बागपत। बागपत जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में किसी महिला द्वारा रालोद प्रत्याशी बनकर पर्चा वापस लेने के मामले पर हंगामे के बाद प्रशासन को फैसला बदलना पड़ा। कई घंटे हंगामे के बीच जिला प्रशासन यह दावा कर रहा था कि रालोद की प्रत्याशी ममता किशोर ने अपना नामांकन वापिस ले लिया है और भाजपा प्रत्याशी निर्विरोध चुनाव जीत गई है। लेकिन हंगामे के बाद जिला प्रशासन बैकफुट पर आ गया है और ममता जयकिशोर का पर्चा वैध घोषित कर दिया है।
बागपत में जिला पंचायत की सीट इस वर्ष अनुसूचित वर्ग के लिए आरक्षित है। इस जिले में अनुसूचित जाति की केवल दो महिलाएं ममता जय किशोर और बबली निर्वाचित थी। जिनमें से एक रालोद और दूसरी सपा में शामिल थी। भारतीय जनता पार्टी ने कोई जिला पंचायत की सदस्य ना जीतने के कारण बबली को भाजपा पार्टी में शामिल कराकर अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था। नामांकन के दिन बीजेपी ने सुबह चार बजे ममता जयकिशोर को भी भाजपा में शामिल करने की घोषणा कर दी। जिसके बाद भाजपा के निर्विरोध निर्वाचित होने की संभावना बन गई थी। लेकिन कुछ ही घंटों बाद ममता जयकिशोर ने रालोद में वापसी की घोषणा करते हुए अपना नामांकन दाखिल कर दिया था।
आज सुबह ममता के नाम वापसी की चर्चा फैल गई जबकि ममता ने फेसबुक लाइव कराकर बताया कि वो जयपुर राजस्थान के भरतपुर में अपने दोनों प्रस्तावकों और जिला पंचायत के 14 सदस्यों के साथ मौजूद है और उसके नाम से नामांकन वापसी की बात की जा रही है वो फर्जी है।
बागपत कलेक्ट्रेट पर रालोद प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक चौधरी गुर्जर,कमल गौतम,पराग चौधरी, हंसराज जावला,आदित्य मलिक, अश्विनी चौधरी आदि भी मुजफ्फरनगर से पहुंचे।
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