे।

शारदेन स्कूल में किरण सेठ ने संगीत से जुड़े लोगों की जिज्ञासा को शांत किया। एक के बाद एक लगातार सवालों की झड़ी लगी रही और किरण सेठ सहजता से सभी के जवाब देते रहे।


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