आज का पंचांग
शक संवत् 1943 आषाढ़ शुक्ल, दशमी, सोमवार, विक्रम संवत् 2078। सौर श्रावण मास प्रविष्टे 04, 19 जुलाई 2021 ई०। सूर्य दक्षिणायन, उत्तर गोल, वर्षा ऋतु।
*दशमी तिथि* रात्रि 10 बजे तक उपरांत एकादशी तिथि का आरंभ,
*विशाखा नक्षत्र* रात्रि 10 बजकर 27 मिनट तक उपरांत अनुराधा नक्षत्र का आरंभ,
*शुभ योग* रात्रि 10 बजकर 50 मिनट तक उपरांत शुक्ल योग का आरंभ।
*तैतिल करण* पूर्वाह्न 11 बजकर 17 मिनट तक उपरांत वणिज करण का आरंभ।
*चंद्रमा* सायं 04 बजकर 54 मिनट तक तुला उपरांत वृश्चिक राशि पर संचार करेगा।
*आज के व्रत व त्योहार* – आशा दशमी, गुप्त नवरात्र पारणा।
*सूर्योदय* सुबह 05 बजकर 35 मिनट पर।
*सूर्यास्त* शाम 07 बजकर 19 मिनट पर
*अभिजीत मुहूर्त* दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 55 मिनट तक।
*राहुकाल* सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक।
*आज के उपाय* माता से आशीर्वाद लेकर नया काम शुरू करें।
सनातन परंपरा में जिस तरह प्रत्येक मास की एकादशी एक माह में दो बार आती है, उसी तरह भगवान शिव की साधना के लिए उत्तम मानी जाने वाली त्रयोदशी भी दो बार आती है. त्रयोदशी के दिन पड़ने वाला प्रदोष व्रत भगवान शिव की कृपा दिलाने वाला होता है. सूर्यास्त के बाद रात्रि के आरंभ हाने से पूर्व का समय प्रदोष काल कहलाता है. प्रदोष काल में की जाने वाली शिव साधना अत्यंत ही शुभ और फलदायी होती है.
किसने किया था सबसे पहला व्रत
शिव कृपा दिलाने वाले प्रदोष व्रत के बारे में मान्यता है कि इसे सबसे पहले चंद्र देव ने किया था, जिसे भगवान शिव अपने मस्तक में धारण किये रहते हैं.
प्रदोष व्रत की पूरी विधि
प्रदोष व्रत को रखने के लिए त्रयोदशी तिथि पर सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि करने के बाद पवित्र मन से भगवान शिव का ध्यान करते हुए प्रदोष व्रत का संकल्प करें. इसके बाद शिवलिंग को दूध एवं गंगाजल से स्नान कराएं. इसके बाद भगवान शिव को फूल, अक्षत, बेलपत्र, भांग, धतूरा आदि से पूजन करें और ‘ॐ नम: शिवाय मंत्र’ का जाप रुद्राक्ष की माला से करें.
प्रदोष व्रत जिस वार को पड़ता है, उसी के नाम से जाना जाता है. जैसे सोमवार को पड़ता है तो सोम प्रदोष व्रत और यदि मंगलवार को पड़ता है तो भौम प्रदोष के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन से जुड़ी सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिलती है और भगवान शिव और पार्वती की कृपा से सुख-शांति और समृद्धि मिलती है.
प्रदोष व्रत का फल
1. रवि प्रदोष व्रत – सुख-समृद्धि एवं आयु वृद्धिदायक
2. सोम प्रदोष व्रत – सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला
3. भौम प्रदोष व्रत – सभी पापों और रोग से मुक्ति दिलाने वाला
4. बुध प्रदोष व्रत – विभिन्न प्रकार की सिद्धि दिलाने वाला
5. गुरु प्रदोष व्रत – कार्य विशेष में सफलता दिलाने वाला
6. शुक्र प्रदोष व्रत – सुख-समृद्धि और सौभाग्य में वृद्धि करने वाला
7. शनि प्रदोष व्रत – संतान सुख एवं कल्याण करने वाला
साल 2021 में कब-कब पड़ेगा प्रदोष व्रत
21 जुलाई 2021 – बुध प्रदोष व्रत
5 अगस्त 2021 – गुरू प्रदोष व्रत
20 अगस्त 2021 – शुक्र प्रदोष व्रत
4 सितंबर 2021 – शनि प्रदोष व्रत
18 सितंबर 2021 – शनि प्रदोष व्रत
4 अक्टूबर 2021 – सोम प्रदोष व्रत
17 अक्टूबर 2021 – रवि प्रदोष व्रत
2 नवंबर 2021 – भौम प्रदोष व्रत
16 नवंबर 2021 – भौम प्रदोष व्रत
2 दिसंबर 2021 – गुरू प्रदोष व्रत
16 दिसंबर 2021 – गुरू प्रदोष व्रत
31 दिसंबर 2021 – शुक्रवार प्रदोष व्रत
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.)
राशिफल-
मेष-राहत देने वाली स्थिति है। रोजी-रोजगार में तरक्की करेंगे। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। कुंवारों की शादी तय हो सकती है। मन प्रफुल्लित रहेगा लेकिन क्रोध पर भी काबू रखना है। पंचम भाव में शुक्र मन को प्रफुल्लित कर रहा है लेकिन पंचमेश मंगल के साथ ड्राइव भी कर रहा है। सामंजस्य थोड़ा बनाना पड़ेगा। व्यवसायिक स्थिति मध्यम और स्वास्थ्य पहले से बेहतर चलेगा। लाल वस्तु पास रखें। भगवान विष्णु की अराधना करें।
वृषभ-शत्रुओं पर भारी पड़ेंगे। छोटी-मोटी व्याधियां थोड़ा परेशान करेंगी लेकिन पहले से बेहतर स्थिति है स्वास्थ्य की। भूमि, भवन, वाहन की खरीदारी सम्भव है। रुका हुआ काम चल पड़ेगा। प्रेम की स्थिति पहले से बेहतर, व्यापारिक दृष्टिकोण से भी आप ठीक चल रहे हैं। गणेश जी की वंदना करें।
मिथुन-गृहकलह के शिकार हो सकते हैं लेकिन भौतिक सुख-संपदा में वृद्धि भी होगी। मां के स्वास्थ्य में सुधार होगा। आपके स्वास्थ्य में सुधार हो चुका है। प्रेम की स्थिति भी पहले से बेहतर है। व्यापारिक दृष्टिकोण से आप रुक-रुक कर आगे बढ़ते रहेंगे। मां काली की अराधना करें।
कर्क-अच्छी स्थिति है लेकिन अक्रामकता पर काबू रखें। क्रोध पर काबू रखें। स्वास्थ्य पहले से बेहतर है लेकिन रक्तचाप थोड़ा अनियमित दिख रहा है। स्वास्थ्य मध्यम लेकिन पहले से बेहतर है। प्रेम ठीक-ठाक है। व्यापार भी मध्यम ही चलेगा। लाल वस्तु पास रखें।
सिंह-पराक्रम रंग लाएगा। लेकिन स्वास्थ्य मध्यम है। व्यवसायिक स्थिति ठीक चल रही है। प्रेम की स्थिति भी मध्यम है। कुल मिलाकर थोड़ा सामंजस्य के साथ आगे बढ़ें। भगवान विष्णु की अराधना करें।
कन्या-स्वास्थ्य में सुधार होगा। प्रेम और व्यापार ऊपर-नीचे चलता रहेगा। व्यापार थोड़ा ऊपर-नीचे चलता रहेगा। धन आएगा लेकिन अभी निवेश से बचना है आपको। अभी शांत होकर चीजों को लेकर चलें। बहुत अच्छी स्थिति नहीं है इसलिए हर मामले में थोड़ा शांत होकर चलें। रिस्क न लें। मां काली की अराधना करें।
तुला-व्यवसायिक स्थिति ठीक है। जिस चीज की जरूरत है उसकी उपलब्धता है। कद बढ़ रहा है। चाहे वो सामाजिक हो या आर्थिक हो। एक तेज आ गया है आपमें। समाज में सराहे जाएंगे। स्वास्थ्य, प्रेम, व्यापार बहुत बढ़िया है। भगवान शिव की अराधना करें।
वृश्चिक-मन अज्ञात भय से परेशान रहेगा। खर्च को लेकर भी मन परेशान रहेगा। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम और व्यापार भी मध्यम दिख रहा है। लाल वस्तु पास रखें। भगवान विष्णु की अराधना करें।
धनु-आर्थिक मामले सुलझेंगे। शुभ समाचार की प्राप्ति होगी। स्वास्थ्य, प्रेम मध्यम लेकिन व्यापार सही चल रहा है। बजरंग बली की अराधना करें।
मकर-व्यापार सही चल रहा है। पैतृक सम्पत्ति की स्थिति भी अच्छी है। स्वास्थ्य ठीक-ठाक, प्रेम और व्यापार अच्छा दिख रहा है। मां काली की अराधना करें।
कुंभ-भाग्यवश कुछ काम बनेगा। किया गया पुरुषार्थ सार्थक होगा। यात्रा में लाभ होगा। रुका हुआ काम चल पड़ेगा। प्रेम की स्थिति भी अच्छी है। व्यापार भी अच्छा है। गणेश जी की वंदना करें।
मीन-परिस्थितियां प्रतिकूल हैं बस ये ऐसा आखिरी दिन है। इसके बाद एक बार फिर अच्छी स्थिति की शुरुआत हो जाएगी। स्वास्थ्य मध्यम, प्रेम मध्यम, व्यापार मध्यम गति से आगे बढ़ेगा। मां काली की अराधना करें।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें