नई दिल्ली। शामली के गांव कैड़ी निवासी पूर्व विधायक राव अब्दुल वारिस रालोद में वापसी कर ली । उनके काफी समय से रालोद में वापसी की अटकलें लगाई जा रही थीं। बुधवार को दिल्ली में जयंत चौधरी के सामने पार्टी की उन्होंने सदस्यता ग्रहण की । वारिस 2007 में रालोद के टिकट पर थानाभवन से पहली बार विधायक बने थे।
इसके बाद वह बसपा में शामिल हो गए तथा 2012 और 2017 का विधानसभा चुनाव बसपा के टिकट पर लड़ा। 2012 के चुनाव में उन्हें करीब 50 हजार तथा 2017 में करीब 74 हजार वोट मिले थे। नसीमुद्दीन सिद्दीकी के बसपा छोड़ने के बाद उन्होंने भी पार्टी से किनारा कर लिया था।
वारिस के पिता राव अब्दुल राफे खां थानाभवन से ही स्वर्गीय चौधरी चरण सिंह की पार्टी से 1969 में विधायक चुने गए थे। उनकी माता राव मसर्रत बेगम भी 2000 में भारतीय किसान कामगार पार्टी से चुनाव लड़ीं।
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