शुक्रवार, 22 अक्तूबर 2021

मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान लांक में हत्या, लूट और आगजनी के एक दर्जन आरोपी कोर्ट से बरी


मुजफ्फरनगर। जिले में 2013 के दंगों के दौरान थाना फुगाना के गांव लांक में एक बुजुर्ग की हत्या कर हत्या, लूट और आगजनी के मुकदमे में कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सभी 20 आरोपियों को बरी कर दिया।

बचाव पक्ष के अधिवक्ता रामपाल ग्रेड ने बताया कि थाना फुगाना में दिलशाद अली ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि आठ सितंबर 2013 को गुस्साई भीड़ ने उसके घर पर हमला बोल दिया था। हमलावरों ने घर का दरवाजा तोड़कर उसके बुजुर्ग पिता अबुल हसन के सिर में गोली मार दी थी। जिसके बाद धारदार हथियार से उसकी गर्दन काट दी थी। हमलावर घर से छह लाख रुपये का ज़ेवर तथा सामान व दो भैंस, दो बकरियां लूटकर फरार हो गए थे। जाते समय हमलावरों ने उसके व पड़ौसी के घर में आग भी लगा दी थी। दिलशाद अली की तहरीर पर थाना फुगाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था। दिलशाद ने गांव लांक के अजय पुत्र धर्मवीर, रविंद्र पुत्र इकबाल, विकास पुत्र ओमा, राहुल पुत्र भीम, सचिन पुत्र ओंकार, अमित पुत्र जयदीप, राजीव पुत्र जगबीर, जयपाल पुत्र बारू, अनुज पुत्र सोमपाल तथा सुधीर पुत्र चरण आदि 12 को नामजद किया था।

घटना के मुकदमे की विवेचना एसआईटी के इंस्पेक्टर ओमवीर सिंह ने की थी। विवेचना के दौरान गांव निरपड़ा थाना दोघट जनपद बागपत निवासी कुलदीप व मोहित सहित गांव लांक निवासी सचिन पुत्र रणवीर, अरविंद पुत्र इंदर, राहुल उर्फ बिट्टू पुत्र विक्रम, प्रहलाद पुत्र चाही, प्रमोद पुत्र सतपाल तथा अनिल पुत्र दयानंद, अरविंद पुत्र रघुवीर के नाम प्रकाश में आए थे। अधिवक्ता रामपाल ग्रेड ने बताया कि घटना के मुकदमे की सुनवाई अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश कोर्ट संख्या सात कमलापति ने की। सुनवाई के दौरान अधिकतर चश्मदीद गवाह पक्षद्रोही घोषित हुए। उनकी ओर से मजबूत पैरवी के चलते कोर्ट ने साक्ष्य के अभाव में सभी 20 आरोपियों को बरी कर दिया।

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